रंडी मम्मी एक जूठन

मों सोन सेक्स स्टोरी में आपका फिर से स्वागत है. मेरी भाभी को उनके माइके जाने के बाद मेरा और मम्मी की चुदाई का सिलसिला फिर से शुरू हो गया था. पापा और भाई दिन भर घर से बाहर रहते, तो मैं और मम्मी दोपहर को चुदाई करते थे. मम्मी रोज़ कुछ नया पहन कर मेरे साथ चुड़वति.

मैने लगातार मम्मी की मंडे तो सॅटर्डे चुदाई की थी, और वो इतनी सारी चुदाई में मेरे 2 दिन तो ऐसे गये की वियाग्रा की गोली खा कर लंड खड़ा करना पड़ा. लेकिन मम्मी की हरकतें ऐसी थी की मेरा कभी चुदाई से मॅन नही भर रहा था. उनको मैं जीतने दिन छोड़ा, रोज़ कुछ नया एक्सपीरियेन्स हो रहा था.

एक दिन शाम को जगदीश अंकल हमारे घर पर आए. मुझे बाद में पता चला की पापा ने उनको डिन्नर के लिए इन्वाइट किया था. और उस दिन पापा ने जगदीश अंकल को बताया की मेरी कंपनी से ऑफर था ऑस्ट्रेलिया जाने का. जगदीश अंकल ये जान कर बहुत खुश हुए. उन्होने मुझे कॉनग्रॅजुलेट किया, पर मैने उनसे कहा की मेरा मॅन नही था.

जगदीश अंकल: क्यूँ अभी बेटा? इतना अछा ऑफर है. तुम्हे ऑस्ट्रेलिया जाने का मौका मिल रहा है. तुम्हे तो पता है जब नीलम चली गयी. उसके 2 साल बाद मेरा कहीं जेया कर ऑस्ट्रेलिया जाना सेट हुआ. तुम्हे तो कंपनी वाले वीसा लगा कर देते है. और तुम्हे कहाँ हमएसा रहना है, 6 महीने की बात है. इसी बहाने ऑस्ट्रेलिया घूम लेना.

मैने अंकल को कंपनी की कुछ टर्म्ज़ बताई. उसके बाद अंकल भी सोच में पद गये. उन्होने पापा से कहा की अब ये सुन कर तो अभी को अपने आप डिसिशन लेने दो.

जगदीश अंकल ने मुझे कहा: तुम ऑस्ट्रेलिया मेरे घर पर रुकना. नीलम आंटी और मैं तेरा ख़याल रखेंगे.

जब मैं और जगदीश अंकल अकेले थे, तब उन्होने जो कहा, उससे मेरी इनके लिए सोच बदल गयी. मुझे उस दिन तोड़ा रीयलाइज़ हुआ की जगदीश अंकल मम्मी के साथ रीलेशन होने की वजह से नही, पर ऐसे भी आचे इंसान थे. उन्होने मेरी तरक्की की प्रशंसा की.

जगदीश अंकल: बेटा मैं समझ रहा हू तू मेरे घर पर इसलिए नही रुकेगा, क्यूंकी मैं जानता हू तू मुझे पसंद नही करता. जब तू किसी ग़लत रास्ते पर जेया रहा था, तब तू बहुत छ्होटा था. और उस समय मैं तेरे पापा का दोस्त होने की खातिर तुझे टोकता था.

जगदीश अंकल: आज मुझे बड़ी खुशी है की तुम अपने जीवन में कामयाब इंसान बन गये हो. और आज तक मैने तेरे साथ जो भी कुछ बुरा किया, उसके लिए मैं तुम्हे सॉरी बोलता हू.

मैं: नही अंकल. आप सॉरी ना बोले. आप मेरे से बड़े है, और आप मेरे पापा जैसे है. आपके मूह से सॉरी अछा नही लगता. आपका पूरा हक है मुझे रोकने-टोकने का.

पता नही उस दिन मेरे मूह से ऐसे निकल गया, की अंकल आप मेरे पापा जैसे हो. जगदीश अंकल ये सुन कर खुश हो गये. उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले-

अंकल: अभी बेटा, तुम्हे लाइफ में कभी मेरी हेल्प चाहिए हो, तो मुझे बता देना. और तू ऑस्ट्रेलिया आए तो मेरे घर पर रुकना. अब तो वहाँ अपना घर गाड़ी सब कुछ है.

