ऑफिस बॉय की बीवी को मां बनाने की सेक्सी कहानी

दोस्तों मैं जिस ऑफिस में हूं, वहां मेरी चुदाई की आदत से सभी वाकिफ है। मेरे कई दोस्त है जिनसे मैं मेरी चुदाई के किस्से शेयर करता हूं, और अब तक कितनी लड़कियों को मां बना चुका हूं।

सुधीर हमारे ऑफिस में ऑफिस बॉय का काम करता है। वो भी मेरी बाते छुप-छुप कर सुनता रहता था। उसकी बीवी कामिनी भी गजब की सुंदर है। कई बार वो उसे ऑफिस ले आता था। तभी मैंने उसे देखा था। एक-दम मस्त फिगर वाली है कामिनी। उसको कोई भी देखता है तो उसका खड़ा हुए बिना नहीं रहता। उसके किस्से सभी एक-दूसरे को सुनाते है ऑफिस में। वो मेरे केबिन में जब आती थी तो मेरा खड़ा हो जाता था।

एक दिन मेरी बीवी किसी बुटीक के काम से बाहर दो-तीन दिन के लिए गई हुई थी। हमारी कामवाली भी अपने गांव गई हुई थी। तो घर का काम ऐसे ही पड़ा था। एक दिन जब कामिनी ऑफिस आई, मैंने उसे बोला-

मैं: कामिनी, शाम को थोड़ा काम मेरे घर का भी कर देना ना।

वो बोली: ठीक है साहब मैं आ जाऊंगी। सुधीर भी गांव गया हुआ है। तो मैं फ्री हूं।

मैं बोला: तो शाम को तुम्हारे बच्चों को कौन देखेगा?

वो बोली: साहेब हमारा कोई बच्चा है ही नहीं। शादी को चार साल हो गए है। लेकिन बच्चा नहीं हो पा रहा है।

वो शाम को आपके घर आती हूं बोल कर चली गई। मैं शाम को छः बजे घर पहुंच गया। पंद्रह मिनट बाद कामिनी ने डोर बेल बजाई। मैंने गेट खोला। वो एक दम स्लिम सी बॉडी वाली हुस्न की पारी जैसी लग रही थी। उसने उपर एक कुर्ता और नीचे पजामी डाल रखी थी। वो फटाफट झाड़ू पोछे में लग गई।

वो बोली: साहब खाना भी बना दूं।

मैं बोला: नहीं खाना मैंने ऑर्डर कर दिया है। तुम भी यही खा लेना।

उसने साफ-सफाई और रसोई का काम फिनिश किया और चाय बना कर ले आई। वो मेरे सामने ही बैठ गई। उसने अपने लिए चाय नहीं बनाई। मेरा बड़ा मग भरा था, तो मैंने उसे एक कप लाने के लिए बोला। वो कप ले आई और मैंने अपनी चाय से शेयर करके उसे भी चाय दे दी। वो और मैं चाय पीते हुए बात करने लगे।

मैंने उसे बोला: कामिनी तुम अभी तक मां क्यूं नहीं बनी?

वो बोली: पता नहीं साहब।

मैं बोला: इलाज नहीं कराया?

वो बोली: साहब गांव में एक झाड़ फूंक वाले बाबा से कराया था, कुछ नहीं हुआ। फिर हम शहर में आ गए।

वो थोड़ी मायूस हो गई।

मैं बोला: धीरज और तुम्हारे शारीरिक संबंध तो होते है ना?

वो बोली: हां साहब कभी महीना बीस दिन में। इनका मन ही नहीं करता।

मैं बोला: और तुम्हारा?

वो बोली: साहब मन तो करता है, पर क्या करे। जैसे आदमी की इच्छा। जब उसी का मन नहीं करता, तो हम क्या कर सकते है?

इतना बोलते ही मैंने उसका हाथ पकड़ा अपने दोनों हाथों से, और सहलाने लगा। वो मेरे मुंह की तरफ देखती रही, एक मजबूर की तरह थोड़ी प्यासी नजरों से। मैं उसकी तरफ देखने लगा, और उसे उठा कर सीने से लगा लिया। वो भी मेरे लिपट गई। उसके बूब्स मेरे सीने से चिपक गए। मैंने उसे थोड़ा दबाया और उसने आह करके सिसकारी ली। मैंने उसे बाहों में उठा लिया, और अपने बेडरूम में ले गया।

फिर मैं बोला: आज तुम्हे मां बनाने का इंतजाम कर दिया जाए।

वो थोड़ी सहम गई और शरमा कर बोली: साहब ये आप क्या बोल रहे है?

