अब समधी जी का मैने बनियान निकाल दिया, और उनको कस्स कर गले लगा दिया, और उनकी पीठ सहलाने लगी. मैने उनके कान पर किस किया, और हल्का सा बीते किया. मैने उनके कान को जीभ से चाट रही थी.
किशन जी मेरी पीठ को सहलाते हुए बोले: सुमन जी आप से जो मुझे प्यार मिल रहा है, ऐसा मुझे कभी हंसा ने भी नही दिया.
मैं: अब से मैं हू ना आपके साथ. आपको कभी प्यार की कमी नही महसूस होगी.
मैने उनको धक्का देकर सुला दिया, और मुस्कुरा कर उनसे लिपट गयी. मैं अपने हाथ से उनकी छ्चाटी पर घुमा रही थी. मुझे उनकी च्चती पर जो घुंघराले बाल थे, वो आचे लग रहे थे. मैं अपना एक पैर उनकी बॉडी पर डाल कर उनकी बॉडी पर किस करने लगी. मुझे अब वो मेरे समधी नही पर मेरी इतने बरसों की प्यास बुझाने वाले मर्द लग रहे थे. मेरे अंदर की शरम हया सब मॅर गयी थी.
मेरे पुर शरीर में जवानी से भी बढ़ कर जोश भर आया था. समधी जी मेरे उपर आ कर मेरे गले और बूब्स पर किस करते हुए मेरे पेट तक आ गये. वो अपनी जीभ मेरी नाभि में लगा कर उसको चाटने लगे. मुझे थोड़ी गुदगुदी होने लगी और मैं मादक आवाज़े निकाल रही थी.
मेरी ऐसी सेडक्टिव वाय्स से उनको जोश आ गया. वो मेरे पुर पेट को चूम रहे थे. उन्होने धीरे-धीरे मेरे नीचे की और जाने लगे और मेरी पनटी तक आ गये. मेरी पनटी के उपर जब किशन जी ने च्छुआ तो उनको पता चल गया की मैं बहुत हॉर्नी हो गयी थी, और उनसे चूड़ने के लिए रेडी थी.
अब उनका कॉन्फिडेन्स बहुत हाइ था. मेरे समधी जी मुझे पाने में सफल हो गये थे, और वो मुझे उनके चेहरे पर सॉफ दिख रहा था. उनकी वो मुस्कुराहट बहुत कुछ कह रही थी. मैने भी उनको स्माइल दी. उन्होने मेरी पनटी को पकड़ लिया. मैने भी बिना कोई विरोध किए अपनी गांद उपर उठा ली.
वो अपना नाक मेरी पनटी को टच करते हुए, मेरी पनटी पकड़ कर नीचे ले गये. फिर वो सूंघते हुए मेरे पैर पर अपना मूह लेकर गये. अब वो नीचे से किस करते हुए मेरी जांघों तक चले आए. मैने अपने हाथ से मेरी छूट च्छूपा ली. वो मेरी जांघों को चाटने लगे. मेरे से अब बर्दाश्त नही हो रहा था. मैं मोन करने लगी.
किशन जी: आपकी जांघें बहुत सॉफ्ट है. मॅन कर रहा है इसको चूमता राहु. आपका ये भरा हुआ बदन देख कर मेरे से अब रहा नही जेया रहा.
मैं: रहा नही जाता तो आपको किसने रोका है?
मेरी बात सुन कर उन्होने मेरा हाथ हटा दिया, और मेरी छूट को देखने लगे . मेरी छूट से रस्स निकाल कर मेरी जांघों तक आ गया था. मैं इतनी गरम हो गयी थी, की बिना चुड़े ही मेरी छूट से पानी बह रहा था.
समधी जी: अर्रे वाह, आपकी छूट तो अभी भी कुवारि लड़की की तरह टाइट लग रही है. और आपने तो आपकी तरह आपकी छूट को भी संभाल के रखा है. इतनी खूबसूरत छूट मिलना, आज तो मेरा नसीब खुल गया. लगता हे समधी जी आपका ख़याल नही रखते. अभी से इसके अंदर से अमृत तपाक रहा है. आज मैं आपको वो सुख दूँगा, जो आप ज़िंदगी भर भूल नही पावगी.
