दो कामुक सहेलियाँ

do kamuk saheliya इंसान के हर काम मे पहली बार एक झिझक होती है. जब एक बार काम कर लिया तो सब परदे उठ जाते हैं. ऐसी ही कहानी दो सहेलिओं और उनके भाइयों की है जिसको मे पेश कर रही हूँ. उम्मीद है आपको पसंद आएगी. “साली, शिल्पा, तेरे भैया कहाँ हैं आज? विनोद भैया से बात कर के बहुत मज़ा आता है. कितने अच्छे हैं विनोद भैया! कितना बालिश्ट जिस्म है उनका?” नीता ने अपनी प्यारी सहेली से कहा. वो अभी अभी कल एक फिल्म देखने का प्रोग्राम बना कर हटी थी. नीलम थियेटर मे एक सेक्सी इंग्लीश फिल्म लगी थी जिसकी 2 टिकेट्स नीता ले कर आई थी. शिल्पा जो कि 18 साल की सेक्सी लड़की थी सब समझती थी. नीता उसके भैया से इश्क करती थी और विनोद भैया भी नीता को गौर से घूरते रहते थे.

नीता थी ही इतनी खूबसूरत. उसकी उमर 22 साल की थी जब कि शिल्पा की उमर 17 साल की थी. नीता का भाई सुरेश 16 साल का था जब कि विनोद, 24 साल का था. नीता मांसल जिस्म की मलिका, गोरा रंग, भरा हुआ जिस्म, मोटे गोल नितंब जो उसकी जींस फाड़ कर बाहर आने को मचलते और उसके चुचियाँ उसकी ब्रा भी ढक नहीं पाती थी. नीता की खूबसूरती देख कर तो शिल्पा का मन भी खराब हो जाता, हालाँकि वो कोई लेज़्बीयन नहीं थी. शिल्पा ने अपनी सहेली के चूतड़ पर ज़ोरदार थप्पड़ मारते हुए कहा,” क्या बात है बहुत याद आ रही है विनोद भैया की? कहीं विनोद भैया को अपना सजना बनाने का इरादा तो नहीं है? ऐसा है तो अभी से तुझे भाभी कहना शुरू कर देती हूँ. वैसे भैया भी बहुत इंटेरेस्ट लेते हैं तुझ मे. तेरी चुचि पर नज़र रहती है उनकी. मुझे तो लगता है कि उनकी पैंट मे कुच्छ उठ जाता है तुझे देख कर. मेरी बन्नो, क्या बात है?”

नीता शरम से लाल हो गयी. उसका दिल ज़ोर से धड़कने लगा. उसकी चूत फड़ फडा उठी अपपनी सहेली के बात सुन कर.” चल चुप कर. जो मन मे आता है बक देती है. वो जैसे तेरे भैया हैं, वैसे ही मेरे भैया हैं. तेरा तो दिमाग़ उल्टा ही चलता है” नीता ने नाटक करते हुए कहा. नीता ने नज़र छुपा कर विनोद की टेबल पर अपना लव लेटर किताब के नीचे रख दिया. लेकिन शिल्पा शीशे मे से सब देख रही थी. उसने नाटक करते हुए कुच्छ नहीं कहा लेकिन आज उसने अपने भाई और सहेली के इश्क के राज़ का पर्दाफाश करने की ठान ली.

नीता असल मे विनोद से इश्क करती थी लेकिन शिल्पा से नहीं कह सकती थी. मन ही मन वो विनोद को कई बारी नंगा कर चुकी थी और जानती थी कि विनोद भी उसको इश्क करता है. कई बारी विनोद मज़ाक मज़ाक मे नीता की गांद पर हाथ फेर चुका था जिस से नीता के दिल मैं हलचल मच जाती थी.” काश विनोद मुझे बाहों मे भर कर भींच ले और मेरी चूत मे अपना लंड पेल दे!!!” नीता यही सोच रही थी. शिल्पा वैसे जानती थी कि दोनो मे कुच्छ चल रहा है लेकिन आज अपनी सहेली का लेटर पढ़ कर सब पता चल जाएगा.

