लड़के को मॅरीड लड़की ने सेक्स का ऑफर दिया

बात उस वक़्त की है, जब मैने कोलकाता में एक इलाक़े में अपनी मॅन्यूफॅक्चरिंग की दुकान खोली थी, जहा पर लॅडीस फुटवेर बनाई जाती थी. वाहा मेरे काई वर्कर्स काम करते थे, और दुकान एक रहएशी इलाक़े में था जहा पर लोग रहा करते थे.

हमारी दुकान के चारो तरफ लोग रहते थे, और सबसे ही हमारी जान-पहचान थी. और उस जगह में सभी लोगों को हमारी दुकान से कोई परेशानी नही थी.

ये मैने न्यू दुकान ओपन की थी. इससे पहले वाली दुकान भी अची ही चल रही थी, पर ऑर्डर्स ज़्यादा होने के कारण मुझे यहा पर 2 साल के अग्रीमेंट पर दुकान लेनी पड़ी. ताकि ज़्यादा से ज़्यादा प्रोडक्षन हो पाए.

मुझे वाहा रोज़ ही जाना पड़ता था, क्यूंकी सारे स्टाफ को काम से लेके माल मेटेरियल भी बताना होता था.

उसी बीच मैं हमेशा अपनी उस दुकान के गाते के पास बैठ जाता था.

बात उस दिन की है जब मैं हमेशा की तरह शाम में अपनी दुकान के गाते के पास बैठा था, और मेरी नज़र एक भाभी पर पड़ी. उसको मैं एक कुवारि लड़की समझ रहा था.

वो सामने से गुज़र रही थी, और मुझे गौर से देखती हुई बगल वाली गली में चली गयी. पर उसको देख कर तो मेरे मॅन में एक फर्स्ट लोवे वाली फीलिंग जागने लगी. क्यूंकी वो थी ही इतनी खूबसूरत, की देख कर कोई भी उसपे लाइन मारने लगे.

स्लिम फिगर, गोरा जिस्म, 5 फीट हिगत, पिंक-पिंक गाल, और हाथो में आ जाने वाले बूब्स. वो बिल्कुल दिशा पत्नी जैसी लगती थी, और उसका फेस भी लगभग उसके जैसा ही था.

मैं तो उसको एक नज़र ही देख कर उसका शिकार हो चुका था. पर मैने ये दुकान अलग एरिया में की थी, इसलिए मुझे सब बातों का ख़याल रखना था. और वैसे ही मैं रोज़ शाम अपनी दुकान के पास बैठता था.

वो एक दो दिन में मुझे मेरी दुकान के आस-पास नज़र आ जाती थी, और वो मुझे देखते हुए ही जाती थी. पर उसके देखने से मेरा भी मॅन उसकी तरफ खिछा जाता था.

उसकी वजह से मैं अपनी न्यू दुकान पे ज़्यादा टाइम देने लगा. क्यूंकी सामने वाली बिल्डिंग में ही उसका घर था, और उसकी खिड़की मेरी दुकान के सामने ही थी, जिस पर मैं रह-रह कर नज़र उठा कर देखता था.

ऐसा सिलसिला 2 महीने तक चला. कभी वो खिड़की पर आती थी, तो मैं उसको देखता रहता था, और वो भी मुझे देखती थी. कभी-कभी मॅन करता था के उसको प्रपोज़ कर डू, पर दर्र लगता था.

फिर कुछ दीनो के बाद वो एक दिन वो मेरी दुकान पर आई. उस वक़्त मैं अपने दुकान में लेदर नाप रहा था वर्कर्स को देने लिए. तभी मेरे एक वर्कर ने मुझे आवाज़ दी की भाई कोई आपको खोज रही है.

मैने उसको बोला: जो भी है, बोलो 2 मिनिट रुके. मैं लेदर नाप के आता हू

फिर जब मैं नाप कर सीधा बाहर निकला, तो बाहर का नज़ारा देख कर एक-दूं खुश हो गया. मैने सोचा, की वो मेरी दुकान पर आ कर मुझे खोज रही थी, तो बात क्या हो सकती थी.

फिर मैने उसको बैठने को कहा, तो वो बोली: नही ठीक है. आपसे बात करनी थी.

फिर मैने उसको कन्विन्स करके बैठने को कहा. तो वो बैठ गयी. तब उसने कहा की उसको मेरी दुकान का फुटवेर बहुत पसंद था, और उसकी बेहन को भी बहुत पसंद था, तो वो उसको खरीदना चाहती थी.

तो मैने उसको कहा: यहा ऑर्डर से मॅन्यूफॅक्चरिंग होती है, और शोरुम में जाती है. यहा पर एक्सट्रा साले नही होती. पर आप परेशन मत हो. आपको जो पसंद हो आप सेलेक्ट कर लो.

और फिर उसने एक अपने लिए सेलेक्ट कर ली, और एक अपनी बेहन के लिए पसंद करने लगी. पर उसको अपनी बेहन के लिए कुछ समझ में नही आ रहा था. तो उसने मुझसे पूछा-

वो: कितने प्राइस का हुआ आपका ये फुटवेर?

तो मैने उसको कहा: आपने सही से नही सुना, यहा पर मॅन्यूफॅक्चरिंग होती है साले नही. आपको जो पसंद आए वो आप ले जाओ.

ये सुन कर वो बोली: ऐसी कैसे? आप पैसे लेलो, वरना मुझे खराब लगेगा.

तो मैने माना कर दिया. फिर मेरे माना करने पर वो मान गयी. पर उसने अपनी बेहन के लिए जो चप्पल लेनी थी, वो उसके लिए पैसे देने का बोली की दूसरी चप्पल का मैं पैसा दूँगी, और मैने भी ओक बोल दिया.

