दो रंडियों का कॉलेज टूर मे चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कुसुम है और में पर पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों के मज़े लेती आ रही हूँ। ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता है और अब तक ना जाने मैंने कितनी कहानियों के मज़े लिए। बिना कहानी पढ़े मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। दोस्तों में अभी अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूँ और में अभी पहले साल की पढ़ाई कर रही हूँ। मेरे फिगर का आकार 34-28-34 है, हमारे घर में मेरे मम्मी, पापा और भाई है और मेरी एक बहुत पक्की सहेली है जिसका नाम हेमा है। हम दोनों की उम्र करीब 17-18 की होगी। हम दोनों बहुत मज़े मस्ती किया करते है और मजाक करते समय कभी वो मेरे बूब्स को खींच देती तो कभी में उसके गाल पर चिकोटी काट लेती। कॉलेज में हम दोनों के ही बॉयफ्रेंड है, मेरे बॉयफ्रेंड का नाम राजेश और हेमा के बॉयफ्रेंड का नाम संदीप है में संदीप को और हेमा राजेश को जीजू ही बोलती है वो भी मुझे अपनी साली ही समझता है और हमारे बीच में अभी तक किस ही हुआ है या कपड़ो के ऊपर से बूब्स पर हाथ फेरा बस इतना ही हमारे बीच हुआ है। दोस्तों अब में अपनी असली बात पर आती हूँ, एक बार हमारे कॉलेज की तरफ से हमे घूमने बाहर जाना था। हमें राजस्थान घूमना था और इस बात को सुनकर में बहुत खुश थी। मैंने और हेमा ने हमारी फीस भी जमा करवा दी। तो हम दोनों ने राजेश और संदीप से भी हमारे साथ चलने को कहा और वो दोनों भी अपनी कार से जाने को तैयार हो गये, लेकिन वो कार उनके एक दोस्त की थी, इसलिए वो भी उनके साथ ही गया और उस लड़के का नाम जितेन्द्र था और जितेन्द्र बहुत अमीर था और उसका जयपुर में फ्लेट भी है। उसका रंग थोड़ा सा काला है। फिर में और हेमा एक स्कूल बस से 26 तारीख को चले और हम जयपुर पहुँच गए। हम सभी करीब दोपहर को 12 बजे पहुँचे और हम सभी लड़कियों को एक धर्मशाला में ठराया गया था। फिर कुछ देर फ्रेश होने के बाद सभी लड़कियाँ और मेडम राज मंदिर में फिल्म देखने चली गयी और हम दोनों उन सभी को झूठ बोलकर हमारे बॉयफ्रेंड के साथ उनकी कार में बैठकर घूमने चली गयी। हेमा कार में आगे की सीट पर अपने बॉयफ्रेंड संदीप के साथ बैठी हुई थी और में पीछे जितेन्द्र और राजेश के बीच में बैठी हुई थी और हम लोग ने रास्ते में रुककर एक होटल से खाना पेक करवाकर जितेन्द्र के फ्लेट पर आ गए। जितेन्द्र ने पहले से ही अपने साथ बियर ले ली। फिर वहां पर पहुंचते ही मैंने उनसे कहा कि यहाँ पर क्यों आए हो हम कहीं बाहर घूमने चलते है? तो वो मेरी बात को सुनकर ज़ोर से हंस पड़े और उनमे से एक ने जवाब दिया कि पहले तुम कुछ खा पी लो, उसके बाद हम घूमने चलते है और अब उन तीनों ने बियर पीना शुरू कर दिया और हम दोनों को खाना लगा दिया। फिर कुछ देर बाद राजेश ने मुझसे बियर पीने के लिए कहा, लेकिन मैंने उसको ऐसा करने के लिए साफ मना कर दिया तो संदीप ने हेमा को और राजेश ने मुझे अपनी कसम देकर हम दोनों को बियर पिला दी। बियर पीने के कुछ देर बाद हम दोनों को हल्का सा नशा होने लगा और हम दोनों हॉट हो गयी तो इस बात का फायदा उठाकर संदीप ने उसी समय हेमा