हेलो फ्रेंड्स, मैं दीप्ति आज अपनी लेज़्बीयन सेक्स स्टोरी लेके आई हू. चलिए शुरू करती हू.
मैं कॉलेज में 2न्ड एअर की स्टूडेंट हू. मेरी उमर 20 साल है, और मेरा रंग आवरेज गोरा है. हाइट मेरी 5’3″ है, और फिगर मेरा 34-30-36 है. मुझे देख कर कॉलेज के लड़के आहें भरते है, और मैं भी टाइट कपड़े पहन कर उनको खूब उत्तेजित करती हू.
बात पिछले एग्ज़ॅम्स की छुट्टियों की है. मम्मी पापा दोनो सुबा जॉब पर जेया कर शाम को आते है, तो मैं घर पर अकेली होती थी. मेरे अलावा घर पर हमारी नौकरानी सीमा होती थी.
सीमा के बारे में बता डू. वो 35 साल की विधवा औरत है, तो काफ़ी सालों से हमारे यहाँ काम कर रही है. सीमा का रंग सावला और शरीर गड्राया हुआ है. वो सारी पहनती है, और उसका फिगर 36-32-38 है.
सीमा टाइट ब्लाउस पहनती है, जिसमे से उसकी काफ़ी क्लीवेज दिखती है. उसकी क्लीवेज देख कर किसी भी लड़के के मूह में पानी आ जाए. वो सारी नाभि के नीचे बाँधती है, जिससे उसके पेट का काफ़ी भाग दिखता है. उसकी नाभि बहुत सेक्सी है. उसकी नाभि देख कर तो मेरा भी मॅन मचल जाता था काई बार.
एक दिन सुबा मैं देर से उठी. तकरीबन 11 बाज चुके थे. इस वक़्त तक मम्मी-पापा ऑफीस जेया चुके होते है. मुझे सुबा-सुबा बहुत हॉर्नी फील हो रहा था. छूट पर कंट्रोल ही नही हो रहा था, और छूट लंड माँग रही थी. मैने उस वक़्त पाजामा और त-शर्ट पहन रखी थी.
मैने सोचा की घर पर तो कोई है नही, तो क्यूँ ना तोड़ा खुद को रिलॅक्स कर लू. ये सोच कर मैने अपने पाजामे में हाथ डाला, और पनटी के उपर से अपनी छूट सहलाने लगी. मुझे मज़ा आने लगा, और मेरी छूट पानी छ्चोढने लगी.
धीरे-धीरे मैने अपना पाजामा और त-शर्ट दोनो उतार दिए, और अब मैं सिर्फ़ ब्रा पनटी में थी. मेरा हाथ मेरी पनटी में जेया चुका था, और मैं अपनी छूट के दाने को मसल कर, और अपनी छूट में उंगली करके खुद को खुश कर रही थी.
फिर मैने ब्रा भी उतार दी, और एक हाथ से अपने बूब्स दबाने लगी. नीचे से छूट सहला कर, और उपर से बूब्स दबा कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे मूह से हल्की आहें निकलनी शुरू हो गयी थी, और मैं पूरी तरह से मदहोश हो गयी थी.
अब मैने पनटी भी उतार दी, और टाँगें पूरी चौड़ी करके फिंगरिंग करनी शुरू कर दी. मेरी आहें तेज़ हो गयी थी. ये सब करते हुए मुझे पता ही नही था की सीमा मुझे मेरे कमरे के दरवाज़े के बाहर से देख रही थी.
कुछ देर मैं फिंगरिंग करती रही. तभी मुझे कुछ गिरने की आवाज़ आई, और मेरा ध्यान भंग हो गया. मैने देखा की सीमा मेरे दरवाज़े पर खड़ी थी, और उसके हाथ से झाड़ू गिर गया था. उसको देख कर मैं तोड़ा हड़बड़ा गयी. मैने जल्दी से बेडशीट से खुद को ढाका, और बोली-
मैं: सीमा दीदी, वो, वो, मैं.
सीमा बोली: कोई बात नही दीदी. आप करते रहिए. इसका शांत होना भी ज़रूरी है. वैसे अगर आप कहें तो मैं आपकी मदद कर सकती हू.