मैने देखा की जगदीश अंकल बहुत खुश नज़र आ रहे थे. वो मम्मी के सामने बड़े प्यार से देख रहे थे. मुझे अब तोड़ा रीयलाइज़ हो गया था की ये दोनो के बीच सेक्स के लिए रीलेशन नही, पर ये दोनो एक-दूसरे से प्यार भी करते थे. जगदीश अंकल ने बताया की अगले हफ्ते नीलम आंटी आ रही थी.

पापा और मम्मी ने कहा: आप उनके आने के बाद हमारे घर पर फिर से डिन्नर के लिए आना.

जगदीश अंकल डिन्नर के बाद उनके घर चले गये. मैने देखा की मम्मी थोड़ी बेचैन लग रही थी. मैं और मम्मी अब पापा के घर पर होते हुए रात भर साथ में रह के सेक्स करने का रिस्क लेना नही चाहते थे. मैं और मम्मी साथ में बैठ कर टीवी देख रहे थे. तब उनके मोबाइल में जगदीश अंकल का मेसेज आया था.

मैने भी सोचा अब इनको थोड़ी प्राइवसी दी जाए, तो वो आचे से बात कर सके. मैं मम्मी को गुड नाइट बोल कर सोने चला गया. नेक्स्ट दे मैने मम्मी से डाइरेक्ट पूच लिया की क्या बात थी.

मैं: आप क्यूँ इतने खोए-खोए से लग रहे है?

मम्मी: कुछ नही हुआ बेटा ऐसा. म्यून तुम्हे लग रहा है?

मैं: मुम्मा मैं पापा नही हू. मुझे सब पता है आप जगदीश अंकल से मिलना नही हो रहा इस वजह से परेशन हो.

मुम्मा: हा बेटा, जगदीश रोज़ मुझे यहीं बोल रहे है, की इतने दिन हो गये इंडिया आया हू, और हम मिल नही पा रहे है. और अगले हफ्ते नीलम भी आ जाएगी, फिर तो मुश्किल हो जाएगा.

मैं: तो आप दोनो मिल क्यूँ नही लेते?

मम्मी: तुम मुझे अकेला कहाँ छ्चोढ़ रहे हो.

मम्मी की वो बात सुन कर मुझे जो धक्का लगा है ना दोस्तों. मुझे एक सेकेंड में रीयलाइज़ हो गया की किसी को हद से ज़्यादा चाहना भी सही नही है. मम्मी को अब मेरा प्यार बोरिंग लगने लगा था. हमारी चुदाई से वो बोर हो गयी थी. मैं आयेज बिना कुछ बोले घर से निकल रहा था. मम्मी दर्र गयी और वो मेरे पीछे-पीछे भाग कर आ रही थी.

मम्मी: रुक बेटा, कहाँ जेया रहा है? सॉरी बेटा, मेरा ये मतलब नही था.

मैं (स्माइल के साथ): मैं आज पूरा दिन बाहर रहूँगा. आप जगदीश अंकल को घर पर बुला कर मस्त एंजाय करो.

मम्मी (मुझे गले लगा कर): थॅंक्स बेटा. तुम मुझे बहुत आचे से समझ रहे हो.

मैं: आपका ही बेटा हू. (मैं वापस मूड कर आया) मुम्मा मैं मेरा लॅपटॉप भूल गया.

मम्मी: बेटा तू जा कहाँ रहा है?

मैं: मैं बाहर किसी अची जगह पर बैठ कर मेरा काम करूँगा. टेन्षन ना लो आप, जब तक मुझे कॉल नही करोगे तब तक घर वापस नही अवँगा.

मम्मी ने मुझे स्माइल दी, और मैं मेरा लॅपटॉप लेकर निकल गया. मैं वहाँ से हमारे टाउन की लाइब्ररी में चला गया, और मेरे ऑफीस का काम करने लगा. सच काहु दोस्तों, मेरा काम में बिल्कुल मॅन नही लग रहा था. मैं इमॅजिन कर रहा था की जगदीश अंकल मुम्मा को कैसे छोड़ रहे होंगे. मेरा लंड खड़ा हो गया था. दोपहर 3:30 बजे मम्मी का कॉल आया और उन्होने कहा-

मम्मी: मैं तेरे बेडरूम में लेती हू. तुम मैं डोर लॉक करके घर के अंदर आ जाना.

