पुणे की टीचर चुदी स्टूडेंट से

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम पल है, और मैं पुणे, महाराष्ट्रा का रहने वाला हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं ब.कॉम. फर्स्ट एअर का स्टूडेंट हू. वैसे हमारी फॅमिली देल्ही से बिलॉंग करती है. पापा की गवर्नमेंट जॉब है, इसलिए उनके ट्रान्स्फर के चलते हम 6 महीने पहले ही यहा शिफ्ट हुए.

मेरी हाइट 5’9″ है, और रंग ठीक-ठीक गोरा है. लंड मेरा 7.5 इंच का है, और जिम जाने की वजह से मैने अची बॉडी बनाई हुई है.

नये शहर में आके मैने कॉलेज में अड्मिशन ले लिया था, और फिर जिम भी जाय्न कर लिया था. अभी मैं 2-3 दिन ही जिम गया था, की वाहा मेरी नज़र एक बड़ी ही खूबसूरत लड़की पर पड़ी. उस लड़की की बॉडी बहुत सेक्सी और फिर थी. वो मुझसे बड़ी थी, कोई 27-28 साल की होगी.

वो जब टाइट ड्रेस पहन कर एक्सर्साइज़ करती थी, तो सब लड़के उसी की तरफ देख कर अपना लंड मसालने लगते. अब इतने सारे लड़के उसके पीछे थे, और वो मुझसे बड़ी भी थी, तो मुझे अपना कोई चान्स नज़र नही आ रहा था.

लेकिन कहते है ना की जो चीज़ आपकी किस्मत में हो, वो खुद आपके पास चल कर आती है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ. जैसा की मैने बताया की मैं ब.कॉम. का स्टूडेंट हू, तो अकाउंट्स में काफ़ी कमज़ोर हू. इसमे पास होने के लिए मुझे टुटीओन की ज़रूरत पड़ती है.

मेरे पापा मेरे लिए टुटीओन ढूँढ रहे थे. फिर एक दिन उनके ऑफीस के किसी कोलीग ने उनको एक टीचर का नंबर दिया जो अकाउंट्स पढ़ती थी. पापा घर आए, और मुझे अपने साथ उस टीचर के घर ले गये. जब हम घर पहुँचे, तो एक आंटी ने दरवाज़ा खोला.

मुझे लगा वही टीचर थी, लेकिन टीचर वो नही उनकी बेटी थी. फिर जैसे ही मैने टीचर को देखा, मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. ये तो जिम वाली लड़की ही थी. मैं इतना खुश हो गया उसको देख कर की बता नही सकता. मुझे लगा की अब तो मेरी बात बन जाएगी, और मैं इस लड़की को छोड़ के रहूँगा. उसका नाम था मिशा.

फिर अगले दिन से मैं मिशा डार्लिंग के पास पढ़ने जाता. वो घर पर नॉर्मली शॉर्ट्स और त-शर्ट में होती थी. उसकी शॉर्ट्स में से उसकी सेक्सी लेग्स, और त-शर्ट के गले में से उसकी क्लीवेज आसानी से दिख जाती थी. लेकिन ये सब देख कर मुझे घर आके रोज़ लंड हिलना पड़ता था.

अब मुझे उसको छोड़ना तो था, लेकिन समझ में नही आ रहा था की कैसे छोड़ूँगा. वो अब जिम में भी मुझे स्माइल दे देती थी, जिससे कुछ लड़के जलने लगे थे. फिर एक दिन मुझे उसको छोड़ने का चान्स मिल ही गया.

उस दिन सनडे था, तो टुटीओन की छुट्टी थी. उस दिन मैं मिशा मेडम को रोज़ की तरह जिम में मिला, और हमारी रेग्युलर स्माइल भी हुई. फिर जब वो जिम से निकली, तो उसके 2 मिनिट बाद ही मैं भी निकल गया. मैने बिके उनकी स्कूटी के पीछे लगा ली, ताकि शायद रास्ते में कुछ बात हो जाए.