” ठीक है, मेरी नीता रानी, अगर नहीं बताना तो मत बता. अगर मुझे अपने आप पता चला कि तू मेरे भैया से इश्क फरमा रही है तो समझ ले कि मैं तुझे नंगा कर के तेरे जिस्म के हर अंग को वैसे ही चुमूंगी जैसे मेरे भैया चूमते होंगे” शिल्पा हंस कर बोली और उसने साथ नीता को आलिंगन मे ले कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करना शुरू कर दिया. नीता अचंभित रह गयी अपनी सहेली की इस हरकत से. शिल्पा की 36 डी ब्रा मे क़ैद चुचि अपनी सहेली की चुचि से टकराने लगी और उसके हाथ नीता की पीठ और चुतडो पर रेंगने लगे. नीता का मुँह हैरानी से खुल गया और शिल्पा ने अपनी ज़ुबान उसके अंदर घुसेड दी. नीता ना चाहते हुए भी शिल्पा की ज़ुबान को चूसने लगी. दोनो सहेलियाँ एक लेज़्बीयन कामुक चुंबन मे क़ैद हो गयी. नीता के हाथ खुद ब खुद शिल्पा की चुचि पर चले गये और वो उनको प्यार से दबाने लगी. शिल्पा की चुचि कड़ी हो चुकी थी और दोनो सहेलियाँ कामुकता मे डूब कर एक दूसरी को किस कर रही थी.

चुंबन चलता रहा और दोनो एक दूसरे के जिस्म को सहलाती रही. दोनो की चूत रस से भीग गयी और दोनो को एक नयी किस्म की उत्तेजना होने लगी. शिल्पा ने एक हाथ नीता की जांघों मे घुसा दिया और उसकी मस्त चूत को दबाने लगी. चुंबन ख़तम होते ही नीता बोली,” साली, विनोद भैया का नाम ले कर तू खुद मुझे उत्तेजित कर रही है मेरी शिल्पा. क्या बात है एक तरफ तेरा भाई मुझे पटाने की कोशिश करता है दूसरी तरफ तू? मैं किधर जाऊ? तुम दोनो भाई बेहन के चक्कर मे मैं कहीं रगड़ी ना जाऊ! भाई तो लंड खड़ा कर के बैठा है तो बेहन मुझे अपनी लेज़्बीयन बना देने पर तुली हुई है. लगता है मेरी खैर नहीं”

लेकिन सच ये था कि नीता बहुत गर्म चुकी थी और उसकी चूत रस टपका रही थी. वो गौर से अपनी सहेली शिल्पा को देख रही थी जिसके स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे और साँस तेज़ी से चल रही थी. ” मैने तो सोचा तेरे साथ ही ब्लू फिल्म चला लूँ, मेरी बन्नो. कोई बात नहीं कुच्छ ही दिनो मे विनोद भैया मेरे लिए कंप्यूटर ले कर आने वाले हैं. दोनो बैठ कर राज शर्मा स्टॉरीज डॉट कॉम देखेंगे और नई नई सेक्सी कहानियाँ पढ़ेंगे, ठीक है?” नीता ने अपनी सखी को फिर याद करवाया,” लेकिन कल 2 बजे तैयार रहना राज शर्मा स्टॉरीज पढ़ने के लिए”

शिल्पा अपनी सखी को बाहर तक छोड़ कर वापिस आई तो उसका सीना धक धक कर रहा था. वो सीधा विनोद भैया की किताबों के पास गयी और नीता का छुपाया हुआ लेटर निकालने लगी. काँपते हाथों से उसने लेटर खोला,” मेरे प्यारे विनोद भैया! ये क्या आप मुझ से और मैं आप से प्यार करती हूँ लेकिन ये भैया क्यो? नहीं मेरे विनोद सजना, अब हमारे मिलन का दिन आ गया है. मैं आपकी प्यारी बहना को फिल्म दिखाने के बहाने कल 2 बजे थियेटर ले जाऊगी और फिर बहाना बना कर मैं अपने साजन के पास चली आउन्गि. फिर तुम होगे और मैं! फिर हमारा मिलन होगा और इस बार हमारे बीच कुच्छ नही होगा, कपड़े भी नहीं, नीता आपके सामने उस रूप मे होगी जिस रूप मे इस दुनिया मे आई थी, यानी कि आपकी नीता बिल्कुल नंगी आपके सामने आना चाहती है. अब कल मिलेंगे मेरे साजन, मेरे विनोद भैया!!”

