पापा के दोस्तो ने रंडी बनाया

तो दोस्तो जैसा की आप सब ने लास्ट बार जाना की कैसे पापा से मुझे लगाओ होने लगा था मगर पापा के लिए मई सिर्फ़ एक रखैल थी और कुछ नही. मैने भी पापा से बदला लेने का सोचा.

तो कुछ दीनो बाद हुमारे गाओ मई मेरी चचेरी बहें की शादी मई हम गये हुए थे. मई रहती इंडोरे मई हू मगर मेरा गाओ उत्तर प्रदेश के बलिया सहेर मई है. हम लोग कई दीनो बाद गाओ गये थे तो हुमारा खूब आदर सत्कार हुआ.

वाहा सयद मॉडर्न ड्रेस का चलन नही था तो मुझे बार बार अपने पहनावे के कारण बात सुन्नी पार्टी थी. मम्मी को भी वाहा की औरते बुरा भला कहती रहती थी की कैसे कापरे पहनती हो अपनी बेटी को हाथ से निकल जाएगी.

पहले तो मम्मी ने भी इग्नोर काइया मगर फिर उन्होने भी मुझी सूट सलवार पहेने को फोर्स करने लगी. मगर मेरे पास कोई ऐसी ड्रेस नही थी तो मेरी चचेरी बहें जिसका नाम रीमा है उसने मुझे अपने कपरो मई से सूट सलवार दिए पहेने को. हम दोनो की एक ही आगे थी इसीलिए नाम भी मिला जुलता था.

रीमा की सूट का साइज़ तो ठीक था मगर छाती बहुत छोटी थी. उसके सूट पहेने के बाद तो मेरी बूब्स और बारे और टाइट लगते थे. मगर जैसे तैसे मैने पहें लिए. मगर गाओ के लड़के ने मानो कभी कोई लड़की ना देखी हो उनकी नज़र हमेशा मेरी बूब्स पर ही रहती थी. मुझे भी ये अटेन्षन अक्चा लग रहा था.

उससी रात पापा अपने काई दोस्तो के साथ कोठी पे बैठे शराब पी रहे थे. जैसे जैसे रात बिट्टी गयी उनके सारे दोस्त घर चले गये सिर्फ़ 2 दोस्त ही बैठे बचे थे जिनका नाम राजू और चमन था. लगभग 11 बजे रात मई मम्मी ने मुझे पापा को खाना खाने की लिए बुलाने भेजा.

तब मुझे मौका मिला पापा से बदला लेना का मैने सोचा जब मई पापा के दोस्तो को सिड्यूस करूँगी तब पापा को जलन होगी और वो ये मान लेंगे की मेरे लिए भी उनको फीलिंग्स है.

मैने कोठी के बाहर ही दुपट्टा रख दिया और सूट को और नीचे तां कर क्लीवेज को और गहरा कर लिया. जैसे ही मई कोठी पे गयी पापा के दोनो दोस्तो की नज़र भी मेरे बूब्स पे ठीक गये.

मैने भी उनके साथ जा कर चिपक के बैठ गयी तीनो बहुत नशे मई थे. मैने पापा को कहा की मम्मी बुला रही है.

चमन: अभी कैसे अभी तो रात बाकी है.

राजू: हन… आज पूरी रात पार्टी होगी. वैसे तुम्हारा नाम क्या है बेटा. पढ़ाई लिखाई करती हो ?

मई (इनोसेंट आवाज़ मई): जी, मेरा नाम सीमा है और मई ब्स्क कर रही हू.

चमन: अक्चा है और किस किस चीज़ो मई तुम्हारा लगाओ है.

मई उनके क्ाएब जा कर बोली “जी डॅन्स करने भी आता है.”

दोनो की नज़रे मेरी छाती पे ही थी. पापा भी ये चीज़ नोटीस कर रहे थे.

राजू: तोरा हमे भी नाच के दिखाओ… तोरा महॉल बने.

मैने पहले तो शर्मा के माना कर दिया पर फिर मान गयी. पापा चुप छाप ये सब देख रहे थे. मैने वाहा से उठते वक़्त जान बुज कर अपना मोबाइल गिरा दिया और उनके सामने झुक गयी ताकि उन्हे मेरा क्लीवेज अकचे से दिख सके.

मई धूम 3 के कामली वेल गाने पे डॅन्स स्टार्ट काइया. इस वक़्त ट्के तीनो सिर्फ़ धेक रहे थे मगर थोरी देर बाद राजू अंकल उठे और मेरे साथ आ कर डॅन्स करने लगे.

फिर चमन अंकल भी उठ कर आ गये. मेरा प्लान सिर्फ़ उन्हे सिड्यूस करने का था ताकि पापा को जलन हो. धीरे धीरे दोनो मुझसे छिपकने लगे. चमन अंकल पीछे थे जिससे बार बार उनका टाइट लंड मेरी गांद पर टकरा रहा था और राजू अंकल अग्गे थे जिससे वो मेरी बूब्स से.

