पटना की औरत और उसके नौकर की चुदाई की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम हिमेश है. मैं 30 साल का हू, पटना से हू, और शादी-शुदा हू. मेरा अपना छ्होटा सा बिज़्नेस है, जिससे मुझे अची कमाई हो जाती है. मेरी फॅमिली में मैं, मेरी बीवी, 2 बच्चे, और मेरी मा है.

मेरी बड़ी बेहन अपने घर में सेट्ल है, और दाद काफ़ी साल पहले गुज़र चुके है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा की कैसे मैने अपनी मा को हमारे नौकर का बिस्तर गरम करते हुए देखा. तो चलिए मैं अपनी रियल कहानी आप सब के सामने पेश करता हू.

मेरी मा की उमर 52 साल है. उनका रंग गोरा, और शरीर भारी है. उनका फिगर तकरीबन 36-32-38 होगा. वो ज़्यादातर सारी ही पहनती है, लेकिन घर में काई बार पाजामी-कुरती भी पहन लेती है. पाजामी में उनकी गांद इतनी बड़ी लगती है की पूछो ही मत. मैने मा को ज़्यादातर पूजा-पाठ में बिज़ी रहते देखा है.

हमारे घर में 2 सालों से एक नौकर काम कर रहा है. उसका नाम बाबू है, और वो 40 साल का है. वो घर के सारे काम जैसे खाना बनाना, सफाई वग़ैरा सब करता है. बाबू की हाइट 5’8″ है, और वो शरीर से काफ़ी तगड़ा है. एक बार मैने उससे पूछा था की वो इतना तगड़ा कैसे था, तो उसने कहा था की वो अखाड़े भी जाता है.

मुझे कभी अंदाज़ा ही नही था की मा और बाबू के बीच कुछ हो सकता था. लेकिन उस दिन मैने सब कुछ अपनी आँखों से देख लिया. चलिए बताता हू मैने क्या देखा.

मैं काम पर था, और मुझे कुछ काग़ज़ चाहिए थे जो घर पर पड़े थे. मैने घर पर फोन किया, लेकिन किसी ने फोन पिक नही किया. फिर मैं गाड़ी से घर की तरफ निकल गया. जब मैं घर आ रहा था, तब रास्ते में मुझे बाबू बिके पर कही जाता दिखाई दिया. उसके पीछे कोई बैठा हुआ था.

जब मैने ध्यान से देखा तो उसके पीछे मा बैठी थी. मा ने पाजामी-कुरती पहनी हुई थी. वो दोनो साइड लेग्स करके उसके साथ चिपक कर बैठी थी. ये देख कर मुझे विश्वास नही हुआ की मैं क्या देख रहा था. पहले मुझे लगा की ये मेरा वहाँ था. लेकिन ऐसा नही था. वो सच में मा ही थी.

उनको देखते ही मैने गाड़ी मोदी, और उनकी बिके के पीछे लगा ली. मैं जानना चाहता था की मा इस तरह से उसके पीछे बैठ कर कहा जेया रही थी. उनकी बिके शहर से काफ़ी डोर जाके सुनसान जगह पर रुकी. वाहा आस-पास खेत ही खेत थे. फिर वो दोनो बिके से उतरे, और एक खेत में घुस गये. मैने भी बिके से काफ़ी पीछे गाड़ी रोक दी, और उनके पीछे खेतों में घुस गया.

वो लोग काफ़ी आयेज खेतों के बीचो-बीच जाके रुके, जहा खाली जगह थी. आस-पास डोर-डोर तक कोई नही था. वाहा पहुँचते ही दोनो एक-दूसरे के गले लग गये, और होंठो से होंठ मिला दिए. अब वो दोनो पागलों की तरह किस कर रहे थे. ये देख कर मैं तो हैरान ही हो गया की मा उसके साथ ये क्या कर रही थी.