को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अब वो उसके होंठो को चूसने लग गया था। फिर हेमा उूुउउ करके बोली कि तुम सभी के सामने यह क्या कर रहे हो। देखो सभी लोग हम दोनों को देख रहे है? तभी संदीप उससे कहने लगा कि अरे और कौन है यहाँ पर बस एक मेरी साली है या मेरा एक दोस्त है, इन लोगों से क्या शरमाना यह तो हमारे ही है कोई बाहर का नहीं है? और इतने में राजेश ने भी मुझे पकड़ लिया और वो अपने एक हाथ से मेरे बालों को पकड़कर मुझे किस करने लगा था और वो अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को भी दबाने लगा था। उसने यह सब मेरे साथ इतना अचानक से किया कि मुझे थोड़ा सा भी उसने सम्भलने का मौका नहीं दिया और वो मुझे पागलों की तरह लगातार चूमता रहा। दोस्तों उन दोनों का वो दोस्त जितेन्द्र भी उस समय पास ही एक कुर्सी पर बैठा हुआ हम लोगों को यह सब करते हुए देख रहा था, क्योंकि उसको भी देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब राजेश ने सही मौका देखकर तुरंत मेरी टीशर्ट को उतार दिया और अब वो मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाने मसलने लगा था और में बार बार लगातार उससे ना, ना करती रही, लेकिन वो नहीं माना और अपनी मर्जी से काम करता रहा।

अब राजेश ने हिम्मत करके आगे बढ़ते हुए अपने एक हाथ को मेरी पीठ पर ले जाकर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिसकी वजह से अब मेरे बूब्स पूरे नंगे हो गए थे, जो ब्रा के खुलते ही तुरंत बाहर आकर खुली हवा में साँस लेने लगे थे और मेरे दोनों बूब्स अब राजेश के हाथों में थे। फिर में उससे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो राज? प्लीज अब बस करो छोड़ दो मुझे। अब वो मुझसे बोला कि में तुम्हे प्यार कर रहा हूँ और इतना सा कहकर उसने तुरंत अपने होंठो को मेरे बूब्स पर रख दिया और वो मेरे बूब्स को दबाने के साथ साथ ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था। अब मैंने हेमा की तरफ देखा तो वो सिर्फ़ अब पेंटी में थी और संदीप भी उसके निप्पल को दबा दबाकर चूस रहा था। दोस्तों वैसे हेमा के बूब्स आकार में मेरे बूब्स से ज्यादा बड़े थे और उसके निप्पल भी गुलाबी रंग थे और फिर मैंने देखा कि संदीप एक छोटे बच्चे की तरह उसके निप्पल को चूस रहा था और हेमा जोश में आकर उसके सर को अपनी छाती पर दबा रही थी। फिर मैंने संदीप से कहा कि जीजू आज तो आप भी एक छोटे बच्चे बन गये ना, वो मेरी इस बात को सुनकर हंस पड़ा और बोला कि हाँ कभी कभी ऐसा भी करना पड़ता है। दोस्तों इधर राजेश ने भी मेरे बूब्स को चूसते हुए मेरी जींस को खोल दिया था और अब वो मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी गीली कामुक चूत को मसलने लगा था जो उसके इतनी देर से मेरे साथ यह सब करने की वजह से अब अपना पानी भी निकालने लगी थी जिसकी वजह से मेरी पेंटी गीली होने लगी थी। फिर में अब अपनी सहेली से बोली कि देखो हम दोनों के साथ कितनी बेईमानी हो रही है हम दोनों पूरी नंगी है और यह दोनों लड़के अब तक अपने कपड़ो में है। तो राजेश बोला कि हाँ मेरी जान तुमने बिल्कुल सही कहा और इतना कहकर राजेश ने अपनी शर्ट को तुरंत ही उतार दिया जिसकी वजह से अब उसका वो