नौकर की चुदाई देख कर मालकिन के गरम होने की कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम सुषमा है, और मैं जालंधर की रहने वाली हू. मैं शादी-शुदा हू, और मेरी उमर 42 साल है. मेरी हाइट 5’6″ है, और रंग गोरा है. साइज़ मेरा 36-28-38 है. मैं जिम जाती हू, इसलिए मेरा पेट बिल्कुल अंदर है.

मेरे हज़्बेंड 47 साल के है, और उनका इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बिज़्नेस है. हमारे पास काफ़ी पैसे है, और हमारा अछा ख़ासा बंगलो है. मेरे 2 बच्चे है, और दोनो ही ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे है.

मैं अपनी लाइफ में खुश थी, जब तक मुझे असली खुशी का पता नही चला. और वो असली खुशी मुझे पता चली कुछ ही महीनो पहले. तो चलिए बताती हू की असल में हुआ क्या था.

3 महीने पहले की बात है. हमारे घर में 15 सालों से शामलल नाम का एक नौकर काम कर रहा था. पिछले कुछ दिन से उसकी तबीयत खराब चल रही थी, तो उसने छुट्टी माँगी. मेरे पति उसकी काफ़ी इज़्ज़त करते थे, तो उन्होने उसको छुट्टी डेडी.

काफ़ी दिन हो गये थे उसको अपनी गाओं गये. लेकिन वो वापस नही आया. जब हमने पता किया, तो उसका गाओं में देहांत हो गया था. फिर हमने नये नौकर के लिए अख़बार में आड़ डेडी.

काफ़ी लोग आए, लेकिन कोई मेरे पति को पसंद नही आया. फिर शामलल के ही गाओं से उसके भाई का बेटा आया. उसके पास शामलल का लिखा हुआ खत था, जिसमे ये लिखा था की उसको काम देदे.

शामलल पर भरोसा करते हुए हमने उसके भाई के बेटे को काम पर रख लिया. उसका नाम राजन था, और वो 30 साल का लड़का था. कुछ दिन बाद उसने हमसे अपनी बीवी को भी साथ लाने की पर्मिशन माँगी. हमने उसको पर्मिशन दे भी दी.

वैसे भी हमे इससे कोई फराक नही पड़ता था, क्यूंकी हमारे सर्वेंट क्वॉर्टर्स में काफ़ी जगह थी. फिर वो अपनी बीवी के साथ वही रहने लग गया.

राजन काफ़ी अछा लड़का था. वो शामलल की तरह ही ईमानदार था, और सब काम जल्दी-जल्दी करता था. सब ठीक चल रहा था. लेकिन फिर एक दिन मैने कुछ ऐसा देखा जिससे मेरी लाइफ बदल गयी.

रात को 9 बजे का टाइम था, और मुझे मार्केट से कोई दवाई मंगवानी थी. मैने राजन को आवाज़ दी, लेकिन मुझे उसका कोई रेस्पॉन्स नही मिला. फिर मैने उसका फोन ट्राइ किया, लेकिन उसने फोन भी नही उठाया.

मुझे लगा कही आस-पास होगा, अभी नज़र आएगा तो भेज दूँगी, लेकिन अगले आधे घंटे में वो मुझे नज़र नही आया. वो दवाई लेनी मेरे लिए ज़रूरी थी, तो मैने खुद उसके रूम में जाके उसको बुलाने का सोचा.

ये सोच कर मैं सर्वेंट क़ुआर्तेस की तरफ चल पड़ी. मैने एक ब्राउन कलर का गाउन पहना था, और उसके नीचे ब्रा और पनटी थी. अगले 2 मिनिट में मैं उसके रूम के बाहर पहुँची. फिर जैसे ही मैं दरवाज़ा नॉक करने आयेज बढ़ी, तो मुझे कुछ आवाज़े आई-

आवाज़े: आहह आहह ज़ोर से करो आहह, और ज़ोर से. रंडी की तरह छोड़ो मुझे राजन आहह.

ये सुन कर मैं शर्मा गयी, और स्माइल करने लगी. मैं समझ गयी थी, की अंदर चुदाई चल रही थी, और राजन अपनी बीवी प्रेमा को छोड़ रहा था. फिर मैं वापस मुड़ने लगी.

