सास के बड़े बूब्स और गोल गांद का जादू

मैं राज हू, एक आम आदमी, जिसकी औरतों की तरफ पसंद आम नही है. अर्पिता, मेरी सास, बहुत सेक्सी है. बड़े बूब्स, गोल चूतड़, सब है उनके पास. मैं उनको ये सब बताना चाहता था, लेकिन आप जानते ही है समाज के नियम, और वो सब बकवास. तो मैने अपने काम से काम रखने का दिखावा किया, जबकि मेरी नज़र उसके हिलते हुए बूब्स पर थी, जब वो कुछ उठने के लिए नीचे झुकी थी. ये एक सुख का एहसास था, जो हर रोज़ घर में मिलता था. लेकिन मैं शादी-शुदा हू, और मेरी बीवी को ये जानने की ज़रूरत नही है, की मैं उसकी मा के लिए क्या महसूस करता हू, हैईना?

एक दिन, मुझे ज़्यादा उत्तेजना महसूस हुई, तो मैने कुछ करने का सोचा. मैं एक असली इंडियन सेक्स छत वेबसाइट पर गया, आप जानते ही है जहाँ हॉट इंडियन लॅडीस होती है. मैं सब की पिक्चर्स पर स्क्रोल कर रहा था, जब मेरी नज़र स्वतीी नाम की एक लड़की पर पड़ी. उसकी लुक अर्पिता की तरह ही थी, वही बूब्स, और वही सब. ये कुद्रट द्वारा बनाई गयी लड़की थी. फिर मैने अकाउंट बनाया, अपी की मदद से कुछ क्रेडिट्स खरीदे, और उसके साथ छत करने लगा.

उसका जो बोलने का तरीका था, वो मुझे बड़ा हॉर्नी लगा, और उसकी आवाज़ बहुत मीठी थी. मेरा शुरू में ही खड़ा होने लगा था.

वीडियो कॉल शुरू हो गयी, और वो मेरे सामने थी. स्वतीी के 38द के बूब्स उसकी ब्रा में से बाहर आ रहे थे, और उनसे खेलने के लिए बुला रहे थे. उसके ब्राउन निपल्स ऐसे थे, जो मेरे मूह में बिल्कुल फिट आने वाले थे. मैं इमॅजिन कर रहा था, की कैसे उसके बूब्स को दबाते हुए मैं उसके निपल्स को चूसूंगा. उसने आँख मारी और बोली, “हेलो हॅंडसम,” और मुझे पता चला गया की ये मेरा लिया गया सबसे अछा फैंसला था.

फिर स्वतीी ने अपने बूब्स के साथ खेलना शुरू किया. वो अपने निपल्स पर अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी, और उनको और सख़्त कर रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरा दिमाग़ पढ़ रही थी. मैं अपने कमरे में था, मेरी पंत मेरे घुटनो तक थी, और मेरा लंड मेरे हाथ में था, जिसको मैं हिला रहा था. उसने मेरा सख़्त लंड देखा और बोली, “ऐसा लगता है की कोई शो को एंजाय कर रहा है.” ये बोल कर उसने एक शीतनी मुस्कान दी. कसम से उसकी जो स्माइल थी, बिल्कुल अर्पिता के जैसी थी. ऐसी स्माइल जो मुझे सब कुछ छ्चोढ़ कर उसके पास जाने को मजबूर कर दे.

“बताओ मुझे, राज, उसने कहा, “क्या पसंद है तुमको अपनी सास का?” मैं बोल पड़ा, “उसके बड़े बूब्स, गोल गांद, सब कुछ.” स्वतीी हस्सी, और मुझे महसूस हुआ, की शायद मुझे ये नही बोलना चाहिए था. लेकिन अब देर हो चुकी थी. उसने भी बात पर ध्यान नही दिया, और खड़ी हो गयी. फिर वो घूम गयी, और अपने समान के पुर दर्शन कराए.

उसने एक तोंग पहना था, और उसके चूतड़ टाइट थे, जैसे मैने अर्पिता के इमॅजिन किए थे. “मैं देख सकती हू क्यूँ”, उसने कहा, “लेकिन मेरी गांद क्या क्या? क्या ये उसकी गांद की तरह सेक्सी है?”

मेरे पास बोलने के लिए शब्द नही थे, और मैं बस मूह हिला रहा था. मेरी आँखें स्क्रीन पर जाम गयी थी. फिर स्वतीी ने अपनी गांद लहराई, जिससे उसके चूतड़ आपस में टकरा गये. “तुमने पसंद आए?” उसने पूछा, और मैं हल्की आवाज़ में “हा” बोलने में कामयाब रहा.

फिर उसने अपने तोंग को साइड करके अपनी गांद का पिंक च्छेद दिखाया. ये बिल्कुल पर्फेक्ट था, जैसा मैं अर्पिता का सोचा करता था. “तुम और देखना पसंद करोगे?”, उसने पूछा, और मैने जल्दी से हा में सिर हिलाया. फिर वो घूम गयी, और नीचे बैठ गयी. उसकी छूट अब पूरी दिख रही थी.

