हेलो दोस्तों, मेरा नाम संगीता है. पिछली कहानी में आपने पढ़ा की कैसे मैं अपने पति की चुदाई से बोर हो गयी, और मौका मिलते ही अपने ही देवर से चुदाई कर बैठी. मैने चुदाई करते वक़्त बताया की मेरे पति में अब वो पहले वाली बात नही थी. तो मेरे देवर ने मेरे पति को अकेले में ले जेया कर सब समझाया.
मेरी पति को भी वो बात समझ में आई, और उन्होने तय किया की हमारे सेक्स में कुछ अड्वेंचर लाएँगे. मेरे पति ने मेरे लिए दो-टीन दिन की छुट्टियाँ लेली. मैने उनसे पूछा तो उन्होने कहा की हम उनके फ्रेंड के रिज़ॉर्ट पर जेया रहे थे. हम दो-टीन दीनो के लिए घर से डोर वाहा गये. वाहा रिज़ॉर्ट में और कोई नही था. मेरे पति ने पूरा रिज़ॉर्ट ही बुक कर लिया था.
हमने शाम का वक़्त साथ में स्पेंड किया. फिर उन्होने कहा की चलो अब कुछ अड्वेंचरस चीज़े ट्राइ करते है. उन्होने बाग से स्विम सूट निकाला, और कहा-
पति: चलो मेरे सामने एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतरो और नंगी हो जाओ, और ये स्विम सूट पहनो.
मैने वैसे ही किया. मेरे पति एक चेर पर सामने किसी राजा की तरह बैठ गये, और मैं उनके सामने उनकी दासी की भाँति अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी. उनका दिया स्विम सूट पहन कर उनके पास गयी. उन्होने भी अपने कपड़े उतारे, और सिर्फ़ चड्डी पर आ गये.
फिर मोबाइल निकाल कर हमने साथ में खूब फोटोस और वीडियोस निकली. मेरे पति ने अपने चड्डी उतरी, और स्विम्मिंग पूल में चले गये. वाहा से मुझे कहा-
पति: आजा मेरी रानी, उतार फेंक ये शरम के कपड़े. होज़ा नंगी और आजा अंदर.
वाहा कोई और नही था, तो मैने भी अपना स्विम सूट उतरा, आंड नंगी होके पूल में घुस गयी. पूल के पानी में मेरे पति ने मुझे धार दबोचा. उन्होने मेरे बूब्स ज़ोर-ज़ोर से दबाए, और मूह में लेकर चूसने लगे. वही उनके हाथ और उंगलियाँ मेरी छूट से खेलने लगी. कुछ देर बाद उन्होने मुझे पूल की साइड पर बिताया, और मेरी छूट को चाटने लगे.
उस वक़्त मैं सातवे आसमान में थी. खुले बड़े स्विम्मिंग पूल में अपने पति के सामने खुले में नंगी बैठी थी, और अपनी छूट चटवा रही थी. ठंडी-ठंडी हवा मुझे ठंड का एहसास करवा रही थी, और मेरी पति मुझे गरम कर रहे थे. मेरा पानी उनके मूह पर ही निकल गया.
उन्होने वैसे ही मेरे पानी वाला चेहरा मेरे चेहरे के पास लाया, और मुझे फ्रेंच किस किया. हमने पानी में खूब मज़े किए, और वो मुझे गोद में उठा कर बेडरूम में लेके आए. वाहा हमने अपने आप को सूखाया और मेरे पति ने मुझे एक ड्रेस दी.
उन्होने कहा: जल्दी से इसे पहें के आओ. मैं बाहर तुम्हारा इंतेज़ार करता हू.
मैने उसे पहना तो वो बिल्कुल किसी बार डॅन्सर के जैसा था. छ्होटी सी पतली पनटी ना के बराबर. सिर्फ़ छूट च्चिपी थी, और बाकी सब खुला. बहुत छ्होटा सा स्कर्ट जो घुटने तो डोर पूरी जांघें भी नही धक रहा था. उपर डोरी की बनी ब्रा जो सिर्फ़ बूब्स को आधा धक रही थी. और आधी खुली जॅकेट. मैं तो वैसे ही आधी नंगी खड़ी थी, वो कपड़े पहनने के बाद.
पर पति को कैसे माना कर सकती थी? मैं जैसे ही बाहर गयी, तो देखा पति देव भी एक हुलिए में थे. उन्होने सिर्फ़ जूते और शॉर्ट्स पहनी थी. उन्होने अपने गले के पीछे बेल्ट बँधी थी, और गले में भी टीए लटकाय थी. मुझे देखते ही मुझ पर वो झपट पड़े. वो मेरे खुले बदन पर हाथ घूमने लगे. बूब्स दबाने लगे, और स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर गांद दबाने लगे.
