पति और पत्नी की चुदाई की तड़प की कहानी

अभी हम अपनी बीवी को ही चोदेंगे नजाकत से।

नजर दूसरे की बीवी पर भी डालेंगे शराफत से।

मगर दिल में उसी की चोदने की ही शरारत है।

वह चोदे मेरी बीवी को अगर मुझसे मोहब्बत है।

मेरे पूरे बदन में उस समय इतने तीखे असह्य दर्द की टीस उठी, जैसे एक तेज़ धार वाली कटार मेरे बदन के टुकड़े कर रही हो। मारे दर्द के मैं जोर से चीख उठी और धक्के मार कर सूरज को मेरे ऊपर से नीचे उतारने की कोशिश करने लगी। पर इतने ताकतवर सूरज के सामने मेरी क्या चलती?

इतना लंड मेरी चूत के छोटे से छिद्र में ना घुस पाने से कुछ परेशान सूरज ने कहीं से क्रीम ढूंढ निकाली, और मेरी जोर की चीखों की परवाह ना करते हुए काफी क्रीम और अपनी थूक मेरी चूत के अंदर-बाहर अच्छी तरह से लगा-लगा कर और जोर से धक्के मार-मार कर अपना आधा लंड मेरी चूत में घुसेड़ ही दिया। मेरी चूत वाकई में फट गयी थी, और चूत में से खून बह रहा था।

जोर से चीखते हुए मैं दर्द के मारे कुछ ही देर में बेहोश पलंग पर गिर पड़ी। बहते हुए लाल रंग के खून की परवाह ना करते हुए सूरज ने मेरी बेहोशी की भी कोई तवज्जोह नहीं ली, और बेहोश नंगी पलंग पर पड़ी मुझे चोदता ही रहा। मुझे पता नहीं कि कितनी देर सूरज ने मुझे उस हालात में चोदा, पर जब मैं होश में आयी तब रात हो चुकी थी। सूरज बेहोशी में ही अच्छी तरह मुझे चोद कर अपना वीर्य मेरी चूत में उंडेल कर बाहर का दरवाजा ठीक से बंद किये बगैर ही जा चुका था।”

किरण की दास्तां वाकई काफी पीड़ा देने वाली थी और फिर भी बड़ी ही उत्तेजक थी। मैंने देखा कि मेरा लंड यह सब सुन कर लोहे के छड़ की तरह खड़ा हो गया था और किरण और रीता अपनी जांघों के बीच अपनी चूत में उंगलियां डाल कर अपनी चूत से कितना पानी रिस रहा था, उसका अंदाज लगा रही थी। सूरज ने किरण की गोद में लेते हुए ही किरण की निप्पलों को चूमता हुआ बोला, “तुमने मेरे लिए जो किया उसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है। इसलिए मैं अब जिंदगी भर का तुम्हारा ग़ुलाम हूँ।”

किरण ने सूरज को झुक कर चूमते हुए कहा, “ग़ुलाम नहीं तुम मेरे राजा हो। मैंने जब से तुम्हें अपना प्यार माना है तब से तुम्हारी हर ख़ुशी बेशक तुम्हारी है पर तुम्हारा हर एक ग़म मेरा है। तुम जिस स्त्री को जब चाहो चोदो, मैं कोई शिकायत नहीं करुंगी। बस तुम मुझे अपनी बीवी बनाये रखना। जो भी तुम कहोगे मैं करुंगी। तुम जिस बात से खुश होंगे वह मैं करुंगी, पर मुझे ना छोड़ना।

मैं तुम्हारे बगैर जी नहीं पाउंगी। मैं तुम्हारी ख़ुशी नहीं, मैं तुम्हारे ग़म लेना चाहती हूँ। अगर मुझसे मोहब्बत है मुझे सब अपने ग़म देदो, इन आँखों का हरेक आंसू मुझे मेरी कसम देदो। अगर मुझसे मोहब्बत है।” हम सब की आंखों में किरण के ऐसे अप्रतिम प्यार के बारे में सुनते हुए आंसू छलक आये।

किरण और रीता पलंग पर एक-दूसरे से बिल्कुल सटे हुए बैठे थे। किरण ने वातावरण को हल्का करने के लिए सूरज के बिखरे हुए बालों को अपनी उंगलियों से संवारते हुए शरारत भरी मुस्कान दिखाते हुए मेरी और देख कर मुझसे जबरदस्त मस्ती के लहजे में कहा, “चलो यह सब रोना धोना छोड़ो। देखो यह तुम्हारी बीवी रीता बेचारी आधी चुदी हुई प्यासी यहां बैठ कर आपका इंतजार कर रही है। हम आकर तुम्हें डिस्टर्ब कर कबाब में हड्डी बन गए।”

किरण की साफ़-साफ़ खुल्लम-खुल्ली बात सुन कर शर्माती हुई रीता ने अपनी कोहनी से किरण को एक ठोकर मारते हुए कहा, “जो मर्जी में आये बोले जा रही है। अरी कुछ तो शर्म कर।”

