रियान अंकल 1 पार्ट 15

रियान अंकल 1 पार्ट 15
लेखक- सीमा
अब आगे की कहानी
शरमाई तो वह अब भी, लेकिन पहले की तरह उसने आँखें बंद नहीं की, बल्कि चुपचाप पहले अजय और बाद में रियान का लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी।
अभी उनके लण्ड पूर्ण उत्तेजित नहीं थे और उन्होंने इस बहाने उसे ढेर सारी चॉकलेट खिलाई, तब कहीं जाकर उनके लौड़े पूर्ण रूप से तन पाए कि उसकी गाण्ड का मज़ा ले सकें।
इसके बाद थोड़ी चॉकलेट छोड़ कर बाकी जो भी थी उन्होंने उसके पेट, कंधे, गर्दन और खास कर चूचियों और जाँघों पर मल दीं और दोनों ऊपर-नीचे हो कर कुत्तों की तरह उसे चाटने में जुट गए।
अब आनन्द के अतिरेक से स्वाति की आँखें मुंद गईं और वह हौले-हौले सिसकारने लगी, और ये दोनों पूरे मजे से उसके शरीर को चाटने में लगे थे।
जब सारे शरीर से चॉकलेट साफ़ हो गई तो बची चॉकलेट रियान ने आधी तो उसकी चूत में मली और भर दी और बाकी आधी उसकी गाण्ड के छेद के अन्दर और बाहर मल दी।
अब रियान सीधा लेट गया और उसके ऊपर स्वाति को कुतिया की तरह ऐसे व्यवस्थित किया कि उसकी चूत बिलकुल उसके मुँह पर आ गई और उसका लण्ड स्वाति के मुँह में।
रियान अब उसकी चूत के अन्दर बाहर भरी चॉकलेट को चाटने लगा जो कि पक्का उसके रस से मिल कर कुछ ज्यादा ही स्वादिष्ट हो गई होगी।
और अजय ने उसके चूतड़ थाम कर उसकी गाण्ड का छेद चाटने लगा, साथ ही जीभ नुकीली करके छेद के अन्दर भी उतार देता था।
इस दोहरी चुसाई की उत्तेजना में स्वाति रियान के लण्ड को मुँह में लिए पागलों की तरह चूसने लगी, रियान को भी उसकी लंड चुसाई में बहुत मजा आ रहा था।
लेकिन इस चाटम-चाट में रियान और अजय के चेहरे इतने पास थे कि वो एक-दूसरे की साँसें महसूस कर सकते थे।
कुछ देर बाद स्वाति अपना एक हाथ उठा कर अपने चूतड़ सहलाने लगी जो कि उन दोनों के लिए इशारा था कि वह अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।
रियान ने सीधे होकर अपना लण्ड थूक से गीला करके उसके गुलाबी मुलायम से गांड़ के छेद पर रखा और थोड़ा ज़ोर लगा कर अन्दर उतार दिया।
स्वाति की एक गहरी सांस छूट गई और उसने रियान का लंड बाहर निकाल कर अपनी आँखें बंद की और अपने शरीर के निचले हिस्से में लण्ड और जुबान से पैदा आनन्द की लहरों को एकाग्र होकर अनुभव करने लगी।
लेकिन इस तरह की गाण्ड मराई में अजय की गोलियाँ रियान की नाक से टकरा रही थीं लेकिन उसने भी आज किसी ऐतराज़ अवरोध को खातिर में नहीं लाना था।
रियान अपना काम करता रहा और अजय उसकी गाण्ड मारता रहा, कुछ देर की चुदाई के बाद स्वाति ने आँखें खोल कर रियान को देखा।
वह कुछ बोली नहीं लेकिन वो उसकी आँखों की भाषा समझ सकता था और वो हट गया और अजय से बोला कि अब में भी इसका मजा ले लूं।
और अजय खुद नीचे होकर स्वाति की चूत के नीचे रियान की जगह पहुँच गया और रियान बाहर निकल कर अजय की जगह उस की गांड़ के पास।