उन्होने गाना शुरू किया टीवी पर, और मुझे नाचने को कहा. वो बीच में खड़े मुझे देख रहे थे, और मैं मेनका बन कर उनको डॅन्स दिखा रही थी. फिर उन्होने तोड़ा रफ और हार्डकोर ट्रीटमेंट देना शुरू किया.
उन्होने मुझे खींचना शुरू किया. उन्होने थप्पड़ पर थप्पड़ मारे. कभी गाल पर मारते तो कभी गांद पर. कभी अपने शारीरिक बाल से मुझे दबोचते तो कभी ज़ोर-ज़ोर से कही भी चूमते, काट-ते और मेरी चीख निकल जाती. उन्होने बेल्ट निकाल कर मुझे एक-दो बार मारा भी. फिर उन्होने अपने अंदर की हवस और हैवान को जागृत किया. मेरे पति का बदला अंदाज़ देख कर मैं भी मज़े ले रही थी.
कुछ वक़्त बाद उन्होने मुझे नंगा कर दिया. खुद शॉर्ट्स नीचे खिसका कर किसी जानवर की तरह बेरेहमी से मेरी छूट चुदाई शुरू की.
मैं: क्या कर रहे हो. प्लीज़, दर्द हो रहा है.
पति: दर्द होगा तो से ले आज. आज तुझे ऐसे छोड़ूँगा, की कल सुबा चल नही पाएगी. रंडी है तू साली मेरी. कमीनी चुप-छाप छुड़वा मुझसे.
उन्होने मेरी चुदाई शुरू की. उनका लंड किसी गरम लोहे की रोड की तरह मेरी छूट फाड़ रहा था. कुछ देर में उन्होने मेरे बाल पकड़ कर मुझे नीचे बिताया, और मेरी छूट से निकला गीला लंड मेरे ही मूह में दे कर फिर मूह चुदाई शुरू की. 10-15 मिनिट्स तक उन्होने मेरा मूह छोड़ा. पर अपना माल नही निकालने दिया.
मैने पूछा तो पता चला की उन्होने पिल्स ली थी. इतनी जल्दी आज वो झड़ने वाले नही थे. उन्होने मुझे बेड पर लिटाया, और पुर शरीर पर किस करने लगे. उपर माथे से लेकर नीचे टोस तक उन्होने एक-एक अंग अपने मूह में लेकर ना सिर्फ़ किस किया, बल्कि चूसा भी. मेरी छूट और बूब्स का तो बुरा हाल था.
बूब्स दबा-दबा कर पूरा रस्स पी चुके थे. फिर भी उनका मॅन नही भरा था. हर 5 मिनिट में फिर दबाते तो हर 10 मिनिट्स में चूस्टे. आज मेरे पति ने मुझे परेशन करके रख दिया था. एक वक़्त आया जब में रुवासि हो गयी. तो उन्होने मुझे पास बुलाया, और मुझसे लिपट कर सो गये.
आधी रात को उनकी नींद खुली, तो फिर एक बार उन्होने मेरा एक पैर उठाया, और अपना लंड मेरी छूट में डाला. इस बार एक ही झटके में पूरा लंड डाल दिया. इसकी वजह से मेरी नींद पूरी तरह से खुल गयी. उन्होने ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मैं भी मीठे दर्द के कारण कभी आह आह ओह एस बेबी ओह या ओह या कहती. तो कभी उनके जोश के कारण चीख निकल जाती.
फिरसे अलग-अलग पोज़िशन में हमने सेक्स ट्राइ किया. करीब 6-8 पोज़िशन में उन्होने मेरी छूट को छोड़ा. रात भर उन्होने मुझे पेला, और सुबा 4:30 बजे हम दोनो नंगे एक-दूसरे के बाहों में सो गये.
दोनो सुबा देर से उठे. उन्होने मेरे लिए ब्रेकफास्ट बनाया, और अपने हाथो से खिलाया. गरम पानी का सेक मेरी छूट पर करवाया. दोनो दूसरे दिन नंगे ही थे, और शाम होते ही वापस उन्होने अपना रंग दिखाया. उन्होने मेरी खूब चुदाई की. दो-टीन दिन लगातार इतनी चुदाई हुई, की छूट का भोंसड़ा तो बन ही गया, पर मैं ठीक से चल भी नही पा रही थी.
जब घर वापस आई तो सब ने मज़ाक में मुस्कुराया. वो समझ गये की उनके भैया ने मेरी खूब जाम कर चुदाई की थी. देवर जी ने ने मुझे खूब छेड़ा. पर उन टीन दीनो में बहुत मज़ा आया. मुझे नॉर्मल होने में करीब 7-10 दिन लग गये. पर पति देव का हर एक शॉट वर्त था, मेरी छूट चुदाई के लिए.
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