उसकी छूट शेव करी हुई थी, और गीली थी. उसने छूट के मूह को अपनी उंगलियों से खोला. “तुम यहीं चाहते हो ना?” उसने कहा, और मुझे यकीन नही हुआ कितना लकी था मैं.

स्वतीी अपनी छूट पर धीरे-धीरे गोल-गोल उंगली घूमते हुए उसको रगड़ने लगी. उसकी साँसे भारी हो रही थी. “बताओ मुझे तुम अर्पिता के साथ क्या करोगे”, उसने फुसफुसाया, और मेरे लंड ने झटका मारा. “मैं उसको चूमता,” मैने कहा, “उसके पुर जिस्म को, और फिर उसके बड़े बूब्स चूस्टा, और फिर उसके पेट तक चूमते हुए जाता, और फिर उसकी…” मैं रुक गया, लेकिन उसने बात पूरी की. “मेरी छूट,” उसने कहा, “क्या तुम मेरी छूट चाट-ते?”

“एस,” मैने कहा, काफ़ी ज़ोर से. “मैं पहले इसको धीरे चाट-ता, फिर फास्ट. उसके बाद अपनी उंगलियाँ छूट में डालता तुम्हारी, उसकी छूट में.” उसने अपनी टाँगें चौड़ी की, और मैं देख सकता था की वो कितनी भीगी हुई थी. उसकी छूट पर्फेक्ट थी, और मुझे यकीन नही हो रहा था, की मैं ऐसे किसी से ये सब बोल रहा था जो बिल्कुल अर्पिता जैसी लगती थी.

स्वतीी ने अपनी एक उंगली अंदर डाली, फिर दूसरी भी, और फिर उनको इस तरह से अंदर-बाहर करने लगी, जिसको देख कर मेरा दिल किया, की मैं अपना फोन फेंक डू, और उसके पास टेलेपॉर्ट हो जौ. वो मुझे देख रही थी. उसकी आँखें आधी बंद थी, और मैं देख सकता था, की उसकी च्चती उठ-बैठ रही थी, जैसे-जैसे वो ये कर रही थी. “ये करूँगी मैं,” उसने कहा. उसकी आवाज़ थोड़ी उखाड़ रही थी. “लेकिन तुम्हारे लंड का क्या?”

“मुझे लंड तुम्हारे अंदर डालना है,” मैने लंड हिलाते हुए क़ुबूल किया. “क्या तुम मुझे करने डोगी?” मैने पूछा, इस बात से अंजान रहते हुए की मैं स्वतीी से पूच रहा था, या अर्पिता के ख़यालों में डूब कर उससे पूच रहा था.

“म्‍म्महं,” उसने कहा, उसकी आँखें स्क्रीन पर थी, और मैं लंड हिला रहा था. “कैसे करोगे तुम ये?” उसने सॉफ्ट आवाज़ में पूछा.

मैने कहा, “मैं इसको धीरे से अंदर डालूँगा, और फिर तेज़ करूँगा, ये पक्का करके की तुम मेरे लिए तैयार हो.”

“एम्म, ये सही है,” स्वतीी ने कहा. उसकी आँखों में डिज़ाइर था. “और टीटा का क्या?”

“मैं उनके साथ खेलूँगा,” मैने जवाब दिया, ये महसूस करते हुए की मैं मदहोश था. “उनको आराम से दबौंगा, शायद उसके निपल्स पर पिंच करू उसको छोड़ते हुए,”

स्वतीी ने सिर हिलाया, उसके हाथ तेज़ी से उसकी टाँगों के बीच में मूव करने लगे. “और उसकी गांद?” उसने सेडक्टिव आवाज़ में पूछा.

“उसकी गांद,” मैने कहा, उत्तेजित आवाज़ में, “मैं उसको पाकडूँगा, और दबौंगा उसको छोड़ते हुए.” मेरा काम अब होने वाला था. मेरी बॉल्स टाइट हो रही थी.

“एमेम,” स्वतीी ने फुसफुसाया. उसकी आँखें मेरी स्क्रीन पर जमी हुई थी. “और क्या तुम उसके अंदर झादोगे?”

“ओह, हा,” मैने मोन किया. “मैं उसकी छूट भर दूँगा, और वो मेरा नाम चिल्लाएगी.”

स्वतीी की आँखें बड़ी हो गयी, और उसने कहा, “फिर मेरे लिए झड़ो बेबी. मुझे देखना है.” और मैं उस लम्हे में खो गया. मैने तेज़ी से लंड हिलाया. मेरी आँखें उसकी गीली छूट पर थी, जिस पर वो अपना काम कर रही थी. उसके बूब्स उछाल रहे थे हर झटके के साथ. मैं इमॅजिन कर रहा था की वो अर्पिता के नही बल्कि मेरे हाथ थे. उसकी तरफ से मुझे मोनिंग की आवाज़ आ रही थी.