मैं बोला: तुम चुप रहो।

मैंने उसको पकड़ कर उसके गालों पर और होठों पर किस किया। उसने भी मुझे पकड़ लिया और मेरी शॉर्ट्स के उपर से ही सीधे लंड को पकड़ लिया, और मसलने लगी। मेरा लंड पूरी तरह कड़क हो चुका था। मैंने उसके बूब्स पकड़े और मसल दिए। वो सिसकारी मारने लगी। मैंने अपनी शॉर्ट्स उतार दी, और अपनी बनियान भी। मैं बिल्कुल नंगा था उसके सामने। वो मुझे देख कर शरमा गई।

उसने लंड को छुआ और बोली: साहब आपका हथियार तो जबरदस्त है।

मैंने उसकी कुर्ती और पजामी उतार दी। उसने नीचे कुछ नहीं पहना था, तो वो तुरंत नंगी हो गई। उसने शर्म के मारे अपना मुंह अपने हाथों से छुपा लिया। मैंने उसके मुंह से हाथ हटाया, और लंड उसके हाथ में दे दिया। उस बेड के कॉर्नर पर बिठाया, और लंड चूसने के लिए बोला। वो पूरा लंड गपागप पीने लगी। मैंने उसके मुंह को जोर-जोर से चोदा।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया, और उसकी चूत को किस किया। उसकी चूत पर थोड़े बाल थे। लेकिन मैंने उनकी परवाह नहीं की और लग गया चूत को छेड़ने। वो मस्त हो गई थी। उसकी चूत अंदर से गुलाबी थी, और अब तक पानी भी छोड़ने लगी थी। मैंने उसे बेड पर सीधा किया, और उसकी टांगे चौड़ी करके चूत को पूरा खोल लिया।

मैं उसके उपर आ गया, और लंड चूत पर सेट करके धक्का मार दिया। वो एक बार तो तड़प गई, पर फिर शांत हो गई, और चूत को उचकाने लगी। मैंने जोर का झटका मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, और चुदाई शुरू कर दी। करीब पन्द्रह मिनट मैंने उसे ताबड़-तोड़ चोदा और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। हम लगभग दस मिनट एक-दूसरे से ही चिपट कर पड़े रहे। हम उठ ही रहे थे, तभी कॉल बेल बजी।

मैंने उसे कपड़े लेकर बाथरूम में भेज दिया और मैं कपड़े पहन कर गेट खोलने गया तो गेट पर डिलीवरी बाय था। हमारा खाना ले कर आया था। मैंने खाना लिया। तभी कामिनी खाना मुझसे लेकर रसोई में गई और खाना लगाने लगी। कुछ देर में वो खाना लगा कर प्लेट लेकर आ गई। हमने खाना खाया।

वो बोली: साहब आज आपने इस गरीब पर बड़ी मेहरबानी की है। शायद आपसे ही बच्चा हमें मिल जाए।

वो खाना खाते हुए बोली: ऐसा मजेदार खाना भी हमने आज तक नहीं खाया है। आज तो मजा ही हो गया। पहले इतना बड़ा लंड, फिर जबरदस्त चुदाई, और अब मजेदार खाना। सब कुछ करने को मिल गया।

खाना खा कर वो बर्तन साफ करके आई और बोली: साहब अब मैं चलती हूं।

मैं बोला: यहीं रुक जाओ, इतनी रात कहा जाएगी?

वो बोली: नहीं साहब आज तो नहीं रुक सकती। मैं मेरी मौसी को बोल कर आई हूं कि मैं थोड़ी देर में आ जाऊंगी।

मैं बोला: ठीक है मैं तुम्हे छोड़ देता हूं।

मैंने कार निकाली और उसे छोड़ने चला गया। उसे उसके घर के पास छोड़ा, थोड़े पैसे उसे दिए, और वापस आ गया। फिर कुछ दिनो तक मैंने उसे घर पर काम के लिए बुलाया, और उसकी चुदाई भी की।

अब धीरज गांव से आ गया था। एक दिन वो दोनो ऑफिस मिठाई लेकर आए, और आकर बोला: साहब हमारी बीवी मां बनाने वाली है। उसी की मिठाई आप सभी को खिलाने के लिए आए है। भगवान ने हमारी मुराद पूरी कर दी है। सही चार साल के बाद हम बाप बनने वाले है।

मैं बोला: बधाई हो आप दोनों को।

वो बोला: साहब आप लोगों की ही दुआ से सब हुआ है।

मैं कामिनी की तरफ देख कर मुस्कुरा दिया। वो भी हल्के से मुस्कुराई और चली गई। मैंने सोचा चलो मेरी वजह से एक और का परिवार पूरा होने जा रहा है। अभी भी कामिनी जब चाहे मुझसे अपनी चुदाई करा लेती है। मैं भी उसे निराश नहीं करता।

ये कहानी आपको कैसी लगी बताना ज़रूर।

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