तभी अचानक मुझे पता नही क्या हुआ, और मेरे पैर अपने आप रुक गये. मेरे दिल ने मुझसे कहा की देखु तो सही की अंदर क्या हो रहा था. पहले 2 मिनिट तो मैने सोचा की देखु के नही. क्यूंकी ऐसे किसी के प्राइवेट मोमेंट्स देखना अची बात नही होती है.

लेकिन फिर मेरा दिल दिमाग़ पर हावी हो गया, और मैं उनके दरवाज़े के पास जाके खड़ी हो गयी. मैने दरवाज़े की साइड से अंदर झाँका, तो मुझे प्रेमा का चेहरा नज़र आया. प्रेमा का मूह दरवाज़े की तरफ था, और उसके बूब्स हवा में लटक रहे थे.

वो घोड़ी बनी हुई थी, और राजन उसको पीछे से छोड़ रहा था. राजन काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से झटके लगा रहा था, जिससे प्रेमा के बूब्स उछाल रहे थे. फिर राजन ने अपने हाथ आयेज बढ़ाए, और उसके बूब्स पकड़ लिए, और झटके और ज़ोर से लगाने लगा.

वो उसके बूब्स दबा रहा था, और उसकी पीठ पर चुम्मियाँ ले रहा था. प्रेमा के चेहरे पर सॉफ नज़र आ रहा था, की वो कितने मज़े में थी. वो इतने मज़े में थी, की हर झटके पर उसकी आँखें उपर चढ़ जाती थी, जैसे वो नशे में हो.

ये देख कर मेरे अंदर भी कुछ हुलचल होने लगी थी. ऐसा नही था की मैने चुदाई के मज़े नही लिए थे. लेकिन अब चुदाई किए को काफ़ी टाइम हो गया था. फिर मेरा हाथ अपनी आप ही निघट्य के अंदर मेरी छूट पर चला गया, और मैं पनटी के उपर से अपनी छूट सहलाने लग गयी.

प्रेमा अब बहुत ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी. मुझे ये तोड़ा अजीब लग रहा था, क्यूंकी चुदाई के दौरान मैं ऐसे कभी चिल्लाई नही थी. फिर वो दोनो पोज़िशन चेंज करने लगे.

अब प्रेमा सीधी लेट गयी, और अपनी टांगे खोल ली. अब उसकी खुली हुई टाँगो के बीच उसकी छूट मुझे सॉफ दिखाई दे रही थी. फिर राजन उसकी जांघों के बीच आया, और उसकी छूट में अपना लंड डाल दिया. राजन की गांद मेरी तरफ थी.

फिर जब उसका लंड प्रेमा की छूट के अंदर-बाहर होने लगा तो मैं हैरान हो गयी. हैरान मैं इसलिए हुई, क्यूंकी राजन का लंड बहुत बड़ा था. उसका लंड तकरीबन 8 इंच लंबा, और 3 इंच मोटा था. इससे पहले मैने इतना लंबा लंड सिर्फ़ पॉर्न वीडियोस में देखा था.

मेरे हज़्बेंड का लंड 5 इंच का है. जब भी हम पॉर्न वीडियो देखते थे, और उसमे इतने लंबे लंड देखते थे, तो हज़्बेंड बोलते थे की इतने लंबे लंड नही होते. और ये पॉर्न वीडियोस वालो ने सर्जरी करवाई होती है.

लेकिन आज मैं रिलिटी में इतना लंबा लंड देख रही थी. लंड देख कर मेरा तो गला ही सूख गया. अब मैं समझ गयी थी, की प्रेमा इतना क्यूँ चिल्ला रही थी. मैं अब अपनी छूट को तेज़ी से रगड़ने लग गयी थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

मुझे ऐसा फील हो रहा था, जैसे प्रेमा को नही राजन मुझे छोड़ रहा हो. उधर राजन ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर बाहर कर रहा था. मुझसे रहा नही गया, और मैने अपनी पनटी में हाथ डाल कर अपनी क्लिट को मसलना शुरू कर दिया.

तभी मेरी ज़ोर की आ निकली, और मेरा पानी निकल गया. मेरी आँखें बन हो गयी, और मुझे बहुत मज़ा आया. लेकिन मेरी आ इतनी ज़ोर की थी, की अंदर राजन और प्रेमा को मेरी आवाज़ सुनाई दे गयी.

जब मेरी आँखें खुली, तो राजन और प्रेमा मुझे ही देख रहे थे.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट ज़रूर करे.

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