रूपाली की टाइट चूत का बाजा बजाया

एक सच्ची घटना, मेरा नाम रूपाली है और मैं 19 साल की एक कमसिन, अन्छुइ कली हू. मुझे सेक्स के बारे में सुनना और ब्लू फिल्म देखना अच्छा लगता था. मैं अपनी सहेली के साथ कई बार ब्लू फिल्म देख चुकी थी और सेक्स की भी इच्छा होती थी लेकिन अंदर से डर भी लगता था. मैं अभी अभी इंटर स्कूल में अड्मिशन लिया था और रोजाना घर से लोकल बस पकड़ के स्कूल जाती थी.

एक दिन
स्कूल जाने के लिए भीड़ से भादी बस मे चाड गयी इतनी भीड़ थी कि पुछो मत, स्कूल घर से 15 किमी दूर में था और 1-1.5 घंटे लगते थे. बस एक स्टॉप पर रुकी तभी आवारा किस्म के 4 लड़के बस में चढ़ गये, और सरकते सरकते मेरे पास आ गये और मुझे तकरीबन घेर लिया उन चारो ने, दो आगे से दो पिछे से. यानी कि उनकी हर्कतो को कोई देख ना सके. उस दिन मैं स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी, मेरे शर्ट में से मेरी गोल गोल उभरी हुई चूंचिया बहुत मस्त दिख रही थी यहा तक कि लाल लाल घुंडी भी सॉफ सॉफ दिखाई दे रही थी.

उन चारो लड़को की नियत अच्छी नही लग रही थी, ड्राइवर जब ब्रेक लगता तो कभी वो मेरी गंद पे हाथ लगाते तो कभी वो अपने हाथ से मेरी चूंची दबा देते. मैं कसमसाती रही उन चारो के बीच लेकिन उनपेर कोई असर नही हुआ और मुझ से बदतमीज़ी करते रहे. अब तो उनमे से एक ने मेरी गांद में उंगली कर दी तभी दूसरे ने चूंची की घुंडी को मसल दिया ऐसा यह लोग करते ही रहे, मैं चाह कर भी कुछ नही कर सकी. आहिस्ता आहिस्ता मुझे भी मज़ा आने लगा आब तो चारो मे बहुत हिम्मत आ गयी क्यूंकी मैं खामोश थी और यह लोग लगातार मेरी जवानी से खेल रहे थे, अभी भी स्कूल आने में आधा घंटा और था. मैं सोचने लगी आब इनका विरोध करना बेकार है इसमे बदनामी भी मेरी ही है और मैं चुपचाप उनलोगो से मज़े लेने लगी.

एक ने मेरे कान में बोला क्या नाम है तुम्हारा, मैं बोली रूपाली, फिर उसने कहा मैं समीर तुम्हे मज़ा आ रहा है. मैं कुछ नही बोली चुपचाप अपने चूतर को समीर के लंड से सटा कर खड़ी रही और वो मज़ा लेता रहा. मैं मदहोश हो चुकी थी आब मन कर रहा था कोई मेरी चूत की जमकर चुदाई कर दे. तभी स्कूल आ गया, मुझे स्टॉप पे उतरते देखकर वो चारो भी उसी स्टॉप पर उत्तर गये और मेरे पिछे चलने लगे.अचानक से समीर की आवाज़ मेरे कान में आई रूपाली मैं पीछे मूडी चारो मुझे घूर रहे थे और मेरे नज़दीक आ गये और मेरा हाथ पकड़ कर साइड में ले गये.

