एक तो मुझे नशा हो रखा था. उपर से ऐसा माल मेरी बगल में लेता था की मेरी हवस भी मुझ पर हावी होने लगी. मैं अपना एक हाथ उसकी गांद की तरफ ले गया, जो की निघट्य से ढाकी थी. मैने हल्का सा उपर किया तो उसकी पनटी गांद में घुसी हुई थी और भीगी हुई भी थी.
मैने गीली जघा पर उंगली चलाई तो मेरी उंगली पर सलेज़ की छूट का पानी लग गया, और मैने उसको चाट के देखा. क्या ही नमकीन टेस्ट था. मैं पागल सा हो गया. ऐसा लग रहा था वो यहा आने से पहले अपनी छूट में उंगली करके आई थी.
फिर मैने सोचा आज ट्राइ नही किया तो कभी मुराद पूरी नही होगी. मैने उसकी पनटी को तोड़ा साइड किया. सलेज़ की छूट एक-दूं पानी से भीगी हुई थी. मैने छूट में एक उंगली डाली, तो वो तोड़ा सा हिली. फिर मैने दूसरी उंगली भी अंदर खिसका दी. अब उसकी छूट हल्का-हल्का सा पानी छ्चोढने लगी थी.
मेरी सलेज़ आँखें बंद करके बस मज़े ले रही थी. जब मुझसे रहा नही गया, तो मैने अपना लंड अंडरवेर से बाहर निकाला और सलेज़ की पानी से भीगी हुई छूट में अपना लंड रग़ाद कर, सलेज़ की छूट के पानी का लंड को टेस्ट करवा दिया.
वर्षा: जीजा जी क्या कर रहे हो, और क्या करने की सोच रहे हो?
मे: वर्षा यार बहुत मॅन कर रहा है. और आपको पता ही है आपकी दीदी अड्मिट है.
वर्षा: जीजा जी लेकिन मैं आपके सेयेल की वाइफ हू. ये भी ध्यान में रखो.
मे: वर्षा सलेज़ पर जीजा जी का हक भी होता है. आप भी ध्यान में रखो.
वर्षा: तो जीजा जी ये देख लेना पीछे हटने नही दूँगी जब तक मुझे शांति नही मिलेगी.
मे: जानेमन मैं छोड़ने वाला भी नही हू आपको.
सलेज़ ने फिर तुरंत मेरे अंडरवेर से बाहर आए लंड पर हाथ रखा और बोली: जीजा जी इतना बड़ा और मोटा भी होता है क्या?
तो मैने पूछा: क्यूँ सेयेल साहब का नही है क्या?
उसने ना में जवाब दिया, और अपने नरम हाथो से गरम लंड हिलने लग गयी.
फिर बोली: जीजा जी ऐसा लग रहा है आज आप मेरा नाश कर दोगे इस लंड से.
मैने कहा: आज जो भी आपकी छूट की खुजली है, सब मिटा दूँगा.
सलेज़ उठी, और मेरा लंड मूह में लेके चूसना शुरू कर दिया, और लंड भी किसी रंडी की तरह चूस रही थी. इससे मेरी सिसकारी रुक नही पा रही थी, और मैं आअहह आहह आअहह करने लग गया.
मेरी बेटी हल्की सी हिली, तो मेरी सलेज़ ने बोला: चलो जीजा जी दूसरे वाले रूम में चलते है. यहा ये उठ गयी तो दिक्कत होगी. मज़ा भी खराब हो जाएगा.
हम दोनो उठ के दूसरे रूम में आ गये. सबसे पहले तो उसने मेरा अंडरवेर और बनियान उतार दी, और मैं पूरा नंगा हो गया. फिर सलेज़ उपर आ गयी, और अपने होंठो को मेरे होंठो से मिला दी. नीचे से वो मेरे लंड को अपनी पनटी के उपर से रगड़ने लग गयी. 15 मिनिट सलेज़ के होंठ चूसने के बाद बोली-
सलेज़: जीजा जी पहली बार किस में इतना मज़ा आया है.
मैने बोला: जानेमन ये मज़ा जब तक आप यहा हो तब तक डेली मिलेगा.
फिर मेरी सलेज़ बोली: ज़िंदगी भर तो नही मिलेगा ना. मुझे ज़िंदगी भर आपका ही स्वाद चखना है.
फिर मैने उसको अपने उपर से हटाया और नंगा ही एक सिंदूर की डिब्बी लाके उसकी माँग भर दी.
मैं फिर बोला: अब ज़िंदगी भर का साथ हो गया हमारा.
मेरी सलेज़ की आँखों से आँसू टपकने लगे. मैने उन आँसुओ को चाटना शुरू कर दिया.
मैने बोला: इस खुशी के मौके पर रोना बंद करो.
तो सलेज़ बोली: जीजा जी ये खुशी के आँसू है मेरे. अभी तक आपका सलेज़ वाला हक था मुझ पर, लेकिन अब पत्नी वाला हो गया. अब मेरे साथ सुहग्रात माना के अपनी पत्नी बनाओ, और अपना पानी मेरी छूट में गिरा के अपने बच्चे की मा भी बना दो. तरस गयी मैं बच्चे के लिए.
