सगी काकी सा ( आंटी ) को चोदा

sagi aunty ko choda kahani मैं सुदेश पाटिल (26 वर्ष) जलगांव महाराष्ट्र का हूँ ! मेरे पापा चार भाई है जिसमे पापा दूसरे नंबर के है ! सबसे छोटे काका मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के एक फैक्ट्री में ”सेल्स &रिलेसन मैनेजर” है अच्छी खासी पेमेंट है ! चाचा -चाची की एक ही लड़की है जो पुणे से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रही है ! मैं बचपन से ही (17 वर्ष की उम्र से ) काका के घर जाया करता हूँ काकी खूब लाड़ करती है मुझे क्योकि मेरी माँ और काकी की खूब पटती है ! गर्मी के दिनों में जब काका बाहर टूर पर जाते तो मैं काकी के रूम में AC लगा होने के कारण सो जाया करता तब काकी मुझे अपने सीने से लगा कर सो जाया करती, चाची की चूचियों के नरम स्पर्श से मुझे भी अच्छी नींद आ जाती ! जब मैं थोड़ा बड़ा हो गया (22 वर्ष का) इंदौर जाता तब काकी मेरे साथ शॉपिंग करने बाइक में जाती और रस्ते बाहर चिपक कर बैठी रहती अपनी चूचियों को मेरी पीठ पर घिसते हुए तब मैं उसे सामान्य रूप में लेता था क्योकि माँ भी कभी कभी इसी तरह से बैठ जाती थी ! चाची की उम्र करीब 43-44 के आसपास होगी ! पर चाची ने योगा और एक्सर्साइज़ करके अपनी बॉडी ऐसी मेंटेन कर रखी है जिससे उनकी उम्र 35-38 की लगती है ! काकी बहुत ही फेस्नेबल है ज्यादातर सलवार सूट,लेगी-कुर्ती यहाँ तक की कभी कभी तो जींस और टी सर्ट भी पहन कर बाजार चली जाती है ! बहुत ही आधुनिक खयालात की है जब भी कोई काका का दोस्त आता तो उससे खूब हस हस कर बाते करती ! काकी दिन भर सजी सवरी रहती होठो की लिपस्टिक तो कभी छुटती ही नहीं ! होठ हमेसा ही लाल सुर्ख किये रहती ! जब मैं 25 साल का खासा हट्टा कट्टा गबरू जबान हो गया तब चाची मुझे बहुत अधिक मानने लगी जब भी जाता अच्छे अच्छे मराठी खाना जो मुझे पसंद है बना कर खिलाती, साम को सोने के पहले सिर पर तेल मालिस करती , ज़रा सा भी कह देता की आज शरीर दर्द कर रहा है तो तुरंत ही मेरे पुरे शरीर में खूब तेल मालिस करती ! और मेरी भुजाओं को पकड़ती और कहती ”तू तो बहुत कड़ियल जवान हो गया रे तेरी शादी करवानी पड़ेगी”

कई बार चाची मेरे सामने जब भी साडी पहनती तो बड़े आराम से पहनती ! कभी कभी बाथरूम से निकलती तो सिर्फ टॉवेल लगाकर अपने स्तनों को ढककर निकलती तो उनकी सुडौल गोरी गोरी जांघे दिखाई देती ! काका सा अधीक्तर टूर में ही रहते है महीने में 10-15 दिन तो कम से कम बाहर ही रहते हैं ! इस लिए जब शॉपिंग के लिए चाची मेरे साथ ही जाती तो जींस और टी सर्ट पहनकर जाती और दोनों टांगो को बाइक में लड़को की तरह बैठ कर बाजार में काकी ज्यादातर टू पीस की गाउन पहनती रात में ऊपर की पीस उतार देती और सिर्फ इतने में रहती घूमती ! इंदौर की भीड़ !! उफ़ बॉम्बे फेल हो जाए, भीड़ में ब्रेक मारता तो चाची मेरी पीठ पर पूरी तरह से अपनी चूचि को रगड़ते हुए चिपक जाती तो मेरे शरीर में अजीब से सिरहन दौड़ने लगती ! चाची घर में जब रहती तो टू पीस की गाउन पहनती और रात में सोते समय ऊपर का हिसा उतार देती और सो जाती ! मैं दिल्ली में जॉब करता हु पर मेरा भी जॉब सेल्स मैनेजर का है इस लिए हमेसा अलग अलग शहरों में घूमता रहता ! जब भी MP का चक्कर लगता तो इंदौर एक बार जरूर जाता और एकात सप्ताह चाची के पास रुकता ! पहले तो नहीं पर अब मैं भी चाची के जादुई सेक्सी जिस्म की तरफ झुकने लगा ! और कभी कभी चाची को चोदने का ख्याल भी मन में आने लगता पर अगले ही पल दिमाग मुझे धिक्कारने लगता तो मन से चाची को चोदने का ख्याल निकाल देता ! पर चाची के हाव भाव मुझे उनके साथ सेक्स करने को आमंत्रित करते जिस के चक्कर में आखिर पड़ ही गया कैसे आगे पढ़िए ……….. मई 2014 की बात है मैं कंपनी के काम से भोपाल गया हुआ था सोचा चलो चाचा चाची से मिलते हुए जाऊं ये सोच कर 21 मई को भोपाल से सुबह 10 बजे इंदौर पहुंच गया ! पहुँचते ही देखा की काका कहीं बाहर जाने की तैयारी में थे ! पर मेरे पहुँचते ही वापस सोफे पर बैठ गए और बोले ”अच्छा हुआ तू आ गया,कितने दिन रुकेगा” तो मैंने कहा ” दो-तीन दिन का काम है इंदौर में ” तो चाचा बोले ” ठीक है तब तक मैं वापस आ जाउगा” ये सब बाते चाची भी सुन रही थी चाची के आँखों में एक अजीब सी चमक थी उस समय और मेरे पहुचने के बाद मुस्किल से काका 10 मिनट बाद चले गए !

