रंडी मा बिना कॉंडम के 2 लड़कों से चुदी

इक़बाल हमेशा से ही शरारती रहा है. वो मों से बातें कर रहा था, और मों उससे कुछ कह रही थी. पर मुझे पता नही लगा वो क्या था. उसने मों को खड़े किया, और उनका पेटिकोट उतार दिया. अब मों पनटी और ब्लाउस में थी.

सलीम ने मों की गांद पर थप्पड़ मारने शुरू किए, और एक-दूं गांद को लाल कर दिया. मों ने भी बड़े तूफ़ानी अंदाज़ में उन दोनो के लंड चाट-चाट कर और सॉफ कर दिए थे, जिसकी वजह से मों के मूह से थूक गिर रहा था.

फिर इक़बाल ने मों का ब्लाउस खोला, और वो बूब्स के साथ खेलने लग गये. सलीम ने मों को बेड पर लिटाया और उनकी पनटी उतार दी. मुझे आज भी याद है के मों का लाल रंग भोंसड़ा एक दूं शेव्ड और सॉफ था. मुझे याद है की इक़बाल को बोला यहा मैने मज़ाक में की-

मैं: अगर मेरी मों का दूध पी लेगा, तो हम दोनो भाई बन जाएँगे.

इक़बाल ने बोला था: वो तो चाहे अभी भी पीला दे.

आज सच में उसके मूह में मों का दूध था. मगर बूब्स चाटने के बाद उसने पता नही क्यूँ मों के बूब्स के बीच में लंड रख दिया, और बूब्स दबा कर हिलने लगा. सलीम का सारा ध्यान मों की छूट चाटने में लगा था. वो मों को मदहोश कर रहा था, और उसने मों का हाथ उसके सिर पर रखने पर मजबूर कर दिया था. मों उससे छूट चटवा रही थी.

फिर इक़बाल बेड पर लेट गया, और जैसी ही मों को लंड पर बिताने लगा, तभी सलीम बोला-

सलीम: कॉंडम ख़तम है भाई.

इक़बाल कहने लगा: अब क्या करेंगे?

फिर मों बोली: मैं भी अपने पर्स में रखती हू. आज नही रखा.

ये सुन कर मैं हैरान हो गया. फिर जो मों ने किया, वो कोई अव्वल दर्जे की रांड़ ही कर सकती है. मों उसके लंड पर बैठ गयी और बोली-

मों: इक़बाल ये जो मेरा बेटा तेरा दोस्त है. ये मेरे डाइवोर्स होने के बाद मैं एक पार्टी में नाचने गयी थी. वाहा के मर्दों ने मुझे पैसे दिए, और खूब शराब पिलाई. फिर मुझे रात भर रगड़ते रहे. जब सेक्स करने की बारी आई, किसी के पास कॉंडम नही था. मैने बिना कॉंडम के किया और ये किसका बीज है मुझे नही पता.

मैं इतना सुन कर बहुत दुखी हो गया. क्यूंकी मेरे अब्बा कों है मुझे नही पता था. मों ने ये राज़ अब तक नही खोला था. मों उनसे बातें भी कर रही थी, और उनके लंड पे भी उछाल रही थी. तभी अचानक सलीम ने मों को घोड़ी बनाया, और मुझे वो देखने को मिला जिसके लिए मैं तरस गया था.

मों की गांद के सुराख (च्छेद) के पास सच-मच एक छ्होटा सा तिल था, जिसकी चर्चा मोहल्ले के सारे रंडी-बाज़ मर्द करते है. सलीम ने मों के तिल को देख कर बोला-

सलीम: शूकर है इसे देखने को मिला. बहुत किससे सुने है इसके.

उसने गांद चाट कर लंड गांद में धकेल दिया, और पीछे से मों की लेने लगा. सामने से आ कर इक़बाल ने मों के मूह में लंड दे दिया, और मों आवाज़ भी नही निकाल पा रही थी. सलीम ने लोड्‍ा घुसा कर मों का तस्वीर भी खींची और ज़ोर-ज़ोर से पेलने लगा.