शिल्पा लेटर को पढ़ कर कामुक होने लगी.” तो मेरी सहेली मेरे भैया से चुदवाने की प्लान बना चुकी है और वो भी मुझ से चोरी!” शिल्पा सोच मे पड़ गयी. तो मुझे गायब करने के लिए मेरी प्यारी सखी मुझे फिल्म देखने भेज रही है. कोई बात नहीं, मेरी नीता रानी, मेरा नाम भी शिल्पा है. शिल्पा ने चिट्ठी एक बार फिर पढ़ी और फिर उसने अपने विनोद भाई का इंतज़ार शुरू कर दिया. वो नहा कर बाथरूम से बाहर निकली और उसने एक मलमल का कुर्ता और पाजामा पहन लिया और नीचे ना ब्रा और ना ही पैंटी पहनी. कुर्ते की पॉकेट जो कि उसकी बाई चुचि पर लगी हुई थी, उसमे उसने चिट्ठी डाल ली.

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शाम को विनोद जब घर आया तो शिल्पा सोफे पर बैठी उसका इंतज़ार कर रही थी. विनोद ने एक नज़र अपनी बेहन पर डाली तो एक बार तो वासना उसके दिल मे जाग उठी. साली क्या मस्त है उसकी बेहन! शिल्पा 17 वर्षीय अती सेक्सी लड़की थी. रंग चाहे सांवला लेकिन नैन नक्श कातिल थे उसके. कुरती से बाहर निकलने को तड़प रही थी उसकी जवानी. उसके स्तन के उभार ग़ज़ब ढा रहे थे और सॉफ दिख रहा था कि वो कुरती के नीचे नंगी थी. अपनी बेहन के निपल देख कर विनोद भूल गया कि वो उसकी बेहन है. शिल्पा के खुले बाल उसको और भी मस्त बना रहे थे. विनोद का लंड सलाम करने लगा और उसको इस बात पर शरम भी आ रही थी कि वो अपनी बेहन को देख कर ही उत्तेजित हो रहा था.

विनोद ने अपने आपको कोसते हुए नज़र घुमा ली और अपने खड़े होते लंड को बिठाने की कोशिश करने लगा. “भैया आज नीता आई थी, बहुत तारीफ कर रही थी आपकी. क्या बात है? कोई चक्कर वक्कर तो नहीं चल रहा आप के साथ उसका” शिल्पा ने चुटकी ली.” नहीं तो! क्या कुच्छ कह रही थी? मुझे तो मिली नहीं कयि दिनो से” विनोद ने झूठ बोला. शिल्पा शरारत से बोली,” भैया झूठ मत बोलो. उसने तो एक चिट्ठी भी दी है आपके लिए. अगर नहीं चाहिए तो मैं नहीं देती उसकी चिट्ठी. अगर उसको भाभी बनाने का इरादा है तो बता दो, मेरी सहेली बहुत प्यारी और सेक्सी है”

विनोद झट से बोला,” कहाँ है चिट्ठी, शिल्पा मेरी प्यारी बहना, मुझे दो ना” लेकिन शिल्पा इठला कर बोली,” इस मे मुझे क्या मिलेगा, मेरे प्यारे भैया? चिट्ठी तो मेरी जेब मे है” वो अपने सीने की जेब की तरफ इशारा करती हुई बोली जहाँ उसका सीना उठान लिए हुए था. मल मल की कुरती मे से उसके काले निपल सॉफ नज़र आ रहे थे. विनोद अपनी बेहन के पास जा कर बोला” तुझे क्या चाहिए अपने लिए, शिल्पा? जो माँगो गी दे दूँगा अपनी प्यारी बहना को” शिल्पा तुनक कर बोली,” सभी कुच्छ तो नीता को दे दोगे, मुझे तो कुच्छ ना मिलेगा. लो मैं ये चिट्ठि नहीं दूँगी” उसने अपनी चुचि पर हाथ रख कर चिट्ठि दिखाते हुए कहा.

विनोद अपनी बेहन से चिट्ठी छीन लेने के लिए बढ़ा तो वो भागने लगी और विनोद ने उसको पीच्छे से जाकड़ लिया और उसके हाथ अपनी बेहन के वक्ष स्थल पर चले गये. इसी हाथा पाई मे उसके हाथ अपनी बेहन की चुचि को दबा गये. उसकी कोमल चुचि अपने भाई के स्पर्श से कड़ी हो उठी और विनोद का लंड उसकी गांद मे घुसने लगा. विनोद ने हाथ डाल कर अपनी बेहन की जेब से चिट्ठी निकाल ली लेकिन उसका लंड अब बैठने का नाम नहीं ले रहा था.” माफ़ करना शिल्पा मेरी बहना.” शिल्पा भी कामुकता की वजह से उत्तेजित हो चुकी थी लेकिन लाज के कारण बोली,” कोई बात नहीं भैया, आप के हाथ तो नीता के जिस्म को स्पर्श करने के लिए तड़प रहे होंगे. सच मानो आज तो मुझे अपनी सहेली से ईर्ष्या हो रही है और आप पर प्यार आ रहा है”

