बूढी आंटी की चूत की गर्मी शांत की

हलो दोस्तों मेरा नाम राज हैं और मैं आंध्रा का रहने वाला हु. मगर अब मैं काम के लिए मुंबई में रहता हूँ. यही पर ही मुझे इस सेक्सी आंटी के साथ चोदने की मजा मिली जो आप के लिए मैं इस स्टोरी में लिख रहा हूँ.

मेरी उम्र 27 साल हैं और मेरी शादी नहीं हुई हैं. मैं मुंबई में यहाँ पर एक कम्पनी में जॉब करता हूँ. और यही पर एक किराए के रूम में रहता हूँ. आज मैं आप को अपनी एक कहानी बताने जा रहा हूँ. ये बात कुछ समय पहले की हैं.

मुंबई शहर में नया होने की वजह से मुझे यहाँ का ज्यादा कुछ नहीं पता था. इसलिए मैं ज्यादा घूम भी नहीं पाता था. पर हां अपनी हेल्थ को ठीक रखने के लिए ओज एक पार्क में मोर्निंग में वाल्क करता था. वहाँ डेली मेरी ऐसी ही वाल्क चलती थी. और मुझे वहां एक 45 साल के करीब की उम्र की औरत भी डेली मिलती थी. जो की अपने बच्चो के साथ होती थी. धीरे धीरे हम एक दुसरे को विश करने लग गए. तब पता चला की उनका नाम उषा हैं.

उषा आंटी दिखने में बहोत ही ज्यादा सुंदर थी. अपने बच्चो के साथ काफी खुश भी रहती थी. मैं भी बच्चो को हंसाता रहता था. ऐसे ही एक महिना गुजर गया. पर एक दिन आंटी वाल्क करने अकेली आई और कुछ उदास भी लग रही थी. मैं उनकी उदासी देख कर उनके पास चला गया. मैंने उन्हें उदासी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया की उनके पोता पोती अब घर वापिस चले गए हैं. क्यूंकि उनकी छुट्टियां ख़तम हो गई थी.

ऐसी बात सुन कर मैं उनको दिलासा देने लग गया. तब जा कर वो थोडा समझी और फिर ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गई. मैं डेली उन्हें पार्क में मिलता था और हम डेली खूब बातें करते थे. यहाँ तक नहीं नहीं बल्कि अब मैं उनके घर भी जाने लग गया था.

हफ्ते में दो बार तो मेरा उनके घर जाना हो ही जाता था. और हम दोनों बैठ कर काफी बातें करते थे. और कभी कभी वो मेरे लिए खाना भी बना देती ही उसको मैं बड़े मजे से खाता था. ऐसे ही काफी टाइम बीत गया. एक दिन अचानक आंटी का फोन आया. जैसे मैंने पिक किया तो आंटी बोली: आज मेरा बर्थ डे हैं तो शाम को घर आ जाना.

आंटी की ये बात सुन कर मैंने पहले उन्हें विश किया. फिर मैने शाम को आंटी के घर आने का प्रोमिस किया. और फिर सुबह अपने काम पर चला गया.

वापसी में मैंने आंटी के लिए एक गिफ्ट भी लिया. और ऑफिस से सीधा उनके घर चला गया. जैसे ही मैं वहां पहुंचा तो मैंने बेल बजाई. आंटी मुझे देख कर बहोत खुश हुई और मैंने भी उनके बर्थ डे विश कर दिया.

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वो मुझे देख कर खुश क्या काफी खुश हुई. मैंने भी उन्हें एक अच्छी स्माइल दी और उनके साथ अन्दर आया कर बैठ गया. उन्होंने मुझे कोल्ड ड्रिंक सर्व करी और मैंने वो स्नेक के साथ पी ली. मुझे ये बहोत अच्छा लगा और मैंने तब उन्हें गिफ्ट भी दे दिया.

गिफ्ट पा कर वो बहुत ही खुश हो गई और गिफ्ट को खोलने लग गई. जिसे ही गिफ्ट खुला तो उन्होंने देखा की उसमे एक बड़ी ही खुबसूरत मूर्ति थी. जिसको देख कर वो बहोत खुश हुई. और उसे अपने घर के शोकेस के अंदर रख दी. अब हम दोनों बैठ के टीवी देखने लग गए. पर वो टीवी में अपनी आंटियों वाली सीरियल देख रही थी. और ये सब सीरियल से मैं काफी बोर हो रहा था.

इसलिए मैंने आंटी से बोला: आंटी कुछ चेंज कर लो मैं बोर हो रहा हूँ.

बात सुन के आंटी ने मुझे ही रिमोट दे दिया. और फिर खुद नहाने का कहते हुए बोली: वहाँ निचे सीडी पड़ी है कुछ अच्छी लगे तो देख कर लगा लो.