तब उसने कहा: शाम में मेरी बेहन मेरे घर आने वाली है. तो उस वक़्त वो चप्पल मुझे दोबारा देखने का मौका मिलेगा ना? क्यूंकी मेरी बेहन फिर अपने घर चली जाएगी.

ये सुन कर मैने कहा: अपने घर मतलब? आप क्या दूसरे के घर रहती हो?

तो वो बोली: ये मेरा ससुराल है.

मैं ये सुन कर डांग रह गया और बोला: क्या आप शादी-शुदा हो?

तो वो बोली: और नही तो क्या? आपको क्या लगता है?

मैने उससे कहा: आप किसी भी आंगल से मुझे शादी-शुदा नही दिखती. मैं रोज़ देखता हू आपको.

तो उसने कहा: मेरी शादी हुए 7 मंत हो चुके है, और मेरे हज़्बेंड दुबई में जॉब करते है.

उसके बाद वो चली गयी, और 2 घंटे के बाद एक बच्चा मेरी दुकान में आता है, और बोलता है-

बच्चा: वो 2न्ड फ्लोर वाली निशा आंटी ने बुलाया है आपको घर पर.

तब मैने दुकान से उसकी खिड़की के तरफ देखा, तो वो सच में मुझे बुला रही थी, और इशारे में मुझे अपनी बेहन के लिए चप्पल भी लेते आने को बोली.

मैने वैसा ही किया, और उसके घर पहुँच गया. वाहा जाके मैने डोरबेल बजाई तो एक बुद्धि सी औरत निकली, और निशा को आवाज़ दी की देखो कोई आया है. उतने में वो आ कर मुझे अंदर ले जाती है.

अंदर ले जेया कर वो मेरा अपनी फॅमिली से इंट्रोडक्षन करवाती है, जहा उसकी एक सास थी, और एक ससुर थे, और उसकी बेहन. फिर कुछ देर बाद उसकी बेहन को मैं चप्पल दे कर आने लगता हू, और गाते पर मुझे निशा रोक कर बोलती है-

निशा: आप मुझे अपना नंबर देकर जाए, ताकि आचे से अची डिज़ाइन की चप्पल आपसे माँग कर मैं उसको पसंद कर साकु.

मैं भी देर ना करते हुए उसको नंबर दे कर दुकान आ जाता हू, और उसको सोचने लगता हू.

रात में मैं अपने घर पर लेता रहता हू. तब 11 बजे उसका मेस्सग आता है. मैं उसका मेसेज देख कर चौंक जाता हू, की उसको इतनी रात में मेसेज करने की क्या ज़रूरत पद गयी. फिर मैने रिप्लाइ किया-

निशा: ही.

मे: हेलो.

निशा: क्या हो रहा है?

मे: कुछ नही, आपके बारे में सोच रहा था.

निशा: क्यूँ, ऐसी क्या बात है?

मे: यही की आप शादी-शुदा हो.

निशा: क्यूँ, आप मुझे कुवारि क्यूँ देखना चाहते हो?

मे: यही की जब से आपको देखा था, मेरे मॅन में आपके लिए फीलिंग आ गयी थी. पर अब कोई फ़ायदा नही.

निशा: ओहो, सो साद. आप बहुत लाते हो गये (और मस्ती वाला एमोजी सेंड किया उसने).

उसी बीच वो बोली: अगर मैं कुवारि होती, तो आप क्या करते?

तो मैने कहा: आपको प्रपोज़ करता और क्या.

क्यूंकी मैं अब उसको मस्ती-मस्ती में अपनी तरफ खींच रहा था.

तब निशा ने बोला: तो अभी कर दीजिए, वरना किसी और ने कर दिया तो आप फिरसे लाते हो जाओगे.

ये सुन कर मैं हैरान हुआ और उससे पूछा-

मे: आप तो शादी-शुदा हो, और आप मुझसे कोई मज़ाक तो नही कर रही हो?

ये सुन कर निशा ने कहा: मैं रियल में बोल रही हू. तुम भी मुझे पहली बार से ही आचे लगने लगे थे. पर मैने कुछ नही कहा आज तक, और मैं शादी शुदा हू, इसलिए तोड़ा डरती भी हू. पर शायद सब ये नही समझते की एक शादी शुदा लड़की को सबसे बड़ी खुशी कब मिलती है. ये नही जानते, की मैं कैसे रह रही हू. ये सिर्फ़ मैं जानती हू.

मैं ये सुन कर आचे से समझ चुका था उसको क्या चाहिए था. और मैने उससे पूछा-

मे: तो आपको मुझसे हज़्बेंड का प्यार चाहिए?

उसने तोड़ा रुक कर रिप्लाइ करते हुए कहा: हा, क्या तुम मेरे हज़्बेंड की कमी को पूरा करोगे? क्यूंकी मैं यहा रोज़ मारती हू. अगर ऐसा ही रहा तो एक दिन रियल में मैं मॅर जौंगी.

मैने ये गोलडेन चान्स का पूरा फ़ायदा उठाते हुए उसको कहा-

मे: हा, मैं तुम्हारे हज़्बेंड की जगह लेने को तैयार हू. पर ये बात हमारे और तुम्हारे बीच ही होनी चाहिए.

वो मान गयी. फिर मैने उसको मिलने को बोल दिया तो वो बोली-

निशा: मिलने के लिए आप टेन्षन मत लो. मेरा घर काफ़ी है, और बाहर से सेफ भी.

इसके आयेज की कहानी मैं आपको इसके नेक्स्ट पार्ट में कंप्लीट करता हू. जो इसके सब्मिट करने के साथ ही मैं लिखूंगा.

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