सगे भाई के साथ मेरे नाजायज सम्बन्ध की कहानी

हेलो दोस्तों मैं आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।

मेरा नाम अनु है। रोहतक हरियाणा की रहने वाली हूँ। मैं बहुत गोरी और सुंदर लड़की हूँ। मेरा फिगर 34 30 32 का है। मेरा जिस्म भरा और गदराया हुआ है। मेरे कपड़ों से ही मेरे जिस्म के उतार चढ़ाव दिखते है। मेरे होठ बहुत सेक्सी, गुलाबी और रसीले है पर दोस्तों मेरी चूत के होठ उससे भी जादा बड़े बड़े, रसीले और सेक्सी है। मुझे चुदना और मोटा लंड खाना बहुत पसंद है। मैं बहुत गोरी और जवान लड़की हूँ। मेरा बदन बहुत गोरा और सुडौल हूँ। मेरा फिगर कमाल का हूँ। छरहरा और बिलकुल फिट। मुझे देखकर ही कितने लड़के के लंड खड़े हो जाते है। वो मुझे कसके चोदना चाहते है। मेरे रसीली चूचियों को पीने का सपना हर लड़का देखता है। मेरी रसीली चूत चोदने के लिए कितने लड़के बेक़रार है। पर मैं सिर्फ जवान और हैंडसम लड़को से ही चुदाती हूँ। आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ।

दोस्तों, पता नही कैसे मुझे 14 साल की कच्ची उम्र तक आते आते मेरी सहेलियों ने मुझे बुर चुदाई और गांड चुदाई के बारे में सब बता दिया। धीरे धीरे मुझे सेक्स करने की ललक जाग गयी। अपनी सहेलियों की तरह मैंने बैगन को अपनी चूत में डालना शुरू कर दिया। धीरे धीरे मुझे मजा आने लगा और चूत में बैगन डालने की गंदी लत मुझे लग गयी। धीरे धीरे मैं लंड खाने को तडपने लगी। अब तो अक्सर जब घर में लम्बा वाला बैगन नही होता तो मैं अपनी ऊँगली ही चूत में डाल लेती और जल्दी जल्दी फेटने लग जाती। इस तरह मुझे सेक्स की लत लग गयी थी। उधर मेरा भाई हिमेश भी मेरा हम उम्र का था। कुछ सालो गुजरने के बाद मैं 19 साल की थी और भाई 20 का। वो अक्सर जब भी बाथरूम में जाता मुठ मार लेता और पानी भी नही डालता। एक दिन मैं बाथरूम में रात के 10 बजे गया था और पेंट खोलकर अपना 8″ का लंड निकालकर मुठ मार रहा था। मुझे पेशाब लगी थी। मैं गयी तो देखा की भाई जल्दी जल्दी मुठ मार रहा है। मैं एक किनारे छिप गयी और सारा सीन मैंने देखा। अंत में मेरे भाई हिमेश के लंड से माल निकल गया। उसको झुनझुनी हुई। फिर वो अपने कमरे में चला गया। मैं जब आपके बिस्तर पर आकर लेती तो दोस्तों पता नही हूँ बार बार मुझे भाई का लंड ही याद आ रहा था।

“काश भाई मेरी चूत में लंड डालकर मुझे कसके पेलता और चोद लेता तो कितना अच्छा होता????” मैंने बार बार यही सोच रही थी। अब मुझे अपने भाई हिमेश का 8″ का लंड हर हालत में खाना था। रात को फिर 2 बजे मेरी नींद टूट गयी। अब मैं जवान लड़की हो चुकी थी। चूत में मोटा लंड मैं खाना चाहती थी। मैं धीरे से अपने कमरे से निकली और भाई हिमेश के कमरे में चली गयी। उसके पास जाकर उसकी चादर में घुस गयी। हिमेश नीचे से नंगा था। दोस्तों मैं ललचा गयी थी। धीरे धीरे मैंने हिमेश के लौड़े को हाथ में ले लिया और फेटना शुरू कर दिया। वो गहरी नींद में सो रहा था। मैं किसी भी सूरत में आज रात हिमेश का लंड खाना चाहती थी। धीरे धीरे मैंने अपना सलवार सूट निकाल दिया। ब्रा और पेंटी भी उतार दी।