विनोद शर्मिंदा हो कर चिट्ठि ले कर अपने रूम मे चला गया. अपनी माशूक का लव लेटर पढ़ कर उसने मूठ मारी और दूसरे दिन के सुहाने ख्वाब आँखों मे ले कर सो गया. उस रात शिल्पा को चुदाई के सपने आ रहे थे जिस मे विनोद भैया नीता को नंगा कर के चोद रहे थे. विनोद भैया का लंड कितना मोटा और विशाल था! नींद मे शिल्पा अपनी चूत को हाथ से रगड़ने लगी और सवेरे जब उठी तो उसका पाजामा चूत वाले भाग से गीला हो चुका था. शिल्पा एक रोमांचित मूड मे थी. ठीक वक्त पर नीता आ गयी और दोनो सहेलियाँ फिल्म देखने चली गयी. फिल्म अभी शुरू ही हुई थी कि नीता का सेल फोन बजा और वो कुच्छ देर बात करने के बाद बोली,”शिल्पा मेरी जान, मुझे घर जाना होगा, मम्मी की तबीयत ठीक नही है और मुझे बुलाया है. ऐसा करो, तुम फिल्म देखो, अब टिकेट वेस्ट करने का कोई फ़ायदा ना होगा, मैं फिर कभी फिल्म देख लूँगी” शिल्पा बोली,”ठीक है”

” नीता मेरी जान, तू चल विनोद भैया के पास. साली तुम दोनो को रंगे हाथ ना पकड़ा तो मेरा नाम शिल्पा नहीं. साली अपनी सहेली को बेवकूफ़ बनाती है!” उसने मन ही मन कहा और नीता की मटकती हुई गांद को जाते हुए देखती रही. 10 मिनिट के बाद वो भी बाहर निकली और रिक्शा ले कर घर चल दी. घर एक दम सूना था. दोपहर की धूप ने सभी को अपने घरों मे रहने को मज़बूर किया हुआ था, दबे पैर शिल्पा घर मे दाखिल हुई और विनोद के कमरे की तरफ बढ़ी. कोई आवाज़ नही आ रही थी. तभी उसको अपने खुद के रूम से आवाज़ सुनाई पड़ी,” नहीं विनोद भैया, यहाँ नहीं, ये तो शिल्पा का बेड है. मुझे अपने बेड पर ले चलो और अपनी दुल्हन बना लो” विनोद हंस कर बोला”जब मुझे अपना भैया बोल रही हो तो मैं भी तुझे अपनी बेहन के बिस्तर पर ही चोदुन्गा, मेरी प्यारी नीता बेहन! ओह भगवान, कितनी मस्त है तू! सारी रात मूठ मारता रहा हूँ मे तेरी याद मे!!”

शिल्पा दोनो की बातें सुन कर शरम से लाल हो गयी. उसने अपने कमरे के डोर के छेद मे से झाँकना शुरू कर दिया. अंदर विनोद भैया बिल्कुल नंगे खड़े थे और नीता मादरजात नंगी हो कर शिल्पा के बिस्तर पर लेटी हुई थी. विनोद भैया का लंड किसी काले नाग की तरह फूँकार रहा था और वो झुक कर नीता के जिस्म का एक एक भाग चूम रहे थे. नीता का गोरा बदन चमक रहा था और विनोद भैया ने उसको पैरों से चूमना शुरू किया. ज्यों ही उनके होंठ टाँगों के ऊपर जाने लगे तो नीता एक कामुक सिसकारी ले उठी”आआआआआआआआआआआआआआआआआआ….भैया..बस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ….मत तडपाओ….ऊऊऊ….भैयाआआ….मेरी चूत मे आग लगा दी है आपने भैया….उूुउउफफफ्फ़…..हैईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मैं मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई..आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!” लेकिन विनोद ने उसके जिस्म को चाटना नहीं छोड़ा और उसके होंठ अब नीता के घुटनो से ऊपर उसकी चिकनी जांघों तक जा पहुँचे थे.