मैं तुरंत अपना समान समेत कर घर पर चला गया. मैं जैसे ही मेरे बेडरूम में गया, मैने जो देखा, वो देख कर मेरे अंदर जानवर जाग गया. मम्मी की रेड नेट वाली सारी बेड के नीचे पड़ी हुई थी. बेड पर मम्मी का रेड ब्लाउस, ब्रा, और पनटी पड़े हुए थे. मम्मी बिना कुछ कपड़ों के नंगी लेती हुए थी. उसकी छूट के अंदर से जगदीश अंकल का स्पर्म चमक रहा था. उनके बूब्स पर दांतो से निशान बने हुए थे. मम्मी को बहुत रग़ाद-रग़ाद कर छोड़ा गया था.

मम्मी मुझे देख कर बोली: आ गया बेटा, देख जगदीश कैसे मुझे निचोढ़ कर गया है. ऐसे चुड़वति है तेरी मुम्मा अपने यारों से. बहुत समय के बाद जगदीश से छुड़वा कर मज़ा आ गया.

आप सोचो आपकी मम्मी किसी और से छुड़वा कर आपके सामने ऐसे नंगी लेती हो, तो आप पर क्या बीतेगा? मेरा तो ये नज़ारा देख कर लंड खड़ा हो गया. मैं खुद अपने कपड़े निकाल कर नंगा हो गया, और मम्मी से लिपट गया. मम्मी कुछ बोल पाती उससे पहले ही मैने उनके लिप्स के उपर लिप्स रख दिए, और उनको स्मूच करने लगा.

मैं उनके मूह में जीभ डाल कर मूह चाटने लगा. मैं एक हाथ से मम्मी के बूब्स को ज़ोर से मसल रहा था. मम्मी की सिसकारी निकल रही थी. मैं अब मम्मी के बूब्स चूसने लगा, और उनको काट रहा था. मम्मी की आ निकल रही थी.

मम्मी (मुस्कुरा कर): कैसा लग रहा है अपनी रंडी मुम्मा की ऐसी हालत देख कर?

मैं: मुम्मा आज आप सच में जगदीश अंकल की रंडी लग रही हो. मज़े है जगदीश अंकल के, दोस्त की संस्कारी बीवी को रंडी बना कर छोड़ने मिल रहा है.

मम्मी: और ये तू क्या कर रहा है बेटा? तू मुझे किस कर रहा है. मेरे बूब्स नोच रहा है. तुझे पता है कहाँ-कहाँ जगदीश के लंड का माल गिरा है?

मैं: जो भी हो, आज आपको ऐसे छोड़ने में एक अलग ही मज़ा आ रहा है.

मुम्मा: क्या तुम्हे लोगों की जूतन खाने में मज़ा आ रहा है?

मैं: आप इस घर की बहू बन कर आई, तब से लोगों की जूतन हो. पापा ने शादी ही रंडी से की है.

मुम्मा: बेटा तू कुछ भी बोल मुझे बुरा नही लगने वाला. मैं हू ही रंडी. मैने तो अपने बेटे को भी नही छ्चोढा है. इस दुनिया मैं मेरे जैसी चुड़क्कड़ कों होगी?

मैं: ऐसी चुड़क्कड़ तो बहुत है.

मैने अब लंड मम्मी की छूट में घुसा दिया. मम्मी की छूट अभी भी जगदीश अंकल के स्पर्म से भारी हुई थी. मुझे मेरे लंड के उपर चिप-छिपा महसूस हो रहा था. मैं हवस मैं इतना बह गया था, की मुझे अब आयेज-पीछे कुछ नही दिखाई दे रहा था. मैं मम्मी के उपर च्चढ़ कर चुदाई करने लगा. फिर कुछ 10 मिनिट की चुदाई के बाद मम्मी की छूट में झाड़ गया. मैं मम्मी से चिपक कर लेट गया. मम्मी खिल-खिला कर हस्स रही थी.

मम्मी: क्या रे बेटा, तू इतनी जल्दी निपात गया. तेरे से अछा तो जगदीश छोड़ता है. तू अपने पापा जैसा ना बन.

मुझे मम्मी की बात पर इतना गुस्सा आ रहा था की क्या काहु. वो हस्ती हुई मुझे बाज़ारु रंडी लग रही थी. मेरा तो उनकी बात सुन कर खड़ा हो गया.

मम्मी मेरा लंड पकड़ कर बोली: तू ना बिल्कुल मेरे उपर गया है. तू मेरी तरह हमेशा चुदाई के लिए रेडी रहता है.

