पड़ोसन कमसिन लड़की की चूत चुदाई

उसके भरे-भरे मम्मे मेरी छाती में गड़ गए.. मेरा मन तो उसको छोड़ने का था ही नहीं पर वो चिल्ला रही तो मैंने उसको सहारा देकर ऊपर किनारे पर बैठा दिया।

मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी चूचियां पेटीकोट के भीग जाने के कारण स्पष्ट दिखने लगी थीं। उसकी गोरी-गोरी टाँगें मुझे मदमस्त कर रही थीं।

मैंने बाहर आने की सोची पर मेरा लवड़ा भोसड़ी का एकदम लोहे का डंडा बन गया था और कच्छे में पूरा तन गया था जिससे मुझे उसके सामने आने में थोड़ी हिचक हो रही थी। मैं पानी में ही खड़ा रहा।

मेरी समझ में नहीं आ रही थी कि क्या करूँ।
मैंने उससे कहा- डर मत.. मैं हूँ न.. आ जा.. डरती रहेगी तो सीखेगी कैसे?

वो मेरी चौड़ी छाती को निहारते हुए अपने पेटीकोट को ठीक करने लगी।
वो बोली- तुम ऊपर आओ तुम्हारे साथ ही पानी में आऊँगी।

मैं ऊपर आया तो मेरा लौड़ा भुजंगासन में खड़ा था। उसने मेरे लौड़े को देखा तो वो शरमा गई।

मैं उसके पास बैठ गया और उसे समझाने लगा कि कैसे तैरा जाता है।
फिर वो मेरे काफी समझाने पर फिर से राजी हो गई।

मैंने उसका हाथ पकड़ा तो वो एकदम से शायद गरम हो गई।
बोली- मुझे डर लग रहा है.. तुम मुझे ठीक से पकड़ो तभी उतरूँगी।

मैंने उसको सहारा दिया तो वो मेरी बांहों में आ गई।

मैंने भी उसे जोर से भींच कर उसके मम्मों का रगड़ सुख लिया और उसकी टांगों में मेरा खड़ा लौड़ा चूत को टहोकने लगा।
मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी कमर पकडूँगा.. तुम अपने हाथ-पैर चलाना.. ठीक है..
‘ठीक है..’

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मैंने उसको अपने हाथों में इस तरह से लिया कि उसकी चूचियां और चूत वाला हिस्सा मेरे हाथों में आ गया और वो पेट के बल तैरना सीखने लगी।

मैं उसके आमों को दबा-दबा कर उसकी जवानी का खूब मजा लेता रहा। वो भी गरम हो गई थी।
थोड़ी देर बाद वो बोली- मैं थक गई हूँ.. अब बस मुझे किनारे पर बैठा दो।

पड़ोसन गर्म हो गई

मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और उसकी गांड में उंगली करता हुआ उसको बाहर चबूतरे पर बैठा दिया और उसके पास बैठ गया। वो थक कर मेरे सीने से चिपक कर बैठ गई मैंने उसकी पीठ की तरफ से हाथ डाल कर उसे अपने आगोश में ले लिया और धीरे से उसकी चूची को सहलाने लगा।

वो गनगना गई और मुझसे और ज्यादा चिपक गई।
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मैंने उसे वहीं लिटा दिया और उसके ऊपर झुक कर उसकी चूचियों पर अपना मुँह लगा दिया।
उसने कुछ भी नहीं कहा।

मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसके पेटीकोट को खींच दिया, उसके दोनों मम्मे हवा में उछलने लगे।
मैंने अपना मुँह उसके एक निप्पल में लगाते हुए उसकी चूत में उंगली कर दी।

वो मचल गई और मादक ‘आह..’ भरने लगी। मैंने उसका हाथ अपने लौड़े पर रख दिया.. वो मेरे लौड़े से खेलने लगी।

मैंने उसके होंठों की चुम्मी ली तो बोली- राजू मुझे बहुत डर लग रहा है कुछ होगा तो नहीं?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.. मैं तुमको एक जादू करके दिखाता हूँ फिर देखना तुम मुझसे बार-बार कहोगी।

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वो मेरी तरफ देखने लगी तो मैंने अपना कच्छा उतार कर नंगा लौड़ा उसके सामने कर दिया।

वो लौड़े को घूर कर देखने लगी। मैंने उसको पहले चोदना ठीक समझा और उसकी एक टांग उठाई तो उसकी मखमली चूत मेरे सामने थी।

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