मों को उठा कर उन्होने ज़मीन पर घोड़ी बनाया, और फिर मों के सिर को ज़मीन पर रख कर उनके सिर पर पैर रख दिया. फिर दोनो ने बारी-बारी लंड घुसाया. मैं अपनी मा की चुदाई और चीखें सुन रहा था, और देख रहा था वो बड़ी ही हैवानियत से मों को छोड़ रहे थे. और उनकी छूट का भोंसड़ा बना रहे थे.

इक़बाल फिर ज़मीन पर खुद लेट गया और उसने मों के हाथ पकड़ कर बड़े प्यार से उन्हे अपने लंड के उपर बिता लिया. फिर उसने लंड उनकी गांद में दे दिया. सलीम के लिए छूट वाली जगह खाली थी. मों ने एक लात उठाई और सलीम को इशारा किया की आजा.

सलीम भी बड़ी फुर्ती से आया, और मों की छूट में लोड्‍ा घुसा कर पेलने लगा. मैने 2 लंड किसी औरत में पहली बार देखे थे, और वो औरत मेरी मों थी.

करीब 2 घंटे पेलने के बाद जब दोनो ने अपना माल मों के मूह पर झाड़ दिया, तो मों भी उनका स्पर्म पी गयी. फिर मों ने सारी बाँधी, ब्लाउस पहना, और नीचे आने लगी. मगर सलीम और इक़बाल एक-दूं तक गये थे, और बेड पर लेट गये थे. उस बेड पर पानी ही पानी था, जो की मों की छूट से निकला था.

मैं एक-दूं नीचे दुकान की तरफ भागा, और मों आई. मैने जब मों को देखा मों ने कमर पर हाथ रखा था, और उनका मेक-उप एक-दूं खराब था.

मैने कहा: मों आप अब भी यहा हो? मैं अभी आया काम ख़तम करके.

मों कहने लगी: बेटा तुम घर की चाबी ले गये तो मैं यही सो गयी थी नाप देकर.

मैने कहा: फिर वो दोनो?

मों कहती: बेटा वो बाहर गये है किसी काम से.

बस इतना सुन ने के बाद मैं मों के साथ घर की तरफ आ गया, और ज़्यादा सवाल जवाब नही किए. क्यूंकी मों को झूठ बोलना नही आया. मों ने मुझे बस इतना बोला-

मों: क्या नाप लेते है दोनो. तेरी दीदी का भी नाप यही से दिलवाएँगे.

मैने भी बोल दिया: हा मों थेक है.

अब मुझे समझ लगी वो पिछला टेलर प्रीत मों और दीदी का एक साथ नाप नही गांद लेता था. कुछ दीनो बाद जब मुझे इक़बाल मिला, तो वो अकेला था. उसने मुझे बुलाया और कहा-

इक़बाल: ये देख एक रंडी की चुदाई की मैने.

उसने मुझे सिर्फ़ एक पिक दिखाई जिसमे एक रंडी घोड़ी बनी हुई थी, और एक बड़ा सा लंड उसकी छूट में था. मगर गांद के पास एक तिल था. उसका फोटो दिखाने का मतलब मैं समझ गया था.

मैने पूछा: कों है ये?

इक़बाल कहने लगा हस्स के: मोहल्ले की रांड़ है, मिलौँगा कभी. और बता तिल वाली के बेटे कैसा है तू?

मैने कहा: इक़बाल भाई बढ़िया. उसने मुझे फिर मों के बारे और मोहल्ले के एक और अंकल जुनैद जी के साथ हुए कुछ क़िस्सों के बारे बताया, जो मुझे टुटीओन पढ़ता था.

आने वाली स्टोरीस में सारे किससे बतौँगा मों के, सिस के, और दोनो के एक साथ. धन्यवाद, उमीद है आपको स्टोरी पसंद आई होगी. प्लीज़ कॉमेंट ज़रूर कीजिए.

यह कहानी भी पड़े  भाई के लंड से देवरानी-जेठानी का प्यार


error: Content is protected !!