एक बार मेरी बहू शरुष्टि माइके गयी हुई थी. रोज़ की तरह मेरे पति और बेटा ऑफीस निकल गये थे. उस टाइम पर ऑफीस पर काम का लोड ज़्यादा था, तो वो दोनो रात को 9 बजे से पहले घर पर नही आते थे. घर पर पूरा दिन मैं ही अकेली होती थी. मेरे पति और बेटे के जाने के बाद घर पर मैं अकेली थी.
शरुष्टि थी नही, तो सब काम मुझे ही करना था. मैं खाना बना कर किचन सॉफ कर रही थी. तब डोरबेल बाजी. मैने सोचा इस टाइम पर कों हो सकता था. जब मैने टाइम देखा तो 11 बाज रहे थे. मैने जब डोर खोला, तो मैं शॉक हो गयी.
मेरे सामने किशन जी थे. मैं तो उनको देखती रह गयी. उनकी नज़र भी मेरे बूब्स पर थी, क्यूंकी मैने उस दिन येल्लो सारी पहनी थी, और मेरा ब्लाउस स्लीव्ले था. सारी का पल्लू कमर में फ़ससा दिया था, और गर्मी ज़्यादा हो रही थी, तो मैने बालों में जूड़ा बाँध दिया था.
मेरे कुछ हेर फेस पर आ गये थे. मेरा पूरा शरीर पसीने से गीला हो गया था. मेरे फेस पर से पसीना तपाक रहा था. मेरा शरीर पूरा कामुक हो गया था, और सेक्सी लग रहा था. उन्होने मुझे स्माइल की और कहा-
किशन जी: सुमन जी नमस्ते. मुझे देखते ही रहोगे या अंदर भी आने को बोलॉगे?
मैं: नमस्ते-नमस्ते. आइए अंदर. किशन जी आपने तो मुझे सर्प्राइज़ ही कर दिया. बैठिए मैं आपके लिए पानी लेकर आती हू.
मैं उनके लिए पानी लेने गये, तब मैने पहले अपनी सारी को ठीक किया, और पसीने से गीला मेरा मूह पोंछ रही थी. मैने देखा की ब्लाउस गीला हो गया था, तो उसमे से मेरी ब्रा थोड़ी विज़िबल हो गयी थी. मैने उन्हे पानी दिया. तब उन्होने मेरी कमर पर लगा पसीना देखा. मेरी लचकति कमर चमक रही थी, और वो देख कर वो खो गये.
मैं (शरारत करते हुए): किशन जी आपने अभी तक पानी भी नही पिया, और आपके मूह में पानी आ गया. छाई बना लेती हू.
किशन जी (मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास बिता लेते है): अर्रे रुक जाइए. लगता है आप कुछ काम कर रही थी, तक गयी है. थोड़ी देर बैठ जाइए. मैं यही हू, कही भागा नही जेया रहा.
मैं: किशन जी आप यहा अचानक से? देल्ही कुछ काम से आए हो क्या?
समधी जी: घर पर यही बोल कर आपसे मिलने चला आया हू. शरुष्टि घर में बता रही थी की ऑफीस में बहुत काम चल रहा है, तो पापा और सेटुल घर देरी से आते है. मैने सोचा ये अछा मौका है आप से अकेले में मिलने का. तो मैं सुभह जल्दी निकल गया.
मैं (तोड़ा नाराज़ हो कर): किशन जी आपने ये क्या किया? मुझसे मिलने के लिए इतना डोर. मेरे लिए क्यूँ इतनी तकलीफ़ झेल रहे है?
किशन जी (मेरा हाथ पकड़ कर): आपके लिए कुछ भी कर सकता हू.
अब उन्होने मेरे फेस पर लगे हेर को मेरे कान के पीछे रख के मुझे गले लगाया, और मेरी कमर पे हाथ रख कर घूमने लगे. उनके ऐसा करने से मेरे अंदर करेंट दौड़ गया. उन्होने मेरे माथे पे किस किया. फिर उन्होने एक उंगली मेरी नाभि में डाल दी.
मैने उनकी और देखा तो उनकी आँखों में मेरे लिए बहुत प्यार दिख रहा था. वो उल्टे हाथ से मेरी गर्दन को सहलाने लगे. उनके ऐसा करने से मेरा सर उपर हो गया, तो उन्होने मेरी गर्दन पर किस किया. मैने उनको धक्का दिया.
मैं: किशन जी क्या कर रहे हो? मैं आपकी दोस्त हू, पर भूल ना जाइए की रिश्ते में आपकी संधान हू (उनके कान के पास जेया कर). अपनी भावनाओ पे कंट्रोल कीजिए.
किशन जी: सुमन जी आप भी. दोस्तों मैं इतना तो चलता है.
मैं: ऐसा नही होता. फिर वो रिश्ता दोस्ती का नही रहता. वो कुछ और हो जाता है. किसी को पता चला तो क्या बातें होंगी, की संधान ने समधी को फ़ससा लिया.
