पार्क से रूम तक भाभी की चुदाई

हेलो फ्रेंड्स, तीस इस सम फ्रॉम देल्ही. मेरी उमर 21 साल है, और अभी एक मंत पहले ही देल्ही शिफ्ट हुआ हू. कॉलेज पास करने के बाद मेरा प्लेसमेंट देल्ही की मंक में हुआ था. देल्ही में समय तो अछा निकल रहा था. सतुरड़े और सनडे वीक्ली 2 छुट्टी रहती थी. तो मैं देल्ही घूमने निकल पड़ता था. मेरी आज की स्टोरी भी ऐसे घूमने में स्टार्ट हुई है. अब स्टोरी पर आते है-

मैं सॅटर्डे को रूम से निकला, और माप पर गार्डेन देख रहा था घूमने के लिए. तो मुझे थे गार्डेन ऑफ फाइव सेन्स दिखा माप पर, जो की मेरे से 15 केयेम डोर था. लेकिन मेट्रो से आसान था जाना, तो मैं निकल पड़ा. मैं गार्डेन पहुँचा तो बहुत बढ़िया था.

कुछ देर घूमने के बाद मुझे बहुत सारे कपल्स दिखे, जो की झाड़ियों में च्छूप कर रोमॅन्स कर रहे थे. मैं उन्ही को देख कर इधर-उधर घूम रहा था. अचानक से मेरी नज़र एक भाभी पर पड़ी जो की अकेले बैठी हुई थी टेबल पर. मैं उनके पास बैठ गया और उनसे बात करने के लिए मैने उनसे पानी माँगा. तो उन्होने मुझे पानी दे दिया. फिर मैने थॅंक्स बोला, और अपना नाम बताया तो रिटर्न में उसने भी अपना नाम अंकिता बताया.

सम: तुम यहा अकेले क्यूँ बैठी हो?

अंकिता: मैं अपनी सिस्टर के साथ आई हू. वो अपने ब्फ से साथ घूम रही है, तो मैने उनको अकेले छ्चोढ़ इधर बैठ गयी.

सम: आपका कोई ब्फ नही है.

अंकिता: नही मैं मॅरीड हू.

सम: रियली (शॉक्ड एक्सप्रेशन से)!

अंकिता: क्यूँ?

सम: आपको देख कर लगता नही है.

अंकिता: ह्म, सब यही बोलते है.

सम: मतलब?

अंकिता: मतलब सब को ऐसा ही लगता है.

सम: तुमने इतना मेनटेन किया है, तो कोई भी नही बोलेगा आपको मॅरीड.

अंकिता: जी मैं योगा करती हू डेली, सो तट’स वाइ.

सम: ओह नाइस.

ऐसे ही हमारी बातें होती रही और हम दोनो एक-दूसरे के साथ कंफर्टबल फील करने लगे. कुछ समय बाद उसने चॉक्लेट खाने के लिए ऑफर किया, तो मैने और उसने आधी-आधी चॉक्लेट शेर की. जब वो चॉक्लेट खा रही थी, तो थोड़ी सी चॉक्लेट टूट कर उसकी चेस्ट पर गिर गयी. मैने उसे बताया आपकी चॉक्लेट गिर गयी तो उसने पूछा कहा.

मैने बताया लेकिन उसको नही दिखी. तो मैने बहाने से हाथ भी लगाया, और उसकी चॉक्लेट उठा कर उसे दिखाई, और खुद खा गया. वो तोड़ा शरमाई और नज़रे झुका ली. फिर कुछ 5 मिनिट हम दोनो चुप रहे, और फिर उसने बात स्टार्ट की

अंकिता: तुम क्या करते हो देल्ही में?

सम: मैं मंक में जॉब करता हू. अभी-अभी आया हू देल्ही.

अंकिता: ओक.

सम: जी आप क्या करती है?

अंकिता: मैं हाउसवाइफ हू.

सम: और आपके हज़्बेंड?

अंकिता: वो भी एक कंपनी में मॅनेजर है, और वीक में 2 दिन ही देल्ही रहते है. बाकी दिन बंगलोरे में.

सम: ओके, इसीलिए.

अंकिता: क्या?

सम: कुछ नही.

अंकिता: बताओ भी.

सम: कुछ नही, वो मैं बोल रहा था इसीलिए इतना अछा मेनटेन किया है आपने.

अंकिता: वो मैं डेली योगा करती हू इसलिए.

सम: तो आपके घर में कों-कों है और?

अंकिता: मैं अकेली ही रहती हू.

सम: श.

अंकिता: क्या ऑश?

सम: कुछ नही, मैं आ जया करू आपको कंपनी देने के लिए?

अंकिता: इतनी जल्दी मिलने तक भी पहुँच गये?