धीरे धीरे दोनो और करीब आने लगे और चमन अंकल सॉफ सॉफ मेरी गांद दबाने लगे. और राजू अंकल भी मेरी छाती से चिपक गये. ये सब पापा देख पापा देख रहे थे. मई भी दोनो अंकल का साथ दे रही थी ताकि पापा को जलन हो.

फिर पापा खरे हुए. मुझे लगा एब्ब पापा दोनो को मार कर हटाएँगे मगर ऐसा नही था. पापा ने जा कर कोठी का दरवाज़ा बंद कर दिया.

पापा: मई जनता हू तेरे अंडर बहुत हवस से. आज हम तीनो तेरा ये हवस मिटाएँगे.

दोनो अंकल भी ये सुन कर हैरान हो गये मगर उनपर भी तारक चार गयी थी और दोनो नशे मई भी थे. मई बिल्कुल घबरा गयी को यहा तो लेने के देने पर गये. 3 मर्दो का लंड वो भी गाओ के लोगो का तो वैसे ही बरा और मोटा होता है. मई तो मार ही जूँगी. मेरी घबराहट मेरे सेहरे पर सॉफ पता चल रही थी. मगर एब्ब मई कर ही क्या सकती थी पापा के खिलाफ जाने की हिमत तो नही थी.

फिर पापा ने दोनो अंकल से कहा आज इस रॅंड की हवस हमे मिटानी है दोस्तो ये बेटी के नाम पर कलंक है. पापा की ये बार सूनको दोनो मानो मेरे पर टूट परे हो.

चमन अंकल मेरी पयज़ामे मई हाथ डाल कर मेरी गांद को दबाने लगे और राजू अंकल मेरे बूब्स को मसालने लगे. मुझे तभी पता लग गया था की आज मेरी बुरी तरह से चुदाई होने वाली है.

मई उन दोनो को संभाल ही रही थी की पापा आकर मुझे किस करने लगे. उन्होने अपनी ज़बान मेरी मु मई डाल दी. राजू अंकल से सबात नही हुआ तो उन्हो ने मेरा सूट ही फार दिया और चमन अंकल ने मेरा पयज़ामा खोल दिया.

अब मई सिर्फ़ ब्रा पनटी मई थी जो राजू अंकल ने तां कर ब्रो का हुक टॉर दिया और पनटी भी जनवरो के तरह खोल दी. दोनो को एकद्ूम सबर नही था. मई भी कन्फ्यूज़ थी की पहले किसको संभालू. फिर तीनो ने अपने कापरे भी खोल दिए.

फिर तीनो ने मुझे घेर लिया और मुझे घुटनो पे बैठा दिया. तीनो का लंड मेरे उपेर मंडरा रहा था. पापा ने सबसे पहले अपना लंड मेरी मु है दे दिया और मेरा सिर पकड़ कर मेरे मूह को छोड़ने लगे ओए दोनो अंकल मेरा एक एक बूब मसालने लगे.

वो दोनो इतनी ज़ोर से मसल रहे थे की मेरा बूब्स सूज गया था. दर्द तो हद पार हो रहा था मगर पापा का लंड मेरे मूह मई होने के कारण मई ठीक से चीख भी नही पा रही थी. थोरी देर बाद पापा के जगह चमन अंकल ने ले ली और वो मेरे मूह को छोड़ने लगे.

चमन अंकल का लंग लगभग 8.5 इंच का था और 3 इंच मोटा था उन्होने अपनी झट के बाल भी शेव नही किए थे उनका बाल मेरे मूह मई आ रहा था. 10 मीं बाद राजू अंकल ने चमन अंकल की जगह ले ली उनका लंड सबसे मोटा था मुस्किल से ही मूह मई जा रहा था. ऐसा लगभग 20 मीं चला.

फिर उन्होने मुझे सोफे पे बिता दिया और चमन अंकल सोफे पे चाड मेरे मूह को छोड़ने लगे. राजू अंकल मेरी छूट को चाटने लगे और पापा का लंड मई हाथ से हिला रही थी. रफ्ली मेरे मूह को छोड़ने के कारण मेरे गले मई बहुत दर्द हो रहा था और मेरा बूब्स तो सूज गया था. मगर इन सब मई मुझे ना जाने क्यू मज़ा आ रहा था. पापा बीच बीच मई मेरे बूब्स पर टप्पड़ भी मार रहे थे और मई दर्द से तिलमिला उठ रही थी.

कुछ देर बाद राजू अंकल मई मुझे घोरी बनाया और अपना लंड मेरी छूट पर सहलाने लगे. तभी पापा ने मुझे शराब की बॉटल दी और कहा ले पी ले वरना ये सब तू होश मई नही से पाएगी.

मैने पहले कभी नही पी थी मगर दर्द से बचने के लिए मई बॉटल से ही पीने लगी. दारू पी कर मानो मेरा गला जल गया हो. इधेर राजू अंकल ने मेरी छूट पे लंड सेट काइया और धीरे धीरे अंडर डालने लगे. मुझे भी मज़ा आ रहा था मई मोन करने लगी.