आंटी ये कह कार नहाने के लिए चली गई. उनके जाते ही मैं टीवी के पास गया और सीडी देखने लगा. तभी मुझे वहां काफी सेक्सी सीडी मिली जिसमे एक मैंने लगा ली और देखने लगा गया.

कुछ समय बाद आंटी आई और उन्होंने मेरे सर पर थप्पड़ मारते हुए कहा, तुम ये क्या देख रहे हो, मैंने तुम्हे अच्छा लड़का समझती थी. जैसे ही मैंने आंटी को देखा तो मैं तो होश ही खो बैठा. क्यूंकि आंटी ने रेड कलर की साडी डाल रखी थी जिसमे वो बहोत ही खुबसुरत थी. मैं: आंटी आपने ही तो कहा था की जो देखना हैं देख लो. और वैसे भी यहाँ ये सब सीडी ही ज्यादा ही हैं.

मेरी बात सुनकर आंटी चुप हो गई. फिर कुछ देर बाद बोली: चल ठीक हैं जो देख रहा हैं देख ले.

इतना कह कर आंटी अंदर चली गई और मैं टीवी देखने में मग्न हो गया. मूवी इतनी सेक्सी थी की अब मैंने लंड को बहार ले लिया. और उसके ऊपर हाथ रख के उपर निचे करने लगा. और ये सब एकदम मेरे कंट्रोल के बहार हो रहा था जैसे.

मुझे तो ये भी नहीं पता था की आंटी भी खड़ी हो के ये सब देख रही थी. आंटी ने जैसे ही मेरे कंधे पर हाथ रखा तो मैं एकदम ठंडा पड़ गया. जैसे ही मैंने पीछे मूड कर देखा तो देखा की आंटी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. ये देखते ही मैंने अपनी आँख बंद कर ली.

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मैं: आंटी आप ऐसा क्या कर रही हो?

आंटी ने मेरी बात सुना बिने मेरे सर को पकड़ा और मेरे होंठो को अपने होंठो में भर लिया. पहले तो मैंने भी चुदवाने की कोशिश करी पर बाद में मैं भी उनका साथ देने लगा. मैं भी उनके होंठो को चूसने लग गया और उनके जिस्म पर हाथ फेरने लगा.

लगभग 10 मिनिट हमारी किस चली और फिर आंटी ने मुझसे कहा, चलो पहले बिरियानी खा लेते हैं.

मैं आंटी की बात सुनकर आंटी के साथ डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और खाना खाने लग गए. खाना खाने के बाद आंटी ने ने मुझे कमरे में आने के लिए इशारा किया. आंटी के इशारे को समझ के मैं भी वहां चला गया.

कमरे में पहुंचते ही मैंने आंटी के कपडे उतार दिए. आंटी ने ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उनके बूब्स एकदम से बहार आया गए. जिसे मैंने मुहं में भर लिया और चूसने लग गया. आंटी भी मदहोश होती हुई मेरे बालो को पकड़ कर नोंचने लग गई.

बालों को नोंचते हुए आंटी ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसे अपने मुहं में भर लिया. मुहं में लांद जाते ही मैं उस से चुस्वाने लग गया. पर अब उनकी चूत की तड़प बढ़ गई थी इसलिए उन्होंने लंड को मुहं से निकाल दिया.

इशारा मैं समझ गया तो मैने भी उनकी चूत चाटने लगा. जिसको चाटते मैंने उनका पानी ही भी पी लिया फिर अपने लंड को उनकी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा. इस से आंटी भी एकदम से तड़प उठी. अब जैसे ही वो तडपी तो मैंने एक ही धक्के से लंड चूत में डाल दिया.

लंड के चूत में जाते ही आंटी चीखने पड़ी और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. हम दोनों एक दुसरे की चुदाई में खूब मदहोश हो उठे. फिर मैंने उन्हें घोड़ी बना कर चूत को चोद डाला जिस से हम दोनों का निकल गया.

फिर हम दोनों ने थोडा रेस्ट लिया. पर मेरा अभी एक और बार करने का मूड था इसलिए अब उन्होंने मुझसे कहा: अब तू मेरी गांड मार ले.

मैंने वैसे ही उन्हें घोड़ी बना कर गांड में लंड डाल दिया और चोद डाला अब जा मेरा निकलने वाला था तो उन्होंने लंड को मुहं में भर लिया. मैंने भी उस से मुहं में ही भर कर अपना सारा पानी मुहं में ही निकाल दिया. हम अब एक दुसरे को लिपट कर सो गए. और जब उठे तो हमने एक दुसरे को किस करी. मैं आंटी के घर से निकल गया किसी के आने से पहले पहले!



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