मैने झट से उसके माथे को चूमा, और सर को नीचे ले जाके अपने लंड पर टीका दिया. वो गॅप से पूरा लंड मूह में ले गयी, और बहुत ख़तरनाक तरीके से कभी लंड चूस्टी, तो कभी मेरी बॉल्स. 15 मीं बाद मैं उसके मूह में झाड़ गया, और वो पूरा पानी पी गयी.
उसके बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया, और निघट्य उतार दी, और अब वो मेरे सामने ब्रा और पनटी में लेती हुई थी. फिर मैने उसको ब्रा और पनटी को भी उतार दिया. अब वो मेरे सामने नंगी लेती हुई थी. उसके बाद मैं उसके बूब्स को बारी-बारी से दबा-दबा के चूस रहा था, और एक हाथ से उसकी छूट में 2 उंगलियाँ डाल रखी थी, और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर कर रहा था. मेरी सलेज़ के मूह से आअहह आह जीजा जी ह निकल रही थी.
बार-बार अपनी गांद को आयेज-पीछे कर रही थी वो. 20 मिनिट तक ऐसा करने के बाद मैने उसको अपने उपर 69 पोज़िशन में ले लिया. अब वो मेरा लंड चूस रही थी, और मैं उसकी छूट चाटने में लगा हुआ था.
उसके मूह से ह्म ह्म की आवाज़ आ रही थी. अब तक वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और मेरा लंड भी पूरी तरीके से टाइट हो चुका था.
मेरी सलेज़ बोली: जीजा जी, अब देर मत करो, और अपने बच्चे की मा और अपनी पत्नी बना लो जल्दी से.
मैने उसको अपने उपर से हटाया, और बेड पर लिटा के उसके उपर आ गया. फिर अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा. वो बिना पानी की मछली की तराहा तड़प रही थी. फिर मैने धीरे से अपने लंड का टोपा अंदर किया. छूट गीली होने की वजह से तुरंत अंदर चला गया, और वो ज़ोर से चिल्लाई-
सलेज़: जीजा जी आहह मॅर गयी. बाहर निकाल लो.
फिर मैने अपने होंठो को उसके होंठो से मिला दिया, और उसके बूब्स को दबाने लगा. जब वो थोड़ी शांत हुई, तो मैने दूसरा शॉट मारा और लंड सीधा उसकी गीली छूट में घुसता चला गया. उसकी आँखों में दर्द की वजह से आँसू आ गये.
फिर मैं धीरे-धीरे लंड आयेज-पीछे करने लगा, और उसके बूब्स चूसने लगा. जब मुझे लगा अब ये गांद उठा-उठा के मज़े ले रही थी, तो मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. सलेज़ बार-बार आहह आअहह किए जेया रही थी.
करीब 25 मिनिट बाद वो 3 बार और झाड़ गयी, और मेरा भी होने वाला था, तो मैं सलेज़ की छूट में ही झाड़ गया.
उसके बाद मैने देखा तो 5:45 सुबा के हो गये थे. फिर वो ही रुटीन फॉलो किया और रात में सलेज़ को फिर 4 बार छोड़ा. मैने उसकी गांद की सील भी तोड़ी. ऐसे ही हमारे बीच में 15 दीनो तक चलता रहा. फिर एक दिन मैने अपनी सलेज़ को बोला-
मैं: एक बार सोनू से भी छुड़वा लो, कही उसको शक़ ना हो जाए.
15 दिन बाद मैं उसको घर छ्चोड़ आया, और मेरी वाइफ भी डिसचार्ज होके घर आ गयी थी. वर्षा ने फोन करके मुझे बताया छुड़वा लिया था उसने. कुछ दीनो बाद पता चला वो प्रेग्नेंट भी हो गयी थी. वो रोटी हुई मुझे कंग्रॅजुलेशन्स बोली और मैने भी उसको मुबारकबाद दी. 9 महीने बाद उसको बेटा हुआ, जो की मेरी ही शकल पर था. ये बात शायद मेरी पत्नी ने भाँप ली थी, लेकिन कुछ बोली नही.
उसके बाद जब भी मुझे और मेरी सलेज़ को मौका मिलता है, तो मैं उसको छोड़ लेता हू, और वो भी राज़ी होके चुड़वति है मुझसे.
तो दोस्तों ये थी मेरी पहली कहानी. कोई ग़लती हुई हो तो माफ़ कर देना, और मुझे पता है कहानी थोड़ी लंबी हो गयी है. कृपया करके अपना फीडबॅक मुझे वॉर्स्तबॉय60@आउटलुक.कॉम एमाइल पर देके ज़रूर बताए. आपकी मेल्स का इंतेज़ार रहेगा, और कोई लड़की या लॅडीस सीक्रेट्ली मिलना, या सेक्स, या फिर अपनी बातों का दिल से बोझ कम करना चाहती है, तो भी मोस्ट वेलकम है. आप मैल ज़रूर करे, जिससे में आपके लिए एक अगली नयी कहानी लेके अवँगा, धन्यवाद.