प्यासी औरत की गांद चुदाई की तैयारी

रीडर्स, प्यासी औरत की चुदाई कहानी में आप सब का वेलकम. लेट’स स्टार्ट-

ऐसे ही मैने 3 से 4 बार छानते मारे. रूपाली की गांद लाल हो गयी. वो भी बिना रुके अपने बेटे के सामने मेरे होंठो से गुलाब जामुन चाट रही थी, और बोली-

रूपाली: उहह उम्म्म बेबी. ऐसा एंजाय मुझे कभी नही मिला है. बहुत मज़ा आ रहा है.

अब आयेज से-

अनिल: वाह मम्मी, आप तो बहुत खुश नज़र आ रही हो. आपको खुश देख कर मुझे भी खुशी मिल रही है.

रूपाली: ह्म्‍म्म्म बेटा. ये सब तूने ही तो किया है. तू रोहित से ना मिलता तो मैं अकेले ही मॅर जाती. रोहित ने तो मेरा दिल और बॉडी को पूरा खुशी से भर दिया.

अनिल: हा, देखो ना कैसे रोहित आपके बूब्स के साथ खेल रहा है.

रूपाली: धात पागल. तुझे शरम नही आ रही अपनी मा के लिए ऐसा बोलता है. चल अब जेया, हो गया खाना. तू अपना काम पूरा कर ले जो करना है.

रोहित: उम्म्म्म स्लॉप. क्या हुआ? रहने दे इसे, इसे भी आज कुछ नया मिल जाएगा.

रूपाली: आप चुप रहो. आपको शरम तो है नही, वो बेटा है मेरा. और आप बहुत वाइल्ड सेक्स करते हो. मुझे बेटे के सामने नंगा कर दिया. आयेज पता नही क्या-क्या करने वाले हो.

अनिल: ओक मम्मी. जेया रहा हू. आप दोनो आचे से एंजाय करो.

अनिल मेरे तरफ देख कर हेस्ट हुए बोला-

अनिल: देख भाई. मेरी मम्मी को और भी एंजाय करना. मुझे हॉल तक मम्मी की चीखें आनी चाहिए.

मैं: हा भाई. आज तेरी मा की गांद की सील तोड़ने वाला हू. इसकी आवाज़ पुर घर में आएगी.

रूपाली: ऑश बाबा, प्लीज़. ऐसा कुछ नही करोगे. आप प्यार से करना, वहाँ बहुत दर्द होगा.

मैने तभी उसकी छूट के दाने को ज़ोर से दबा दिया, जिससे उसकी चीख निकल गयी.

रूपाली: ह मा उ. रोहित, प्लीज़ धीरे ना. अनिल अब तू जेया ना यहा से. क्या हस्स रहा है.

फिर अनिल मेरे तरफ हेस्ट हुए, एक आँख करते हुए बाहर चला गया. अब रूम में नंगे हम दोनो ही थे. मैने उससे कहा-

मैं: मेरी जान रंडी. आज तुझे निचोढ़ के रख दूँगा. तेरी पूरी जवानी को चूस लूँगा.

रूपाली: हा बाबा. कर लो आप. आप अब कों सा मानने वाले हो.

दोस्तों, अभी दिन के 1 बजे थे. आज रूपाली को पूरा दिन छोड़ने का मूड था. अनिल भी यही चाहता था की उसकी मा को रग़ाद के छोड़ू. जिससे उसकी जवानी का असली मज़ा वो भी देख सके.

अब हम दोनो एक-दूसरे को फिरसे प्यार भारी स्मूच देने लगे. रूम में दोनो के ज़ोरदार स्मूच की सिसकियाँ फैल गयी थी. जब अनिल रूम से बाहर गया था, तो उसने रूम का डोर ठीक से बंद नही किया था.

