मेरी पड़ोसन सुषमा के साथ चुदाई की

हैल्लो दोस्तों, आज में आपको अपनी एक कहानी बताने जा रहा हूँ, जो कि मेरी और मेरी पड़ोसन सुषमा के बीच हुई है, ज़िंदगी में ऐसे लम्हे सिर्फ़ खुश किस्मत वालों को ही मिलता है। ये बात तब की है जब दिसम्बर का महीना था, अच्छी ख़ासी ठंड पड़ी हुई थी। मेरे पड़ोस मे एक नये किरायेदार रहने को आए थे, वो सिर्फ़ पति पत्नी थे, उसका नाम अनिल और बीवी का नाम सुषमा था। अब पहले ही दिन वो दोनों मेरे घर पर आए, जब मैंने सुषमा को देखा तो वही पर मेरा लंड खड़ा हो गया, क्या मदमस्त जवानी थी उसकी? गोरी-गोरी, उसके बूब्स बहुत बड़े थे और 36-24-36 का बदन और वो बहुत चिकनी थी। फिर मेरे बीवी ने उन्हें चाय और बिस्किट दिया, अब उसके पति साथ में होने के कारण में उसे पूरी तरह से नहीं देख पाया था और मुझे अपनी नज़रे इधर उधर करनी पड़ी थी।

अनिल एक कपड़े की दुकान में काम करता था, वो सुबह 10 बजे जाता और रात को 12 बजे वापस आता था। अब सुषमा पूरा दिन घर पर अकेली रहती थी, अब मेरे मन में काम वासना जाग गई थी और कैसे भी करके उसे एक बार बिस्तर पर पटककर पेल दूँ? लेकिन कैसे? वही सोच रहा था। फिर ऐसे ही 2-3 महीने गुजर गये, इसी बीच मैंने उसे कितनी बार झाड़ू निकालते वक़्त उसके बूब्स देखे है, कभी वो अपनी टांगे फैलाक़र बैठती थी, तो मेरा मन करता था कि उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखकर अपना 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुसा दूँ। अब वो भी मुझे देखती थी और मुस्कुराती थी, अब में समझ गया था कि उसे भी कुछ चाहिए। एक बार वो मेरी बीवी से कहने लगी कि आपके पति कितने अच्छे है आपको काम में मदद करते है, मेरे वो तो रात को आते है, खाना खाते है और सो जाते है। मुझे लगा कि सुषमा मुझे संकेत दे रही है कि वो अपने पति से अपनी चूत की प्यास नहीं बुझा पा रही है, तो फिर मैंने भी ठान लिया की में उसकी प्यास बुझाकर ही रहूँगा।

में कॉल सेंटर मे नाईट शिफ्ट करता था और मेरी बीवी भी ऑफीस जाती थी तो दिनभर में घर पर ही रहता था और सुषमा भी दिन में अकेली रहती थी। फिर एक दिन मेरी बीवी ने सुषमा को कहा कि उसके पास अच्छे कपड़े पड़े है अगर चाहिए तो दे सकती है, तो सुषमा ने कहा कि ठीक है। फिर बीवी ने कहा कि लेकिन सुषमा मेरी अलमारी में पूरा सामान भरा पड़ा है, तुम अगर फ्री रहोगी तो हम लोग रविवार को साफ करेंगे। फिर रविवार को मेरी बीवी ने सुषमा को बुलाया, क्योंकि अनिल को रविवार की छुट्टी नहीं रहती थी वो सोमवार को घर पर रहता था।

फिर वो आई और उन दोनों ने अलमारी में से कपड़े निकाले और फिर वापस से अलमारी में रखने लगी, इस बीच उसने 4-5 कपड़े अच्छे वाले सुषमा को दिए। अब पूरा बेडरूम कपड़ो से भरा हुआ था, अब में भी उनकी मदद करने लगा था। इतने में मेरी बीवी की सहेली का फोन आया कि उसके पति हॉस्पिटल में एड्मिट है। अब मेरे मन में काम वासना उत्तेजित हो रही थी, फिर मैंने तुरंत मेरी बीवी को निकलने को कहा और बोला कि यह सब में संभाल लेता हूँ। फिर तुरंत मेरी बीवी घर से निकली और सुषमा को कहा कि उसके आ जाने के बाद काम करेंगे। अब मुझे मेरा प्लान फैल होता हुआ नज़र आने लगा था, फिर सुषमा अपने घर चली गयी। फिर मैंने अपने बिस्तर को देखा और मन ही मन बोला कि आज काश में सुषमा को इस बिस्तर पर लेटाकर अपने लंड को शांत कर सकता, अब में बहुत हताश हुआ और वही बैठ गया।