गोरा भरा हुआ गठीले बदन मेरे सामने था और उसको ऐसा करता हुआ देखा उसका दोस्त भी अपने कपड़े उतारने लगा था। फिर उसने अपनी पेंट को भी झट से उतार दिया था, जिसकी वजह से अब हम दोनों पेंटी में थी और वो दोनों अपनी अपनी अंडरवियर में हमारे सामने थे। अब संदीप मुझसे बोला कि अब इसको तुम दोनों ही उतार दो, उनका वो दोस्त जितेन्द्र अब भी कुर्सी पर ही बैठा हुआ था और अब में अंडरवियर के ऊपर से ही राजेश का लंड सहलाने लगी थी। मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और उस वजह से में बहुत हॉट हो गयी थी, मैंने संदीप की आखों में देखा वो मुझे देखकर मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था और अब संदीप मुझसे बोला कि क्यों जानू क्या तुम्हे डर लग रहा है तुम आराम से देख लो यह तुम्हारे लिए ही बना है और तुम्हारी ही चीज़ फिर में भी अपनी चीज़ के दर्शन करने वाला हूँ। फिर इतना कहकर वो मेरे पास आकर मेरी चूत को सहलाते हुए बोला वाह क्या मस्त मज़ेदार माल है, आज तो जीवन का असली मज़ा आने वाला है। अब मैंने हेमा और संदीप की तरफ देखा तो वो अपने घुटनों के बल बैठे उसके मोटे लंड पर किस कर रही थी। मुझे भी वो सब देखकर गर्मी चड़ने लगी थी और इसलिए में भी अब अपने घुटनों के बल बैठकर मैंने राजेश का अंडरवियर नीचे किया और झट से उसका लंड मेरे गालो पर जा लगा। फिर में उसका मोटा लंबा लंड देखकर बहुत चकित होकर कांप गयी। मेरी सारी मस्ती मानो उतर गयी, क्योंकि वो करीब 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था। अब में वापस उठने लगी तो राजेश मुझसे पूछने लगा क्यों क्या हुआ मेरी रानी तुम ऐसे इससे इतना क्यों डर रही हो? तो मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ नहीं करना, में मर जाउंगी, मुझे बहुत दर्द होगा। फिर वो मुझसे बोला कि साली क्यों बिना मतलब का तू मुझे अब इतना नखरा दिखा रही है उधर तेरी सहेली हेमा को देख वो भी तो बड़े मज़े चूस रही है।

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अब मैंने देखा और सुना तो हेमा के मुहं से वो आवाज़े आ रही थी उूउउ आआह्ह्ह क्योंकि वो दोनों अब 69 की पोज़िशन में आ चुके थे और उन्हे ऐसा करता देख में एक बार फिर से जोश में आकर गरम होने लगी थी, लेकिन में अब नीचे बैठे रही थी कि तभी संदीप बोला यार यह लड़कियाँ तो रंडियों की तरह नखरे करती है। तो मुझे उसकी वो बात सुनकर बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने कहा कि यह क्या कम लफंगे है वो सभी हंसने लगे और बोला कि जो लड़की इसके नीचे आ जाती है वो खुद ही अपने आप को रंडी कुतिया बोलती है और इधर राजेश मेरे बूब्स को मसल रहा था तो संदीप उसकी चूत चाट रहा था। में भी उसके लाल-लाल टोपे पर किस करने लगी थी। फिर मैंने अपना मुहं खोला और राजेश के लंड को मैंने अपने मुहं में तीन इंच भर लिया, आह्ह्ह्ह राजेश के मुहं से निकला और वो धीरे धीरे मेरे मुहं में अपने लंड को धक्के देने लगा था। अब उसने मेरे बाल पकड़े और ज़ोर से धक्का देकर गले में अपना लंड फंसा दिया जिसकी वजह से मेरा दम घुटने लगा और मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे। फिर उसने मेरी हालत को देखकर अपना लंड बाहर निकाला और वो