नौकर की वासना भारी मालिश

हेलो दोस्तों, मैं आपका दोस्त संजू अपनी सर्वेंट सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट लेके फिर से हाज़िर हू.

आपको तोड़ा पिछली स्टोरी के बारे में बता देता हू. मेरी बीवी सुमन वॉशरूम में फिसल गयी थी, और उसके पैर में थोड़ी मोच आ गयी थी. फिर डॉक्टर ने 2-3 बार मसाज करने के लिए बोला. अब आयेज की स्टोरी की तरफ बढ़ते है.

डॉक्टर ने सुमन के पैर पर मसाज के लिए बोला था. ऑफीस के काम के चलते मैं अक्सर सुबा से शाम तक ऑफीस में ही होता था. जिस कारण मैं सुमन को एक बार ही मसाज दे पा रहा था.

ऐसे तो उसको ठीक होने में टाइम लग जाना था. तो मैने सिटी के 3-4 मसाज सेंटर्स में पता किया. बुत घर आ कर मसाज देने के लिए किसी ने भी हामी नही भारी. सो इस चीज़ की प्राब्लम आ रही थी.

घर आके मैने सुमन को ये बात बताई. जब मैं बता रहा था, तो बिरजू काका ने भी मेरी बात सुन ली. फिर शाम के टाइम जब हम दोनो छाई पी रहे थे, तो काका बोले-

काका: संजू बेटा, क्या बात है, आप बहुत परेशन दिख रहे हो?

संजू: नही-नही काका, कोई बात नही है. सब ठीक है.

मैं नही चाहता था की काका कोई ऐसी-वैसी हरकत करे, जिसकी सज़ा मुझे सुमन की छूट से चुकानी पड़े. बुत इस बात से सुमन अंजान थी, की उसको छोड़ने के लिए काका के अंदर पूरा जोश भरा था. वो बोली-

सुमन: काका ये आपको कुछ नही बोलेंगे. ये किसी मसाज वाले को ढूँढ रहे है 2 टाइम के लिए. बुत कोई घर आने को तैयार नही है. इसलिए परेशन है ये.

ये बात सुन कर काका की आँखों में चमक आ गयी. वो इस मौके का फ़ायदा उठना चाहते थे.

काका: ये कों की बड़ी बात है संजू बेटा. अगर आपको बुरा ना लगे तो मैं मालिश कर देता हू. आपको तो पता ही है की मैने बड़े मलिक की कितनी मालिश की है.

सुमन: संजू आपको भी ना कभी समझ नही आएगी. कितने दिन हो गये आपको ढूँढते हुए. आपने काका से एक बार भी बात डिसकस नही की. आख़िर मैं काका की बेटी जैसी ही तो हू.

काका को ये बात सुन कर बहुत खुशी हुई. ऐसा लग रहा था जैसे उनको कोई ख़ज़ाना मिल गया हो.

संजू: बेबी मैने सोचा की काका पहले से बहुत काम करते है. इसलिए नही पूछा. काका आपको कोई प्राब्लम तो नही है सुमन के पैरों की मालिश करने में?

काका: नही बेटा.

फिर सुमन ने काका को बोल दिया मालिश करने को. बुत मेरे दिमाग़ में यहीं दर्र था, की उसका ये फैंसला कहीं उसकी चुदाई का कारण ना बन जाए. तो मैने काका को बोला-

संजू: काका आप सुबा 10 बजे, और दोपहर को 1 बजे सुमन की मालिश कर देना. रात को मैं खुद ही कर दिया करूँगा.

अगली सुबा 8 बजे मैं रोज़ जैसे अपने ऑफीस के लिए निकल गया. मेरा ध्यान आज घर में ही था. इसलिए मैने ऑफीस पहुँचते ही घर के कॅमरास की वीडियो ओं कर ली. हमने एक बेड लॉबी में भी रखवाया हुआ है. मोच के कारण सुमन ज़्यादा लॉबी में ही पड़ी रहती है.

