साली से जयपुर में मज़ा

जब हम जा रहे थे तो दिन का टाइम था सो मैंने ज्यादा रिस्क लेना ठीक नहीं समझा और सिर्फ़ टच ही करता था जब गीयर लगाता तो सहला देता था उसकी जांघों को ओर वो कसमसा जाती थी ओर मेरी तरफ झुकी नज़रों से देखती थी।

गीयर लगाते टाइम मेरी कोहनी उसके बूब्स पर थी तो वो भी अपने बूब्स को मेरी कोहनी पर रगड़ देती थी।

ये सिलसिला करीब 1.50 घंटे तक चला ओर हम वहां पहुंच गये। वो मुझसे वहां पर नज़रे मिलाती और मुस्करा देती थी मैं भी एक्साइटेड होकर मुस्करा कर जवाब देता लेकिन कहते कुछ भी नहीं।

अब वापस आते टाइम शाम हो चुकी थी और अंधेरा हो चुका था।
उस अंधेरे में मैंने अपने आपको उसकी तरफ से इनविटेशन समझ कर मेरे हाथ को गीयर लगाने के बाद उसकी जांघों को कस कर दबाता रहा ओर मेरे हाथ को उसकी चूत पर भी ले जाने लगा तो वो कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो रही थी ओर मेरी कोहनी से बूब्स को रगड़ रही थी।

इससे मेरा टूल तो काफ़ी कड़क हो चुका था फिर मैंने थोड़ी देर बाद उसकी चूत में पज़ामे के उपर से ही अपनी उंगली से रगड़ने लगा और उंगली से धक्का लगाने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उस अंधेरे में महसूस किया कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी ओर वो मस्त हो गयी थी, ना मैं उससे कुछ बोल रहा था ओर नहीं वो मुझसे।

बाकी सब लोग गाड़ी में बातें कर रहे थे और किसी को कुछ पता नहीं था हमारी इस रासलीला का।क्योंकि वो लोग सब मुझे बहुत ही शरीफ़ मानते है।

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जब घर पर पहुंचे तो वो मुझसे कुछ नहीं बोली पर मैंने उसे मुस्करा कर एक आंख से इशारा किया और वो मुस्करा कर बाथरूम में चली गयी।

फिर वो मेरे पास जिस कमरे में मुझे सोना था जब भी में जाता हूँ तो वो मेरे पास बैठ जाती है ओर बातें करती है इसलिये उस दिन भी वो मेरे पास आ गयी में बेड पर लेटा था ओर उससे कोई बात नहीं कर रहा था पर उसकी बेचैनी को समझ सकता था मैं, उसने आंखों ही आंखों में बहुत कुछ बोल दिया था मुझसे।

मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ लिया और दबाने लगा तो वो कुछ भी नहीं बोली फिर मैंने उसके हाथ को सहलाते हुए मेरे हाथ को उसकी कंधो पर ले गया ओर सहलाने लगा फिर मैंने थोड़ा और आगे बढ़ाते हुए उसके बूब्स को दबा दिया और सहलाने लगा

तभी वो बोली की जीजू कोई देख लेगा।

मैंने कहा कि सब सो गये है कोई नहीं देखेगा तो वो नहीं मानी तो मैंने उससे कहा की में उपर वाले बाथरूम में जा रहा हूँ तुम भी आ जाना गर्मी के दिन थे मैं चला गया।

वो कुछ देर बाद आ गयी मैंने उसे वहां पर पकड़ लिया और चूमने और सहलाने लगा उसके बोडी के पार्ट्स को वो नाइटी में थी और ब्रा नहीं थी उसके बूब्स पर।

मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी पर मैं उससे वहां पर चोदू कैसे ये समझ नहीं आ रहा था क्योंकि कोई भी वहां आ गया तो मेरी तो वाट लग जाती और वो भी डरी हुई थी लेकिन मैं मौका जाने भी नहीं दे सकता था तो मैंने उसके बूब्स को अपना हाथ उसकी नाइटी में डालकर दबाने लगा और नाइटी को उपर करके चूसने लगा और इस दौरान मैंने उसके पैंटी में एक हाथ डाल कर उसकी पुस्सी को रब करने लगा जो पहले ही गीली थी.

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