अनिल ने तोड़ा सा गाते खुला रखा था, और वो वाहा से अपनी मा को चूड़ते हुए देख रहा था. रूपाली मेरे होंठो को आँखें बंद करके मस्ती से चूज़ जेया रही थी. उसे अब किसी की फिकर नही थी, और ना ही किसी का दर्र. उसे बस मेरे साथ अपनी जवानी की आग शांत करनी थी.

रूपाली: उम्म्म्म उहह उहह. आपके होंठो को चूसने का मज़ा भी अलग है. मैं इन्हे खा जौंगी.

मैं: क्या बात है मेरी जान? तू अब पूरी तरह बिना दर्रे सब कर रही है.

रूपाली: हा ना, करूँगी ही ना. अब किसके लिए शरम करू? बेटे ने नंगी देख लिया. पति किसी काम का नही. अब आपके साथ ये सब ना करू तो मैं तो मॅर जौंगी. मुझे आपसे अब डोर नही रहना है. रोहित, सॅकी आपके साथ बहुत अछा लग रहा है.

मैं: मेरी जान. जो तेरे दिल में हो, वो सब आज तू कर सकती है. बिना दर्रे तू जवानी के मज़े ले.

रूपाली: सिर्फ़ आज ही? बाकी दिन मेरे पास नही आओगे?

मैं: अर्रे मेरे रंडी. मैं तेरा ही हू. अब तू मस्ती से मज़े ले.

मैने अब उसके दोनो पैर पकड़ कर अपनी गोद में बिता लिया. उसने भी पैरों से मेरी कमर जाकड़ ली, जिससे उसके गोरे बूब्स मेरे चेस्ट में दबने लगे. मैने अपना मूह बूब्स में दबा दिया. रूपाली मेरे बालों में मसाज करने लगी.

नीचे से वो अपनी छूट मेरे लंड पर मसालने लगी. इससे मज़ा डबल हो गया. मैं एक बूब्स के निपल को मूह में भर कर ज़ोर से चूसने लगा, और दूसरे निपल को हाथ से दबाने लगा.

रूपाली: ह बाबा, एस बेबी उहह.

मैं: उम्म्म्म ष्ह स्लॉप स्लॉप.

मैं बारी-बारी से उसके दोनो मुलायम रस्स भरे बूब्स को मसल-मसल कर चूस रहा था. रूपाली की गरम सिसकियाँ रूम के बाहर तक जेया रही थी. रूपाली पूरी मस्ती में मुझे बूब्स का मज़ा दे रही थी, और अपनी छूट मेरे खड़े गरम लोड पर घुमा रही थी.

उसकी छूट लंड पर रग़ाद खाने से गीली होने लगी थी. मैं अब दोनो निपल्स को अपने दांतो से काटने लगा था, और दोनो हाथो से उसकी कड़क गांद मसालने भी लगा. इससे वो और गरम होके सिसकियाँ लेने लगी.

रूपाली: ऑश आह रोहित, प्लीज़ धीरे करो ना. गांद लाल कर दी आपने तो. ह मा, काटो मत ना. दर्द होता है बाबा.

मैं: चुप कर साली, तेरी गांद की सील तोड़नी है आज. उसके लिए गांद को रेडी कर रहा हू.

रूपाली: उहह हा कर लो, लेकिन तोड़ा आराम से करो ना बेबी. आप बहुत शैतान हो. कभी तो मेरी भी सुना करो.

उसने इतना कहा, तो मैने उसकी गांद के च्छेद में एक उंगली डाल दी. उसकी टाइट गांद में उंगली फ़ासस गयी थी, जिससे उसे दर्द होने लगा था.

रूपाली: ह मा, बाहर निकालो ना. कितना दर्द दोगे?

मैं: बहनचोड़, अभी तो उंगली ही डाली है. लंड जाएगा तब क्या करेगी?

रूपाली: मतलब, आज आप मेरी जान लेने वाले हो? मैने गांद में कभी लिया नही है. आपकी उंगली से ही दर्द हो रहा है.

