मेरा नाम शांतानु है. ये मेरी ऑफीस सेक्स स्टोरी है. मेरी उमर 24 साल है, और मैं मुंबई में जॉब करता हू. मैं दिखने में आवरेज हू, पर मेरी एक अची बात है की मैं बातें बहुत आचे से कर लेता हू. और इसी ख़ासियत के कारण मुझे मुंबई में मिला चरमसुख.
ये कहानी आज से 2 साल पहले की है, जब मैं मुंबई जॉब के लिए आया था. ऑफीस में मेरी टीम में मेरा बॉस, मेरे अलावा 3 लड़के, और 2 लड़कियाँ थी. उनमे से एक का नाम श्रुति और दूसरी का नाम नेहा था.
शुर्ती देखने में बहुत सुंदर थी, और सब लोग उस पर लाइन मारते थे. पर नेहा को लोग ज़्यादा भाव नही देते थे. उसके पीछे 2 रीज़न्स थे. एक तो नेहा थोड़े गुस्से वाली थी, और दूसरा वो डिवोर्स्ड थी.
शुरू-शुरू में मुझे भी नेहा के गुस्से वाली नेचर के कारण उससे दर्र लगता था, और मैं भी उससे तोड़ा दूरी बनाए रखता था, की कहीं ये किसी भी बात पर गुस्सा करके मुझ पर चिल्ला ना दे. पर एक दिन जब श्रुति और बाकी लड़के लंच पर चले गये, और उन्होने नेहा को इन्वाइट तक नही करा, तब मैने नेहा को पूछा-
मैं: लंच ब्रेक पर कब चलना है? भूख नही लगी आपको?
इस पर नेहा से तोड़ा कोल्ड होते हुए कहा: तुम भी चले जाओ बाकी लोगों के साथ. मैं अकेले कर लूँगी.
मुझे दिल से उसके लिए बुरा लगा, तो मैने कहा: नही-नही हम दोनो साथ में चलते है. ऐसे भी वो लोग घर से तिफ्फ़िं लाते है, और मुझे कॅंटीन से खाना लेना पड़ता है. तो वो लोग तोड़ा जड्ज करते है.
ये बात सुन कर तो जैसे नेहा की जान में जान आ गयी, और वो मेरा साथ देते हुए कहने लगी-
नेहा: ये लोगों को दूसरों को जड्ज करने के इलावा और काम ही क्या है?
इस तरह से मेरी नेहा के साथ दोस्ती शुरू हुई. नेहा के बारे में बता डू. नेहा गोरे रंग की घूंघरले बालों वाली लड़की थी, जिसका जिस्म एक-दूं भरा हुआ था. मुझे ऐसे भरे हुए जिस्म वाली लड़कियाँ ज़्यादा पसंद आती है. उसकी उमर 29 साल थी, और फिगर 34-30-36 था.
नेहा और मैं अब रोज़ लंच ब्रेक में साथ ही खाना खाते थे, और कभी-कभी वो मेरे लिए स्पेशल घर का बना खाना लेकर आती थी, जब भी वो कुछ स्पेशल बनती थी.
एक दिन नेहा ने मुझसे पूछा: तुम रेंट पर शेरिंग फ्लॅट में रहते हो, तो तुमको प्राइवसी मिल जाती है.
इस पर मैने कहा: हम सिंगल लड़कों को क्या ही प्राइवसी चाहिए?
उस पर नेहा ने शॉक हो कर कहा: तुम सिंगल हो?
मैने कहा: हा.
इस पर वो बोली: यार इतने आचे लड़के हो, और इतनी प्यारी बातें करते हो. तुम्हारी तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड्स रही होंगी.
इस पर मैने कहा: नही, मैं आज तक सिंगल ही हू. और मेरा लड़कियों से इंटरॅक्षन शुरू से ही तोड़ा कम रहा है.
इस पर मानो नेहा जैसे अंदर से खुश हो गयी हो, और कहने लगी: देखना तुमको एक-दूं मस्त लड़की मिलेगी देखना.
अब इसको इत्तेफ़ाक़ कहो या साज़िश, पर आयेज चल कर यहीं हुआ. कुछ टाइम बीतने पर हम दोनो में च्चेड़-छ्चाढ़ शुरू हो गयी, और हम दोनो एक-दूसरे से अपनी पर्सनल बातें शेर करने लगे. जैसे नेहा के पीरियड्स कब नेक्स्ट मंत आएँगे. उसको कों से साइज़ के अंडरगार्मेंट्स आते थे एट्सेटरा., इस लेवेल की बातें हम शेर करते थे.