उनमे से एक ने बोला कहाँ जा रही है हम लोगो को प्यासा छोड़ के, आज तुम्हे हम लोगो के साथ चलना पड़ेगा और हम लोगो की प्यास भुजानी पड़ेगी. मैं घबराई और बोली आज नही फिर कभी, तभी समीर बोला आज क्यू नही रूपाली रानी आज तो हम सभी तैयार है और ऐसा मौका रोज रोज नही आता. राजेश का घर यही पर है और खाली भी उसके घर में कोई भी नही है चलो आज राजेश के घर में मज़ा लेंगे, क्यू राजेश. राजेश ने तपाक से बोला हां मैं तैयार हूँ. फिर क्या था

अब आगे की स्टोरी समीर के ज़ुबानी मैने और राजेश ने रूपाली का हाथ पकड़ा और घर की तरफ चल पड़े. रास्ते में रूपाली बोली 3 बजे मुझे इसी स्टॉप पर छोड़ देना, हम सभी ने रजा मंदी दिखाई और रूपाली हम लोगो के साथ चल पड़ी. 5 मिनमें ही हम सभी राजेश के घर
में थे, हम सभी बहुत खुश थे कि आज रूपाली का गॅंग रेप करेंगे कितना मज़ा आयगा साली एकदम कुँवारी माल है, मैं तो गांद और बुर दोनो की चुदाई करूँगा जम कर. हम सभी सोफा पर बैठ गये और अपने आप को इंट्रोड्यूस किया. मैं समीर-20 यर्स, यह राजेश-18 यर्स, आफताब-22 यर्स और प्रकाश-20 यर्स, हम चारो बहुत ही गहरे दोस्त है. आब तुम अपने बारे में बताओ रूपाली. मैं एक बिंगाली
फॅमिली से बिलॉंग करती हूँ, अभी 19 साल की हूँ, मेरे घर में मेरी एक बड़ी बेहन ,मा और पिताजी है. हूँ तो 19 साल की पर दिखती हूँ 18-20 की यह साब ख़ान पान की बजह से है. वैसे भी बिंगाली लौंडिया बहुत सेक्सी और मस्त होती है, आफताब बोल पड़ा.

यह कहानी भी पड़े  बाय्फ्रेंड और गर्लफ्रेंड के पानी निकालने की कहानी

अब आगे की कहानी मेरी ज़ुबानी मैं शरमाई सी इधर उधर देखती रही, अब सभी ने अपने अपने लंड को रगरना सुरू किया और चारो मिल कर मुझे छेड़ने लगे. समीर बोला, है क्या माल है साली की आज जम कर चुदाई करेंगे, राजेश और प्रकाश ने अपने लंड को मसल्ते हुए मेरी गांद पे हाथ लगाया और कहा कि हाई क्या बेंगाली लौंडिया है मा कसम आज तो बेंगाली गांद और बेंगाली चूत की घमासान चुदाई करूँगा. मैं सोचने लगी कि रूपाली डार्लिंग आज तो तेरी चूत और गांद की खैर नही, पता नही कौन कौन सी स्टाइल में चोदेन्गे यह लोग और इन लोगो के लंड का साइज़ भी पता नही आब जो भी चुदवाना तो पड़ेगा ही.

फिर राजेश ने फ़्रीज़ से शराब की बोतल निकाली और चारो ने 2-2 पेग पिया एक पेग मुझे भी पिलाई. आब मुझे हल्का सा नशा आने लगा और मुझे चारो दोस्त छेड़ने लगे, समीर ने मुझे खींच कर बेड पर लेटा दिया, मेरे एक साइड राजेश, दूसरी तरफ आफताब, पैर की तरफ समीर और प्रकाश. ऐसा लग रहा था कि मेरा बलात्कार होने वाला है. सभी ने मेरी गदराई और सेक्सी जिस्म को चूमने चाटने लगे, राजेश ने मेरे शर्ट के बटन को खोल दिया और मेरी कसी कुई चूंची को हाथो से मसलना सुरू किया इधर आफताब ने मेरी दूसरी चूंची को अपने मुँह में ले कर चूसना सुरू किया. मेरे पैर के पास समीर और प्रकाश बैठे थे उन्दोनो ने मेरी स्कर्ट को पैर से खींच कर उतार दिया और मेरी जाँघो को सहलाना सुरू किया. मेरी चिकनी जाँघो को देख कर दोनो ही पागल हो गये तभी समीर ने झटके से मेरी पॅंटी को पैरो से खींच कर अलग कर दिया, आब मैं बिल्कुल ही नंगी उनलोगो के बीच में तड़प रही थी और अपने आप को छुड़ाने का असफल प्रयास करने