अजय ने उसकी बहती हुई चूत को हाथ से ही साफ़ किया और फिर खुद जुबान लगा दी, उसके चेहरे के बिल्कुल पास स्वाति की गाण्ड का खुला हुआ छेद था।
बल्कि रियान का मोटा लन्ड भी जो अपने हाथ से पकड़ कर गांड़ के छेद में घुसा रहा था, रियान सोचने लगा कि मेरी बनाई जगह उसके लिए अपर्याप्त थी।
तो उसे ऐसे लग रहा था जैसे वो फंस गया हो, दूसरी तरफ स्वाति को भी पता था कि रियान के लण्ड से उसकी गाण्ड का हाल बुरा होने वाला था।
और उसे दर्द सहना पड़ेगा, लेकिन अब जब मिला ही है तो वो इस लण्ड को हर तरह से ग्रहण कर लेने में पीछे नहीं रहना चाहती थी।
अजय ने रियान को थोड़ा पीछे सरका कर अपना ढेर सा गाढ़ा थूक स्वाति के पानी सहित उसके छेद पर उगल दिया, जिससे छेद एकदम से चिकना होकर चमक उठा।
और अब जब रियान ने टोपा सटा कर ज़रा सा ज़ोर लगाया तो स्वाति का छल्ला खुद को फैलने से न बचा पाया और उसका टोपा एकदम से अन्दर हो गया।
दर्द से स्वाति ज़ोर से कराही और स्वाभाविक रूप से आगे सरकी ताकि रियान के लण्ड को निकाल फेंके, लेकिन उसी पल में रियान ने और अजय ने उसे रोक लिया।
और उसने भी अपनी बर्दाश्त की क्षमता को उपयोग करते हुए खुद को ढीला छोड़ दिया, रियान ने कुछ देर लण्ड अन्दर रख कर जो बाहर निकाला तो अजय के एकदम समीप, पक्क, की आवाज़ हुई।
और रियान का सुपाड़ा बाहर आते ही स्वाति का छेद एकदम इस हद तक खुला रह गया कि उसकी चूत में जुबान घुसाते हुए अजय को छेद के अन्दर के गुलाबी भाग तक के दर्शन हो गए।
पऱ अगले पल में रियान ने फिर अपना लण्ड छेद से सटा कर दबाया तो फिर स्वाति कराही और लण्ड का अगला भाग अन्दर हो गया।
इस बार रियान ने 3 इंच और अन्दर सरकाया, कुछ पल रोक कर छेद को एडजस्ट होने का मौका दिया और फिर बाहर निकाल लिया, छेद फिर उसी तरह खुला।
अजय ने इस बार और अपना गाढ़ा थूक स्वाति की गांड़ के अंदर उगल दिया, तीसरी बार रियान ने जब स्वाति की गाण्ड में अपना लण्ड घुसाया तो अपेक्षाकृत अंदर चिकनाई से लंड आसानी से घुस गया।
और इस बार रियान ने लण्ड बाहर न निकाल कर धीरे-धीरे एसे अन्दर सरकाया कि उसकी गोलियाँ अजय की नाक के पास आ गईं और उसका समूचा लन्ड उसकी गाण्ड में अन्दर तक धंस गया।
बर्दाश्त करने में स्वाति का पसीना छूट गया और आंखो से आंसू आ गए, अजय ने उसके आंसू देखे और सोचने लगा कि मैं लगातार उसकी चूत को चाटने में लगा हूं।
और उसे गर्म कर रहा था जिससे वह इस दर्द से लड़ पा रही थी वरना उसे पक्का आफत आ जाती, कुछ देर बाद उसका दर्द का एहसास कम होने लगा ।
तो रियान ने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए, अजय के लिए अजीब नज़ारा था, उसकी आँखों से सिर्फ डेढ़ इंच दूर एक मोटा लम्बा लंड उसकी बीबी की कसी हुए गांड़ के छेद में अन्दर-बाहर हो रहा था।
और उसकी गोलियाँ हिलती हुई अजय के चेहरे से दूर होती और फिर पास आ जाती, धीरे-धीरे स्वाति उस दर्द से उबर गई और चूतड़ खुद ही आगे-पीछे करने लगी।