मैं चोदने लायक मस्त माल थी। मैं हिमेश की चादर के अंदर घुसी हुई थी। हाथ से जल्दी जल्दी उसका 8″ का लंड फेट रही थी। फिर मैंने मुंह में लेकर चुसना शुरू कर दिया। धीरे धीरे भाई का लंड खड़ा होने लगा। मैं बहुत खुश हो गयी थी। मैं मेहनत से चूस रही थी। फिर भाई जग गया। मैं जल्दी से उसके उपर लेट गयी और उसके होठ पर अपने होठ रख दिए। भाई सब समझ गया की आज उसकी सगी बहना उससे कसके चुदाना चाहती है। फिर वो मेरा साथ देने लगा। वो भी मेरे रसीले लब चूसने लगा। धीरे धीरे उसने मुझे बाँहों में भर लिया।

“अनु तू यहाँ????” हिमेश ने हैरान होकर कहा

“भाई! रोज तुम मुठ मारकर अपना माल बेकार कर देते हो। अब तुम मुझे ही चोद लिया करो। तुम भी खुश और मैं भी खुश” मैंने कहा। उसके बाद हिमेश सब समझ गया। उसने मुझे नीचे कर दिया और खुद उपर आ गया।

“बहन की लौड़ी!! पहले बता देती। तेरी गुलाबी चुद्दी की ऐसी खातिर अपने लंड से कर देता की तुझे जन्नत के मजे मिल जाते” मेरा सगा भाई हिमेश बोला

“तो अभी क्या बिगड़ा है। आज मुझे चोद चोदकर मेरी चूत की खातिर कर दो भाई” मैंने कहा

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उसके बाद तो हम दोनों का इश्क शुरू हो गया। भाई मेरे दूध दबाने लगा। दोस्तों, मेरे स्तन बहुत सुंदर थे। बड़े बड़े गोल और बिलकुल मक्कन की टिकिया जैसे नर्म। इतने सुंदर दूध को देखकर तो हिमेश बिलकुल पागल हुआ जा रहा था। मेरी अनार जैसी लाल लाल निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले काले घेरे थे, जो मेरे स्तनों में चार चाँद लगा रहे थे। अगर कोई भी मर्द मुझे इस तरह मेरे नग्न मम्मो को देख लेता तो मुझे बिना चोदे ना जाने देता। मेरी मस्त गदराई और उफनती छातियों को देखकर हिमेश बेचैन हो गया और अपने हाथ से कस कसकर दबाने लगे “ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ..”बोलकर मैं सिसक कर बोली पर उस पर कोई असर ना हुआ। वो मजे से मेरे दूध दबा रहा था जैसे कोई मुसम्मी का रस निकालने के लिए उसे हाथ में लेकर निचोड़ देता है। काफी देर तक हिमेश भाई ने मेरे दूध चूसे। अब मेरी चूचियां में और जोश आ गया था। मेरे स्तन अब कड़े कड़े हो गये थे। भाई तो पागलो की तरह मेरे दूध पी रहा था जैसे मेरा मर्द हो। मैं “ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ.” करके गर्म गर्म आवाजे निकाल रही थी।

“भाई कितना वेट करवाओगे। प्लीस अब मुझे और मत सताओ। बस जल्दी से मेरे भोसड़े में लंड घुसा दो!!” मैं बार बार विनती करने लगी। पर दोस्तों मेरा भाई हिमेश को पता नही क्या हो गया था। वो तो आज भरपूर लेना चाहता था। मेरे स्तन चूसने, दांत से काटने और पीने के बाद के बाद हिमेश नीचे की तरफ आ गया। वो मेरी नंगी टांगो को सहला रहा था। किस कर रहा था। मेरे पापा और मम्मी बगल वाले कमरे में थे। अगर वो जान जाते तो काण्ड हो जाता। धीरे धीरे हिमेश मेरी रसेदार बुर की तरफ आ गया। वो मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरी चूत को हाथ लगाने लगा। मैं “ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ..” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी।

धीरे धीरे मेरे भाई ने मेरी रसीली चूत को सहलाना शुरू कर दिया। दोस्तों मेरी चूत बड़ी सुंदर सलोनी थी। गुलाबी रंग की सेक्सी चूत थी मेरी। हिमेश जल्दी जल्दी सहलाने लगा। मैं गर्म होने लगी। फिर भाई ने मेरी टांगो को खोल दिया और मुंह लगाकर मेरी भोसड़ी का सेवन करने लगा। मेरी चूत की एक एक फांक को भाई चाटने लगा और पीने लगा। जब उसकी ठंडी ठंडी जीभ मेरी चूत से टकराने लगी तो मैं पागल होने लगी। मैं और जादा गर्म हो रही थी, चुदासी हो रही थी। “ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ.” की आवाजे निकाल रही थी। हिमेश जल्दी जल्दी किसी डौगी की तरह मेरी चूत चाट रहा था। मैं कसमसा रही थी।