एक दिन मैने उससे पूछा: नेहा आपको इधर सब लोग गुस्से वाली क्यूँ समझते है? जब की मेरे को तो आपका नेचर बहुत अछा लगा?
तो वो बताने लगी की उसका जब डाइवोर्स हुआ, तो उसके कारण वो काफ़ी दुखी थी. उसने अपने घर वालो के साथ रहना भी छ्चोढ़ दिया और इधर मुंबई में अकेले रेंट पर फ्लॅट लेकर रहने लगी. उस अकेले-पन्न ने उसको चिड़चिड़ा बना दिया और इस वजह से लोग उसको इग्नोर करने लगे, और टाइम के साथ उसका नेचर गुस्से वाला हो गया.
ये सब बताते हुए नेहा की आँखों में आँसू आ गये. मैने उससे पूछा की उसका डाइवोर्स कब हुआ. तो उसने रोते हुए बताया की 4 साल पहले. इस सिचुयेशन को हॅंडल करने के लिए मैने जोक मार दिया-
मैं: अछा मतलब 4 साल से आपने सेक्स भी नही किया है.
इस पर नेहा तोड़ा मज़ाक में मूड में मुझे बोली: हॅट बदमाश! तूने तो खुद 22 साल से नही करा है.
बस इस तरह अब हमारी सेक्स वग़ैरा को लेकर भी बात शुरू हो गयी. उसने मुझे उसके पति के साथ सेक्स का अनुभव भी बताया. फिर उसने मुझसे पूछा की तुमको कैसी लड़कियाँ पसंद है.
तो मैने मौके का फ़ायदा उठाते हुए कहा: जिसके घूंघरले बाल हो, शरीर एक-दूं भरा हो, और सबसे बड़ी बात, बहुत टाइम से सेक्स भी ना किया हो.
नेहा समझ गयी की मैं उस पर लाइन मार रहा था. उसने भी पलट कर बोला-
नेहा: अछा कुछ करना आता भी नही है, और फिर ऐसी लड़की को खुश कैसे करेगा?
मैने बोला: धीरे-धीरे सीख जौंगा, अगर कोई गुरु बने तो. पर कों ही अब मेरा गुरु बनेगा.
ऐसा कह कर मैं नेहा की और तिरछी आँख से देखने लगा.
नेहा ने भी मुझे च्चेड़ते हुए कहा: अगर कोई गुरु बन गयी, तो उसको गुरु-दक्षिणा में क्या देगा?
मैने कहा: जब भी मेरे गुरु को मेरी ज़रूरत होगी, मैं हाज़िर हो जौंगा.
इस पर नेहा बोली: मुझे अपनी गुरु बनाएगा?
मुझे नही पता था की वो मुझे सामने से ऑफर देगी, और उसके मूह से ऐसी बात सुन कर मैं दर्र गया. मुझे कुछ समझ नही आया, की अब क्या करू? नेहा को शायद ये समझ आ गया था की मैं नर्वस हो रहा था.
तो उसने मुझसे कहा: इस वीकेंड मेरे घर आ जाना. मैं वैसे भी अकेली रहती हू, तो तोड़ा मॅन लगा रहेगा.
मैं बता डू की बात वेडनेसडे की थी, और हुमको सॅटर्डे आंड सनडे ऑफ होता है. नेक्स्ट दे जब मैं ऑफीस आया तो नेहा ने च्छुटी ले रखी थी. मैने उसको मेसेज करके पूछा तो उसने बताया की उसे कुछ ज़रूरी काम था, और वो फ्राइडे भी नही आएगी.
जैसे-तैसे वेडनेसडे और फ्राइडे को भी 5:30 हो गये थे. नेहा च्छुटी पर थी, और मेरी टीम के बाकी लोग बाहर पार्टी पर जेया रहे थे. और आस यूषुयल मेरी नेहा के साथ दोस्ती थी, इसलिए वो लोगों ने मुझे इन्वाइट नही करा था, और मैं नेहा की वीकेंड पर उसके घर जाने वाली बात भूल चुका था. मैं उदास बैठा ही था, तभी नेहा का मेसेज आया-
नेहा: ही, क्या कर रहे हो?
