पैसों के लिए कुँवारी चूत की चुदाई

तो चलिए दोस्तों चलते है मेरी पहली चुदाई की कहानी की तरफ. जैसे ही मुझे पता चला मम्मी को कॅन्सर था, और उसके इलाज के लिए 5-6 लाख का खर्चा, तो मैं शांत हो गयी. मैं सोचने लगी कहा से लौंगी मैं इतने पैसे. और यही सोचते-सोचते शाम हो गयी.

तभी अचानक हॉस्पिटल में कॉंट्रॅक्टर साहब आ गये. वो मम्मी से मिलने के लिए अंदर गये. मैं भी बाहर बैठी हुई थी. 10 मिनिट बाद साहब बाहर आए और मुझे कहा-

साहब: चलो मेरे साथ, आज की रात तुम मेरे घर रहोगी. मैं कार में इंतेज़ार कर रहा हू, जल्दी आओ.

इतना कह कर साहब बाहर चले गये. मैं दर्र रही थी, की अभी क्या होगा. सोच कर मैं मम्मी से मिलने के लिए अंदर गयी, तो देखा मम्मी के मूह के उपर कुछ लगा हुआ था, जिसे मम्मी सॉफ कर रही थी. मैने मम्मी से कहा-

मैं: मैं चलती हू, साहब का काम ख़तम करके वही से घर चली जौंगी. आप ख़याल रखना.

मैं साहब के गाड़ी में जेया कर बैठ गयी, और फिर हम एक सुनसान सी जगह पर आए जहा आजू-बाजू में कोई नही था. बस एक बड़ी कोठी थी. हम उस कोठी में चले गये. देखा तो वो अंदर से बहुत सुंदर थी. और अभी-अभी सफाई हुई थी, ऐसा लग रहा था.

जैसे ही मैं अंदर गयी, साहब ने आव देखा ना ताव, और मेरी चुनरी खींच ली. उन्होने मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मैं उनके सामने आ कर खड़ी हो गयी.

तभी साहब ने मेरे बाल पकड़े, और मेरे लिप्स पर किस करने लगे, मुझे काटने लगे. मुझे दर्द हो रहा था, पर मैं कुछ नही कर सकती थी. मैं बस उनका साथ दे रही थी. 5 मिनिट बाद साहब ने मुझे अलग किया, और मुझे पास के सोफे पर फेंक दिया.

फिर उन्होने अपनी पंत और शर्ट खुद ही निकाल दी, और अब वो सिर्फ़ अंडरवेर में थे. वो सीधा मेरे उपर चढ़ गये, और पागलों की तरह मुझे किस करने लगे, काटने लगे यहाँ-वहाँ मेरी नेक पर. वो मेरे बूब्स उपर से दबाने लगे. मुझे दर्द होने लगा.

मैं बोली: आहह ह साहब, आराम से साहब, मैने कभी किया नही ये सब.

साहब बोले: चुप रांड़, तू बस मुझे देख, आज तेरी गांद कैसे फाड़ दूँगा मैं.

और उन्होने मेरा कुरती फाड़ दी. मैं ब्रा नही पहनती थी, तो बूब्स सीधे उनके सामने आ गये. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स काटने लगे, उन्हे चूसने लगे, और मैं बोली-

मैं: बस आह ह छ्चोढ़ दो साहब मुझे, आ.

उसके बाद साहब मेरा मूह अपनी अंडरवेर पर दबाने लगे, और लंड मूह में लेने को बोले. मैने अपने मूह से ही उनकी अंडरवेर उतरी. फिर उनका लंड मूह में लेने लगी. मुझे अभी पता था क्या करना था, तो मैं आचे से उनका लंड चूस रही थी.

मेरे मूह से गप्प्प्प गप्प्प्प्प्प अम्म आम की आवाज़े आ रही थी. तभी सिर ने मेरी कुरती पीछे से पकड़ कर पूरी फाड़ दी. मैं बस अभी लेगैंग्स में थी. उन्होने 10 मिनिट तक मेरा मूह छोड़ा, और फिर मुझे वहीं एक दीवार से सत्ता दिए, और पीछे से जाकड़ लिया. वो अब मेरी नेक पर और पीठ पर काटने लगे ज़ोर-ज़ोर से. मैं चिल्ला रही थी-

मैं: आहह आह साहब, आराम से ना. काट क्यूँ रहे हो आह आह साहब छ्चोढो मुझे.