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शिल्पा का बदन भी एक अनोखी आग से भर गया और उसका हाथ अपनी चूत को सहलाने लगा.”काश विनोद भैया के होंठ मुझे चूम रहे होते!!!!” उधर नीता बिस्तर पर छत पटा रही थी. वो अपने चुतडो ऊपर उठा रही थी और विनोद उसके मादक जिस्म का एक एक इंच चूम रहा था. ” ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह….भैया…बस करो…आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…बेह्न्चोद अब चोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द दो मुझे…मेरी आग बुझा दो मेरे विनोद..बस करो अब..प्लीज़!!” लेकिन विनोद तो अब नीता की चूत पर जा पहुँचा था. नीता ज़ोर ज़ोर से अपनी चुचि मसल्ने लगी.” नाआआआआआआआआआआआआआआआअ….भैया..मेरी चूत नहीं…नाआआआआआआआआअ…हाआँ…हाआआन्न्‍नननननननननननननननननननननणणन्..चूसो..भैया…चूसो मेरी चूत….हाआआअन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न!” विनोद ने अपनी ज़ुबान नीता की चूत मे घुसा डाली. नीता की चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद आज चुदाई की तैयारी कर के आई थी.

विनोद का मुँह अब नीता की चूत से चिपका हुआ था और उसकी ज़ुबान चूत का अमृत चाट रही थी. इधर शिल्पा ने अपनी सलवार का नाडा ढीला कर के अपना हाथ अपनी पैंटी के अंदर डाल लिया और चूत को रगड़ने लगी. उसकी चूत बुरी तरह मचल रही थी. अगर विनोद उसका भाई ना होता तो अभी जा कर अपनी सहेली के साथ चुदाई मे शामिल हो जाती. शिल्पा को अपने भैया का लंड किसी भयंकर हथियार जैसा लग रहा था. भैया का लंड बहुत विशाल था, कितना भयंकर और कितना प्यारा. विनोद अब नीता की चूत को फैला कर चाटने लगा. नीता अपनी चुचि मसल्ने लगी.

इधर शिल्पा अपनी चूत मे उंगली करने लगी. नीता ने अपनी टाँगों को विनोद के कंधों पर रख दिया था और वो मज़े से अपनी बेहन की सहेली की चूत चाट रहा था. कुच्छ देर तक चूत की चटाई चलती रही और फिर शिल्पा ने देखा कि उसका भाई खड़ा हो गया. उसका लंड सीधा तन कर आकड़ा हुआ था. विनोद ने नीता के सिर को पीच्छे से पकड़ कर उसके मुँह को अपने लंड की तरफ बढ़ा दिया. नीता को जैसे कुच्छ समझ ना आया हो. वो कामुक नज़र से विनोद को देखने लगी तो विनोद बोला”रानी अब अपने विनोद के लंड को नहीं चुसोगी? इसको चूस कर मुझे मस्त कर दो. मुझ से तेरा प्यार तभी पूरा होगा जब तुम मेरा लंड चुसोगी.”

नीता ने बिना कुच्छ बोले लंड को जड़ से पकड़ कर सुपाडे को चाटना शुरू कर दिया. विनोद ने उसके बालों मे हाथ फेरना शुरू कर दिया और एक हाथ से नीता की चुचि मसलनी शुरू कर दी. नीता विनोद के लंड पर ज़ुबना फेरती हुई लंड को चाट रही थी. उसके हाथ अपने यार के चुतडो पर थे और विनोद अपनी गांद आगे पीच्छे कर रहा था और नीता के मुँह का चोदन कर रहा था.

शिल्पा का उत्तेजना से बुरा हाल हो रहा था और उसकी चूत से रस की बरसात हो रही थी. वो अपनी उंगलिओ से चूत रगड़ रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चुचि मसल रही थी. उसकी उंगलियाँ चूत रस से भीग चुकी थी और वो बे तहाशा उंगली चोदन कर रही थी.”विनोद, मेरे यार अब नहीं रहा जाता. अब जल्दी से पेल डालो मुझे. पता नहीं कब शिल्पा भी यहाँ पहुँच जाए. फिल्म के ख़तम होने से पहले मुझे यहाँ से निकल जाना चाहिए वेर्ना उसको शक हो जाएगा. मेरा ये पहला अवसर है चुदाई का, प्लीज़ ज़रा धीरे से करना. तेरा तो लंड भी बहुत ज़ालिम दिख रहा है. अपनी नीता की चूत को प्यार से चोद्ना, मेरे यार!”