किस करते हुए बाबू अपने हाथ मेरी मा की मोटी गांद पर ले गया और उसको दबाने लग गया. मा गरम हो रही थी, और ह्म ह्म की आवाज़ो के साथ उसके होंठ चूस रही थी. मा के हाथ उसके बालों में थे, और वो उसके होंठ खींच-खींच कर चूस रही थी. बाबू गांद दबाते हुए बीच-बीच में उस पर थप्पड़ भी मार रहा था जिससे फटत-फटत की आवाज़ आ रही थी.

कुछ देर किस करने के बाद बाबू ने मा की कुरती निकाल दी. फिर वो ब्रा के उपर से मा के बूब्स दबाने लगा, और उसकी क्लीवेज में मूह डाल कर चूमने-चाटने लगा. मा उसके ऐसा करने से मदहोश हो रही थी. फिर बाबू ने मा की ब्रा निकाल दी, और मा के बड़े-बड़े बूब्स को नंगा कर दिया.

उसके बाद उसने दोनो बूब्स को हाथ में लेके चूसना शुरू कर दिया. मा के बूब्स इतने बड़े थे, की उसके हाथो में भी नही आ रहे थे. वो निपल्स खींच-खींच कर चूस रहा था. फिर उसने मा को घास वाली ज़मीन पर लिटा लिया, और उसकी पाजामी निकाल दी.

अब मा सिर्फ़ पनटी में थी. वो मिलफ पॉर्न की हेरोयिन जैसी लग रही थी. मा आहें भर रही थी और पूरी मस्ती में थी. उनकी पनटी छूट वाली जगह से पूरी भीगी हुई थी. फिर बाबू ने मा की पनटी उतरी, और मा की चिकनी छूट सामने आ गयी. मा की छूट बिल्कुल चिकनी थी, जैसे सुबा ही सॉफ की हो.

बाबू ने अपना मूह मा की छूट पर लगाया, और उसको चाटना शुरू कर दिया. मा पागल हो रही थी, और आहें भर रही थी.

वो बाबू के सर को अपनी छूट में दबा रही थी. कुछ देर बाद मा ने बाबू को धक्का देके घास पर लिटाया, और खुद उसके उपर आ गयी. फिर मा ने उसकी पंत और अंडरवेर उतार दिया. बाबू का मोटा तगड़ा लंड स्प्रिंग की तरह उछाल कर बाहर आ गया.

लंड देखते ही मा ने उसको अपने मूह में भर लिया, और किसी बाज़ारु रंडी की तरह चूसने लगी. बाबू भी मा के मूह में धक्के दे रहा था. कुछ देर लंड चूसने के बाद मा उसके उपर आई, और छूट खोल कर उसका लंड छूट पर सेट किया. फिर वो धीरे-धीरे लंड पर बैठ गयी आ आ करते हुए.

अब बाबू का लंड मा की छूट में था. फिर मा उस पर उपर-नीचे होने लगी, और आ आ करती रही. बाबू ने मा की गांद पर अपने हाथ रख लिए, और लंड पर उछालने में मा को सपोर्ट करने लगा. धीरे-धीरे उनकी स्पीड तेज़ होने लगी.

अब मा ने गांद हवा में रोक ली, और बाबू उनके बूब्स पकड़ कर नीचे से तेज़ी से धक्के लगाने लगा. मा की छूट से पानी तपाक रहा था. शायद वो झाड़ रही थी. उनकी आँखें बंद हो चुकी थी मज़े से.

फिर बाबू ने मा को नीचे लिटाया, और उनको मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगा. अगले 15 मिनिट वो मा को तबाद-तोड़ छोड़ता रहा. मा भी उसके लंड से चूड़ने का मज़ा लेती रही. फिर बाबू ने आ आ करते हुए अपना माल मा की छूट में ही निकाल दिया.

मैं तभी वाहा से वापस आ गया. मुझे समझ नही आया की मुझे क्या करना चाहिए. फिर मैने चुप रहने का, और मा को अपनी ज़िंदगी जीने देने का फैंसला किया.

थे एंड.

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