किशन जी (हेस्ट हुए): कों बातें करेगा, आप या मैं? मैं यहा आयु हू आपके और मेरे अलावा कों जानता है?
मैं: आप बातें ना बनाइए. मुझे ये सब पसंद नही है. किस और हग तक सब ठीक है. अब मैं छाई लेकर आती हू.
मेरे पीछे किशन जी किचन में आ गये. मैने कहा-
मैं: आप बैठिए बाहर, मैं चली लेकर आती हू.
किशन जी: मेरी प्यारी संधान, मैं आपके साथ टाइम बिताने आया हू. तो आपको आज अकेला नही रखूँगा.
मैं: अछा जी? मेरे लिए इतना सोच रहे हो? लेकिन मेरे से अब दूरी बना कर रखो, ठीक है?
फिर हमने साथ में छाई पी, और बैठ कर बहुत सारी बातें की. उनकी नज़र मेरे पर से बिल्कुल हॅट नही रही थी. वो मेरे जिस्म को निहार रहे थे. मुझे तो दर्र भी लग रहा था कही वो मुझसे ज़बरदस्ती ना करने लगे, और ये भी दर्र था की आडोस-पड़ोस में से कोई आ ना जाए. वैसे हमारे घर पर कम रिलेटिव्स आते थे, पर दर्र तो रहता है ना.
हमने खाना खाया, और मैने उनको आराम करने को कहा. वो माना करने लगे. इतने में बारिश आने लगी, तो मैं जल्दी से भाग कर सुखाए हुए कपड़े लेने चली गयी. बारिश इतनी तेज़ थी, की मैं आधे से ज़्यादा भीग गयी थी. मैं कपड़ों को घर में टांगी डोरी पर. सूखने के बाद जो देखा वो देख कर मैं पूरी हिल गयी.
किशन जी के हाथ में मेरी ब्रा थी, जो जल्दबाज़ी में मेरे से नीचे गिर गयी थी. वो मेरी ब्रा के कप्स को सहला रहे थे, और मेरे बूब्स की साइज़ को इमॅजिन कर रहे थे. मैं जल्दी से उनके पास गयी और ब्रा को उनके हाथो से चीन कर अपने बेडरूम में आ गयी.
मेरी धड़कने तेज़ हो गयी थी. मेरा बदन भीगा हुआ था, और मैने आईने में देखा तो मेरी ब्रा पूरी विज़िबल हो गयी थी. मेरे माथे से पसीने और पानी की बूंदे एक साथ तपाक रही थी. सारी गीली होने की वजह से मेरे शरीर से पूरी चिपक गयी थी. इससे मेरे बूब्स और गांद बहुत सेक्सी दिखने लगी थी. मैने पीछे मूड कर देखा तो मेरे समधी जी मेरे पीछे बेडरूम में आ गये.
मैने अपनी ब्रा को पीछे च्छूपा लिया. समधी जी मुझे हवस भारी निगाहों से देख रहे थे. मुझे बहुत दर्र लग रहा था. मेरा पूरा शरीर काँप रहा था. वो धीरे-धीरे मेरे पास आए, और मैं पीछे हॅट रही थी.
आख़िर में मैं दीवार से टकरा गयी. उन्होने एक हाथ दीवार पर रखा, और मेरे एक-दूं पास आ गये. वो मेरी आँखों में देख रहे थे. वो उनके होंठ मेरे होंठो के करीब लाने लगे. मैने अपना मूह घुमा दिया, और उन्होने मेरे बदन को सूँघा, और मेरे हाथ में से मेरी ब्रा को चीन लिया.
उन्होने मेरी और देखते हुए मेरी ब्रा को सूँघा और उस पर किस किया. मैं उनको बड़ी हैरानी से देख रही थी. मैने अपनी ब्रा वापस चीन-ने की कोशिश की, तो उन्होने नही दी.
मैं: किशन जी प्लीज़ ऐसा मत करो. ये ग़लत है. आप जो सोच रहे हो वो नही हो सकता.
किशन जी: यहा बस हम दोनो है, और हम कुछ भी कर सकते है.
मैं: पर मुझे इससे आयेज नही बढ़ना है. आप भूल क्यूँ रहे हो मैं आपकी बेटी की सास हू. और आपने मुझसे वादा किया था की आप मेरी मर्ज़ी के बिना कुछ नही करोगे. प्लीज़ ये मुझे दीजिए और आप यहा से अपने घर चले जाइए. बहुत हुआ, मुझे अब आपसे कोई दोस्ती नही रखनी, ना ही आपसे बात करनी है.
और मेरी आँखों में आँसू आ गये.
किशन जी (मेरे सर को अपने दोनो हाथो से पकड़ कर मेरे आँसू पोंछे, और धीरे से मेरे माथे पर किस किया): सुमन जी मैं आपसे बहुत प्यार करता हू. इसलिए कोई ज़बरदस्ती नही करना चाहता. और मैं किसी भी औरत की मर्ज़ी के खिलाफ उसके साथ कुछ करना नही चाहता.