“फक,” मैने कहा, क्यूंकी मैं झड़ने वाला था. “मेरा आने वाला है.”

स्वतीी की आँखें क्रिस्मस ट्री की तरह चमक गयी. “निकालो,” उसने कहा. उसका हाथ भी तेज़ चल रहा था. “मैं तुम्हे झाड़ते हुए देखना चाहती हू, अपने लिए.”

मैं बहुत करीब था. मैने उससे कहा, “उसकी गांद भी बहुत टाइट है, जैसे मेरा लंड मुट्ठी में लिया हो.”

स्वतीी की आँखें बड़ी हो गयी, और उसने कहा, “ओह, मैं महसूस कर सकती हू, बेबी. “करते रही, और मुझे बताते रही.”

उसके हॉंसले ने मुझे किनारे तक पहुँचा दिया. मैने अपने लंड को कस्स लिया. मेरी नज़र उसकी छूट पर थी. उसके बूब्स उछाल रहे थे, और मैं अर्पिता के हाथो को महसूस कर रहा था. उसके मोन्स मुझे स्क्रीन की दूसरी साइड से आ रहे थे.

मैं बहुत ज़ोर से झाड़ा, और मेरे लंड से लंबी पिचकारी निकली, जो मेरे पेट और च्चती तक चली गयी. सब गंदा हो गया, लेकिन मज़ा बहुत आया. स्वतीी के हाथ अभी भी उसकी टाँगों में अपना काम कर रहे थे. तभी मैने देखा की उसकी छूट का पानी भी निकल रहा था. “फक,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में मज़ा और शांति दोनो थे. “तुम बहुत मज़ा देते हो इसमे.”

मेरी साँस चढ़ि हुई थी, और उसको मैं कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था. “तुम भी,” मैने कामुकता भारी आवाज़ में कहा. उसने स्माइल की अपने सुंदर दाँत दिखाते हुए, और कहा, “तुम बहुत प्यार करते हो अपनी सासू मा से, हैईना?”

“ये बस एक फॅंटेसी है,” मैने जवाब दिया, अपनी चेस्ट से माल पोंछते हुए. “लेकिन तुमने इसको बिल्कुल सच बना दिया.”

स्वतीी हस्सी, उसकी इस आवाज़ ने मेरे अंदर करेंट सा दौड़ा दिया. “इसीलिए मैं यहाँ पर हू, डार्लिंग,” उसने चमकती हुई आँखों से कहा. फिर वो अपना नंगा जिस्म दिखाते हुए खड़ी हो गयी. उसके बूब्स बड़े थे, और निपल्स अभी भी बहुत सख़्त थे. “तुम और देखना चाहोगे?”

“हा बिल्कुल, लेकिन अभी मैं तोड़ा तका हुआ महसूस कर रहा हू झड़ने की वजह से. तो कभी और सही.” अपना शरीर गंदा होने पर भी मैने उसको नॉर्मल फील करते हुए कहा ये.

वो हस्सी, उसकी आँखों में चमक थी. “तुम आचे लगते हो, जब शरमाते हो तो,” उसने मुझे टीज़ करते हुए कहा. “लेकिन मैं समझती हू. हम अगली बार के लिए मज़ा बचा कर रखते है.” फिर वो उठ कर अपने बेड की तरफ गयी. उसके बड़े टिट्स ज़िज्गले कर रहे थे उसके चलने पर. उसमे काफ़ी कॉन्फिडेन्स था, जो तुम्हे ये फीक करा देगा की तुम नंगे हो, वो नही.

फिर उसने टवल लिया, और खुद को पोंछने लगी, मुझे एक और नज़ारा दिखाते हुए. उसकी स्किन केरमल की तरह थी, और वो एक मुजस्सीमा लग रही थी.

“इस कमाल के वक़्त के लिए शुक्रिया,” मैने कहा उसको. मेरी साँसे अभी भी उखाड़ रही थी. स्वतीी ने मुझे अपने 38द के पर्फेक्ट चूतड़ दिखा कर मेरे खून के बहाव को फिर से तेज़ कर दिया. “इट’स मी प्लेषर,” उसने कहा.

और इसके साथ हमारी छत ख़तम हुई, और मैं बातरूम में क्लीन करने गया. इस एक्सपीरियेन्स से मुझे एक टीनेजर की तरह फील हो रहा था, जिसने अभी-अभी मूठ मारना सीखा हो. मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था, और मुझे संतुष्टि और शरम की मिक्स फीलिंग आ रही थी. मैं अब जल्दी से जल्दी स्वतीी के साथ दोबारा मुलाक़ात चाहता था. लेकिन उससे पहले मुझे खुद को क्लीन करना था.

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