सपनों की मल्लिका

अपने गांड को अबतक बचाती आ रही, ***** साल की मुनमुन; वो एक दम मेरे सपनों की मल्लिका थी, दिखने में बिल्कुल नरगिस की तरह बड़ी बड़ी आंखें, पतली नाक, गुलाब जैसे होंठ( जो मुझे बिना पैंटी खोले ही उसकी चूत की दरार की याद दिला देते थे) । बस जहां देखा पकड़ लिया और वो बिल्कुल एक छुईमुई की तरह मुझसे आके लिपट जाती। जब मैंने उसे पहली बार चोदा था तो उसकी चूत सील बंद थी, उफ़्फ़ कितनी दिक्क्त हुई थी उसे और उसकी हायमन भी तो कितनी सख्त थी जल्दी फ़ट ही नही रही थी जब कि मेरा लौंड़ा एक चुत रानी के लिए खंजर से कम नही है ।

और आज मैं फ़िर उससे मिलने आया था लेकिन इसबार कहानी बदली हुई थी इस बार उसे सरप्राईज देना था; सरप्राईज भी ऐसा कि उसे जिन्दगी भर याद रहे। अमूमन उसके घर में मम्मी पापा मुझपे बहुत यकीन करते थे और इस लिए चोदने में कोई लफ़ड़ा नही उठाना था कभी भी बस अपने तरीके से लेना था। मैंने आज उसकी छोटी सी नाजुक गांड का कत्ल करने का मन बनाया था और हां इस नथ की उतराई के लिए उसे कोई गिफ़्ट भी चाहिए था वो मैं लेकर ही आया था।शाम को जल्दी ही खाना बनाकर वो उपर मेरे कमरे में आ गई। मैने पूछा कि मम्मी पापा तो वो बोली उन्हे खिला दिया वो सो गए हैं। मैंने पूछा मेरा खाना जानेमन?? तो वो बोली तुम्हारा खाना तो चूत के साथ परोसूंगी मेरे राजा!!

और उसकी इसी बात पर मेरा लंड खतरनाक तरीके से खड़ा हो गया।वो खाना ले आई परांठे, दही और चटनी। साथ में उसे हरी मिर्च खाने का बहुत शौक था तो चार हरी मिर्च भी ले आई थी प्लेट में ।डाईनिंग टेबल पर हम बैठे तो उसने मुझे पहला कौर खिलाने के लिए हाथ आगे बढाया मैंने अपना मुह खोला इससे पहले कि मैं निवाले को खाता उसका एक पैर मेरे लंड पर सीधा हरकत करने लगा। मैने अपना लोवर निकाल के फ़ेंक दिया और टेबल पर बैठा रहा वो मुझे खिलाती रही। एकाद निवाले के बाद मैंने उसे डाईनिंग टेबल पर खींच लिया और खाने को किनारे कर दिया।मैंने टमाटर की मीठी चटनी उसकी चूत पर गिरा दी और उसके मम्मों को चूसने लगा । चटनी अब और टेस्टी लग रही थी

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परांठे का रौल बना कर उसे बिल्कुल लंबा बेलन की तरह कर दिया धीरे से उसकी चूत में डाल दिया और पूरा अंदर कर दिया वो आंहे भर रही थी। चूत की प्यास के साथ अभी उसकी भूख भी मिटानी थी अंदर बाहर करने के बाद मैंने दही उसकी चूत में डाल दी । दही बल्बला कर उसके चूत और गांड के गहरे रास्ते में बह कर टेबल पर गिरने लगी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और परांठा उसकि चूचियो पर लगे चटनी में घंस कर उसको पकड़ा दिया वो बडे चाव से उसे खा रही थी और चूत चाट कर मैं उसके गांड को भी छू रहा था। दही की चिकनाहट उसकी गांड को मुलायम कर चुकी थी

मैंने अपनी छोटी उंगली उसकी गांड में डाल दी धीरे से उसे दर्द हुआ और वो चिल्लाई “इतनी छोटी गांड तो है क्यू परेशान करते हो मुझे?? मैंने कहा जानू इसे दही खिला रहा हूं लेकिन वो गुस्सा हो गई और बोली लो परांठे खा लो और उसने परांठे मेरे मुंह में ठूस दिए। उसकी चूत से निकली खूश्बू, दही और चटनी मिलकर वो परांठे एकदम किसी अफ़्रिकन डिश की अजीब खूश्बू से मजेदार हो रहे थे। एक बाईट ली और उसे पकड़ा दिया। अब बारी थी उसकी गांड से खेलने की।

मैंने अपनी जीभ उसकी गांड पर लगा दी और एक गहरा चुम्मा लिया बिल्कुल ऐसे जैसे कि उसकी गांड को चूस लिया हो । वो खुश हो गई जानू!!! तुमने मेरी गांड का चूम्मा लिया हाउ स्वीट!!!!!!!! आई लव यू!! तो मैंने कहा अभी तो शुरुआत है जाने मन तुम पराठा खाओ और इसे भूल जाओ !! लगभग 5 मिनट तक मैं उसके चूत में तीन उंगलियां डाल्कर जोर से हिलाता रहा और उसकी चूत से पानी निकलने लगा वो बिल्कुल बदहवास सी परांठे खा रही थी लेकिन उसे पता नही था कि चूत में उंगली पेलने के साथ मैं उसकी गांड का क्रिया करम करने की तैयारी कर रहा हूं। असल में मैं बुर में जोर दार पेलने के साथ उसकी गांड में पूरी एक उंगली पेल चुका था और उसे इस बात का अहसास ही नही था या शायद उसे मजा आ रहा था।

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और अब बारी थी फ़ाइनल टच देने की और मैं किसी तरह उसका ध्यान उसकी गांड से हटाए रखना चाहता था और एक तरीका मुझे सूझा!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!मैंने एक मिर्च उसके मुंह मे डालते हुए कहा जानू!!! डू यू लव मी!! क्या तुम मेरे लिए मिर्च खा सकती हो ? उसने कहा तुम्हारे लिए तो हम कुछ भी करेंगे राजा। और उसने पूरी मिर्च खा लिया। मारे जलन के वो सी सी करने लगी आंखो से पानी बहने लगा और यही मौका था मेरे लिए मैंने धीरे से थूक उसकी गांड और अपने लंड पर मली और आराम से घुसाना शुरु कर दिया ।मिर्ची की जलन के आगे अपनी गांड के साथ हो रही ज्यादती वह भूल चुकी थी। उसने जैसे ही महसूस किया कि उसकी गांड में कुछ है मैं रफ़्तार पकड़ चुका था और उसे मजा आने लगा था। मिर्ची की जलन अब गांड मरवाने के आनंद के आगे कम हो गयी था। अंत में मैने सारा माल उसकी गांड में ही डाल दिया और वो निढाल पड़ी रही। मैंने उसे आर्चीज गैलरी के इयर रिंग्स दिए और कहा जब भी गांड मरवाने का मन हो यही पहनना मैं उस दिन तुम्हारी गांड ही मारुंगा!!!!!!!!



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