मे: कुछ नही.
नेहा: क्या प्लान है?
मे: कोई प्लान नही है. ये सब लोग बाहर जेया रहे है, और मैं अपने घर.
इस पर नेहा बोली: इसमे उदास क्या होना? तुम मेरे घर आ जाओ. कल भी आने वाले थे, आज ही आ जाओ. आंड ई हॅव गुड न्यूज़.
मे: क्या?
नेहा: मैने एक बड़ी मंक का कल इंटरव्यू दिया था, आंड टुडे ई गॉट कन्फर्म्ड. आओ आज तुमको पार्टी देती हू.
मुझे जान कर नेहा के लिए खुशी भी हुई, और तोड़ा दुख भी की यही एक दोस्त थी और अब ये भी कुछ दिन में चली जाएगी. मैं ऑफीस से सीधा उसके घर गया. मेरा चेहरा देख कर नेहा पूछी-
नेहा: क्या हुआ? अब क्यूँ उदास हो?
तो मैने कहा: तुम ही एक दोस्त बनी थी, और अब तुम भी चली जाओगी.
इस पर नेहा मेरे गाल पर अपने दोनो हाथ रख कर बोली: अवव, इतना मिस करोगे मुझे?
मे: हा.
देखते-देखते मोमेंट बन गया, और नेहा ने मुझे किस कर दिया. मुझे पता ही नही चला की क्ब मेरे हाथ उसकी गर्दन के पीछे चले गये, और हम दोनो किस करते रहे.
अचानक से नेहा बोली: मेरा 90 डेज़ का नोटीस पीरियड है. जाने से पहले मैं एक आचे गुरु की तरह तुमको वो सब सीखा कर जौंगी, जिससे तुम अपनी पसंद की लड़की को खुश रख सको.
और ये कह कर उसने फिर से किस करना शुरू कर दिया. किस करते समय वो मेरे सर के बालों को आराम से खींच रही थी. उसकी हरकतों से सॉफ पता चल रहा था की वो भी सेक्स के लिए कब से इंतेज़ार कर रही थी.
धीरे-धीरे उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और अपना हाथ मेरी ज़िप के पास लेकर गयी. फिर जैसे ही उसने ज़िप खोल कर मेरे अंडरवेर के उपर से मेरे लंड को पकड़ा, मेरा डिसचार्ज हो गया. इस डिसचार्ज से मुझे थोड़ी शरम भी आई, की अब ये क्या सोचेगी.
उसने इस बात पर मेरे कान के नीचे काटा और बोली-
नेहा: चॅप्टर 1:- नेवेर बे इन आ हरी (और मुझे आँख मार कर किस करने लगी).
लगातार किस्सिंग से मेरा लंड दोबारा खड़ा होंने लगा. उसने मेरी पंत और अंडरवेर उतारे, और मुझे पूरा नंगा कर दिया, और मेरे लंड को पकड़ कर मेरी आँखों में आँखें डाल कर उसको हिलने लगी.
उसकी आँखों में देखते-देखते मेरा फिर से डिसचार्ज हो गया. पर अबकी बार उसने मेरा डिसचार्ज चाट कर सॉफ करा, और मेरे लंड को अपने मूह में लेकर चूसने लगी.
अब मैं क्या बतौ, जिसने आज तक सेक्स नही करा, उसको सीधे ही ब्लोवजोब मिल रही थी. कुछ देर बाद वो मेरे उपर आई, और मुझे किस करने की कोशिश करने लगी. पर मैं अपना मूह फेर रहा था, क्यूंकी उसने मेरा लंड चूसा था.
फिर वो मेरा मूह पकड़ कर बोली: चॅप्टर 2:- नतिंग इस डर्टी इन सेक्स (और किस करने लगी).
फिर उसने अपना टॉप शोल्डर से नीचे करके उतरा. अब मेरी आँखों के सामने पहली बार एक लड़की के बूब्स थे. मैने उसकी गर्दन पकड़ कर अपने मूह के पास खीचा. पहले उसको किस करा, और फिर उसके बूब्स को पकड़ा, और धीरे-धीरे मसालने लगा.
वो भी अब मज़े ले रही थी. कुछ देर बाद मैने उससे कहा: अब असली मज़ा शुरू करते है.
