प्रेग्नंट बहन को जीजा के सामने चोदा

ये कहानी मेरी बहन पूजा और हमारे इन्सेस्ट रिश्तो को समर्पित हे. मेरी बहन पूजा आई लव यु!

मैंने अपनी बहन पूजा को पहले भी बहुत चोदा था उसकी शादी के पहले. अब तिन महीने से वो अपनी शादी के बाद ससुराल में ही थी. फिर एक दिन उसका कॉल आया तो मैंने ही उठाया. मेरी हल्लो सुन के वो बड़ी खुश हुई. उसने कहा कोई हे तो नहीं वहां पर. मैंने कहा नहीं तो. वो किस देते हुए बोली, एक गुड न्यूज हे मनु भाई. मैंने कहा हां बोलो डार्लिंग.

वो बोली मैं प्रेग्नेंट हूँ! मैंने कहा अच्छा! वो बोली और हाँ कुछ ही दिनों में करवा चौथ हे तो मम्मी मेरे लिए कुछ सामान भेज रही हे. और मैंने मम्मी को कहा हे की वो तुम्हारे साथ ही सामान भेजें और मैं तुम्हे यहाँ कुछ दिन अपने घर रखूंगी. वो बात सुन के मुझे बहुत अच्छा लगा. दीदी ने कहा, सच में और भी बहुत कुछ हे तुझे बताने के लिए लेकिन वो सब तू जब यहाँ आएगा तो हम साथ में बैठ के डिसकस करेंगे!

मैंने मम्मी को बताया तो वो खुश हो के बोली, वाह मेरा मनु अब जल्दी ही मामा बनेगा!

फिर कुछ ही दिनों में मैं मम्मी की दी हुई सामान और भेट सौगादों के साथ धडकते हुए दिल के साथ अपनी पूजा दीदी के घर जाने के लिए निकल पड़ा. पूजा दीदी ही मेरा पहला प्यार और सेक्स थी. उसने ही अपनी शादी के अगले दिन तक भी मुझे अपनी चूत का सहारा दिए हुए था. घर पहुँच के बेल बजाई तो मेरे जीजू ने ही दरवाजा खोला.

जीजा ने मुझे कहा, आओ मेरे लकी साले जी कुछ ही दिनों में तुम मामा बनोगे अब तो.

पूजा दीदी जो शोर्ट निकर और ढीली टी शर्ट में थी वो भी मुझे देख के भागी आई. उसके उछलते हुए चुन्चो ने मुझे बता दिया की उसने अन्दर कोई ब्रा नहीं डाली थी. और वो सीधे ही मुझे लिपट गई. उसके नुकीले बूब्स मेरी छाती के ऊपर इश्क के खंजर के जैसे चिभ से गए. शादी के बाद तो उसके बदन में और भी बदलाव आये थे. वो और कस सी गई थी और उसके बूब्स और भी फुल चुके थे. वो अपनी सेक्सी गांड को हिलाते हुए मेरे पास दौड़ के आइ थी. फिर उसने मुझे होंठो के ऊपर किस दिया अपने पति के सामने ही तो मुझे थोडा अजीब लगा.

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मैंने धीरे से दीदी के कान में कहा अरे लिप किस नहीं जीजू देखेंगे. वो बोली, कौन ये? अरे वो मर्द ही नहीं हे तेरे मुकाबले में. एक लुल्ली को पेंट में घुमा रहा हे इतना बड़ा हो के. तेरे और उसके लंड को साइड बाय साइड रख दिया तो उसका लंड बच्चा लगेगा तेरे लंड का. और जो मेरे पेट में पल रहा हे तो उसका नहीं लेकिन हम दोनों का ही बच्चा हे मेरे भाई. इस हलकट की औकात नहीं हे बच्चा पैदा करने की. वो तो देखेंगा की एक मर्द और औरत के बिच में प्यार कैसे होता हे जब तुम मुझे सेक्स के दरिया में डालोगे मेरे भाई. और फिर उसने जीजा के सामने देख के कहा. क्यूँ किरन तुम असली लंड से मुझे चुदते हुए देख के मुठ मारोगे ना अपनी लुल्ली की? तुम एक कौने में छिप के हम दोनों को देखना की कैसे दो बदन मिलते हे.