धीरे धीरे हिमेश की खुदरी जीभ मेरी चूत के अंदर किसी सांप की तरह घुसने लगा। मैं बार बार अपनी कमर और गांड उठा देती थी क्यूंकि मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। तन मन में एक आग सी लग रही थी। हिमेश मेरे जिस्म के सबसे गर्म और उत्तेजक जगह जीभ लगा रहा था। मेरी चूत में आग जल चुकी थी। जैसे उसने आजतक कोई बुर देखी ही नही थी। बस वो पागलों की तरह चाट रहा था चाट रहा था। एक सेकंड के लिए भी नही रुक रहा था। जल्दी जल्दी चाट रहा था। फिर वो मेरे चूत के दाने पर और मेरे मूत के दाने पर जीभ लगाकर रगड़ने लगा। मैं “आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई..अई..अई…अई..मम्मी..” की गर्म गर्म आवाजे निकालने लगी क्यूंकि मुझे पुरे जिस्म में सनसनी हो रही थी। लग रहा था की आज मेरी चूत अपना माल छोड़ देगी।

“भाई आराम से कहीं मैं झड़ न जाऊं????’ मैंने कहा

“पगली लड़कियाँ तो बहुत देर में झडती है। तू टेंशन मत ले” हिमेश बोला

फिर से वो अपने काम पर लग गया। धीरे धीरे उसने अपने हाथ की बीच वाली ऊँगली मेरी चूत में डाल दी और जल्दी जल्दी मेरी चूत फेटने लगा। मेरी तो गांड ही फट गयी थी। हिमेश जल्दी जल्दी मेरी बुर फेटने लगा। मेरे पेट में गर्म गर्म लग रहा था। मरोड़ हो रही थी। बड़ी बेचैनी मुझे हो रही थी। हिमेश तो जैसे रुकना जानता ही नही था। मैं हाथ पाँव पटक रही थी। “..मम्मी.मम्मी…सी सी सी सी.. हा हा हा…ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ..” मैं चिल्ला रही थी। हिमेश मेरी रसीली चूत को चाट भी रहा था और ऊँगली भी कर रहा था।

“भाई!!! आराम ने मेरे चूत में ऊँगली करो। लग रही है” मैंने कराह कराहकर बोल रही थी पर गांडू हिमेश ने मेरी एक बात नही सुनी। वो मेरे चूत के दाने को अपनी जीभ से टकरा रहा था और चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली मार रहा था। मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। बार बार मैं अपनी बुर की तरह देख रही थी। बार बार मैं अपना सर उठा देती थी।

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“भाई अब मुझे जल्दी से चोदो आह्ह्ह प्लीसससस. मैंने कहा

मेरे सगे भाई हिमेश को शायद मुझ पर तरस आ गया। उसने जल्दी से अपना लंड कुछ देर तक फेटा और मेरी बुर में डाल दिया। उसके बाद तो हम दोनों ऐश करने लगे। भाई जल्दी जल्दी तेज धक्का मेरी चूत में मार रहा था। उसका लंड बहुत बहुत जादा मोटा था। मेरी चूत के साथ साथ मेरी पेट को फाड़ रहा था। मैं किसी तरह खुद को रोके हुई थी। मैं भी अपनी दोनों टाँगे किसी रंडी की तरह खोल दी।

“जोर से भाई..और जोर से ठोंको मुझे। समझ लो की मैं तुम्हारी बहन नही कोई रंडी हूँ.जोर से भाई” मैंने भी कह दिया

दोस्तों उसके बाद तो हिमेश ने मेरी पलंग तोड़ चुदैया कर दी। जोर जोर से धक्के देना शुरू कर दिया। पूरा बेड चूं चूं करके हिलने लगा। मैं आगे पीछे की तरह उछलने लगी

