नमस्ते दोस्तों, मैं कार्तिक आप सब के सामने अपनी रियल लाइफ स्टोरी लेके आया हू. मेरी उमर 22 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ता हू. अब मैं ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हू.
मेरी फॅमिली में मैं, मेरे मम्मी-पापा, और मेरी बड़ी बेहन है. मेरे पापा मेरे सौतेले पापा है. मेरे असली पापा का देहांत बहुत पहले हो गया था. उसके कुछ साल बाद मम्मी को किसी और से प्यार हुआ, और उन्होने दूसरी शादी कर ली.
मुझे और मेरी बेहन को नये पापा से कुछ ख़ास लगाव नही था. इसलिए हम दोनो ही एक-दूसरे का सहारा बन गये. मेरी बेहन मुझसे एक साल बड़ी है, और वो भी मेरे वाले कॉलेज में ही पढ़ती है.
मेरे और मेरी बेहन के बीच एक बहुत ही स्ट्रॉंग बॉनडिंग है. हम दोनो एक-दूसरे से कुछ भी नही च्छूपाते, और सिचुयेशन कैसी भी हो, उसमे एक-दूसरे की हेल्प करते है. लेकिन फिर एक ऐसी मुसीबत आई, जिसकी वजह से मेरी बेहन कॉल गर्ल बन गयी. चलिए बताता हू सब कैसे हुआ.
मुझे बेट्टिंग की आदत लग गयी, और मैं उस पर पैसे लगाने लगा. लेकिन उसमे नुकसान होने की वजह से मेरे सर पर 500000 का कर्ज़ा चढ़ गया. अब मैं परेशन रहने लगा की मैं कैसे इतने सारे पैसों का इंतेज़ां करू.
दीदी ने एक दिन मुझे परेशन देख कर पूछा तो मैने उनको भी नही बताया. फिर एक दिन कर्ज़ा देने वाले ने मुझे वॉर्निंग दी, की अगर मैने 7 दिन में पैसे नही दिए, तो वो घर आ जाएगा. फिर मैने ये बात मनोज को बताई.
मनोज हमारे घर का नौकर है. वो काफ़ी सालों से हमारे घर पर काम करता है, इसलिए हमारी अची बनती है. वो 35 साल का है. मैने उसको सारी बात बताई, तो वो भी परेशन हो गया. जब मैं उसको बात बता रहा था, तब दीदी ने भी हमारी बात सुन ली.
वो अचानक से आई और बोली: अछा आज तेरी दीदी इतनी पराई हो गयी की तू उससे अपनी प्राब्लम च्छुपाने लगा है.
मैं: दीदी मैं आपको पार्शन नही करना चाहता था.
दीदी: हा बड़ा आया दीदी की चिंता करने वाला. चल बता कितने पैसे है?
मैं: दीदी 500000.
दीदी: मेरे पास कुछ गहने है, हम उनको बेच सकते है.
मैं: नही दीदी, हम ऐसा नही करेंगे.
दीदी: देख इस वक़्त इस मुसीबत से निकलना ज़रूरी है.
फिर हमने जेवएलेर के पास जाके गहने बेच दिए. लेकिन हमे सिर्फ़ 200000 ही मिले. अब हम फिरसे सोचने लगे की पैसे कैसे आएँगे. हमारे पास सिर्फ़ 2 दिन रह गये थे. फिर मनोज भी कही से 50000 का इंतेज़ां कर लाया. लेकिन 250000 अभी भी बाकी थे. मैने दीदी से पूछा-
मैं: दीदी अब हम क्या करेंगे?
दीदी: यार मेरी समझ में कुछ नही आ रहा. खुद को बेच कर भी पैसे मिलते, तो मैं ला देती.
दीदी की ये बात सुन कर मनोज बोला: दीदी वैसे आइडिया बुरा नही है. लेकिन क्या आप सच में ऐसा करने के लिए रेडी है?
(मनोज बड़ा होने के बावजूब भी मेरी बेहन को दीदी बोलता था. क्यूंकी मैं उसको दीदी बोलता था.)
दीदी: कैसा?
मनोज: यही, खुद को बेचने वाली बात.
दीदी: खुद को कैसे बेचुंगी?
मनोज: दीदी बहुत से ऐसे मर्द है, जो आप जैसी लड़की के साथ रात गुज़ारने के लखो दे सकते है. अगर आप चाहो तो मैं आपकी सेट्टिंग करवा सकता हू. लेकिन आपको उनको खुश करना होगा.