मैं (उनकी मेरी और रेस्पेक्ट देख कर मैं पिघल गयी, और उनको कस्स कर गले लगा दिया): किशन जी आप बहुत आचे हो. पर मैने आज तक मेरी पवित्रता नही तोड़ी. आपके समधी जी की अलावा किसी मर्द से संबंध नही बनाया है. और उपर से आप मेरे समधी जी हो. तो मैं कैसे कर सकती हू ऐसा? मुझे अपने आप पर घिन आएगी. मेरा इतना पूजा पाठ करना सब व्यर्थ चला जाएगा.
किशन जी: सुमन जी भगवान हम सब के अंदर है. मुझे भी पता है ये ग़लत है, पर जब तक हमारी इक्चा पूरी नही होती, तब तक हमारे अंदर बेचैनी होती है. और मैं आपसे प्यार करता हू. अगर मुझे सिर्फ़ आपके जिस्म से प्यार होता तो अभी आपके साथ वो सब कर सकता था हू. पर मैं किसी भी औरत की मर्ज़ी के बिना ये सब करके पाप में नही पड़ना चाहता. सुमन जी, जब दो प्यार करने वाले अपनी मर्ज़ी से जिस्म एक करे, तभी मैं कर सकता हू.
उन्होने मुझे बेड पर बिताया, और मेरा हाथ पकड़ लिया. मैं उनको बड़े गौर से सुन रही थी. उनकी बातें मुझे उनकी और खींच रही थी. उपर से मेरे जीतने भी सवाल थे उनका वो आचे से जवाब भी दे रहे थे.
किशन जी: आपको लगता है ये ग़लत है, तो हम नही करेंगे. पहले आप रिलॅक्स हो जाइए.
मैं: किशन जी. अगर हमारे बीच ऐसा होता है तो इसका मतलब की मैने अपने पति को धोखा दिया (पता नही क्यूँ मुझे समधी जी की और आकर्षण होने लगा. पर मेरे मॅन में जो कुछ था, वो उनको कह रही थी. वो भी समझ गये थे की मैं चाहती थी करना, पर बस दर्र था).
किशन जी: हा ये धोखा है, और धोखा करना भी नही है.
मैं (बड़ी हैरानी से): मतलब?
किशन जी (मेरे कंधे पर हाथ रख कर): अशोक जी (मेरे पति ) आपको कितना समय देते है? आपको कितना समझ रहे है? कभी किसी दिन आपसे आचे से बात की है? कही आपको घूमने लेकर गये है? आप इतनी खूबसूरत है, तो आपकी खूबसूरती की तारीफ किए है? किसी ने सच कहा है जिसके पास जो चीज़ है उसको उसकी कदर नही है. आप उनके लिए इतना सब कुछ कर रहे हो. सुमन जी हर एक इंसान की अपनी ज़रूरत है. वो ना मिले तो क्या करे?
किशन जी: आपको पता है ना मेरे जैसे आदमी को हंसा जैसी औरत मिली है. मेरी भी चाहत है की आपके जैसी खूबसूरत औरत मिले. मेरे 2 बच्चे है, पर हंसा ने मुझे कभी वो सुख नही दिया, जो मुझे मिलना चाहिए था. और आपको भी नही मिल रहा जो आपकी खूबसूरती डिज़र्व करती है. आप भी अपना जीवन पतिव्रता बनने में खराब कर रही हो.
मैं: मुझे आपकी बात सभी सही लग रही है. आप जो बोल रहे हो उसमे ग़लत नही है. पर दर्र है की आ बात बाहर आ गयी तो कितनी बदनामी होगी. हमारे बच्चो को क्या होगा?
किशन जी: ये बात हमारे बीच रहेगी. ये मेरा आपसे वादा है. आपकी इज़्ज़त और मान-मर्यादा की ज़िम्मेदारी मेरी है (उन्होने मेरी कमर में हाथ डाल दिया और सहलाने लगे. मैं भी मदहोश होने लगी). सुमन जी सब कुछ भूल जाओ, और अभी इस पल को जी भर कर जी लो.
उन्होने मेरे दोनो कंधो पर हाथ रखा, और मुझे लिटा दिया. मैं बहुत शर्मा रही थी. उन्होने उनका उल्टा हाथ मेरे चेहरे से लेकर मेरी गांद तक घुमाया. मैं इतनी हॉर्नी हो गयी थी, की उनके इतना छ्छूने से ही झाड़ गयी.
अब वो मेरे उपर आए और मेरे चेहरे और नेक पर किस करने लगे. मैं भी मोन कर रही थी. इतने में घर की डोरबेल बाजी. हम दोनो दर्र गये. अब उसके आयेज क्या हुआ, आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.