तभी चमन अंकल ने लंड मेरे मु मई दे दिया. मई भी उनका साथ देते हुए उससे चूसने लगी. मेरे अंडर की रंडी बिल्कुल जाग गयी थी. पीछे से राजू अंकल मुझे छोड़ रहे थे अग्गे से चमन अंकल और पापा बैठ कर सराब पीते हुए देख रहे थे.

राजू अंकल ने मुझे छोड़ने की स्पीड बढ़ा दी और अग्गे चमन अंकल भी लंड पुश करने लगे. उनका लंड मेरे गले तक पहुच गया था. मई साँस ट्के नही ले पा रही थी मेरा पूरा सेहरा लाल हो गया था. मई उन्हे हटाने की कोशिश कर रही थी मगर वो बोहोट तकड़वार थे. मेरे धक्के का तो कुछ असर ही नही हो रहा था. थोरी देर बाद वो खुद लंड बाहर निकल लिए तब जा कर मेरी साँस ने साँस आई.

ऐसा लगभग 10 मीं चला फिर पापा उठा कर आए और सोफे पर बैठ गये और मुझे अपने उपेर बैठा के मुझे छोड़ने लगे. मई अभी ये एंजाय कर ही रही थी की मेरी गांद पर कुछ महसूस हुआ.

चमन अंकल मेरी गांद छोड़ना चाहते थे. मैने उनसब से रिक्वेस्ट किया की मई एक बार मई दो लंड नही ले पौँगी मगर किसी ने मेरी ना सुनी. चमन अंकल अपना लंड मेरी गांद मई पुश करना शुरू काइया. दारू के नशे मई मुझे उतना पता नही चला और चमन अंकल ने पूरा लंड मेरी गांद मई फिट कर मेरी गांद छोड़ने लगे. एक वक़्त पे मेरी छूट और गांद दोनो चुड रहे थे.

मैने उस दिन छोटी बंदी हुई थी. चमन अंकल मेरी छोटी पकड़ के खिचने लगे और मेरी गांद छोड़ने लगे. मानो घोरे की सवारी कर रहे हो. राजू अंकल तब मेरी चुचि मसल रहे थे. मेरे बूब्स एकद्ूम सुन्न पर गये थे सूजन के कारण. फिर पापा के जगह राजू अंकल मेरी छूट छोड़ने आए.

पापा ने दारू का एक पेग बनाया और मेरी नंगी पीठ कर बहा दिया और चमन अंकल उससे नीचे से पी गये. दारू पीते ही उन्मआई और जोश आ गया और उन्होने स्पीड बढ़ा दी. नशे मे होने के बाद भी मुझे दर्द हो रहा था.

फिर चमन अंकल मुझे लेकर ही खरे हो गये और सामने से राजू अंकल दुबारा मेरी छूट छोड़ने लगे. दोनो खरे खरे मुझे गोद मई लेकर छोड़ रहे थे. सही कहते है लोग गाओ के मर्द काफ़ी ताकतवर होते है. दोनो ने मेरी मॅन भर के चुदाई की और जब मॅन भर गया तो चमन अंकल मेरे अंडर ही झाड़ गये.

थोरी देर बाद राजू अंकल भी मेरी छूट मई झाड़ गये. दोनो का माल मेरी गांद और छूट से बह रहा था. मई घुटनो पे बैठी थी तभी पापा आ कर मेरे सेहरे पर अपना गरह माल गिरा दिया. मेरा सेहरा उनके माल से भर गया. फिर तीनो का लंड बरी बरी से मैने चूस चूस के सॉफ काइया. अपने सेहरे का भी माल मई छत गयी. अपनी छूट और गांद मई से जो माल बह रहा था वो भी चाट गयी.

रात के 2 बाज गये थे यानी की लगभग 2:5 घंटे मेरी चुदाई चली. थोरी देर बाद जब मई वही फटे कापरे पहेने लगी तो चमन अंकल ने मुझे रोक लिया और कहा अभी तो पूरी रात बाकी है.

मई भी होश मई नही थी दारू का नशा पूरे ज़ोर शोर पे था. वही सोफे पे लेट गयइ. रात भर तीनो बरी बरी से मुझे छोड़ते रहे. मई सिर्फ़ सोफे पे पारी रहती जैसा करने को कहते कर देती. सुबा 5 बजे तीनो चले गये और बाहर जो दुपट्टा परा था मुझ पर डाल गये. मई भी जैसे तैसे चूपते छुपाते उन्ही फटे कपरो मई रूम मई आ कर कापरे बदल कर सो गयी.

मेरे मॅन मई कही ना कही 3 लोगो से चूड़ने की खुशी थी की मैने 3 लोगो को एक बार मे सॅटिस्फाइ कर दिया.

सुबा जब मम्मी कोठी पे गयी तो उन्हे वाहा मेरी पनटी मिली, मई नशे मई पनटी पहेनना भूल गयी थी. मम्मी के मॅन मई शक जाग गया था.

आयेज क्या हुआ ये अगले पार्ट एई बतौँगी. तो दोस्तो कैसी लगी आपकी ये पार्ट मुझे कॉमेंट मे ज़रूर बताईएएगा.

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