तो अजय अब उसकी चूत की चटाई सही से नही कर पा रहा था और वो उसके नीचे से निकल आया और जब रियान गांड़ के छेद को चोदकर हटा ।
तो अजय ने अपना लन्ड घुसा दिया, उसे गांड़ का छेद भी चूत के छेद की तरह ही एकदम ढीला और फैला हुआ लगा जो उसके लण्ड को मज़ा न दे पाया।
अजय को महसूस हुआ कि स्वाति के शरीर में भी मायूसी सी महसूस की जैसे रियान के लण्ड को लेने के बाद उसके लन्ड से मज़ा न आ रहा हो।
लेकिन बहरहाल हिस्सेदारी के लिए ये सब ज़रूरी था, और अब अजय धक्के लगाने लगा, रियान पास ही बैठ कर हाथ से स्वाति की चूत सहलाने लगा।
फिर कुछ देर में अजय हटा तो रियान ने अपने लंड से स्वाति की गाण्ड की तेज तेज पेलाई चालू कर दी, अब स्वाति को भी भरपूर मज़ा आने लगा था।
कुछ देर के चूदाई के बाद स्वाति ने एक बार फिर उन दोनों की तरफ निगाहें घुमा कर इशारा किया, जिसे अजय तो न समझा लेकिन रियान बखूबी समझा था।
और रियान ने उसकी गांड़ के छेद से लंड को पूरा बाहर निकाला और बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और अजय के सहारे से स्वाति सीधी हो गई।
फिर अजय के हाथों का सहर लेते हुए स्वाति रियान के लण्ड पर ऐसे बैठी कि रियान का खड़ा लण्ड उसकी चूत में जगह बनाते हुए अन्दर तक उतर गया।
पूरा लण्ड अन्दर लेने के बाद स्वाति रियान के ऊपर ऐसे झुकी कि उसके होंठ रियान के होंठों से टकराने लगे और वो भी उन्हें चूसने से कहाँ बाज़ आने वाला था।
पर इस पोज़ीशन में स्वाति के दोनों छेद अजय के ठीक सामने हो गए, चूत में रियान का लण्ड ठुँसा हुआ था और गाण्ड का छेद अभी खाली था।
अजय ने गांड़ के छेद में अपना लण्ड उतार दिया, स्वाति के अगले छेद में रियान का मोटा और भारी लण्ड होने के कारण उसके पिछले छेद में जगह कम बची थी।
जिससे अजय को अपने लण्ड पर भी वैसे ही कसाव महसूस हो रहा था जैसे पहले चूदाई के टाइम होता था।
और यूँ दो लंडों को एकसाथ अपने दोनों छेदों में लेकर स्वाति को तो जैसे जन्नत नसीब हो गई, उसने रियान के चेहरे से अपना चेहरा हटा लिया।
और अपनी आँखें बंद करके इस आनन्द को पूरी तरह महसूस करके सिसकारने लगी और इसी स्थिति में वो दोनों जोर जोर से धक्के लगाने लगे।
रियान इस तरह नीचे होने के कारण ठीक से धक्के नहीं लगा पा रहा था तो स्वाति ने ही खुद को ऐसे आगे-पीछे करना शुरू किया कि उन दोनों के लंडों को धक्के मिलने लगे।
और इस तरह वह बेचारी सीधी औरत अब एक घोर चुदक्कड़ रण्डी की तरह अपने दोनों छेदो को चुदाती रही जब तक कि थक न गई।
थोड़ी देर के बाद उन दोनों ने जगह बदली, अजय को रियान के लण्ड से खाली हुई स्वाति की चूत फिर एकदम ढीली और फैली लगी लेकिन जैसे ही रियान ने स्वाति की गाण्ड में अपना लण्ड पेला।
तो उसे एकदम से कसाव महसूस हुआ, अब थकी स्वाति तो धक्के न लगा पाई, रियान ही आगे-पीछे हो कर ऐसे तूफानी धक्के लगाने लगा कि अजय के लन्ड को अपने आप धक्के मिलने लगे।
स्वाति ने अपनी आँखें फिर भींच ली थी, पर उसके चेहरे पर छाए बेपनाह आनन्द के भाव अजय से छिपे नहीं थे, जब रियान भी कुछ थक गया तो वो दोनों ही अलग हो गए।