काका के जाते ही काकी मेरे आवभगत गई ! फ्रीज़ में से बढ़िया से लस्सी निकाल लाइ मुझे पिलाया फिर कुछ देर में मैं नहाने चला गया और लौट कर आया तो काकी बोली ” शुदेश एक जगह शादी में चलना है तू भी चलेगा” तो मैंने हां कर दिया तो चाची बोली ”दोपहर के 12 बजे चलना है” तो मैंने कहा ”ठीक है” ! फिर कुछ देर तक टीवी देखने लगा तो करीब 11:30 पर चाची ने बैडरूम से आवाज दिया तो मैं बैडरूम में गया तो चाची पेटीकोट पहन कर ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थी और बार बार ब्रा का हुक लगाने की कोशिस कर रही थी इतने में दरवाजे के पास गया और बोला ” हां काकी” तो काकी बिना मेरी तरफ देखे ही बोली ” ये हुक नहीं लग रही है लगा तो सही इसे” तब मैं ब्रा की हुक लगा दिया तो काकी बोली ” लास्ट वाले हुक में लगा” तब मैंने ब्रा को और अधिक खीचते हुए लास्ट के हुक में फँसा दिया ! और ड्रेसिंग टेबल में काकी की परछाई देखने लगा क्या गजब की गोलाई डरा खूबसूरती लिए हुए चूचियाँ थी काकी की , ब्लू फिल्मो में तो बहुत से औरतों की चूची देखा पर रियल लाइफ में पहली बार किसी ओरत को इतने नजदीक से देखा , मेरे तन-वदन में आग सी लग गई और ऐसा लगा की पीछे से पकड़ कर काकी की चूचियों को दबा दूँ पर मैं आवाक होकर अपनी सुध बुध खोकर कभी काकी की चिकनी चिकनी पीठ देखता तो कभी आईने में चूचियों को देखता !

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इतने में काकी बोली ” चल जा अब यहाँ से साड़ी पहन लूँ और तू भी तैयार हो जा ” और फिर मैं चाची के पास से चला अाया और अपने जज्बातों को कंट्रोल किया और तैयार होने लगा तो कुछ देर में चाची ने फिर आवाज दिया और बोली ”सुदेश हो गया तैयार ” तो मैंने कहा ”हां हो गया” और चाची के पास पहुंच गया तो देखा की चाची गजब की खूबसूरत लग रही थी ! चाची बोली चल चलते है , तब मैं बाइक की चाबी लिया और करीब 12:30 पर चल दिए और 1:00 बजे पहुंच गए और वहाँ पर साम को 6 बजे तक रुके खाना खाए और भीड़ में चाची को ढूढने लगा तो चाची दिखी तो चलने के लिए बोला तो चाची बोली ”रुक चलती हूँ 7 बजे तक” तब मैंने चाची को बोला ”मैं बहुत थक गया हूँ” तो चाची बोली ”तू जा मैं आ जाऊगी किसी के साथ ” तो मैं वहा से चला आया चाची को बोल दिया ”आपको जब आना होगा बता देना तो लेने आ जाउँ तो चाची बोली ”टीक है मैं फोन कर दूंगी ” ओर फिर मैं चला आया और आकर सो गया रात के करीब 10 बजे चाची का फोन आया तो उठा और जल्दी जल्दी तैयार होकर चाची को लेने चला गया और साढ़े दस तक चाची को लेकर आ गया ! आते ही चाची ने एक गिलास पानी पिया अपने गहने जैसे बाली,मंगलसूत्र,उतारा और और बिस्तर में बिना कपडे उतारे ही लेट गई और लेटते लेटते बोली ”सुदेश तू भी यही सो जाना AC में” और इतना कहकर लाइट बंद कर दिया और नाइट लैम्प ऑन कर दिया ! मैंने अपने कपडे उतारा लोवर -बनियान पहना और टीवी देखने लगा करीब 11:15 रात में आकर चाची के पास सो गया !