विनोद ने फिर से नीता को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके जिस्म को खींच कर बिस्तर के किनारे तक ले गया जिस से उसकी गांद बिस्तर के किनारे तक आ गयी. नीता ने अपनी मांसल जांघों को खोल दिया और विनोद ने उसके चुतडो के नीचे एक तकिया रख कर उसकी चूत को और ऊपर उठा दिया और फिर अपने सुपाडे को चूत पर टिका कर रगड़ने लगा. नीता ने अपनी टाँगें उसकी कमर पर बाँध रही थी और वो जल्दी से लंड अंदर डालने की गुज़ारिश कर रही थी,” विनोद, मेरे यार डाल भी दो ना,,, क्यो तड़पा रहे हो अपनी नीता को….पेल दो मुझे प्लीज़…ठोक दो अपना लंड मेरी चूत मे मेरे भाई….चोद डालो मुझे!!!”आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मजाआाआआआआआआआआआअ

विनोद ने देखा कि लोहा गरम है. उसने अपना लंड चूत के मुँह पर रख कर धक्का मारा. बे शक लंड भी चाटने से चिकना हो चुका और चूत भी पानी छोड़ रही थी, फिर भी नीता पीड़ा से चीख उठी,” आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…मरीईईईईईईईईई…मेरी माआआआआआआआआआआआआआआआ…मैं मरीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई….बस करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ….निकाल लो…प्यार से डालो…ऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह….धीरे से विनोद!!!” लेकिन विनोद ने अपना मूह नीता के निपल पर रख दिया और चुदाई करते हुए चूसने लगा. उसके धक्के धीरे से लग रहे थे और वो मस्ती से चोद रहा था अपनी कुँवारी माशूका को. नीता को भी कुच्छ देर मे मज़ा आने लगा और वो भी चुतडो उच्छालने लगी.

विनोद की गति बढ़ रही थी जैसे जैसे उसकी वासना बढ़ रही थी. चूत चिकनी होने की वजह से लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था.” बहुत मस्त है तेरी चूत, नीता, आज मेरा सपना पूरा हुआ….ऐसी लड़की का सपना देखा था मैने जो मुझे बहुत प्यार करती हो और जो तेरे जैसी सेक्सी हो…तुझे अपनी बना कर रखूँगा और ऐसे ही चोदुन्गा…तेरी चूत तो बस मक्खन जैसी चिकनी है रानी!!!” विनोद बोले जा रहा था और ताबड तोड़ धक्के मारते हुए चोद रहा था. शिल्पा की चूत मे उसकी तीन उंगलियाँ जा चुकी थी और वो बुरी तरह हाँफ रही थी और अपनी चुचि को मसल रही थी. शिल्पा अपनी सहेली और भैया की चुदाई देख कर पागल हो रही थी.

नेता ने कस के अपनी टाँगें विनोद की कमर पर बाँधी हुई थी और तेज़ साँस लेते हुए बोल रही थी,” भैया ज़ोर से चोदो…बहुत मज़ा मिल रहा है मुझे….पेलो भैया…आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..ज़ोर से…..ऊओह…आअररररगगगगगगगगगगगगगगगगगग…चोद मुझे!!” विनोद ने भी चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी कर दी थी. उसकी कमर पिस्टन की तरह आगे पीच्छे हो रही थी. वो अपना लंड जड़ तक नीता की चूत मे घुसा देता और उसके अंडकोष नीता की गांद से टकरा जाते.” नीता मेरी रानी….अब मैं झड्ने वाला हूँ….रुक नहीं सकता….एयाया….ह्हाआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह….मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है…..ऊहह…रानी मैं झाराआा…आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!!” लंड मशीन की तरह चुदाई कर रहा था और नीता आँखें बंद कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी.

“राजा, ज़ोर से चोदो…मैं भी झड रही हूँ..उउउहह….ऊऊ….अर्र्र्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…मैं गयी…चोद लो राजा…मैं तेरी हो गयी…भैया चोद लो मुझे” नीता भी कराह रही थी. बाहर शिल्पा की चूत पानी छोड़ रही थी. एक ही वक्त पर तीनो झाड़ रहे थे. विनोद का लंड जब अपना रस का फोव्वारा छोड़ रहा था तो नीता की चूत उसके लंड पर रस की बरसात कर रही थी और शिल्पा की चूत अपनी उंगली से ही चुदाई का मस्त मज़ा ले रही थी.

क्रमशः……………………….



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