किरण ने रीता की ओर देख कर वही मस्ती वाले लहजे में कहा, “अच्छा जी, अभी तुम घोड़ी बन कर चुदवा रही थी उसका क्या? अभी कुछ देर पहले मेरे पति से भी चुदवाने के लिए कह रही थी उसका क्या? तू अब मुझे शर्म के पाठ पढ़ाने लग गयी? मैं जानती हूँ अब तेरी चूत में भी खुजली होने लग गयी है। तो अब शर्म छोड़ और कई लंडों से चुदवाने के लिए तैयार हो जा।”

रीता ने मेरे और सूरज की और उंगली दिखा कर कहा, “चुप बैठ री। मैं खुश हूँ इन दो लंडों से। बाकी के लंडों से तू चुदवाना। तूने तो आज तेरे पति से भी मुझे नहीं चुदने दिया। खैर कोई बात नहीं। तेरे पति को तो मैं तुमसे छीन ही लूंगी, पर आज अगर चुदाई करनी है तो तगड़ी होनी चाहिए। तूने सूरज से तेरी तगड़ी “गांड फाड़” चुदाई करवाई तो अब आज ऐसी ही चुदाई होनी चाहिए। आज ढीली-ढाली चुदाई नहीं, ओके?”

किरण ने भी उसी लहजे में कहा, “अरी, तू क्या समझती है? मेरे पति सूरज तुझे छोड़ेंगे थोड़े ही? वह तो तुझे चोदने के लिए बड़े ही ऊपर-नीचे हो रहे हैं। वह तेरी चुदाई करेंगे तो “गांड फाड़” चुदाई ही करेंगे। यह तो मैंने ही उन्हें रोक कर रखा है। और मैं भी तेरे पति को थोड़े ही छोड़ने वाली हूँ? तू अगर मेरे पति से चुदवायेगी तो मैं भी तो तेरे पति से चुदवाउंगी ना? मैंने तुझे प्रॉमिस किया था ना?”

मेरे और सूरज के बदन भी एक-दूसरे से लगभग सटे हुए थे। किरण की बायी नंगी जांघ रीता की दाहिनी नंगी करारी जांघ से सटी हुई थी। मैं और सूरज अपने हाथ हिला कर आसानी से एक-दूसरे को छू सकते थे। रीता और किरण एक-दूसरे के कंधे से कंधा और जांघ से जांघ मिला कर बैठे हुए थे। रीता बार-बार किरण को और उसकी गोद में सर रख कर आधे बैठे और आधे लेटे हुए सूरज को देख रही थी।

सूरज का मासूम लम्बा सुन्दर चेहरा, उस के ऊपर बारीकी से छिली गयी दाढ़ी, बेफिक्र सी लगती हुई मुस्कान, उसके बड़े इत्मीनान से काटे हुए लम्बे घने काले घुंघराले बाल, कसा हुआ सख्त बदन, उसके चौड़े कंधे, उसका फौलादी सीना जिसके दो छाती के चट्टान से पटल, एक-दम पतली कमर, सिकुड़ा हुआ पेट, बीचो-बीच नाभि, फिर उभरे हुए लंड के ऊपर का हिस्सा, पीछे फुले कूल्हे, सख्त जांघें और देखा ना जाए और देखे बिना रहा ना जाए ऐसा मोटा और लंबा लंड सूरज को एक अजीब सी शक्सियत देता था।

रीता को बचपन से ही अपने पति के बारे में इतने सारे आदर्श, कल्पनाएं और आशाएं थीं कि उसने पहले यह सोचा नहीं था कि एक ऐसा वक्त भी कभी आएगा जब किसी गैर मर्द से चुदवाने के बारे में उसके मन में कोई विचार भी आएगा। जब से मैं और किरण रीता को सूरज से चुदवाने के लिए उसके पीछे पड़ गए तब से धीरे-धीरे रीता के मन में ऐसे विचार आने लगे।

काफी देर तक फिर भी रीता इसके बारे में कोई भी बात करने से भागती रही। पर आखिर में कामवासना की जीत हुई और मैंने और किरण ने मिल कर रीता की चूत में हलचल पैदा कर ही दी। आखिर में मजबूर हो कर सूरज से समर्पण करने की कगार पर रीता पहुँच ही गयी।

अब अपने बिल्कुल बगल में लेटे हुए सूरज के बदन और उसके लंड को देख कर रीता के मन में बड़ी तगड़ी उथल-पुथल हो रही थी। रीता ने सूरज का लंड हाथों में पकड़ कर हिलाया था और कुछ देर तक उस लंड का टोपा चूसा भी था। पर उस वक्त अंधेरे में उसे सूरज के लंड की पूरी पैमाइश नहीं हुई थी।