अब मेरे समधी जी ने वो किया जो मैने कभी एक्सपेक्ट ही नही किया था. उन्होने मेरी चिकनी छूट के उपर किस किया, और अपनी जीभ से छाता.
मैं (उनको धक्का देकर): ची!. आप ये क्या कर रहे थे? यहा जीभ लगाना अछा नही है.
समधी जी: अब आप चुप रहिए, और चुप-छाप एंजाय करे.
वो फिर मेरी छूट के उपर मूह रख कर चाटने लगे. कोई मेरी पहली बार छूट चाट रहा था. समधी जी बहुत पके हुए खिलाड़ी थे. उनकी ज़ुबान चल रही थी, और मेरी पूरी बॉडी काँप रही थी. उपर से नीचे तक मेरी बॉडी में गूसेबूमप्स आ गये.
उन्होने जो मज़ा करवाया मैं सातवे आसमान में पहुँच गयी थी. मेरे मूह से अब सेक्सी आवाज़े निकल रही थी.
मैं: ऊहह हे किशन जी. आह मॅर गयी. किशन जी आप बहुत मस्त कर रहे हो. ऐसा मज़ा तो मुझे आज तक नही मिला है. आप पहले हो जिसने मुझे ये सुख नसीब किया है.
वो मेरी छूट में उंगली डाल कर हिलने लगे. वो मेरी छूट के अंदर तक उंगली डाल कर मेरी छूट का रस्स निकालने लगे. थोड़ी देर बाद मैं इतना सारा पानी झाड़ गयी, की मेरी साँस फूलने लगी. मैने उनके सर को मेरी छूट पर दबाया और वो मेरी छूट का रस्स चाटने लगे.
फिर मैने किशन जी के बाल पकड़ कर उपर खीच लिया. वो अपने हाथ से उनका मूह पोंछ रहे थे. उन्होने मेरी हालत देख कर मुस्कुरा कर आँख मारी. मैने भी जवाब में उनको पकड़ कर लिप्स किस किया. मुझे उनके मूह में से मेरी छूट की स्मेल आ रही थी, और वो मुझे पागल बना रही थी.
अब वो खड़े हुए और उनका टवल निकाल दिया. मेरे सामने समधी जी पुर नंगे थे. मैने जब नीचे देखा तो मेरी आँखें चमक गयी. समधी जी का लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, और काफ़ी काला था. उनकी हल्की झांतो के बीच उनका लंड बेहद खूबसूरत लग रहा था.
उनके लंड पर तोड़ा प्रेकुं निकल गया था. मेरे समधी जी का स्किन टोने ब्राउन है, लेकिन काफ़ी स्मार्ट दिखते है. मैं चोरी-चोरी उनके लंड को देख रही थी, और शर्मा रही थी. समधी जी ने मुझे देखते हुए पकड़ लिया.
समधी जी: सुमन जी उसको चोरी-चोरी नही आचे से देखो. अब ये आपका है. मेरा ये बड़ा लंड आपकी सारी प्यास बुझा देगा.
मैं: हा वो तो है, लेकिन मुझे दर्र लग रहा है. ये तो आपके समधी जी से बहुत बड़ा और मोटा है. मैं इसको कैसे ले पौँगी? आज तो आप मुझे बड़ा दर्द देने वाले हो. सोच कर ही दर्र लग रहा है (उनको बड़ी खुशी हुई जब मैने बताया की उनका लंड मेरे पति से बड़ा था.).
समधी जी: आज आपको पता चलेगा की असली मर्द और उसके लंड से मिलता हुआ सुख कैसा होता है.