जीजा ने जो कहा वो मेरे लिए शोकिंग था. वो बोला, अरे कौने में क्यूँ मैं सामने बैठ के ही तुम दोनों का मिलन देख सकता हूँ ना? मैं भी इसके लंड को करीब से देखना चाहता हु मेरी जान. मैं अपने हाथ से उसके लंड को तुम्हारी पुसी में रखूँगा ना.

पूजा ने चिल्ला के कहा, नहीं साले कुत्ते तू हम से दूर रहेगा. साले हरामी तू क्या देखेगा लंड को. तिन महीने में एक बार भी मुझे ढंग से चोद नहीं सका. लंड डाल के सू सू कर लेता हे भडवे. मेरा भाई मुझे चोदेगा आराम से और तू अपनी मुठ निकाल देना तोवेल के अन्दर जैसा तू बचपन से करता आया हे अपनी छुटकी लुल्ली से. चाहिए तो तू भी मेरे भाई के लंड को थोड़ा चूस लेना ताकि तेरे लंड में भी कुछ कुछ असर आ जाए उसका!

जीजू ने गीली आँखों से कहा, लेकिन मैं तुम्हारा निकर तो उतार दू सिर्फ और तुम्हारी पुसी को उसके लिए नंगी कर दूँ. पूजा दीदी ने कहा ठीक हे, लेकिन मेरी चूत को टच करने की कोशिश भी मत करना. जीजू ने हां में अपनी मुंडी को हिलाई और वो मेरे सामने ही मेरी बहन को न्यूड करने लगा.

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मैं वही खड़ा हुआ इस अजीब सिन को अपनी आँखों से देख रहा था. मेरा लंड अब खम्बा होने लगा था. जब दीदी का निकर उसके घुटनों के ऊपर था तो मेरा तम्बू बन चूका था. जीजा ने खड़े हुए मेरे कडक लंड को देखा और वो एक गन्दी स्माइल से हंस पड़ा धीरे से. और फिर उसने कहा, कहो तो इस मर्द की पेंट भी मैं ही निकाल दू? मैंने कहा ठीक हे जीजू और चाहो तो लंड की चुम्मी भी ले लेना. और फिर मैं तुम्हारी बीवी को मजे से चोदुंगा. जीजू ने मेरी पेंट उतारी और फिर अंडरवेर को भी. मेरे लंड को देख के उसके हाथ जैसे कांपने लगे थे.

उसने मेरे मोटे लंड के ऊपर हाथ लगाया और उसे टच कर के उसकी आँखों में एक चमक सी आ गई. पूजा दीदी ने भी शायद मेरे आने के लिए अपनी झांट बनाई हुई थी. उसकी चूत फूलों के जैसी सेक्सी लग रही थी. मेरे लंड को छोड़ के जीजा अब हमारे लिए वोडका लेने चला गया. और फिर उसने हम तीनो के लिए पेग बनाए. पूजा दीदी दीवान बेड के ऊपर जा बैठी और वोडका पिने लगी. मैंने और जीजा ने तो एक ही घोंट में सब वोडका पी ली. और फिर मैं अपनी बहन के पास चला गया बेड के ऊपर.

पूजा दीदी ने अपनी कमर को मोड़ के मेरे लंड के ऊपर अपनी उंगलिया रख दी. उसके हाथ में मेरी फेवरेट ग्रीन नेल पोलिश लगी हुई थी. वो लंड को एकदम प्यार से टच कर रही थी ऊपर से निचे तक. और फिर दीदी ने पुरे लंड को अपने हाथ की मुठ्ठी में दबा सा लिया.

वो बोली, वाह मेरे छोटे भाई तेरा लंड देख के आज तेरी बहन को जो सकून मिला हे वो मैं बता नहीं सकती हूँ. किरन की हाजरी से खलल तो नहीं होगा ना तेरे सेक्स में? वो तू कहेगा तब यहाँ से खिसक लेगा.

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