अब रियान बेड के किनारे बैठा और अपने ऊपर स्वाति को ऐसे बिठाया कि उसकी गाण्ड अजय के लण्ड पर फिट हो गई।
और अजय ने उसके घुटनों के नीचे से हाथ निकाल कर उसकी टाँगें ऐसे फैलाईं कि उसकी चूत रियान के सामने आ गई।
और उसने भी अपना लन्ड पेलने में ज़रा भी देर नहीं की और यूँ वो दोनों ही आगे-पीछे से धक्के लगाते स्वाति को बुरी तरह पेलते रहे।
स्वाति की इस घड़ी हालत बहुत खराब हो गई चूचियां बुरी तरह हिलती उछलती रहीं, जब इस तरह रियान थक गया तो वो अजय की जगह बैठ गया ।
और अजय उसकी जगह खड़े हो क़र स्वाति को चोदने लगा, इस बीच शायद स्वाति का पानी तीन बार छूट चुका था और अब भी वो वैसे ही मज़ा ले रही थी।
इसी तरह जब पोजीशन बदल-बदल कर उसे चोदते वो तीनों ही थक गए, तो तीनों ही बिस्तर पर ऐसे लेट गए कि उसके दोनों तरफ लन्ड घुसाए
रियान और अजय चिपके थे और बीच में स्वाति सैंडविच बनी हुई थी, स्वाति का मुँह रियान की तरफ था और वो उसके होंठ चूसने में लगा था।
और अजय स्वाति की गाण्ड मारते पीठ से चिपका उसकी चूचियों को मसल रहा था, इसी तरह जब स्वाति के शरीर में चरम आनन्द की लहरें महसूस हुईं।
तो वो भी उसी पल में चरमोत्कर्ष पर पहुँच गए और तीनों ही एक साथ आवाज़ें निकालते ऐसे झड़े कि वो दोनों के बीच भींचने से स्वाति की हड्डियां तक चरमरा गईं।
और उसकी चूत और गाण्ड एक साथ ढेर सारे माल से भर गई, जब उन दोनों के लन्ड एकदम वीर्य से खाली होकर ‘ठुनकने’ लगे तो दोनों ने ही लण्ड बाहर निकाल लिए।
और तीनों चित लेट कर बुरी तरह हांफने लगे, इस ताबड़तोड़ चुदाई ने उन तीनों को ही इस बुरी तरह थका डाला था कि जब निपट कर वो बिस्तर पर फैले तो दिमाग पर नशा सा सवार था।
और उने पता भी न चला कि कब वो नींद के आगोश में चले गए, जब रियान की आंख खुली तो उसने देखा की उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया।
लेकिन स्वाति तो सो रही थी, उसने उसकी गोरी गोरी चूचियों को अपने हाथ से सहलाने लगा और फिर उसकी चुची के निप्पल के ऊपर हलके से जीभ फिराने लगा।
उसकी मस्त कड़क निपल्स को देखकर उससे रुका नहीं गया, रियान ने उसकी एक चुची क़ो चूसना चालू किया तो स्वाति भी जाग गई ।
स्वाति रियान के बालों में अपना एक हाथ फेरने लगी और अपना दूसरा हाथ को जैसे ही रियान के लंड पर रखा तो वो हैरान हो गई ।
और बोली ये क्या हुआ? आपका लंड तो फिर से मूसल जैसा कड़क हो गया, रियान बोला में क्या करू तेरे जैसी खूबसूरत औरत को देखकर इससे रहा नही गया।
और ये खड़ा हो गया, तो स्वाति बोली तो फिर इसका खड़ा होने के लिए धन्यवाद कर देती हुं और वो रियान के पैरो के बीच आ गई।
स्वाति ने एक नजर अजय को देखा तो वो अभी भी सौ रहा था, फिर उसने रियान के लंड को चाटना और चूसना चालू कर दिया ।
स्वाति अब रियान से पूरी तरह खुल चुकी थी, कुछ देर की लंड चुसाई के बाद, रियान ने उससे कहा की में तुम्हें