उन्होने हाथ में थूक लिया, और उनके लंड पर मसालने लगे. उनका चमकीला लंड देख कर मैं बहुत खुश हुई. सोचा अब इतने सालों के बाद मेरी असली चुदाई होगी. समधी जी ने उनका लंड मेरी छूट पर रखा, और तोड़ा पुश किया. छूट गीली थी, तो लंड का टोपा अंदर चला गया और मेरी आ निकल गयी.
मैं 2-3 महीनो से चूड़ी नही थी, तो मेरी छूट बहुत टाइट थी. मेरे पति मेरी बहुत ही कम चुदाई करते है. लंड अंदर जाते ही मुझे मीठा दर्द हुआ. मेरा और समधी जी का रिश्ता बदल गया था. हम दोनो ने रिश्तों की सारी मर्यादा तोड़ दी थी.
पति के अलावा पहली बार किसी गैर मर्द का लंड लिया था. समधी जी ने और पुश किया, तो आधा लंड चला गया. मेरी चीख निकल गयी, क्यूंकी समधी जी का लंड मेरे पति से काफ़ी मोटा और लंबा था. समधी जी ने धीरे-धीरे आधे लंड से मेरी चुदाई करी. मेरी आ निकल रही थी, दर्द भी बहुत हो रहा था.
वो मेरे लिप्स पर लिप्स रख कर होंठ चूसने लगे. फिर 2-3 मिनिट के बाद नॉर्मल हुई, और उनको किस में सपोर्ट करने लगी. मैं भी मस्ती में छुड़वा रही थी. उसके बाद उन्होने एक झटका मारा, और पूरा लंड छूट में उतार दिया. मेरी तो आँखें फटत गयी. हम दोनो किस कर रहे थे, तो मैं चीख नही पाई. मेरी आँखों से आँसू निकल गये.
समधी जी ने मुझे कस्स कर पकड़ा था. फिर भी मैं झटपटा रही थी. वो ऐसे ही रुक गये, और कुछ 1 मिनिट बाद धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगे. मुझे अब दर्द कम होने लगा था. मैने उनको कस कर गले लगा लिया, और नीचे से गांद उठा कर लंड को छूट में लेने लगी. मैं एक और बार झाड़ गयी. अब आराम से लंड अंदर-बाहर हो रहा था.
समधी जी समझ गये की मैं अब उनके लंड से चूड़ना एंजाय कर रही थी. वो खड़े हुए, और मेरी और देखा. मेरे चेहरे पर दर्द और खुशी दोनो झलक रही थी.
समधी जी (मेरी दोनो टांगे उनके कंधे पर लेकर, चुदाई करते हुए): सुमन जी, लगता है आप की बहुत कम चुदाई हुई है. मुझे लगता हे किसी कुवारि लड़की को छोड़ रहा हू. बहुत टाइट छूट है आपकी. छोड़ कर मज़ा आ गया. मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा है, की इतनी खूबसूरत औरत की मैं चुदाई कर रहा हू. मुझे तो एक सपने जैसा लग रहा है.
मैं: मुझे भी यकीन नही हो रहा की मैं भी पराए मर्द से चुड रही हू. आप से चूड़ने में बहुत मज़ा आ रहा है.
मेरे इतना कहते ही वो मेरी तबाद-तोड़ चुदाई करने लगते है. उनका हर एक झटका मेरी पूरी बॉडी को हिला रहा था. जब वो लंड घुसते तब मेरे बूब्स हिल जाते थे. इतनी तगड़ी चुदाई तो मेरे पति ने भी नही की थी. मैं भी मस्ती से चुड रही थी.
मेरे अंदर मेरे समधी जी ने जो आग लगाई थी, उससे मेरे अंदर ज़रा सी भी शरम नही बची थी. मैं समधी जी की सामने रंडी की तरह चुड रही थी. वो भी अपनी सालों पुरानी हवस निकाल रहे थे.