मैने देखा आज काका का ध्यान घर के काम में बिल्कुल नही था. वो बार-बार सुमन को ही घूरे जेया रहे थे. कॅमरा में आवाज़ भी सुनती थी. ठीक 10 बजे काका ने सुमन से कहा-

काका: बेबी मालिश का टाइम हो गया.

सुमन बेड पर थी. काका आए, और ज़मीन पर बैठ गये. जब उन्होने सुमन के पैर को देखा, तो उनकी आँखें फाटती की फाटती रह गयी. काका ने ऐसे पैरों को अपनी ज़िंदगी में नही देखा होगा. लेकिन आज उन्हे छूने का मौका मिल रहा था.

काका ने काँपते हाथो से सुमन के गिरे पैरों को च्छुआ. फिर उन पर हल्की-हल्की मालिश करने लग गये. पैरों को छूटे ही काका का 8 इंच का लंड खड़ा होने लगा. वो सुमन के पैरों से खेलने लगे, और सुमन टीवी और फोन में मस्त थी.

काका का लंड पूरा तैयार था, सुमन के पैरों की चुदाई के लिए. इस कारण उन्होने बीच में ऐसी हरकत की, की सुमन का ध्यान नीचे खिच गया.

काका ने जान-बूझ कर उसके पैरों को तोड़ा नीचे खिसकाते हुए अपने लंड से टच करवाया. जब सुमन ने नीचे देखा, तो उसने काका के पाजामे में तंबू के दर्शन पाए. आज पहली बार मेरे अलावा सुमन ने किसी और के लंड के दर्शन किए थे. और वो भी मेरे लंड से बड़ा लंड था.

अब सुमन को गर्मी चढ़ रही थी, क्यूंकी उसका ध्यान टीवी से हॅट गया था, और अब वो काका के हाथो को अपने पैरों पर फील कर पा रही थी. तभी मैने जान-बूझ कर सुमन को कॉल किया. इससे सुमने ने खुद को संभाला, और कॉल पिक करके बात करने लगी. वो बड़ी धीरे बोल रही थी.

सुमन: मैं काका से मालिश करवा रही थी. थोड़ी नींद आने लगी थी.

तभी जान-बूझ कर सुमन ने काका को पानी लाने के लिए कहा. जब काका पानी लेने उठे, तो सुमन का पूरा ध्यान उनके लंड पर था, और मैं इधर ‘हेलो-हेलो’ कर रहा था. फिर मैं ज़ोर से बोला-

संजू: सुमन हेलो, मेरी आवाज़ आ रही है?

सुमन: हा, वो तोड़ा नेटवर्क इससे है.

बुत मेरे को सब कुछ समझ आ रहा था. जिस चीज़ का मुझे दर्र था, वो मसाज के पहले दिन ही शुरू हो गयी. सुमन को मैने ऐसे किसी को भी घूरते नही देखा था, जैसे वो आज काका को घूर रही थी.

काका फिर खुद को संभालते हुए पानी लेके आए. उनके एक हाथ में पानी का ग्लास था, और दूसरे हाथ से वो अपने खड़े लंड को च्छुपाने की कोशिश कर रहे थे. सुमन का ध्यान सीधे पापा के लंड की तरफ था, जिसका काका को भी पता चल चुका था.

अब इसके आयेज क्या होने वाला है, वो आपको इस कहानी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा. अगर आपको यहाँ तक की कहानी को पढ़ कर मज़ा आया हो, तो अपनी फीडबॅक देके ज़रूर बताए. आपकी फीडबॅक के ज़रिए मैं कहानी को और मज़ेदार बनाने की कोशिश करूँगा.

मेरी सर्वेंट सेक्स स्टोरी को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. जल्दी लौटने के वादे के साथ चलता हू. आप सब रीडर्स का दिन शुभ हो.

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