उसके बाद उन्होने मेरी लेगैंग्स खींच कर नीचे कर दी, और मुझे घुमा के फेस अपनी तरफ किया. उसके बाद वो फिर से मेरे बूब्स पर टूट पड़े, और ज़ोर-ज़ोर से काटने लगे. इतना की खून निकालने लगा. मेरी हालत खराब हो गयी थी. तभी सिर ने अपना लंड बिना सोचे खड़े-खड़े मेरी छूट में डाल दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ, और मैं चिल्लाई-

मैं: आहह अहह साहब, छ्चोढो साहब, क्या किया आपने ये साहब? छ्चोढ़ दो मुझे साहब, दर्द हो रहा है.

मैं उनके सीने पर हाथ मारने लगी, पर उन्होने टाइट पकड़ा हुआ था. मैं बस चिल्लाने के अलावा कुछ नही कर सकती थी. फिर साहब ने मेरी एक टाँग उठा ली, और ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर-बाहर करने लगे. मैने देखा तो मेरी टाँग से खून तपाक रहा था. ये देख कर मैं बोली-

मैं: साहब क्या किया आपने? इतना खून आ रहा है, आह ह साहब, छ्चोढ़ दो मुझे ह, मुझे नही चाहिए आपके पैसे साहब. बहुत दर्द हो रहा है साहब.

तभी साहब ने मुझे सोफे पर पटक दिया उल्टा. मैं उठने लगी तो पीछे से पकड़ लिए और घोड़ी बना कर वहीं सोफे पर फिर से अपना लंड पेल दिए. मैं उनको कह रही थी की मुझे दर्द हो रहा था. पर वो नही माने, और मुझे छोड़ते रहे.

10 मिनिट बाद अचानक मेरी बॉडी में कुछ होने लगा. मेरी छूट अचानक से तड़पने लगी, और उसमे से एक फावरा छ्छूता, और साहब का लंड गीला हो गया. उसके बाद मेरा भी दर्द गायब सा हो गया, और मुझे भी मज़ा आने लगा. मैं अब अपनी गांद हिला कर छुड़वाने लगी. ये देखते ही साहब ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और ज़ोर-ज़ोर से मुझे छोड़ने लगे, और गालियाँ देने लगे-

साहब: साली रांड़, पहले तो नखरे कर रही थी. अभी तो गांद उठा कर छुड़वा रही है. साली तेरी मा से भी अची रांड़ है तू.

ये सुन के मैं चौक गयी, और बोली: क्या बोले साहब आप?

फिर साहब बोले: साली तेरी मा भी ऐसे ही नखरे कर रही थी, लेकिन बाद में रोज़ मुझसे चूड़ने लगी पैसों के लिए. साली की गांद मारने में मज़ा आता था. हॉस्पिटल में भी उसके लिए गया था, पर जगह नही थी. इसलिए मूह में पानी निकाल कर चला आया मैं.

मैं बोली: साहब मा को भी ऐसे ही छोड़ते थे क्या आप?

फिर साहब बोले: हा उसको तो मैने कितनी बार छोड़ा है, और अभी तुझे छोड़ूँगा साली रांड़.

मैं तभी बोली: मुझे 10 लाख चाहिए, मैं पूरी ज़िंदगी आपकी रखैल रहूंगी. आप जिससे चाहोगे मैं चड़वौनगी साहब.

इतना सुनते ही वो गुस्से में आ गये, और मुझे उठा के बाहर डाल दिया नंगी, और वो भी बाहर आ गये. फिर मुझे वहीं घास पर लिटा दिया, और मेरे उपर आ गये और बोले-

साहब: क्या साली रांड़, 10 लाख! इतने तो नही है मेरे पास, और तेरी रंडी मा 5 लाख बोली थी. तुझे 10 क्यूँ चाहिए? झूठ बोलती है साली.

इतना कह कर वो मुझे वी खुले आसमान में छोड़ने लगे, और मेरी पीठ पर और गांद पर काटने और मारने लगे.

मैं: सस्स आह आह साहब आराम से छोड़िए मुझे साहब. ज़ोर-ज़ोर से छोड़िए, आपकी रांड़ हू मैं. आप जो बोलॉगे मैं करूँगी, बस मुझे पैसे दे दो साहब.

फिर ऐसे ही उन्होने मुझे पूरी रात में 5 बार पेला. उसके बाद कैसे मुझे 2 दिन बाद साइट पर सब के सामने ज़लील किया. वो मैं आपको अगली सेक्स कहानी में बतौँगी.

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