सम: जी आप बताओ अओ क्या?

फिर उसकी सिस्टर और ब्फ आ रहे थे, तो हमने जल्दी से मोबाइल नंबर एक्सचेंज किए, और उसने मुझे अड्रेस भी बताया. उसके बाद मैं वाहा से चला गया, और तोड़ा मार्केट घूमने के बाद मैं अपने रूम पर आ गया. 04:00 बजे मैं नहा कर फ्रेश हो कर बैठ कर Wएब्शेरिएस देखने लगा ही था, की उसका मेसेज आ गया.

अंकिता: ही.

सम: ही.

अंकिता: क्या कर रहे हो?

सम: कुछ नही, बस आपको ही याद कर रहा था.

अंकिता: झूठे.

सम: नही सॅकी में.

अंकिता: ओक, तो कब आ रहे हो?

सम: कहा?

अंकिता: भूल गये क्या? मेरे घर और कहा.

सम: आप बुलाओ तो अभी आ जाता हू.

अंकिता: तो आ जाओ, मेरे हज़्बेंड नही है घर, और वो ट्यूसडे को आएँगे.

सम: ओह रियली, मैं आता हू 7 बजे तक.

अंकिता: ओके मैं वेट करती हू.

सम: जी बाइ.

अंकिता: बाइ.

फिर मैं जाने के लिए तैयार हुआ, और मेट्रो से उसके घर के पास पहुँचा. रास्ते से मैने उसके लिए चॉक्लेट्स ले ली थी, और मेडिकल स्टोर से एक कॉंडम का पॅकेट भी. मैं उसके घर के बाहर पहुँच गया और बेल बजाई. वो आई और डोर खोला.

मैं उसको तो देखता ही रह गया. उसने नाइट गाउन पहना था, और उसके नीचे कुछ भी नही था. उसका घर एक बिल्डिंग में फ्लॅट था. मैं अंदर गया, और उसने मुझे सोफा पर बैठया, और खुद किचन में चली गयी. फिर वो किचन से मेरे लिए जूस और कुछ ड्राइ फ्रूट्स लाई, और मुझे दिए खाने के लिए. उसके बाद वो मेरे सामने बैठ गयी और हमारी बातें स्टार्ट हुई.

अंकिता: कोई दिक्कत तो नही हुई आने में?

सम: जब मंज़िल इतनी खूबसूरत हो, तो रास्ता कैसा भी हो आसान ही लगता है.

अंकिता: धात!

सम: सॅकी, आपका घर बहुत अछा है.

अंकिता: थॅंक्स.

सम: इतने बड़े घर में आप अकेले रहते हो, दर्र नही लगता? और इसकी सॉफ-सफाई भी आप ही करते हो क्या?

अंकिता: नही उसके लिए एक नौकर है.

सम: तो कहा है वो?

अंकिता: उनको मैने छुट्टी पर भेज दिया.

सम: अछा.

फिर वो जूस का ग्लास लेने के लिए झुकी, और उसके 36द साइज़ के बूब्स दिखे. फिर हमारी नज़रे मिली, और उसने स्माइल दी. मैं भी खिश हुआ, और स्माइल कर दी. फिर वो बर्तन लेकर किचन की तरफ गयी. मैं भी उसके पीछे-पीछे किचन में गया, और उसको जेया कर पीछे से हग कर लिया.

मैने उसके लिए लाई हुई चॉक्लेट उसको दी खाने के लिए. उसने एक बीते ली, और मैं चॉक्लेट उसकी नेक पर लगा कर लीक करने लगा. वो काँप गयी, और पीछे घूम कर मेरे को हग कर लिया. फिर मैने उसके लिप्स पर अपने लिप्स लगा दिए, और हम चॉक्लेट को एक्सचेंज करने लगे होंठो से. उसे बहुत मज़ा आ रहा था, और मुझे भी. क्यूंकी हमारी हग बहुत टाइट हो रही थी.

फिर हमारी चॉक्लेट फिनिश हुई, और हम अलग हुए. उसने मुझे रूम में जाने के लिए बोला, और मैं रूम में चला गया. दोस्तों रूम काफ़ी अछा सज़ा हुआ था. मैं जेया कर बेड पर लेट गया. 15 मिनिट बाद अंकिता आई. मैं तो उसे देखता ही रह गया. उसने गाउन उतार कर एक सेक्सी लाइनाये पहनी हुई थी.

मैं उठ कर तुरंत उस पर टूट पड़ा. मैने उसे हग किया और किस किया. हम पागलों के तरह एक-दूसरे को नोच रहे थे.

मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था, और उसका भी 2 बार पानी झाड़ चुका था. फिर मैने उसे बेड पर लिटाया, और उसको लिप्स पर किस करने लगा. साथ में मैं उसकी छूट को रब करने लगा. उसे बहुत मज़ा आने लगा, और वो चादर को हाथ में इकट्ठा करने लगी.

उसका पानी झाड़ गया, और फिर मैने उसके ब्रा-पनटी को उतार दिया. अब वो पूरी नंगी थी. वो उठी, और मेरी त-शर्ट और लोवर को उतार कर अंडरवेर में मेरे लंड को तन्ना हुआ देख स्माइल की. फिर लंड को बाहर निकाल कर मूह में ले लिया और आचे से सक करने लगी. मैं तो मानो सातवे आसमान पर था. 15 मिनिट तक उसने मेरे लंड को चूसा, और एक-दूं गीला और टाइट कर दिया.

अब मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसकी टाँगो को उपर उठा कर साइड में फैलाई. फिर उसके बीच में आ कर अपना लंड उसकी छूट के होंठो पर रखा, और रब करने लगा. तो उसका पानी निकल गया और उसने मुझे अपने उपर खींच लिया. फिर हम लीप किस करने लगे.

मैने अपना लंड एक झटके में उसकी छूट में घुसा दिया. वो ये दर्द झेल नही पाई, और मुझे टाइट हग कर लिया. फिर 5 मिनिट के बाद मैने धीरे-धीरे झटके देने स्टार्ट क्लिए. उसकी छूट अब अड्जस्ट हो गयी थी, और उसे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो उसका पानी निकल गया.

इस बार के पानी से छूट और गीली हो गयी, जिससे लंड और आसानी से अंदर-बाहर होने लगा. मैने और स्पीड बढ़ा दी. 15 मिनिट के बाद उसका फिरसे निकल गया. फिर मैने उसे पोज़िशन चेंज करने के लिए बोला. वो तुरंत उठ कर डॉगी स्टाइल में हो गयी, और मैं पीछे से उसको छोड़ने लगा. इस पोज़िशन में उसको और मुझे दोनो को बहुत मज़ा आने लगा, और वो पूरा साथ दे रही थी.

अंकिता: आहह सम मेरी जान, बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज़ और फास्ट, और फास्ट.

सम: मैने और स्पीड बढ़ा दी. ले मेरी जान अंकिता ले, आ आह आह.

पुर रूम में पच-पच की आवाज़े आ रही थी. डॉगी स्टाइल में भी 20 मिनिट हो गये थे छोड़ते और वो इसमे 2 बार झड़ी थी. अब मैने उसको खड़ा किया, और बेड से नीचे दीवार के साथ लगा दिया, और पीछे से लंड उसकी छूट में एक ही झटके में घुसा दिया. वो आह करके बोली-

अंकिता: सम ई लोवे योउ मेरी जान. मेरे हज़्बेंड ने कभी इतना मज़ा नही दिया. अब 3 दिन तक मुझे ऐसे ही छोड़ो.

मैने बोला: ई लोवे योउ टू मेरी जान अंकिता.

और एक बार बाहर निकाल ले एक ज़ोर का झटका मारा. अंकिता को बहुत मज़ा आया और वो बोली-

अंकिता: सम प्लीज़ एक-दूं स्पीड से करो. बहुत मज़ा आ रहा है.

सम: ओक मेरी जान.

और मैने स्पीड बढ़ा दी. मैं अब बहुत स्पीड से उसे छोड़ने लगा, और वो भी पूरा साथ देने लगी. रूम में पच-पच के बिना कोई आवाज़ नही थी. ऐसे ही 15 मिनिट छोड़ने के बाद मेरा झड़ने वाला था. मैने अंकिता से पूछा कहा निकालु.

उसने बोला: मेरे मूह में.

फिर मैने उसे नीचे बिताया, और लंड छूट से निकाल कर उसके मूह में डाल दिया. वो पुर मज़े से चूसने लगी, और मेरे लंड का पूरा पानी पी गयी. तो बे कंटिन्यूड…

धन्यवाद दोस्तों स्टोरी पढ़ने के लिए. आशा करता हू आपको स्टोरी अची लगी होगी. मैं इसके अगला पार्ट में बतौँगा कैसे मैने उसे अगले 3 दिन तक छोड़ा. तब तक के लिए बाइ, और हा अगर कोई भाभी या आंटी मुझसे छुड़वाना चाहती है तो मुझे एमाइल पर कॉंटॅक्ट कर सकती है. नो चार्ज, फुल सॅटिस्फॅक्षन. मी एमाइल: सम175401641@गमाल.कॉम

यह कहानी भी पड़े  सेक्सी हिंदी कहानी भाभी को चुदाई के लिए मनाने की


error: Content is protected !!