नाइट लैम्प के उजाले में चाची की चिकनी चिकनी जांघे दिखाई दे रही थी ! सीने से पल्लू गायब था और ब्लाउज की कई हुक खुले हुए थे कारण चूचियों की घाटी दिखाई दे रही थी मन कर रहा था की चाची से लिपट जाऊं और चोद दूँ पर हिम्मत नहीं पड़ रही थी ! और मन ही मन चाची की चुदाई के सुखद ख्वाब नींद लग गई पता ही नहीं चला ! मैं खूब गहरी नींद में सोया हुआ था पर अचानक मेरी नींद खुल गई क्योकि चाची मेरे ऊपर अपनी टांग और हाथ लाद कर सोई हुई हुई थी,नाइट लैम्प के उजाले में देखा तो चाची के ब्लाउज सभी हुक खुले हुए थे और ब्रा के अंदर से चाची की बड़ी बड़ी सुडौल चुचिया दिख रही थी ! मैं नींद बहाना लेते हुए चाची की चूचियों के पास अपना गाल चिपका कर सोने का नाटक करने लगा तो चाची मुझे अपनी तरफ और जोर से चिपका लिया तो मैंने धीरे से चूचियों की घाटी में किस कर लिया तो चाची ने मेरे गाल को किस कर लिया तो मैं थोड़ा और आगे बढ़ते हुए चाची की चुचीं को दबा दिया ! ओह क्या मस्त टाइट चूची थी चाची की ! चूची दबाने पर चाची की कोई नकारत्मक प्रतिक्रिया नहीं होने पर मैंने फिर से चूची को दबा दिया और चुचियों की घाटी (दोनों चूची के बीच हिस्सा) के बीच में जीभ से चाटने लगा करीब 3 मिनट तक चाटने के बाद चाची ने मेरी पीठ पर रखे हाथ से मेरी पीठ को सहलाने लगी और बीच बीच में मेरी पीठ को अपने हथेली से दबा देती ! तब मैसमझ गया की चाची चुदने के लिए तैयार है ! हिम्मत करके चाची की पीठ में हाथ रखा और धीरे से ब्रा खोल दिया और चूचियों को ब्रा से आजाद कर दिया और चूचियों को हलके हलके सहलाने लगा

कुछ ही मिनट में चूची की निप्पल टाइट पड़ गई (कामशास्त्र में पढ़ा था की निप्पल टाइट होते ही महिलिाएं मानसिक रूप से सम्भोग के लिए तैयार हो जाती है) तो मैं धीरे से चाची की मस्त मस्त चूची को मुह में डाल कर हलके हलके चूसने लगा ! उधर चाची लगातार मेरे पीठ पर हाथ घुमाए जा रही थी चाची की चूचियाँ एकदम से टाइट पड़ चुकी थी ! अब मैं चूचियों को छोड़कर चाची के गालों को किस करने करते करते होठों को चूमने लगा और फिर होठों को चूसते चूसते चाची की जीभ को चूसने लगा,चाची भी मेरी जीभ चुसाई में पूरा सहयोग करने लगी ! मैं चाची की जीभ से अपनी जीभ को लड़ाने लगा तो चाची भी मेरी जीभ को अपनी जीभ से टकराने लगी दोनों एक दूसरे के जीभ को आपस में टकराने लगे इस काम लीला साथ साथ मैंने चाची साड़ी को जांघो से ऊपर उठाया और जांघो को सहलाने लगा ! क्या मस्त चिकनी जांघे है चाची की ! जांघे सहलाते-सहलाते साडी को कमर तक खीच लाया और धीरे से चाची की चूत के आसपास की जांघ को सहलाने लगा,कितनी नर्म-मुलायम स्किन है चूतके आसपास ! 25 साल की उमर में पहली बार किसी ओरत की जांघो को छुआ है !