बोला कि चलो अब बेड पर आ जाओ वो दोनों भी पहले से ही तैयार थे और तभी हमारी नजर जितेन्द्र पर चली गई। वो अपना लंड सहला रहा था। उसका लंड बिल्कुल काला और मोटा था और वो करीब पांच इंच लंबा और बहुत मोटा भी था। वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराया और पहली बार बोला कि तुम बहुत मस्त सेक्सी लग रही हो। फिर राजेश बोला की हरामजादी रंडी एसी मस्त ही होती है। फिर में उससे बोली कि यह क्या बोल रहे हो, गाली मत दो मुझे ऐसा कुछ भी सुनना अच्छा नहीं लगता और फिर वो बोला कि सेक्स में गालियाँ देकर बात करने से ही असली मज़ा आता है, में अब कुछ नहीं बोली उन्होंने अब बेड पर हम दोनों को कमर के बल लेटा दिया और हम दोनों के पैरों को ऊपर उठाया। एक पैर जितेन्द्र ने पकड़ लिया और दूसरा राजेश ने पकड़ा और हेमा का एक पैर संदीप ने और दूसरा जितेन्द्र ने पकड़ लिया। अब वो दोनों अपने लंड को हमारी चूत पर रगड़ने लगे थे। वो हमारी चूत के दाने को अपने लंड के टोपे से सहलाने लगे थे, जिसकी वजह से हम दोनों का बड़ा बुरा हाल हो गया था और हमारी चूत में चीटियाँ रेंग रही थी। अब राजेश मेरे निप्पल को चूस रहा था और अपने दांतो से काट भी रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी से करो ना। तो वो मुझसे पूछने लगा कि क्या करूं तुम मुझे बोलकर बताओ तब करने में ज्यादा मज़ा आएगा? दोस्तों में उस समय बहुत गरम हो चुकी थी और में बहुत तड़प रही थी, इसलिए जोश में आकर में बोली कि जल्दी से इसको अंदर डाल दो। तभी हेमा की चीख मेरे कानो में आई आईईईई ऊउईईईईईई माँ में मरी आह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो इसको मुझे बहुत दर्द हो रहा है और इतने में राजेश ने अपने लंड को मेरी चूत में धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से वो चीख निकली आईईईइ माँ में मरी आईईई उफ्फ्फ्फ़ प्लीज बाहर निकालो इसको, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और उसके दर्द की वजह से मेरी आखों में पानी और मेरी चूत से खून भी निकल रहा था। तभी राज ने अपनी तरफ से मेरी चूत में एक धक्का और मार दिया, जिसकी वजह से उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत में फंस गया और उस कमरे में मेरी और हेमा की चीखे चिल्लाने की और उनके हंसने की आवाज़ थी।

अब में कहने लगी कि प्लीज राज अब तुम इसको बाहर निकाल लो मुझे बहुत दर्द हो रहा है और हेमा भी उससे यही बात बार बार बोल रही थी, राज ने मेरे एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर मेरी तरफ देखा और एक जोरदार झटका मार दिया और अब मुझ पर एक अजीब सी बेहोशी सी छा गयी और में हल्की आवाज से कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मरी, मेरी चूत फट गयी थी। फिर मैंने हेमा की तरफ देखा तो उसकी आखों में भी पानी था और तभी मेरी नज़र उसके दोनों पैरों के बीच में चली गयी वहां पर खून था और संदीप का लंड उसकी चूत में फंसा पड़ा था। उसका लंड खून से तर था और अब मुझे दर्द से थोड़ा सा आराम मिलने लगा था। फिर में हेमा से बोली कि तेरी चूत पर तो जीजू ने अपना नाम लिख दिया, यह अब इनकी हो चुकी है और इनका इस पर सबसे पहला हक है, तभी हेमा बोली कि साली तू अपनी चूत को