इस पर वो हस्सी और उसने अपनी शॉर्ट्स भी उतार दी. वाउ, क्या चिकने बट थे उसके. मैने उसकी पनटी के उपर से उसके हिप्स पे हाथ फेरे, और उसको खींच कर नीचे लिटा दिया.
इस पर वो बोली: ज़्यादा जोश में दोबारा होश मत खो देना.
मुझे लगा अब 2 बार डिसचार्ज के बाद तो क्या होगा. पर मैं ग़लत था. जैसे ही मैने उसकी पनटी उतार कर उसकी छूट में अपना लंड डाला, वो फीलिंग मैं ज़िंदगी में कभी नही भूल सकता. छूट की गर्मी और चिकनाहट की फीलिंग. अभी मैने डाल कर बस कुछ ही शॉट्स लगाए थे, की मेरा डिसचार्ज हो गया.
मुझे कुछ समझ नही आया, तो वो बोली: ज़्यादा मत सोचो. चॅप्टर 1 को याद करो.
उसने अपनी पनटी से अपनी छूट को सॉफ करा.
फिर मुझे सहलाया और बोली: पहले चाट तो लो छूट को.
मुझे घिन आ रही थी, पर मैने सोचा जब इसने मेरा लंड चूसा है, और मेरा माल भी पिया है, मुझे भी छूट चाटनी ही चाहिए. पहले तो मैं घबरा कर कर रहा था. पर जैसे-जैसे उसकी सिसकियाँ बढ़ी, मेरा जोश बढ़ने लगा.
एक टाइम ऐसा आया, उसने मेरा मूह अपनी छूट में दबा दिया, और अचानक अपना पानी छ्चोढा, जो मेरे मूह में गया. मैने जैसे-तैसे उसका पानी पिया. पर अब मेरा लंड खड़ा हो कर लोड्ा बन चुका था, और उसकी छूट से बदला लेने को तैयार था.
अबकी बार मैने छूट पर अपना लंड रगड़ा. इतने में वो बोली: डाल दो ना अब, तो और कितना वेट कारवाओगे?
और मैने फिर उसके अंदर अपना लंड डाल कर चुदाई शुरू करी. पहले 3 डिसचार्ज और इतने फोरप्ले के बाद अब मेरी छोड़ने की ताक़त बढ़ गयी थी. कुछ देर की चुदाई के बाद मैं तक गया था, और मेरी स्पीड स्लो हो रही थी.
फिर नेहा ने कहा: तुम लेतो, मैं उपर आती हू.
और जब वो उपर आई मैं उसको देखता ही रह गया. उसने मेरा लंड अपनी छूट में डाला, और आयेज-पीछे हिलने लगी. उसके दोनो हाथ मेरी च्चती पर थे, और जब वो आयेज-पीछे हो रही थी, उसके एक्सप्रेशन्स और हिलते हुए बूब्स देख कर मुझसे रहा नही गया.
वो नज़ारा आज भी आँखें बंद करू तो सामने आ जाता है. मैने अपने हाथ से उसकी गांद दबाई. वो और उत्तेजित हुई, और अचानक से उसका डिसचार्ज हो गया. और जैसे डिसचार्ज के टाइम उसने अपनी छूट को कॅसा था, उस दबाव से मेरा भी डिसचार्ज हो गया. अब हम दोनो तक कर सो गये.
उसके बाद हमने पुर वीकेंड उसके घर पर मूवीस देखी, और चुदाई करी. मंडे ऑफीस जेया कर उसने रिज़ाइन करा, और उसका 90 डेज़ का नोटीस पीरियड शुरू हो गया.
इसके बाद उसकी लोकेशन भी चेंज होनी थी. इस वजह से उसने मुझसे ये 90 डेज़ उसके घर पर रहने को कहा. ये 90 डेज़ में हमने घर पर ही मूवीस वेब सीरीस देखी, और जाम कर चुदाई करी. वो मेरी गुरु बन कर मुझे सब सीखा भी गयी, और मेरी ज़िंदगी के बेस्ट सेक्स एक्सपीरियेन्सस मुझे दे गयी. वो भी बिना किसी कमिटमेंट के.
उसको गये लगभग 1.5 साल हो गया है. इस दौरान हम 1 बार ही मिले थे, और तब भी जाम कर चुदाई करी थी. तो अब आप लोग ही कॉमेंट करके बताइए की है ना मेरी किस्मत कमाल की?