समधी जी अब लंड निकाल दिए, और बेड पर सो गये, और मुझे उनके उपर आने को कहा. मैने अब लंड को पकड़ कर छूट के उपर सेट किया, और बैठ गयी. अर्रे दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था उनके लंड के उपर उछाल-उछाल कर चूड़ने में. पूरा लंड छूट में जेया रहा था.
मेरे बूब्स भी हवा में उछाल रहे थे, और मैं तीसरी बार झाड़ गयी. मेरी छूट का पानी चादर पर बह रहा था. मैं जब तक गयी तब नीचे उतार गयी.
मैं: आपने तो मेरी जान निकाल ली. आप तो रुकने का नाम ही नही ले रहे. कितना छोड़ोगे किशन जी? देखो मेरी छूट सूजा दी है आपने.
किशन जी: अभी से तक गयी आप तो. अभी तो शुरुआत हुई है. आज पूरी दोपहर आपकी चुदाई होगी.
अब उन्होने मुझे घोड़ी बनाया, और मेरा एक पैर बेड पर रखा. फिर पीछे से डॉगी स्टाइल में मुझे छोड़ने लगे. उनकी हाइट अची है तो वो मुझे खड़े-खड़े छोड़ रहे थे. समधी मुझे ऐसी पोज़िशन में छोड़ रहे थे, और मैं ये पहली बार कर रही थी. वो पीछे से मेरे बूब्स पकड़ कर छोड़ने लगे. मैं भी मोन करती हुई मस्ती से छुड़वा रही थी. उसके बाद उन्होने मुझे दीवार के सपोर्ट से खड़े-खड़े छोड़ा. उसमे तो मुझे बहुत मज़ा आया.
आख़िरकार 40-45 मिनिट की तबाद-तोड़ चुदाई के बाद वो मेरी छूट में झाड़ गये. उनका गरम पानी मेरी छूट की प्यास को ठंडा कर गया था. और वो मेरे उपर निढाल हो कर गिर गये. मैं भी उनसे लिपट कर सो गयी. इस चुदाई के दौरान मैं 4-5 बार झड़ी थी. हम दोनो ऐसे ही कुछ समय तक सोते रहे.
फिर मैं खड़ी हुई और वॉशरूम में गयी. मैने मिरर में देखा तो मेरे बाल बिखर गये थे. मैने अपने आप को मिरर में देख कर मुस्कुरा रही थी.
फिर मैने ब्रा पनटी पहनी, और समधी जी से लिपट कर सो गयी. समधी जी भी गहरी नींद में सो रहे थे.
मुझे नींद नही आ रही थी. मैं सोच रही थी की 48 साल की उमर में मुझे चुदाई का असली सुख मिला था. भगवान ने मेरा दुख समझा और समधी जी को मेरे लिए भेजा था. वो ना होते तो मेरी लाइफ में ये सब पल मैं एंजाय ही नही कर पाती. पति को धोखा देने के बाद भी मुझे बिल्कुल बुरा नही लग रहा था.
मैने देखा की शाम के 4 बाज गये थे, तब मैने समधी जी को उठाया क्यूंकी उनको उनके घर वापस भी जाना था. और शाम को सोसाइटी की कोई भी औरत उनको जाते हुए देख लेती, तो प्राब्लम हो सकती थी. मैने उनको उठाया, तब तक मैं सारी चेंज कर दी थी.
मैने सुबह वाली सारी पहन ली ताकि किसी को शक ना हो. समधी जी के साथ मैने छाई नाश्ता किया, और उनको एक डीप किस देकर उनके घर भेज दिया. उसके बाद हमारी चुदाई का सिलसिला चलते आ रहा है, और मेरी लाइफ में अगर कुछ और एग्ज़ाइटिंग होगा, तो मैं आपको स्टोरी में बतौँगी. अभी के लिए गुड बाइ .
आशा करती हू आपको मेरी ये रियल सेक्स स्टोरी पसंद आई होगी. आपको स्टोरी कैसी लगी आप मुझे कॉमेंट करके बताना. और आपका फीडबॅक मूडछंगेरबोय@गमाल.कॉम पर मैल करे.