भी देख वहां पर मेरे जीजाजी का नाम लिखा है और अब उन दोनों ने हमारा कम दर्द देखकर तेज लगातार धक्के लगाने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था। में जोश में आकर उससे बोल रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से मेरे राजा, आज फाड़ दे तू मेरी इस चूत को, यह मुझे हमेशा बहुत तंग करती है, हाँ जाने दे पूरा अंदर तक वाह मज़ा आ गया। दोस्तों ऐसे ही कुछ शब्द हेमा भी बोल रही थी और हमारी सिसकियाँ उस पूरे कमरे में गूँज रही थी उनके धक्के वैसे ही लगतार लगते रहे और में जोश में आकर ख़ुशी से झूम उठी, क्योंकि अब में झड़ने वाली थी और में राजेश को बोल रही थी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से करो हाँ पूरा अंदर तक डालो, लेकिन तभी राजेश ने मेरी चूत से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और वो अब एक तरफ जाकर खड़ा हो गया और वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगा था। फिर में उससे पूछने लगी कि क्यों क्या हुआ तुम रुक क्यों गए, प्लीज अब थोड़ा जल्दी से करो ना, अब राजेश मुस्कुराया और वो मुझसे बोला कि तुम मुझे माफ़ करना मेरा लंड कुतिया, रंडी, छिनाल या हरामजादी की चूत में जाता है, लेकिन तुम तो एक शरीफ लड़की हो यह कैसे तुम्हारे अंदर जाएगा? दोस्तों उस समय मेरी चूत जोश में आकर लंड माँग रही थी और उसको अब लंड के धक्कों से ठंडा होना था। वो बिल्कुल कामुक होकर लंड मांग रही थी और लंड के लिए तरस रही थी। फिर हेमा मेरी हालत को देखकर ठीक तरह से समझकर उससे कहने लगी कि जीजू प्लीज आप यह क्या कर रहे हो। आप क्यों इस बेचारी को इतना तरसा रहे हो, प्लीज मेरे कहने पर इसको एक बार ठीक तरह से चोदकर ठंडा कर दो और इसकी चूत को वो शांति दे दो जिसके लिए देखो यह इतना तड़प रही है। फिर वो बोला कि नहीं इस साली के बहुत नखरे है और यह मुझे इतनी देर से अपने नाटक दिखा रही थी, यह बड़ी समझदार बनती है में देखता हूँ कि कैसे यह आज अपनी चूत को बिना लंड के ठंडा करती है? अब में अपनी चुदाई के लिए प्यासी चूत को अपने एक हाथ से मसलते हुए उससे बोली कि प्लीज राजेश प्लीज तुम अपना लंड अपनी इस हरामजादी की चूत में डाल दो, बना लो मुझे अपनी रंडी प्लीज, वरना में मर ही जाउंगी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह् अब जल्दी करो, में तुम्हारी तो क्या इस सारे शहर की रंडी बन जाउंगी, लेकिन अब तुम मुझे चोद दो, प्लीज मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता।

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अब हेमा ज़ोर से हंसते हुए बोली कि वाह जीजू में मान गई आज आपको। आपने मेरी इस नखराली बन्नो को आज पूरी एक रंडी बना दिया, जो अब तक इतना नाटक नखरा दिखा रही थी अब वो अपनी चुदाई के लिए खुद ही तैयार है, देखो यह लंड लेने के लिए कितना तड़प रही है। अब राजेश मेरे पास आ गया और वो मुझसे बोला कि चल अब तू एक असली कुतिया की तरह मेरे सामने झुक जा और में आज तुझे असली कुतिया बनाकर तेरी इस गरम चूत को ठंडा करूंगा और तेरी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लूँगा। फिर में राजेश के कहने पर अपने घुटनों के बल कुतिया की तरह बैठ गई और उसने मेरे पास