जांघो को सहलाते सहलाते चाची की चूत में में हाथ घुमाया तो चूत एकदम से चिकनी थी ऐसा लगा जैसे चाची ने आज ही सफाई किया हो ज़रा से भी खुरदुराहट नहीं थी ! मैं धीरे धीरे चाची की चूत के आसपास ऊगली घुमाते घुमाते एक ऊँगली को चूत में डालकर हिलाने लगा तो एक मिनट बाद चाची ने मेरी ऊँगली को चूत में से निकाल दिया तो मैं धीरे से उठा और चाची की टांगो को फैलाते हुए जीभ डालडालकर चूत को चाटने लगा {कामशास्त्र पढ़ा था की चूत चाटने से प्यार ज्यादा बढ़ता है चुदाई बहुत मजा अाता है}सुरुआत बड़े प्यार से चूत को चटवाया मैं चूत चाट रहा था तो चाची उस समय अपने दोनों हाथ के पंजो को मेरे सर पर घुमा रही थी मुस्किल से 3 मिनट तक चूत चाटा होगा की चाची मेरे हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तब मैं चाची के ऊपर चढ़ गया और चाची की चूचियों को फिर से चूसने लगा ,चाची मेरी बनियान के नीचे हाथ डालकर पीठ को सहलाने लगी और एक हाथ से मेरी लोवर को खिसकाने लगी तब मैं समझ गया चाची नंगा करना चाहती है

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तब मैं उठा और सभी कपडे उतार कर बिस्तर दिया और चाची का हाथ पकड़ कर उठाया और उनकी साड़ी को खीचने लगा चाची बिस्तर पर खड़ी हो गई और एक एक करके सभी कपडे उतार दिया एकदम से नंगी होकर बिस्तर में बैठ गई तब मैं भी चाची के सामने अपने दोनों टांगो फैलाते हुए चाची के कमर के आसपास रख लिया तो चाची ने भी अपनी दोनों टांगो के मेरे कमर के आसपास रखकर लम्बी कर लिया तब मैंने चाची की कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और लण्ड के सुपाड़े को चूत के पास ले जाकर छुआ दिया तो चाची अपने चूतड़ों लण्ड के पास सटा दिया तो मेरे फनफनाते हुए लण्ड का सुपाड़ा चूत में घुस गया जैसे ही लण्ड घुसा चाची के चेहरे में अजीब से खुसी के भाव आये और चाची अपने दोनों हाथ मेरी कमर के पास लगाया और जोर से अपनी तरफ खीच लिया और चूत को मेरे लण्ड से खूब सटा दिया तो पूरा का पूरा लण्ड चूत में घुस गया तो चाची कुछ सेकण्ड तक मेरी से लिपटी रही इसके बाद अपने दोनों हाथों को बिस्तर पर टिका कर रख लिया और अपने चूतड़ों लंड पर ऊपर नीचे करने लगी तो मैंने चाची की कमर में हाथ लगाकर कमर को ऊपर नीचे करने लगा और बीच बीच झुकझुक कर चाची की चूचियों को चूसने लगता तो चाची का जोस सातवें आस्मां में पहुंच जाता तो ओ और जल्दी जल्दी अपने चूतड़ों को मेरे लण्ड पटकने लगती तो मैं भी लण्ड की जोरदार ठोकर मारता लण्ड की ठोकर से पूरा आनंद लेते हुए चाची अचानक अपनी टाँगो को मेरी कमर में लपेटते हुए मेरी गर्दन में अपने दोनों हाथो को रखकर जोर से चिपक गई और चिपके चिपके अपने चूतड़ों को मेरे लण्ड के ऊपर चकरी की तरह गोल गोल घुमाने लगी और मेरे होठो को चूमते हुए जीभ को चूसने लगी मैं भी चाची की जीभ को चाटने लगा और चाची की कमर में हाथ लगाकर चूतडो को गोल गोल घुमाने में सहयोग करने लगा और लगातार 5 मिनट तक चूतडो को घुमाता रहा की अचानक चाची मेरी गर्दन से अपने हाथ हटा दिया और मेरे सीने में हाथ रखते हुए हलके से धक्का देकर मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लण्ड पर हलके कूदने लगी लगातार 3-4 मिनट तक कूदने के बाद जब थक गई तो मेरे ऊपर लेट गई और अपने चूतडो पीछे करने लगी