मैंने आँखें चुरा कर देखती हुई मेरी पत्नी रीता को सूरज के लंड को घूरते हुए पकड़ लिया। मैं समझ गया कि वह सूरज से चुदवाने के लिए तो तैयार थी, पर उसकी समझ में यह नहीं आ रहा था कि सूरज का इतना बड़ा लंड वह अपनी चूत में कैसे ले पाएगी? कहीं उसका हाल किरण के जैसा तो नहीं होगा? मेरे साथ-साथ किरण भी मेरी बीवी के आँखों के भाव पढ़ रही थी।

अचानक किरण चहक उठी। उसने अपने पति की ओर मुड़ कर देखा और बोली, “सूरज जब हम आये थे तो हमने देखा कि रीता और राज बड़ी मस्ती से चुदाई में मग्न थे। हमने एक कामग्रस्त पंछियों के जोड़े की चुदाई में खलल देकर बड़ा ही अपराध किया है। अब हमें चाहिए कि हम उनको वापस चुदाई में लगाएं।”

सूरज ने मेरी और मुड़ कर कहा, “राज, यार लग जाओ वापस चुदाई करने। अब हम तुम्हें डिस्टर्ब नहीं करेंगे।”

मैंने कहा, “ऐसी कैसे होगा यार? हम लग पड़ेंगे और तुम देखते रहोगे?”

किरण ने मेरी बात काटते हुए कहा, “हम देखते क्यों रहेंगे? हम भी चुदाई करेंगे और तुम्हें चुदाई करते हुए देखेंगे भी।” फिर किरण ने रीता की और मुड़ कर कहा, “रीता बेटा चिपक जाओ अपने पति से हो जाओ शुरू।”

जब किरण के कहने पर भी मैं और रीता चुप-चाप बैठे रहे तब किरण ने खड़े हो कर मुझे कमर से पकड़ा और आधा खड़ा कर घुमा दिया। किरण ने रीता को पलंग पर खिसका कर लंबा लिटा दिया। मुझे पकड़ कर रीता के ऊपर चोदने के लिए सवार होने का इशारा किया। किरण ने मेरा लंड अपनी उंगलियों में पकड़ा और उसे हिलाती हुई रीता की और देख कर बोली, “पकड़ तेरे पति के लंड को अपने हाथ में और रख दे उसे अपनी चूत पर। अब तुझे हमारे सामने चुदवाना ही पडेगा।”

रीता बेचारी ने चुप-चाप मेरा लंड अपने हाथ में लिया और अपनी चूत पर रखा। मैं इसी का इंतजार कर रहा था। मैंने एक हल्का सा धक्का देकर उसे रीता की चूत में घुसा दिया। रीता ने मेरे लंड के उसकी चूत में दाखिल होने पर आँखें बंद की ओर उस वाकये का मजा लेने लगी। शायद उसे कुछ हल्का सा दर्द भी महसूस हुआ होगा। एक हल्की सी सिसकारी निकालते हुए वह चुदाई में मेरा साथ देने लगी।

मेरे साथ में लेटे हुए सूरज को उस शाम रीता को चोदना था। शायद यही प्रोग्राम बना कर किरण और सूरज हमारे कमरे में आये थे। अपने ज़हन में कुछ निराश हुआ सूरज मुझे रीता को चोदते हुए देखने लगा। रीता को पता था कि उसकी चुदाई सब देख रहे थे। उनकी नजरों से बचने के लिए रीता ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी।

किरण अच्छी तरह से सब समझ रही थी। किरण ने झेंप रही रीता को ढाढ़स देते हुए कहा, “रीता अब तो यह तुम देखती और दिखाती रहोगी। इसमें झेंपने की या शर्माने की कोई बात नहीं है। पुरुष और स्त्री की चुदाई कोई पाप या गलत कर्म नहीं है। हम सब पुरुष और स्त्री हमेशा युगों-युगों से चोदते और चुदवाते आये हैं। हमारे माँ-बाप भी चुदाई करते थे और हमारे बच्चे भी चुदाई करते रहेंगे। सारी दुनिया बल्कि सारी सृष्टि चुदाई करती है।

अनादि काल से यह सिलसिला चलता आ रहा है। यह सृष्टि का नियम है। ज्यादातर लोग यह काम छिप-छिपा कर करते हैं। एक-दूसरे को चोदते और चुदवाते हुए देखना भी एक गज़ब का उत्तेजक दृश्य है। जिस पुरुष को हम चाहते हैं उसको किसी और औरत को प्यार और उन्माद से चोदते हुए देखना। या जिस स्त्री को हम बहुत प्यार करते हैं उस स्त्री को किसी गैर मर्द से तगड़े से चुदवाते हुए देखना जीवन का सबसे अधिक उत्तेजक और उन्मादक अनुभव है जो बहुत कम दम्पति को नसीब होता है।”

रीता की समझ में यह सब नहीं आ रहा था। उसका यह पहला अनुभव था जब उन की चुदाई बिना रोक-टोक कोई देख रहा था। इससे पहले रीता ने जरूर मर्द औरत को चुदाई करते हुए कई पोर्न मूवी में देखा था। पर यह पहली ही बार था जब किसी युगल ने रीता को प्रत्यक्ष चुदवाते हुए देखा था।

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