फिर थोड़ी देर के बाद सुषमा ने दरवाज़ा खटखटाया, तो मैंने तुरंत दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर आने को कहा। फिर वो बोली कि भाई साहब वो जो कपड़े भाभी ने मेरे लिए अलग निकालकर रखे है, क्या में वो ले सकती हूँ? तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर में धीरे से पलंग पर बैठा और चिल्लाने लगा आअहह हहू, तो सुषमा ने कहा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि में गिर गया मुझे यह सारे कपड़े अलमारी में रखने है काश कोई मेरी मदद करता। फिर सुषमा ने कहा कि भाई साहब में अभी कर दूँगी, अब वो एक-एक कपड़े को फोल्ड करके रख रही थी और उसने मुझे आराम करने को कहा था। फिर सुषमा ने मेरी बीवी की ब्रा और पेंटी देखी, तो मैंने उसी का फायदा उठाया और पूछा कि सुषमा तुम चाहो तो यह ले जा सकती हो। तो सुषमा ने एक शर्म भरी मुस्कान दी और कहा कि नहीं चाहिए ज़ोर लगाते हुए कहा। तो मैंने कहा कि क्या हुआ? दुकान में ब्रा पेंटी बेचने वाला भी मर्द होता है और लेडीस लोग उनसे तोल मोल करके खरीदती भी है।

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फिर सुषमा कहने लगी कि यह ब्रा मेरे लिए छोटी होगी, फिर मैंने पेंटी के बारे में पूछा, तो वो बोली कि वो भी छोटी होगी। अब मेरा लंड अंडरवेयर में उछलकूद कर रहा था, तभी मैंने डाइरेक्ट्ली उससे कहा कि तू तो ब्लेक ब्रा पहनती है ना। तो सुषमा शरमाई और बोली कि छी-छी कैसी बातें करते हो? तो मैंने कहा कि जब तू झाड़ू लगाने के लिए नीचे झुकती थी, तब में तेरे बड़े-बड़े बूब्स देखता था और मुझे तेरी ब्रा भी दिख जाती थी। इतने में सुषमा उठकर दरवाज़े की तरफ दौड़ी, तो मैंने सोचा कि ये मौका मुझे गवाना नहीं चाहिए तो में तुरंत दौड़कर उसके सामने खड़ा हुआ। तो सुषमा बोली कि प्लीज़ मुझे जाने दो ना, फिर मैंने सीधे उसके हाथ पकड़े और कहा कि सुषमा में जानता हूँ अनिल तुझे संभोग सुख नहीं दे रहा है और तू इतनी खूबसुरत है, सुषमा में तुझे नंगा देखना चाहता हूँ। फिर मैंने मेरी चड्डी नीचे की और उसे अपना 8 इंच का हथोड़ा दिखाया, तो उसने अपने मुँह पर अपना हाथ रखा और बोली कि बाप रे।

फिर मैंने कहा कि क्या अनिल का इससे भी बड़ा है? तो वो बोली कि उनका तो छी जाने दो। फिर मैंने उसे सीधा दबोचा और अपने सीने से लगाया और उसके गुलाबी होंठो को फाड़कर अपनी ज़ुबान घुसेड दी और चूसने लगा। अब वो हुउऊउउ करने लगी, फिर मैंने 5 मिनट तक उसके होंठो को ऐसे ही चूसा। तब धीरे से उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रखा, अब उसे भी मजा आ रहा था। अब उसकी चूत के दाने भी फड़फड़ाने लगे थे, फिर वो मुझे भाई साहब की जगह बाबूजी कहने लगी थी बाबू जी आपकी बीवी आ जाएगी। तो मैंने कहा कि वो 3-4 घंटे तक नहीं आएगी, चल सुषमा अपनी प्यास बुझा लेते है। फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर पटक दिया। फिर मैंने मेरी टी-शर्ट और अंडरवेयर फटाफट उतारी और पूरा नंगा हो गया, जिम जाने के कारण मेरी बॉडी फिट थी। फिर सुषमा बोली कि बाबूजी मुझे डर लग रहा है, तो मैंने कहा कि रानी डर किस बात का में हूँ ना। फिर मैंने उससे उसका गाउन उतरवा लिया और उसकी ब्रा भी उतार दी।