मैं: अब नाटक मत कर. तू अब अपनी गांद उपर-नीचे कर, जिससे गांद का च्छेद तोड़ा ढीला हो जाएगा.

रूपाली ने बात मानते हुए, अपनी गांद हिलना शुरू किया. मेरी उंगली गांद के च्छेद को छोड़ने लायक बना रही थी. इधर मैने निपल्स चूस और काट कर लाल कर दिए. उसके बूब्स पर मेरे दाँत के निशान बन गये थे.

इस तरह उसके गोरे और मुलायम बदन को चूमने और चाटने में 30 मिनिट लग गये थे. इतने में गांद में मैने 2 उंगलियाँ डाल कर उसे और खोल दिया. रूपाली की आँखों से हल्के आँसू भी निकल रहे थे.

उसका बेटा अनिल बाहर खड़ा हमारी रोमॅंटिक और दर्द भारी मस्ती को देख रहा था. शायद उसने एक बार झाड़ भी दिया होगा.

फिर मैने रूपाली से कहा: चल, अब तू घोड़ी बन जेया. तेरी गांद का उद्घाटन कर देता हू.

रूपाली: आप ना प्लीज़ आराम से करना, ओक? मुझे आपसे बहुत दर्र लग रहा है. आप बहुत मूड में लग रहे हो, और आपका ये लंबा शैतान भी (रूपाली मेरे 7 इंच के कड़क लंड को हाथ में लेके बोली).

मैने कहा: अब जल्दी से पहले तू इसे चूस कर गीला कर दे. तुझे दर्द कम होगा.

वो बेड से नीचे उतार कर, घुटनो पर आके मेरे लोड को बुला रही थी. मैं उसके मूह के सामने लंड लेके खड़ा हो गया. रूपाली ने मुझे देखते हुए लंड को मूह में ले लिया. वो बड़े मज़े से लंड चूसने लगी.

रूपाली लंड चूस रही थी. एक हाथ से मेरी बॉल्स को मसल रही थी. पीछे मैने देखा गाते पर उसका बेटा देख रहा था. उसने मुझे इशारा किया की आचे से छोड़ो इसे. मैने उसको हा में सिर हिला के कह दिया.

रूपाली ने लंड को पूरा मूह में लेके चूसना शुरू कर दिया. दोस्तो, रूपाली लंड बड़ा आचे चूस्टी थी. उसके चूसने से पुर बदन में बिजली जैसा झटका लगता था.

मैने कहा: वाह मेरी रंडी, साली तू लंड बड़ा अछा चूस्टी है. तूने कहा से सीखा है?

रूपाली हेस्ट हुए: सब आप से सीख रही हू. वरना मुझे ये सब करना कहा पड़ता था. अनिल का बाप तो कुछ करता कहा था. साला वो सेक्स और प्यार करना जानता कहा है. आप तो पुर एक्सपीरियेन्स्ड लड़के हो. मुझे उसका चूसना भी नही है.

मैं: चल, अब तू बेड पर आ जेया. तेरी गांद बजा देता हू.

रूपाली मुझे देख कर हासणे लगी, और मेरे लंड पर हल्के से मारने लगी. फिर वो मुस्कुराते हुए बेड पर जाने लगी. जैसे ही वो बेड पर घोड़ी बनी. मैं उसके पीछे आ गया, और गांद के च्छेद पर अपनी ज़ुबान रख दी. इससे वो श उहह करके सिसक गयी थी.

कहानी पर बने रहना दोस्तों. बहुत मज़ा आने वाला है अगले पार्ट में. किसी भाभी, गर्ल, हाउसवाइफ को ऐसे ही रोमॅंटिक और सेक्सी लाइफ का मज़ा लेना है, और रियल सेक्स चाहिए, तो मुझे मैल करके मेसेज करे. आपकी लाइफ की खुशियों को वापस ला दूँगा, और बोरिंग लाइफ को मज़ेदार बना दूँगा.

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थॅंक्स ड्के.

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