मेरी पदोसन ज्योति आंटी

आंटी की छूट जयदा नही खुली थी। इसलिया मेरा तोड़ा सा लॅंड आंटी की छूट मे गया। जा हे आंटी की छूट मे लंड डाला।तो आंटी ने मुघा एक करा झटका दिया। आंटी झटके सा आंटी की ताने हिलती थी। और मुघा ढाका लगा और पूरा लंड आंटी के अंदेर चला गया। भन चोदि बहुत गरम थि। मैं घसा मरना चुरु हो औनती हेर 2 मिन बद झतका मरति। कयोकि उसमा बहुत सेक्स था। चुत मरता वकत औनति का पुरा सरिर हिल रहा था। 15 मिन बाद मैरा घर गया। और मल औनती कि चुत का बहर निकला।

फिर औनती रहुल सा

बोली अरे कुटे तू भी आजा अब तुमना एक शर्नी की भूख जगा दी है। आजा अब मेरी भीख मिटा। फिर राहुल ना उस कचोरि को लनद खिलया फिर वरुण ना। हूमना लगभग 4 घंटे तक आंटी को छोड़ा। फिर सो गया।

अगला दिन हमने आंटी की गंड मारी। । औनती कि गनद मैं जब मना अपना लुनद दला तो असा लगा जसा गरम चुरि मखन मैं दलति। इतनि चिकनि गनद । वोव। जब मना औनती कि गनद मर रहा तो औनती कि पुरि गनद हिल रहि थि। मेरा 20 मिन बद घरा।फिर रहुल ना गनद मरि फिर वरुण ने। उस्डीन हमना आंटी को 7 घाटे चोदा।आंटी को छूट मरवना की बहुत गंदी लत पेर गयी थी। हम हैर रोज़ आंटी की गंड मरते 15 दीनो मे आंटी की गंड बहुत मोटी होगाई रेअल्ली यर। यहा तका कि औनती ना कचि दलना भि चोर दिया था।

वेल्ल अपको हमरि सतोरी कसि लगि ।

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