मैं: वो कैसे?
सीमा: उंगली से ज़्यादा आपको जीभ से मज़ा आएगा.
मैं: क्या, तुम मेरे नीचे जीभ लगावगी?
सीमा: हा, क्यूँ नही. मेरा पति मेरे नीचे से चाट-ता था. इसमे फिंगरिंग से काई गुना ज़्यादा मज़ा आता है.
मैं: तुम शुवर हो ना?
सीमा: शुवर?
मैं: मतलब तुम्हे यकीन है ना की तुम कर लॉगी?
सीमा: हा बिल्कुल, आप चादर तो हटाओ.
फिर मैने झिझकते हुए बेडशीट हटाई, और अब मैं उसके सामने नंगी थी. सीमा मेरी टाँगों के बीच में आके अपने घुटनो पर बैठी, और मेरी गीली छूट को मूह लगा लिया. उसकी गरम जीभ लगते ही मेरी आ निकल गयी, और मुझे एक अलग ही एहसास मिला.
अब सीमा मेरी छूट पर उपर से नीचे जीभ फेरने लगी. इससे मुझे मज़ा आ रहा था. फिर उसने मेरी छूट के मूह को खोला, और जीभ अंदर डालने लगी. आ आ आ की आवाज़े मेरे मूह से निकालने लगी, और मेरी गांद अपने आप ही उपर-नीचे होने लगी. सीमा अपनी जीभ से मेरे दाने को च्चेड़ रही थी.
मैं पूरी मदहोश हो चुकी थी. इतना मज़ा मुझे आज तक नही आया था. कुछ देर ऐसे ही करने के बाद सीमा उठी, और अपनी सारी खोलने लगी. अब वो मेरे सामने ब्लाउस और पेटिकोट में थी. उसके चुचे उसके पेटिकोट से बाहर आ रहे थे. फिर उसने अपना ब्लाउस और पेटिकोट भी निकाल दिया. अब वो ब्रा और पनटी में थी.
फिर सीमा दोबारा मेरे उपर आई. उसने मेरी छूट को चूमना शुरू किया, और चूमते हुए उपर आने लगी. पहले वो नाभि पर आई, और फिर पेट को चूमने लगी. उसके बाद वो मेरे चुचो पर आई, और मेरे चुचे चूसने लगी. वो जो भी कर रही थी, उससे मुझे मज़ा आ रहा था.
चुचे चूस्टे हुए वो एक हाथ से मेरी छूट रग़ाद रही थी. मैं तो सातवे आसमान पर थी. फिर वो मेरी गर्दन चूमने लगी, और फिर मेरे होंठो तक आ गयी. अब हम दोनो की साँसे टकरा रही थी, और हमारी आँखें मिली हुई थी. फिर उसने मेरे होंठो से अपने होंठ जोड़े, और हमारी किस शुरू हो गयी. हम पागलों जैसे किस्सिंग करने लगी. साथ में वो मेरे चुचे दबा रही थी.
फिर मैने भी उसकी ब्रा खोल दी, और उसके चुचे दबाने लगी. कुछ देर ऐसे ही चलता रहा. फिर सीमा जल्दी से मेरे उपर ही उल्टा घूम गयी, और मेरी छूट चूसने लगी. अब उसकी गांद मेरे मूह के सामने थी, जो मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैने भी उसकी पनटी नीचे की, और उसकी नंगी छूट मेरे सामने थी.
उत्तेजना में मैने भी उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिया, जिसमे मुझे बहुत मज़ा आने लगा. अब हम दोनो एक-दूसरे की छूट चूस रही थी. वो जैसा मेरी छूट के साथ कर रही थी, मैं वैसा ही उसकी छूट के साथ कर रही थी. वो भी मज़े से अपनी गांद उपर-नीचे कर रही थी.
कुछ देर में हम दोनो अपने चरम पर पहुँच गयी, और झाड़ गयी. दोनो ने एक-दूसरे का पानी पी लिया, और फिर नंगी ही साथ में लेती रही. उस दिन के बाद हम अक्सर लेज़्बीयन सेक्स करते है. बहुत मज़ा आता है.