लगी. तभी समीर गुस्से से बोला साली चुप चाप पड़ी रह नही तो तेरी कमसिन चूत का बॅंड बजा दूँगा बगैर तेल के लॉडा घुसेड दूँगा इतना
कहते ही मेरी चूत में अपना एक मोटी सी उंगली घुसेड दी मैं चीख पड़ी. तभी आफताब और राजेश बोल पड़े साली आज तुझे कुतिया बना के अपने गधे जैसी लंड से चोदुन्गा. मैं समझ गयी की आब तो मैं फँस चुकी हूँ चाहे जैसे भी हो चुदवाना तो पड़ेगा वो भी इनलोगो के मुताबिक. आब समीर ने मेरी चूत में अपनी जीव्ह घुसेड दिया और चाटने लगा मैं तो जन्नत में सैर करने लगी. राजेश और आफताब मेरी चूंचियो को चूस रहे थे समीर मेरी चूत को और प्रकाश मेरी चूतरो को सहला रहा था. चूमते चाटते सभी मेरी मदमस्त जवानी की तारीफ
कर रहे थे, क्या बेंगाली माल है साली की गांद कितनी मस्त है चूत का तो जबाब ही नही चूंची तो बिल्कुल रसगुल्ले जैसी है कितना मज़ा

आयगा जब हम सब लोग इसकी चुदाई करेंगे. करीब आधे घंटे बाद साभी मुझ से अलग हो गये और चारो ने अपने कपड़े खोल दिए आब बेड पर हम सभी मदरजात बिल्कुल नंगे थे. बाप रे बाप क्या लंड है इनलोगो के सबके कम से कम 7-8 इंच लंबे और 2-3 इंच मोटे होगे.
मैं घबरा गई और बेबस होकर उनलोगो की तरफ देखने लगी, तभी समीर ने बोला रूपाली डार्लिंग घबराओ मत हम लोग कई लौंदियो को साथ साथ चोद चुके है तुम्हे हम लोग बहुत प्यार से चोदेन्गे लेकिन हम लोगो की बात नही सुनी तो तेरा बलात्कार करेंगे और बहुत बुरे तरीके से चोदेन्गे,क्यू दोस्तो सभी ने हां में हां मिलाई लेकिन चुदाई के पहले तुम्हारे इस मक्खन जैसे बदन , बिना बालो वाली कली जैसी चूत, मटके समान फूली हुई मदमस्त गांद और कसे हुए लाल लाल चूंचियो का भरपूर मज़ा लेंगे फिर बारी बारी से तुम्हारी गांद और चूत की चुदाई करूँगा उसके बाद तुम्हारा गॅंग रेप करूँगा. गॅंग रेप समझती हो रूपाली डार्लिंग इसका मतलब होता है एक साथ गांद और चूत के छेद में चुदाई अदल बदल कर यानी कि हर बार एक अलग लॉड से एक साथ चुदाई कसम से बेंगाली चूत और मतवाली गांद को चोदने में बहुत मज़ा आयगा, तुम्हे भी मज़ा आयगा.