डोगी स्टाइल से चोदूंगा।
स्वाति बोली नही, अब मैं आपके ऊपर चढ़ कर आपको चोदूँगी, अब मेरी चूत में आपका मोटा लंड अब आराम से घुस जाएगा।
और स्वाति रियान के ऊपर चढ़ गई, उसके लण्ड के ऊपर अपनी चूत क़ो सेट किया, रियान ने नीचे से एक जोर का धक्का दिया और पूरा लण्ड स्वाति की चूत में गुस गया।
रियान ने उसकी दोनों चूचियां अपने हाथ में पकड़ी और स्वाति धक्के देने लगी, उसकी सिसकारी से लग रहा था कि उसे जन्नत का आनंद मिल रहा है।
करीब 10 मिनिट बाद रियान ने उसे गोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया, अजय की नींद टूटी तो उसे चूदाई की आवाज़ें उसके कानों में पड़ रही थी।
अजय ने आंखे खोली तो उसके सामने नज़ारा यह था कि स्वाति डॉगी स्टाइल में झुकी हुई थी, उसका चेहरा उसके सामने था और आनन्द के कारण अजीब सा हो रहा था।
और वह अजय को देख रही थी, जबकि रियान पलंग के नीचे खड़ा उसकी चूत में अपना लण्ड पेले उसके चूतड़ों को थामे आंधी तूफ़ान की तरह उसे चोद रहा था।
और रियान की जाँघों से स्वाति के चूतड़ के टकराने से थप थप थप थप की पैदा होती आवाज़ कमरे में गूँज रही थी, इसी आवाज़ ने अजय को जगाया था।
अजय ने सोचा कि में तो स्वाति को चोदते ही रहता हुं, लेकिन रियान के लिए स्वाति नया माल थी और स्वाति के लिए भी रियान एक नया और अलग ज़ायका था।
इसलिए ज़ाहिर है कि कुछ समय दोनों एक दूसरे के साथ रहे और रियान जी भर के उसे चोद ले, बिना कोई प्रॉब्लम के, इससे मेरे काम की ख्वाहिश पूरी हो जाए।
अजय के होंठों पर मुस्कराहट आ गई और उसे मुस्कराते देख स्वाति भी मुस्कराने लगी और वो अधलेटा हो कर उसे रियान के हाथों चुदते देखने लगा।
कमरे में स्वाति की चूत पर चलते रियान के लन्ड की पक पक पक और दोनों की जाँघें और चूतड़ टकराने से पैदा होती थप थप थप की आवाजे वैसे ही गूंजती रही।
करीब 12 मिनिट की चूदाई के बाद रियान ने अपने लंड को स्वाति की चूत से बाहर निकल लिया और फिर से पीठ के बल बेड पर लेट गया था।
अब स्वाति ने रियान के लन्ड को मुँह में लेकर चूसना चालू किया और उसके पूरे बदन पे प्यार से हाथ फिराती रही, उसने लन्ड के बाद उसके गोटियो को भी चूसा ।
अब स्वाति ने रियान के लंड को अपनी चूत में डाला, अब अजय उठकर कमरे से बाहर चला गया, वो अपने चूतड़ उठा उठा कर धक्के दे रही थी, रियान भी नीचे से अपने कूल्हे उठा के धक्के देने लगा।
स्वाति बड़ी खुश थी क्यूंकि उसे भी आज दमदार लंड मिल गया था और रियान स्वाति की चुदाई करता रहा और स्वाति रियान से चुदाई कराती रही।
जब स्वाति थकने लगी तो रियान ने उसको अपने नीचे लिया और उसकी टांगें ऊपर उठा के उसकी छाती से लगवादी, अब उसने उसकी चूत में एक झटके से लंड डाला।
और चूदाई करने लगा, कुछ देर में वो दोनों चरम सीमा पर पहुँच कर झड़ गए, रियान स्वाति के नग्न शरीर से नीचे उतरा और उसकी बगल में लेट कर बातें करने लगा।
