राज़ च्छुपाने के लिए सौतेले बाप ने बेटी को चोदा

मेरा नाम आकाँशा है. मैं 19 साल की हू. मेरे पापा की डेत बहुत साल पहले हो गयी थी. मम्मी ने दूसरी शादी कर ली और मैं अपने स्टेप दाद को अंकल कहती हू. मम्मी की जॉब कुछ ऐसी है की उन्हे शहर से बाहर आना-जाना पड़ता है. लेकिन अंकल शाम 5 बजे के बाद ड्यूटी से वापस आ जाते है. अंकल बहुत टॉल, स्मार्ट, और हॅंडसम है.

एक दिन मम्मी को 2 दिन के लिए काम से शहर से बाहर जाना पड़ा. तो मैं और अंकल अकेले थे घर. शाम को मैने अंकल को बताया की मैं अपनी दोस्त के घर जेया रही थी. लेकिन जब मैं गयी तो मेरी सहेली घर थी ही नही. तो मैं वापस आ गयी.

जब मैं वापस आई तो अंकल के रूम से आवाज़े आ रही थी. मैने रूम का दरवाज़ा खोल के देखा तो अंकल एक लड़की की छूट में फिंगरिंग कर रहे थे, और वो लड़की अंकल का डिक चूस रही थी. वो दोनो मुझे देख के चौंक गये एक-दूं, और मैने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर मैं भाग के अपने कमरे मैं चली गयी. रात तक मैं बाहर नही गयी, और ना ही अंकल आए मुझे बुलाने.

फिर रात को 1-2 बजे अंकल ने दरवाज़ा नॉक किया. मैने दरवाज़ा खोला तो अंकल ने सिर्फ़ ट्राउज़र पहना था. अफ मैं तो अंकल को देखती रह गयी. आज से पहले कभी ऐसी फीलिंग नही आई थी. अंकल की भीगी-भीगी छाती और उसपे हल्के-हल्के बाल थे.

मैने पूछा: जी अंकल, कोई काम?

उन्हो ने कहा: बाहर बारिश हो रही है, और कुछ समान अंदर रखना है. मेरे साथ आ कर रखवा दो.

मैं बाहर गयी और बारिश में पूरी भीग गयी. अंकल मेरे बूब्स को देखते जेया रहे थे. लेकिन मैं थोड़ी अनकंफर्टबल भी हो रही थी. फिर हम अंदर आ गये और लाइट गयी हुई थी. अंकल ने टवल पकड़ा, और कहा-

अंकल: आओ मैं तुम्हारे बाल सूखा डू.

मैं चेर पे बैठ गयी और अंकल ने पहले मेरे बाल सुखाए. फिर आहिस्ता-आहिस्ता मेरी नेक से होते हुए टवल को मेरे बूब्स तक ले आए और घिसते हुए मेरे कपड़े भी सूखने लगे. पर उसी के साथ-साथ मेरे बूब्स भी मसल रहे थे.

मैं एक-दूं घबरा गयी, और उठ के कहा: मैं रूम में जेया रही हू.

अंकल मेरी बाजू पकड़ी और कहा: रूको, लाइट नही है और मौसम भी खराब है. तो आज रात एक ही कमरे में सोना छाईए. मैने हिचकिचाते हुए कहा-

मैं: नही अंकल मुझे कोई मसला नही है, मैं सो जौंगी आराम से रूम में.

अंकल: मैने कहा ना मौसम ठीक नही. मैं तुम्हारे साथ सौंगा.

फिर अंकल मुझे अपने कमरे में ले गये और कहा: तुम लेट जाओ, मैं नहा के आता हू.

फिर मैने पिल्लो और ब्लंकेट लिया, और सोफे पे लेट गयी. कुछ आधे घंटे बाद अंकल नहा के आए. मैं सो चुकी थी. उन्होने मुझे उठाया और मैने देखा की उन्होने सिर्फ़ नीचे टवल बाँधा हुआ था और वो बहुत हॉट लग रहे थे. उन्होने मुझे कहा-

अंकल: तुम यहा क्यूँ लेती हो? बेड पे आओ.

मैने कहा: नही अंकल, मैं ठीक हू यही.

उन्होने मुझे बाजू से पकड़ कर उठाया और कहा: आ जाओ, चलो बेड पर. कभी तो बात सुना करो मेरी.

खैर मैं चुप करके बेड पे उनसे काफ़ी डोर हो कर लेट गयी. वो अपना फोन देखने लग गये, और मैं बस चुप करके लेती रही.

फिर उन्होने कहा: अर्रे तुम इतनी साइड पे क्यूँ लेती हो? क्या तुम्हारे पापा होते तो ऐसे अनकंफर्टबल होती? मुझे भी अपना पापा ही समझो.

और उन्होने ये कहते हुए अपनी बाहे खोली और कहा: आओ मेरे बाजू पे आ कर लेतो.

मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा. पर मैं लेट गयी उनकी बाजू पे सर रख के. फिर उन्होने अपना हाथ मेरी कमर पे रख दिया, और हल्का-हल्का सहलाने लगे.

उन्होने कहा: तूने आज मुझे और प्रीति को देखा एक साथ, ये बात अपनी मा को तो नही बताएगी ना?

मैने कहा: नही अंकल, मैने कुछ नही देखा.

अंकल ने हल्का-हल्का हाथ मेरी बूटी पे सहलाना शुरू किया, और कहा: सच में? ये भी नही देखा कैसे वो मेरा लंड चूस रही थी?

मैं: अंकल आप ये क्या कह रहे है?

अंकल: अछा चलो छ्चोढो, ये बताओ तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड है?

मैं: नही अंकल.

अंकल: तो कभी किसी के साथ चुदाई नही की ट्राइ?

मैं: नही अंकल.

अंकल का लंड टवल के नीचे सख़्त होता हुआ नज़र आ रहा था.

अंकल: डोर से क्या देख रही है, हाथ लगा के देख ले.

ये कहते हुए अंकल ने मेरा हाथ अपने लंड पे रख दिया. अफ इतना मोटा लंबा और गरम लंड था उनका. उन्होने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था, और मेरे हाथ से अपना लंड सहलाने लगे. मेरी आँखें बंद थी, और वो हल्का-हल्का मेरी नेक को चूमने लगे.

मैं मदहोश होने लग गयी, और साथ-साथ कहने लगी: अंकल ये ठीक नही, ये ग़लत है. मम्मी को पता चल जाएगा.

अंकल मेरे उपर आ गये और मेरी शर्ट उतार दी. मैने नीचे ब्रा नही पहनी थी, और मेरे निपल को ज़ोर से उंगलियों मैं दबा के कहने लगे-

अंकल: जब तेरी मम्मी को ये नही पता चला के मैं उसके पीछे से किस-किस लड़की को घर लाके छोड़ता हू, तो हमारे बारे में कैसे पता चलेगा?

मैं अंदर से दर्र रही थी की मम्मी को किसी तरह पता चल जाएगा. फिर अंकल ने मेरे बूब्स चूसने शुरू किए, और हल्का-हल्का मेरे निपल्स पर काटने लगे.

मैने अंकल को कहा: अंकल रुक जाओ प्लीज़, मुझे नही करना ये सब. मैं मम्मी को बता दूँगी सब कुछ.

अंकल मेरे उपर से उतरे, और मुझे बालों से पकड़ के कहा: क्या कहा तूने? मम्मी को बताएगी? पहले तो मैं तुझे प्यार से छोड़ने वाला था. लेकिन अब तेरी छूट फाड़ दूँगा.

ये कहते हुए उन्होने मुझे उल्टा किया, और मेरी बूटी पे स्पॅंक करने लग गये. 2-3 स्पंक्स से ही मेरी बूटी पिंक हो गयी. पर वो रुके नही और 20 दफ़ा मुझे स्पॅंक किया और कहा की मैं साथ काउंट करू. मैं काउंट करते हुए आहें भर रही थी. और मेरी बूटी पूरी रेड हो गयी थी.

उसके बाद उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरी पनटी ज़ोर से उपर की तरफ खींचने लगे. इससे मेरी छूट में पाईं हो रहा था. मैं चिल्लाने लगी, और अंकल साथ-साथ कह रहे थे, “बताएगी अब किसी को”?

फिर उन्होने मुझे बेड पे फेंका और मेरी पनटी उतार दी, और अपना लंड मेरी छूट पर ज़ोर से मारने लगे. मैं मदहोश हो कर आहें भर रही थी. फिर उन्होने लंड मेरी छूट पर मारते-मारते एक-दूं से अंदर डाल दिया और मैं तड़प उठी. उसके बाद उन्होने मुझे छोड़ा.

मैं कहती रही: अंकल बस करो प्लीज़. आहह अंकल बस बहुत दर्द हो रहा है अयाया आआआः. आपका लंड बहुत बड़ा है अंकल आअहह.

फिर अंकल जब डिसचार्ज होने लगे, तो अपना लंड निकाल के मुझे बालों से पकड़ा, और मेरे मूह में लंड डाल के अंदर-बाहर करने लगे. उन्होने मेरे मूह में डिसचार्ज कर दिया, और तब तक लंड बाहर नही निकाला, जब तक मैं सारा निगल नही गयी.

उसके बाद मैं निढाल हो कर लेती रही. फिर अंकल ने मुझे अपनी बाहों में लिया और मेरे बूब्स आराम-आराम से सक करते रहे. आइसे ही सुबा हो गयी. अब जब भी मम्मी बाहर जाती थी, तो अंकल मुझे ऐसे ही छोड़ते थे, और मुझे भी बहुत मज़ा आता है.

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