मुस्किल से 2 मिनट तक ऐसा के बाद मुझे जोर जोर से चूमने लगी और बड़बड़ाते हुए कहने लगी ”अब और मत तड़पा” तब मैंने चाची को नीचे करके चाची को पीठ के बल लिटा दिया और दोनों टांगो को फैला कर अपने दोनों हाथ चाची के सर पास रख कर पूरी ताकत से झटके मारने लगा तो चाची के मुह से उउउउ आअह्ह्ह आअह्ह्ह आउच आउच आआस्स्सा आआ आए आससासा आ आहहह आआह्ह्ह्ह उउउउउ ऊऊऊ आआह्ह्ह आह आउच आउच सीईईईईईईइ आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउ की जोर जोर से आवाज करने लगी तो मैं चाची को तड़पाने के लिए चुदाई की स्पीड कम कर दिया तो चाची कराहते हुए बोली ”और जल्दी जल्दी कर न जान लेगा क्या ” तब मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और फिर मुस्किल से 5 मिनट तक लण्ड के झटके खाने बाद चाची ने लार बहाते हुए मुह फाड़ दिया और जोर से मुझे चिपका लिया ! इतनी जोर से चिपकई की मेरे से झटके मारते नहीं बन रहा था फिर भी मैं पूरी ताकत लगाकर लण्ड के ठोकर मारता रहा और फिर मेरे लण्ड से वीर्य की नदी बह निकली और ढेर सारा वीर्य चाची की चूत में उड़ेल दिया और चाची से छिपकर ऊपर लेट गया ! चाची बड़े प्यार से मुझे किस करते हुए कभी सर पर तो कभी पीठ पर हाथ घुमाने लगी और मैं बड़े प्यार चाची को चूमता रहा

फिर कुछ देर बाद चाची बोली ”उठो बाथरूम जाना है” तब मैं चाची की चूचियों की चूमते हुए उठने लगा तो लण्ड बाहर आया तो ढेर सारा वीर्य चाची की चूत से निकला और बिस्तर में चादर के ऊपर फ़ैल गया तो चाची बोली ”कितने दिन से भरे हुए बैठा था ” तो मैंने हँसते हुए बोला ”आज पहली निकला है” तो चाची कुछ नहीं बोली और उठकर चल दिया तो उनकी जांघो बहने लगा तो चाची ने पेटीकोट उठाया और उससे पोछते हुए नंगी ही बाथरूम में चली गई तो मैं भी उठा और चढ्ढि-बनियान -लोवर पहना और बाथरूम के पास खड़ा हो गया तो चाची नंगी ही निकली तो मैंने सरारात करते हुए चूचियों को दबा दिया तो बोली ” चल आ जा बिस्तर में तेरा मन नहीं भरा हो तो” तब मैंने चाची को चूमते हुए बोला ”आपसे मन कभी नहीं भरायेगा” तो हसने लगी और चली गई और मैं बाथरूम में घुस गया और फिर बाहर निकला और चाची के पास जाकर फिर से लेट गया तो देखा की चाची अभी भी एकदम से नंगी लेटी हुई थी एक चद्दर ओढ़कर ! मैं भी चाची के चद्दर के अंदर हो गया और चाची की चूचियों पर हाथ रखकर बाते करने लगा !

बात बात में पता चला की चाचा की सेक्सुअल छमता करीब 3 साल से कम हो गई है महीने में एकात बार बड़ी मुस्किल से चुदाई करते है उसमे भी चाची को संतुष्ट नहीं कर पाते है ! करीब 2 घंटे तक बाते करते करते चाची फिर से चुदाने के लिए तैयार हो गई ! चाची की चूचियों की निप्पल फिर से टाइट पड़ गई तो मैं इस बार चाची को घुटनों के बल घोड़ी की तरह खड़ा कर दिया और चूत को चाटने लगा और फिर लण्ड पेलते हुए लगातार 15 मिनट तक चोदा और दोनों एक साथ स्खलित हो गए ! मई 2014 से तो लगातार किसी न किसी काम के बहाने इंदौर जाता और जब भी मौका लगता चाची चोदता ! अभी फरवरी 2015 में अपनी कंपनी की इंदौर हेड ऑफिस में ट्रांसफर करवा लिया और चाचा-चाची के साथ ही रहने लगा ! और मौका मिलते ही चाची की चूत चोदता हूँ !



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