मम्मी मेरा लंड मूह में लेकर चूसने लगी. मैं भी उनके बालों को सहला रहा था. मैने अब देखा की मम्मी के गले और माथे पर स्पर्म सूखा पड़ा था. मम्मी जगदीश अंकल का स्पर्म चाट कर लेती हुए थी, और मैं उनको ऐसे ही किस कर रहा था. लेकिन अब मेरे लिए ये सब चीज़ मायने नही रखती थी.

मम्मी ने चूस-चाट कर लंड बिल्कुल रेडी कर दिया था. अब मैने मम्मी को घोड़ी बनाया, और उनकी गांद पर थूक लगा कर उनकी गांद में लंड उतार दिया. मम्मी चिल्ला रही थी, और अपनी गांद पीछे करके मेरे लंड का मज़ा ले रही थी.

मम्मी: बेटा बहुत मज़ा आ रहा है. बहुत दीनो बाद गांद में लंड ले रही हू.

मैं: याद है ना लास्ट टाइम किसने गांद मारी थी?

मम्मी: हा बेटा बहुत आचे से याद है. वो आफ्रिकन दवीड ने मेरी गांद फाड़ दी थी. एक हफ्ते तक मुझे गांद में दर्द रहा था.

मैं: मुझे लगा आप सब भूल गये होगे.

मम्मी: बेटा हर एक शकल याद है मुझे. कुछ नही भूली. बस याद रखना नही चाहती, पर अब तुझे क्या काहु?

मैं अब बिस्तर पर लेट गया, और मम्मी मेरे उपर बैठ कर अपनी गांद में लंड ले रही थी. उनकी छूट मेरे मूह के सामने आचे से दिख रही थी, और उसमे मेरा और जगदीश अंकल का स्पर्म भरा पड़ा था. मम्मी अपनी गांद चुड़वते हुए मेरे से बातें कर रही थी, और उनकी बातें मुझे पागल बना रही थी.

मम्मी: बेटा तुझे लगता होगा की मैं एक रंडी हू. पर क्या करू बेटा, मेरे अंदर गर्मी इतनी है की मेरे से बिना चुडवाए रहा नही जाता. तुझे लग रहा होगा मैने इतने मर्दों से चुड कर मज़ा लिया, पर वो मेरी छूट की आग करवा रही थी.

मम्मी: तू नही समझ सकता जब एक मर्द का हो जाता है, तो वो बिस्तर पर बिखरी हुई औरत को देख कर क्या सोचता है. वो लोग मुझे नंगी बिस्तर पर छोड़ कर अपने कपड़े पहनते हुए जिस नज़र से देखते है, वो बहुत बुरा फील करवाती है. मर्द जात का काम निकल जाता है. फिर औरत को एक कचरा समझ कर छ्चोढ़ देते है.

मम्मी: बेटा मैने बहुत चीज़ ट्राइ किया था. मैने गाजर मूली और ना-जाने क्या-क्या चीज़ डाल कर अपने आप को ठंडा करने की कोशिश की. पर मुझे जब तक लंड ना ख़ौ तब तक चैन नही पड़ता है. मैने कभी सोचा नही था की तुम मुझे दूसरों की जूतन देख कर भी ऐसे ही प्यार करोगे.

मैं: मुम्मा आप जैसी भी हो, मैं आपसे प्यार करता हू, और करता रहूँगा. मुझे कोई फराक नही पद रहा आपको अभी तक कितनो ने छोड़ा, और कैसे छोड़ा. मैं आपको बस खुश देखना चाहता हू.

मम्मी गांद से लंड बाहर निकाल कर मेरे से लिपट गयी, और मुझे पागल बन कर किस कर रही थी. मैं भी उनको फुल रेस्पॉन्स देते हुए चार्ज संभाल लिया. मैं उनकी चुदाई करने लगा, और इस बार उनकी गांद में झाड़ गया. हम दोनो साथ में शवर लिए. मैने मम्मी की बॉडी से स्पर्म को सॉफ किया.

मैने बातरूम में उनकी छूट को छाता और उसका पानी पिया. उन्होने मेरे लंड का पानी निकाल कर छाता. हम दोनो तक कर नंगे सो गये, तब तक शाम के 5 बाज गये थे.

वो एक हफ्ते में मम्मी ने और 2 बार जगदीश अंकल को बुला कर अपनी चुदाई करवाई, उर फिर मैं उनकी जूतन को छोड़ने जाता. अब नीलम आंटी आ गयी थी. उसके बाद क्या होता है, वो तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

ही दोस्तों, मैं आपका मूडछंगेरबोय आपको अभी और उसकी मा भावना की सेक्स स्टोरी कैसी लग रही है आप कॉमेंट्स करके बताए.

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