लेकिन इससे पहले मैं बिके लेके उनके पास ले जाता, उनका आक्सिडेंट हो गया. उनके आयेज अचानक से एक कुत्ता आ गया, जिससे वो स्कूटी से गिर पड़ी. मैं जल्दी से उनके पास पहुँचा, और उनको उठाया. देखा तो उनके पैर में चोट लगी थी. फिर मैं उनको बिके पर हॉस्पिटल लेके गया. उनके पैर का माज़ फटत गया था, तो डॉक्टर ने पट्टी कर दी. लेकिन कुछ दीनो तक उनको चलने फिरने से माना कर दिया.

फिर मैं उनको उनके घर ले गया. आज उनके घर में कोई नही था. सब लोग किसी सत्संग में गये थे, और अगली सुबा आने वाले थे. चाबी उनके पास ही थी, तो घर के अंदर जाके मैं उनको उनके बेडरूम में ले गया. मैने उनको बेड पर बिताया, और पानी लाके दिया.

फिर मैने उनको कुछ खाने को दिया. क्यूंकी वो चल नही सकती थी, तो मैं उनको बोल कर वही रुक गया, जब तक उनके घर वाले वापस नही आ जाते. उन्होने भी मुझे रुकने से माना नही किया. फिर ऐसे ही रात हो गयी, और हमने ऑनलाइन डिन्नर मंगवा लिया. डिन्नर के कुछ देर बाद हम सोने की तैयारी करने लगे.

उनके पैर में बहुत दर्द था, जिससे से उनका रोना निकल आया. मैं उनको अपने गले से लगा कर चुप करवा रहा था. उस वक़्त उनके बूब्स मेरी छाती से चिपके हुए थे, और मेरा लंड खड़ा हो गया. मुझे यही सही मौका लगा, तो मैने अपने होंठ उनके होंठो से चिपका दिए.

पहले कुछ सेकेंड्स वो समझ नही पाई, और फिर उन्होने मुझे धक्का देके डोर कर दिया. फिर वो बोली-

मिशा: ये क्या बदतमीज़ी है?

मैं: ई लोवे योउ मेडम.

मिशा: मैं तुमसे बड़ी हू, हमारे बीच रिलेशन्षिप नही हो सकता.

मैं: लेकिन मुझे आपको प्यार तो करने दो.

मिशा: ये कैसी बातें कर रहे हो.

वो बेड से उठ नही सकती थी, तो मैने उनको बाहों में भर के फिरसे किस करना शुरू कर दिया. इस बार मेरी पकड़ मज़बूत थी, तो वो मुझे डोर नही कर पाई. किस करते हुए मैं उनके काससे हुए बूब्स मसालने लगा. तकरीबन 3-4 मिनिट रेज़िस्ट करने के बाद वो भी गरम हो गयी, और मेरा साथ देने लगी.

फिर मैने अपनी किस तोड़ी, और उनकी आँखों में देखा. अब उनकी आँखों में भी वासना भारी थी. फिर मैने जल्दी से अपने और उनके कपड़े उतार दिए. क्या मस्त जिस्म था उनका. मैं उनकी टाँगो के बीच गया, और उनकी छूट चाटने लगा. वो आ आ कर रही थी. उनकी छूट जल्दी ही पानी छ्चोढ़ गयी.

फिर मैने अपना लंड उनकी छूट पर रखा, और ज़ोर का धक्का मारा. उनकी छूट इतनी टाइट थी, की उनकी तो चीख निकली ही, मेरी भी निकल गयी. लेकिन मैं रुका नही, और ज़ोर-ज़ोर से लंड उनकी छूट में अंदर-बाहर करने लगा. कुछ देर के दर्द के बाद वो भी गांद उठा-उठा कर छूट छुड़वाने लगी.

वो आ आ कर रही थी, और मैं पागलों की तरह उन्हे छोड़ रहा था. मैं साथ-साथ उनके होंठ, गर्दन, और बूब्स भी चूस-चाट रहा था. इतना मज़ा तो शायद जन्नत में भी नही आता होगा, जितना उनको छोड़ने में आ रहा था. लगातार आधा घंटा छोड़ने के बाद मैने अपना माल उनकी छूट में ही निकाल दिया.

उस रात मैने 2 बार और छोड़ा उनको. उसके बाद तो हमने बहुत बार चुदाई की, और आज भी हमारी चुदाई चल रही है. थे एंड.

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