फिर मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह में लिया और चूसना चालू किया, तो वो जोर से चिल्लाई। अब में कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा था और उससे पूछा कि इसमें से क्या दूध निकलता है? तो वो शरमाई और बोली कि बाबू जी छी-छी। अब बाजू की टेबल पर मलाई दूध से भरा गिलास रखा था तो मैंने उसमें से मलाई निकाली और उसके बूब्स के ऊपर रखी। तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो में उसके बूब्स चूसने लगा और कहा कि दूध का मज़ा ले रहा हूँ और ज़ोर से दबाने लगा। फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी, अब उसकी बिना बाल वाली चूत क्या चिकनी लग रही थी? फिर मैंने उसके पूरे बदन पर किस करते-करते उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल दी। तो वो मेरे बालों को अपने हाथों से पकड़कर ज़ोर से खींचने लगी। अब मानो जैसे कोई आम की गुटली चूसता हो में उसकी चूत चूस रहा था, फिर मैंने उसकी चूत में बटरजैम डाल दिया और खूब मज़े से उसकी चूत चाटने लगा, अब मुझे असली मज़ा आ रहा था।

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फिर वो जोर से चिल्लाई बाबू जी प्लीज़ धीरे से करो आआअहह ऑश में मर गयी। अब उसकी वही चीख मेरे लंड को और उत्तेजित कर रही थी, फिर मैंने मेरे लंड पर जैम और बटर लगाया और उसे चूसने को कहा, तो वो नहीं बोली। फिर मैंने उसका मुँह पकड़ा और अपना पूरा लंड उसके मुँह में डाल दिया। अब वो सिसकियां ले रही थी, अब में आगे पीछे हिल रहा था। अब मैंने अच्छे तरीके से उसका मुँह बटर जैम से भर दिया था। अब उसे भी मज़ा आने लगा था और अब मेरा लंड भी मज़े ले रहा था, इतने में मुझे मेरी बीवी का फोन आया, तो मैंने सुषमा को चुप रहने को कहा। तो वो बोली कि सासू माँ आ रही है, वो आधे घंटे में पहुँच जाएगी, तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर सुषमा उठने लगी, तो मैंने कहा कि अब इस लंड को शांत करते है। फिर मैंने उसे डॉग शॉट लगाया और जैसे ही मेरा गर्म लंड उसकी चूत में घुसा, तो वो बहुत जोर से चिल्लाई।

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अभी मेरे पास टाईम कम था इसलिए मैंने उसके चिल्लाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर मैंने अपना ज़ोर और लगाया और उसके दोनों बूब्स को अपने हाथ में लेकर दबाता गया और उसे पेलता गया। अब मैंने उसके चिकनेपन पर ज्यादा गौर नहीं किया और सुषमा से कहा कि जब से तुझे देखा है उसी दिन से मैंने ठान लिया था कि कब में तुझे सुलाकर तेरी चूत में मेरा पानी डालूं। इतने में वो बोली कि बाबू जी कंडोम क्यों नहीं यूज़ किया? तो मैंने कहा कि कंडोम से मज़ा नहीं आता है। फिर मैंने उससे सोने को कहा और उसके मुँह में अपनी ज़ीभ डालकर उसकी दोनों टांगो को फैला दिया और एक बार फिर अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। तो उसने कहा कि आहह बाबू जी धीरे से, तो मैंने कहा कि अरे रानी धीरे- धीरे करते रहे तो सासू माँ आ जाएगी और फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से मेरी कमर हिलाई। तो सुषमा बोली कि बाबू जी पानी बाहर निकालना प्लीज नहीं तो में आपके बच्चे की माँ बन जाउंगी।

फिर मैंने कहा कि डोंट वरी में अपना पानी अंदर ही डालूँगा और एक गोली दूँगा उससे तू प्रेग्नेंट नहीं होगी। तो वो कहने लगी कि मुझे बच्चे की बहुत तमन्ना है मेरी 5 साल से माँ बनने की इच्छा है। तो मैंने पूछा कि क्या अनिल नपुंसक है? तो वो कहने लगी नहीं, लेकिन उनका तो 3-4 मिनट में ही पानी निकल जाता है, मेरी उत्तेजना बढ़ने तक वो सो जाते। लेकिन आप तो मुझे एक घंटे से चोद रहे हो, काश आप जैसा मुझे मिला होता। अब अपने लंड को शांत करने वक़्त आ गया था, फिर वो बोली कि बाबू जी मुझे माँ नहीं बनना है। तो मैंने एक ज़ोर की चीख लगाई और उसकी योनि मेरे सफेद पानी से भर दी। फिर उसने भी मुझे चूमा और कहा कि हम ऐसे ही बार-बार करेंगे और वो अपने कपड़े पहनकर घर चली गयी। फिर में बिस्तर पर ही लेट गया और अपने लंड को सहलाने लगा ।।

धन्यवाद ….



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