आते ही सबसे पहले मेरे कूल्हों पर एक कसकर थप्पड़ मारा, जिसकी वजह से मेरे कुल्हे एकदम लाल हो गये उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत से सटा दिया और ज़ोर का एक धक्का मारा, जिसकी वजह से मुझे दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन में कुछ भी नहीं बोली और में अपनी चीख को अपने अंदर ही दबाकर उस दर्द को सहती रही। अब उसी समय जितेन्द्र मेरे मुहं के पास अपना लंड ले आया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगा। मैंने तुरंत उसका इशारा समझकर अपना मुहं खोला और उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और में उसके लंड को चूसने लगी, वो धक्के लगाने लगा था। दोस्तों उधर राजेश अपनी पूरी स्पीड से लगा हुआ था और इधर जितेन्द्र मेरे मुहं में अपने लंड को धक्के दिए जा रहा था और फिर मैंने देखा तो हेमा संदीप के लंड के ऊपर बड़ी स्पीड से कूदकर अपनी चूत के अंदर उसका लंड ले रही थी और उसको बड़ा मज़ा आ रहा था। उस पूरे कमरे में अब ऊह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आईईईई की आवाज़े आ रही थी और हम सभी पूरे जोश में अपना अपना काम कर रहे थे। तभी कुछ देर बाद जितेन्द्र ने मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसने हल्के धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य मेरे मुहं में निकाल दिया। में उसका लंड वैसे ही अपने मुहं में लिए चूसती रही और उसके वीर्य का बड़ा ही नमकीन सा स्वाद था। वो कुछ मेरे गले में भी चला गया और कुछ मुहं से बाहर निकलकर मेरे गालो पर बह गया और अब तक मेरी चूत ने भी एक बार पानी छोड़ दिया था वो भी धीरे धीरे ठंडी होने लगी थी, लेकिन उसी समय राजेश ने भी लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और उसने भी मेरे मुहं पर अपना सारा वीर्य निकाल दिया और इधर संदीप और हेमा भी झड़ने वाले थे। हेमा अब संदीप से बोल रही थी कि साले ज़ोर से धक्के दे। में अब गई काम से और उसी समय संदीप ने भी अपने लंड को बाहर निकालकर हेमा के मुहं में अपने लंड को डाल दिया और वो उससे बोला कि ले साली कुतिया पी ले आज तू भी मेरा पूरा जूस तू भी मज़े कर। फिर हेमा ने संदीप के लंड को चूसते हुए उसका सारा वीर्य पी गयी, लेकिन वीर्य कि मात्रा ज्यादा होने की वजह से वो उसके मुहं से बाहर निकलते हुए उसके बूब्स पर जा टपका, जिसको संदीप ने उसके पूरे बूब्स पर मसल दिया था। मैंने देखा कि हेमा के चेहरे से वो ख़ुशी साफ साफ नजर आ रही थी और वैसा ही हाल मेरा भी था। में अपनी पहली चुदाई से बड़ी खुश थी और मुझे चुदाई का असली मतलब उस दिन समझ में आया था और तब मुझे पता चला कि चुदाई करने में क्या कैसे और कितना मज़ा आता यह सभी बातें पता चली उसके बाद मुझे और भी चुदाई करवाने की इच्छा होने लगी थी।

दोस्तों में अपनी अगली कहानी में आप सभी को बताउंगी कि कैसे उन तीनों ने मेरी और हेमा की मस्त मज़ेदार जमकर चुदाई करके हम दोनों को सही में एक रंडी और कुतिया की तरह हमारे साथ व्यहवार किया, लेकिन हम दोनों को उस खेल में भी बहुत मज़ा आया वो सभी बातें अगली बार में खुलकर बताउंगी अब मुझे जाने की आज्ञा दीजिए।



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