अजय रूम में सब के लिए खाना ले आया खाना खाने के बाद रियान ने स्वाति को किस किया और बोला कि में जल्द ही तुम से फिर मिलने आ ऊगा।
और अजय से बोला की तुम अपने बुटीक का काम कल से ही शुरू कर दो, ये सुन कर अजय और स्वाति दोनों ही बहुत खुश हो गए और रियान को उसकी कार तक छोड़ने आए।
उस दिन के बाद रियान ने स्वाति को कई बार चोदा, अब तो रियान की लाइफ ऐसी हो गई थी कि वो वीक में पांच दिन किसी न किसी को चोदता ही था।
इसी बीच कोशी और जूही ने विकास को बता दिया था कि हम दोनों रियान के साथ चूदाई करती है, ये सुन कर विकास का उन दोनों से झगड़ा हुआ।
पर अब विकास कुछ कर भी नहीं सकता था, क्योंकि इन सब में उसकी छोटी बहन भी थी, और बदनामी तो उसके घर की ही होती, तो उसने इससे समझोता कर लिया।
रियान कि ये बात शहर में आग की तरह फेल गई थी कि बिसनेस मैन रियान जल्द ही शहर में एक इलेक्ट्रॉनिक का शोरूम और एक बुटीक खोलने वाला है।
अब तो रियान किसी भी फंशन में जाता था तो सब लोग उसे से बाते करने लगते थे, हर कोई उसे अपने काम के नए नए आईडिया देने लगा।
रियान ज्यादातर सब को इग्नोर कर देता और ऐसा दिखाता था कि वह उनकी बात सुन रहा है, एक महीना और बीत चुका था।
इलेक्ट्रॉनिक शोरूम अगले 15 से 20 दिन में शुरू हो सकता था और बुटीक के काम को अभी बहुत टाइम लगने वाला था।
एक दिन रात को रियान एक शादी में गया हुआ था ये शादी शहर के टॉप होटल्स में से एक में हो रही थी, यहां पर भी रियान के साथ सब बाते कर रहे थे।
जब रियान खाना खाने के कुछ देर बाद बाथरूम में जाने के लिए गलियारे से जा रहा था तो सामने से एक 26 27 साल की शादीशुदा लड़की आ रही थी।
जैसे ही वो बाथरूम के पास पहुंचा उस लड़की में एक पर्ची उसके हाथ में रखकर चली गई, रियान भोचका सा उस लड़की को देखता ही रहा गया था।
रियान ने अपने दिमाग पर जोर डाला और सोचने लगा यह कौन है तो उसे ध्यान आया कि हर फंक्शन में वो जाता है वह यह लड़की उसे फॉलो करती है।
रियान में बाथरूम में गया और उस पर्ची को देखा तो उसमे लिखा था कि मुझे रूम नंबर 311 में आकर मिले, कुछ आपके फायदे की बात करनी है।
रियान फिर रूम नंबर 311 के पास पहुंचा और दरबाजे को खटखटाय तो अंदर से आवाज आई की दरवाजा खुला है, वो जब अंदर गया तो देखता ही रहे गया।
रियान के सामने 3 शादीशुदा लड़किया खड़ी थी, उनमें से एक वो पर्ची वाली लड़की भी थी, रियान को सक हुआ कि यहां कुछ गड़बड़ हो सकती है।
तो उसने रूम का अच्छे से मुआइना किया, जब उसको यकीन हो गया तो वो उनसे बात करने लगा, रियान बोला मुझे इस तरह यहां क्यों बुलाया है।
उनमें से पर्ची वाली बोली हमे आपसे बात करनी थी, रियान बोला बताओ, पर्ची वाली बोली मेरा नाम पुस्पा है, ये मेरी दोस्त साधना और बबिता है।
हमारे पति एक साथ मिलकर जूते का शोरूम डालना चाहते है, हम चाहते है आप हमारी मदर करे अगर आप पैसा लगाएंगे तो आप 75% के मालिक और हमारे तीनों के प्रति 25% के मालिक होंगे।
