रात मे आंटी की गॅंड मारी मामा ने

हेल्लो दोस्तों ये मेरी पहली कहानी हे जब मैं 18 साल का था तब मैंने अपनी आँखों से जो सेक्स को देखा था उसे आप के लिए यहाँ लिख रहा हूँ. आशा हे की ये हिंदी सेक्स कहानी आप को पसंद आएगी. ये कहानी में आप पढेंगे की कैसे एक अंकल ने हमारी किरायेदार आंटी को चोदा!

मैं अपनी मम्मी पापा के साथ अपने घर में रहता था. घर तिन लोगों के लिए काफी बड़ा था इसलिए उसके पीछे का हिस्सा हम लोगों ने रेंट पर दिया हुआ था. तब वहां पर एक अंकल, आंटी और उन्के तिन बच्चे रहते थे. आंटी का नाम नेहा था और अंकल का नाम गिरी था. उन्के बच्चो के नाम रंजित, संजय और अमरजीत थे.

जिस दिन आंटी लोगों ने पहले दिन रहना स्टार्ट किया तब मैं अपनी स्कुल के लिए निकला. बहार देखा तो वो कपडे सूखा रही थी. बाप रे क्या मस्त गांड थी आंटी की! उसका फिगर करीब 36 32 38 का होगा और जैसे वो मल्लू आंटियां होती हे ना साउथ इंडियन पोर्न फिल्म्स में ऐसी मादक लग रही थी वो. और देखने में वो गोरी और चिकनी भी थी. काले घने लम्बे बाल थे और ऐसा लग रहा था की जा के उसके बूब्स पकड के उसका दूध पी जाऊ!

जब वो चल रही थी तो उसकी बड़ी गांड मस्त लटक मटक हो रही थी. और मैं उसे देखता ही रह गया. मेरा तो लंड खड़ा हो गया आंटी की इस मादक एस को देख के. आंटी ने मुझे देखा और घूरने सी लगी. फिर उसने मेरी पेंट में बने हुए लंड के तम्बू को भी देखा.

मैं वहाँ से भाग निकला. जब स्कुल से वापस आया तो मैं घर पहुंचा तो देखा की मेरी मम्मी उस आंटी के साथ में बैठ के चाय पी रही थी. आंटी की तरफ मेरी मम्मी ने हाथ कर के मुझे कहा, बेटा राहुल इनसे मिलो ये नेहा आंटी हे अब हमारे घर में वो रेंट पर रहेंगी.

आंटी ने मुझे एक नोटी स्माइल के साथ कहा, हल्लो राहुल.

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मैं: हाई नेहा आंटी.

आंटी ने मम्मी को कहा, आप का बेटा बड़ा क्यूट हे.

मम्मी: हां बहन जी.

फिर मैं शर्मा के वहां से चला गया. ऐसे ही महिना निकल गया और हमारी और आंटी की फेमली क्लोज हो गई. और आंटी मुझे अक्सर चाइनीज़ बोल के चिढाती भी थी. कुछ महीने के बाद एक और किरायेदार आया हमारे घर पर. वैसे वो किरायेदार नहीं था पर मेरा दूर का मामा ही था. पीछे एक छोटी सी सिंगल रूम थी उसमे रहने के लिए. मामा  एक 22-23 साल का जवान लड़का था. देख्मे में लम्बा था, गोरा था और एवरेज चौड़ाई थी उसकी. मामा का नाम अविनाश था और धीरे धीरे वो भी आंटी के साथ मिल गया.

एक दिन की बात हे जब मेरे पापा किसी काम से दिल्ली गए हुए थे. दुसरे दिन मेरी दादी जो हमारे ही शहर में मेरे बड़े पापा के साथ रहती हे उनका कॉल आया. दादी को फ्रेक्चर हुआ था तो उन्होंने माँ को अपने पास बुला लिया. बड़ी माँ से अकेले से घर का काम और दादी की देखभाल साथ में नहीं होती थी इसकी वजह से.

मम्मी ने जाते वक्त आंटी को बोला की मेरे चाइनीज का ध्यान रखना.

आंटी ने कहा: आप फ़िक्र मत करो बहन जी.

मम्मी ने आंटी को कहा तुम लोग घर में ही सो जाना क्यूंकि इसको अकेले अँधेरे में डर लगता हे.

आंटी ने मेरे चिकने गाल के ऊपर पिंच कर के कहा आप जाओ बहन जी मेरे चाइनीज को मैं नहीं डरने दूंगी.

माँ चली गई उस रात को मैं आंटी के घर में ही खाना खा के बाद के आंटी ने अंकल को अपने बच्चो के साथ सुला दिया और मैं और आंटी हमारे घर पर सोने के लिए आ गए. हम दोनों मेरे पेरेंट्स के बेडरूम में ही सो गए.

आंटी: राहुल तुम्हे डर लग रहा हे क्या?

मैं: नहीं आंटी नहीं लग रहा हे.

आंटी ने मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया और सो गई. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मेरा मुहं आंटी के बड़े बूब्स को टच कर रहा था.

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आंटी के जिस्म से एक अलग ही खुसबू आ रही थी. ऐसा लग रहा था की मैं स्वर्ग में आ गया. पर मुझे कब नींद लग गई वो पता ही नहीं चला. जब 12 बजे के करीब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की आंटी बिस्तर के ऊपर नहीं थी. और मैं उसे ढूंढने के लिए ड्राइंग रूम की तरफ गया. जब मैं कोरिडोर से पास हुआ तो मैंने ड्राइंग रूम से आवाजें सुनी.

आंटी उस जवान लड़के अविनाश की बाँहों में थी.

नेहा आंटी: अविनाश छोडो प्लीज़, राहुल उठ गया तो डर जाएगा वो.

अविनाश: अरे छोड़ने के लिए तुझे थोड़ी न पकड़ा हे मैंने.

और अविनाश मामा नेहा आंटी को किस करने लगा. आंटी को भी मेरे इस चुदक्कड मामा के साथ मजा आ रहा था जैसे.

अविनाश: चूप साली रंडी आज तो मैं तेरी गांड मारूंगा. दीदी होती हे तो बहुत नाटक करती हे. साली आज तेरा एक नाटक नहीं चलने दूंगा मैं.

और फिर मामा ने आंटी की साडी उतार दी. आंटी अभी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मामा ने आंटी को उनके नावेल में किस दिया तो उसके मुहं से सिसकियाँ निकल पड़ी.

आंटी को भी मेरे अविनाश मामा के साथ मजा आ रहा था. और वो मामा का सर सहला रही थी और अपनी आँखे बंद कर ली थी उसने. अब मामा ने उनके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया. अब आंटी सिर्फ ब्रा में थी क्या मस्त लग रही थी आंटी किसी देसी पोर्नस्टार के जैसी!

अब आंटी ने भी अपने जलवे शरु कर दिया. और वो अपनी गांड को ठुमके लगाते हुए मामा के सामने नाचने लगी. ये देख कर मैं चुपके से मुठ मार रहा था. मामा ने उन्हें पकड़ा और सोफे के ऊपर सुला दिया.

अब मामा ने आंटी की पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटा और आंटी के बड़े बूब्स को वो हाथ से दबाने लगा. आंटी के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह की आवाजे आ रही थी.

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