“हूँ हूँ हूँ. ले ले आज” हिमेश चिल्ला रहा था। जल्दी जल्दी मुझे मजा रहा था। मेरी चूत से पट पट की आवाजे निकाल रही थी। जैसे पॉपकॉर्न फूट रहा था। मेरा भाई मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था। लग रहा था की मेरी बुर को आज फाड़ डालेगा। मेरी रसीली चूचियां जल्दी जल्दी हिल रही थी। मैं बहुत हॉट और सेक्सी माल लग रही थी। अपने होठ मैं चबा रही थी। “…उई. .उई..उई…माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह.भाई आज मुझे चोद चोदकर रंडी बना दो। बिलकुल रहम मत करना!!” इस तरह की आवाजे मैं निकाल रही थी। हिमेश फुल जोश में आ चुका था। वो बस जल्दी जल्दी मेरा गेम बजा रहा था। पूरा बेड हिल रहा था। लग रहा था की कही टूट ना जाए। मुझे काफी बेचैनी हो रही थी। मैं बार बार अपने हाथ पाँव पटक रही थी। मेरा भाई हिमेश धचाक धचाक मुझे पेल रहा था। फिर भी वो नही झड़ रहा था। मेरा तो बुरा हाल था। हिमेश बस जल्दी जल्दी मुझे चोद रहा था। मेरी चुद्दी बिलकुल रबड़ी मलाई की तरह दिख रही थी। वो जल्दी जल्दी ठोंक रहा था। 25 मिनट बाद आखिर में मेरे भाई ने अपना कीमती माल मेरी चूत में गिरा दिया। जब उसने लंड निकाला तो मेरी चूत उपर तक उसके माल से भर चुकी थी।

“ले रंडी चूस मेरा लंड” हिमेश मुझसे बोला और मेरे मुंह में उसका लंड डाल दिया। मैं तो वैसे ही चूसने के लिए तरस रही थी। जल्दी जल्दी मैं भाई का लौड़ा चूसने लगी। उसे भी मजा आने लगा। फिर मैंने हाथ से जल्दी जल्दी उसके लौड़े को फेटने लगी। मेरी चूत के अंदर अब भी भाई का माल भरा हुआ था और धीरे धीरे अंदर की तरह मेरी बच्चेदानी में जा रहा था। मैं जल्दी जल्दी उसका लंड फेट रही थी और चूस रही थी। भाई को फुल मजा आ रहा था।फिर मैंने उसको सीधा लिटा दिया और जल्दी जल्दी चूसने लगी।

मैं मुंह में गले तक भाई का लंड ले लेती और कई कई मिनट तक निकालती ही नही। मुझे साँस आना भी बंद हो जाता। इस तरह मैंने काफी देर तक हिमेश के लंड से खेला। जल्दी जल्दी मैं सर हिला हिलाकर चूस रही थी। अदरक जैसा स्वाद था भाई के लौड़े का। सुपाडा तो बेहद मोटा और गुलाबी रंग का था। उसके लंड की खाल पीछे की तरह चली गयी थी। मैं जल्दी जल्दी भाई का गुलाबी रंग का पेन की तरह दिखने वाला सुपाडा चाट रही थी। फिर मैं उसकी काली काली गोलियों को मुंह में भरकर चूसने लगी। हिमेश ऊँ-ऊँ.ऊँसी सी सी सी. हा हा हा-कर रहा था। उसे मजा आ रहा था। मैंने 15 मिनट तक भाई की गोलियां चूसी।

“बहन! चल कुतिया बन जा। अब तेरी गांड मरूँगा” हिमेश बोला

मैं तुरंत अपने घुटने मोडकर कुतिया बन गयी। अपना सिर मैंने बेड पर रख दिया और पिछवाडा उपर की ओर उठा दिया।

“बहन!! तेरा पिछवाडा तो बहुत ही सुंदर है” हिमेश बोला

“चाट लो भाई! जो कुछ है सब तुम्हारा ही है” मैंने कहा

उसके बाद हिमेश मेरे गोल मटोल पुट्ठो को हाथ लगाने लगा और सहलाने लगा। मैं “…उई..उई..उई…माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह.” करने लगी। धीरे धीरे भाई ने मेरे बम को किस करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे वो मेरी कुवारी गांड की तरफ आ गया और जीभ लगाकर चाटने लगा। मैं मचलने लगी। मुझे गुदगुदी हो रही थी। हिमेश की नुकीली जीभ मेरी गांड के अंदर घुसी जा रही थी। कुछ देर बाद उसने अपना 8″ का लंड मेरी गांड में थूक लगाकर अंदर डाल दिया। एक जोर का झटका मारा तो लंड मेरी गांड की गहराई नापने लगा। उसके बाद 30 मिनट भाई मेरी गांड चोदता रहा। मैं रो दी। फिर भाई ने मुझे गर्भ निरोधक गोली खिला दी। अब हम लोग अक्सर सेक्स और चुदाई का काम करते रहते है।



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