इसके बाद रयान बोला पर मैं तुम्हारे बिजनेस में क्यों पैसा लगाऊं यह बिजनेस तो मैं किसी के साथ भी कर सकता हूं।
ऐसे बहुत सारे प्रपोजल मेरे पास आए हैं वह तो मुझे बहुत कुछ देने के लिए तैयार है , तो साधना बोली हम भी आपको बहुत कुछ दे सकते हैं।
फिर बबीता बोली हम जानते हैं कि आपकी वाइफ की डेथ हो चुकी है वो सारी जरूरते हम तीनों पूरी कर सकते हैं और वैसे भी हम तीनों की गांड़ अभी कुंवारी है।
फिर पुष्पा बोली हमारे पति कॉलेज फ्रेंड्स है और हम तीनों भी कॉलेज फ्रेंड हैं यह इत्तेफाक था कि हम तीनों की अरेंज मैरिज ऐसी लगती है कि लव मैरिज हो।
रियान बोला प्रपोजल तो अच्छा है पर मैं यह सब चुप कर नहीं करना चाहता हूं, तुम्हारे पतियों को भी पता होना चाहिए कि मैं तुम्हारे साथ यह सब करूंगा।
उन्हें इसमें कोई एतराज नहीं होना चाहिए अगर तुम अपने पतियों को राजी कर लेती हो और तुम्हारे पतियों का शोरूम बनाने का आइडिया मुझे अच्छा लगा तो मुझे कोई एतराज नहीं है।
उसके बाद रियान बोला मैं तुम्हारी बातों पर कैसे यकीन कर लूं तुम्हें मुझे यकीन दिलाना होगा यह सुनकर उन तीनों ने एक दूसरे की आंखों में देखा।
फिर तीनों ने साड़ी के अंदर से अपनी पेंटी निकाल कर अपनी साड़ी को ऊपर कर बेड पर गुटनों के बल बैठ कर अपने हाथ और सर को बैठ पर लगा दिया।
और अपनी कमर को ऊपर कर दिया अब रियान के सामने तीनों के मस्त गोरे गोरे चूतड़ और वेकसन की हुई चूत और गांड़ सामने थी।
रियान ने बारी बारी से उनकी चूत और गांड़ पर एक एक किस किया और जीभ से चाटा, रियान और भी कुछ करने वाला था तो उन्होंने उसे रोक दिया था।
और बोली सब कुछ बाद में तो रियान ने उनसे कहा 4 दिन बाद अपने पतियों को भेज देना पर याद रखना तुम्हारा प्रपोजल अच्छा होना चाहिए।
वरना तुम तीनों ने जो भी अब तक किया है वो सब कुछ बेकार हो जायेगा, उसके बाद रियान अपने घर पर आ गया, चौथा दिन आ गया था।
तीनों के पति रियान को अपना प्रपोजल दिखा रहे थे , प्रपोजल बाकई में बहुत अच्छा था तो रियान ने उन से कहा की तुमने अपनी पत्नियों से बात कर ली है।
वो तीनों बोले हमे इस सब में कोई प्रॉब्लम नहीं है, तो रियान ने बोला कि में तुम्हे 25% नही दूंगा वल्कि में तुम तीनों को अपना पार्टनर ही नहीं बनाऊंगा।
बल्के तुम्हारी तीनों की पत्नियों को 12% 12% का प्रॉफिट दूंगा और 12% मेरे दोस्त की बेटी होगी, और में 52% का मालिक रहुगा प्रॉफिट का।
और तुम तीनों को उस शोरूम में अलग से जॉब दूंगा, ये सुन कर उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई थी, फिर से रियान बोला पर तुम्हारी बीबियो को मेरी रखैल बनना होगा।
दोस्तों आगे की कहानी रियान अंकल 2 में लिखूंगी, कैसे पुस्पा, साधना, और बबिता की चुदाई हुई, और परी को दो लंड से चुदवा कर अपनी शर्त को पूरा किया।
आप मेरे साथ बने रहिए और इस रियान अंकल की सेक्स कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.
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