यह कहानी भी पड़े  मेरी मौसेरी बहन की चुदाई

और इस तरह पहले मुझे बेड पर घुटनो के बल खड़ा किया अबताफ़ ने मेरी चूत में समीर गांद में, राजेश और प्रकाश चूंची और मुँह में लग गये. समीर ने मेरी बेदाग सी गोल और फूली हुई गांद पेर जीब फिराना सुरू किया और आहिस्ता आहिस्ता गांद के दोनो भागो को चीर कर गुलाबी छेद में अपना जीभ घुसेड दिया और कहा रूपाली डार्लिंग बड़ी खूबसूरत गांद है तुम्हारी बिल्कुल डबल रोटी की तरह एक दम सॉफ्ट है कितना मज़ा आ रहा है गांद चाटने में, मुझे नही पता था कि बेंगाली गांद इतनी मतवाली होती है आब तो जब भी मौका मिलेगा हम लोग तुम्हारी चुदाई करेंगे. मैं बेचारी रूपाली चुप चाप आफताब और समीर के जीभ से अपनी चूत और गांद को चुदवाती रही. आब तक दोनो ही छेद थूक से गीले और चिकने हो चुके थे और उन चारो के लंड मूसल की तरह कड़क हो गये,

तभी राजेश
ने चार टॅबलेट लेकर आया और सभी ने 1-1 गोली खा ली. मैं पूछी कौन सी गोली थी तो राजेश ने कहा जानेमन सेक्सपवर की गोली थी इसको खाने से लंड 40-45 मिनट तक ऐसे ही तनटना रहेगा ताकि हम लोग तुम्हारी इस मतवाली गांद और रसीली चूत की चुदाई जबरदस्त तरीके से जाम के कर सके. सभी ने अपने अपने मूसल जैसे लंड को तेल में चुपोर कर मेरी गदराई सी जवानी को ललचाई नॅज़ारो से देखने लगे और मुझ से पूछा किसका लंड कौन से छेद में लेगी, तुझे तुम्हारे मनपसंद लंड से चोदुन्गा. जल्दी बता चूत में किसका लेगी और गांद में किसका लंड घुस्वाएगी, मैं चारो का लंड हाथ में लेकर देखने लगी और बोली चूत में आफताब का गांद में समीर का और मुँह में राजेश और प्रकाश का बारी बारी से. उन चारो ने कहा लेकिन उसके पहले हम सभी लोगो का लंड चूसना

होगा और मैं बारी बारी से उन चारो का लंड मुँह में लेकर चूसना सुरू किया क्या लंड है एकदम मूसल की तरह कारक और गधे जैसे तकरीबन 20 मिनट की चुसाइ के बाद सभी लोग काफ़ी खुश थे मेरे इस जबाब से और तैयारी सुरू हो गयी मेरी चुदाई की. सभी ने अपना
अपना पोज़िशन ले लिया, आफताब ने अपने पॉकेट से एक गेल निकाला और अपने लंड और रूपाली की छूट में अच्छी तरह से लगाया फिर छूट के छेड़ पेर अपने सुपरे को घिस्सना सुरू किया और एक ज़ोर का धक्का मारा लंड फ़चक से अंदर घुस्स गया जेल की वजह से ना तो ज़्यादा दर्द हुआ ना ही लॉड को घुसने में तकलीफ़ आब ढकधक लंड अंदर बाहर करने लगा.

आब बारी थी समीर की उसने भी ठीक वैसा ही किया जेल को अच्छी तरह गांद के छेद पर लगाया और अपने मुँह से ढेर सारा थूक निकाल कर गांद के छेद
पे लगा दिया. फिर अपने लॉड के सुपरे को छेद पेर भिड़ा कर एक ही धक्के में सारा लंड गांद में घुस्सा दिया और इस तरह समीर और आफताब ने गांद और चूत की चुदाई सुरू के साथ ही साथ मैं लगातार राजेश और प्रकाश का लंड भी चूस रही थी. फिर चारो ने बारी बारी से मेरी की रसीली चूत और मतवाली गांद को अदल बदल कर खूब बेरहमी से चोदा मतलब चार बार चार लंड से गांद की चुदाई
फिर चार लंड से चूत की चुदाई साथ ही साथ चार अलग अलग लंड की चुस्साई, तकरीबन 40 मिनट की चुदाई के बाद सभी ने मेरी गांद और चूत को पिचकारी की तरह बिर्य से भर दिया. सभी सांत हो चुके थे मुझे को इस गॅंग चुदाई में खूब मज़ा आया और अब घर जाने को तैयार थी.
समाप्त



error: Content is protected !!