दीदी: लेकिन मुझे ये सब नही है.
मेरी दीदी बहुत भोली थी. उसने आज तक ऐसे काम नही किए थे. वैसे दिखने में मेरी दीदी गोरी और भरे हुए बदन की है. उनका फिगर तकरीबन 34-30-36 होगा. मैने देखा था कॉलेज में लड़कों को दीदी पर लाइन मारते. लेकिन दीदी ने कभी उन पर ध्यान नही दिया. दीदी ज़्यादातर लेगैंग्स-कुरती पहनती थी, जिसमे वो बहुत खूबसूरत लगती थी.
मनोज: वैसे मैं कहना तो नही चाहता, लेकिन अगर आप तैयार है, तो मैं आपको सब सीखा दूँगा. लेकिन हमे जो भी करना है जल्दी करना होगा.
दीदी: मुझे सोचने का टाइम दो तोड़ा.
फिर दीदी अपने रूम में चली गयी. मैं और मनोज भी चुप थे, क्यूंकी ये रास्ता ग़लत था. लेकिन मुसीबत टालने के लिए यही रास्ता था. फिर 2 घंटे बाद दीदी अपने रूम से बाहर आई और मनोज से पूछा-
दीदी: एक बार में पैसे मिल जाएँगे?
मनोज: हा मिल जाएँगे.
दीदी: चलो फिर, करो मुझे ट्रेन.
मनोज: पक्का?
दीदी: हा बिल्कुल पक्का.
मनोज: अब मैं जो भी बोलूँगा, तुम्हे वैसा ही करना है. और मैं जो भी करू, मुझे रोकना नही है.
दीदी: ओक.
मनोज ने फिर दीदी की कमर में हाथ डाल कर अपनी तरफ खींचा, और उसके होंठो से अपने होंठ लगा दिए. फिर वो उनके होंठ चूसने लगा. दीदी कुछ भी नही कर रही थी. लेकिन कुछ सेकेंड्स बाद वो भी मनोज को कॉपी करके किस करने लगी.
10 मिनिट दोनो लगातार किस करते रहे, और फिर अलग हुए. दीदी की साँसे चढ़ि हुई थी. फिर मनोज ने दीदी को कपड़े उतारने को कहा. दीदी ने अपने कपड़े उतार दिए, और ब्रा-पनटी में आ गयी. क्या बदन था दीदी का. उनको ऐसे देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया.
फिर मनोज ने दीदी की ब्रा खोल दी, और उनके गोरे-गोरे बूब्स को आज़ाद कर दिए. दीदी के निपल्स बिल्कुल पिंक थे. फिर वो एक-एक करके उनके दोनो बूब्स को चूसने लग गया. दीदी की साँसे तेज़ होने लगी, और वो आ आ करने लग गयी.
बूब्स चूस्टे हुए वो दीदी की छूट को पनटी के उपर से रगड़ने लग गया. दीदी की पनटी छूट वाली जगह से गीली होने लगी. फिर उसने दीदी की पनटी उतरी, और घुटनो के बाल बैठ कर उनकी छूट चाटने लगा. वो जीभ अंदर डाल कर छूट को चूसने लग गया. दीदी की आँखें बंद थी, और वो सिसकियाँ भर रही थी.
फिर अचानक से दीदी ने मनोज के सर पर हाथ रख दिया, और उसके सर को अपनी छूट में दबाने लगी. कुछ ही सेकेंड्स में दीदी की छूट से बहुत सारा गाढ़ा पानी निकला, जिसे मनोज पी गया. उसके बाद मनोज खड़ा हो गया, और अपने कपड़े उतारने लगा.
अब मनोज नंगा था, और उसका 7 इंच का खड़ा लंड दीदी देख पा रही थी. मनोज ने दीदी को लंड मूह में लेने को कहा, जो सुन कर दीदी हैरान हो गयी. फिर वो हिम्मत करके अपने घुटनो पर बैठी, और लंड मूह में ले लिया. उनके फेस से पता चल रहा था की उनको ये कितना गंदा लग रहा था.
फिर मनोज ने उनके मूह को छोड़ना शुरू कर दिया, और 5 मिनिट तक छोड़ता रहा. अब उसका लंड थूक से चिकना हो चुका था. फिर उसने दीदी को बेड पर लिटाया, और उसकी टाँगो के बीच आके लंड को छूट पर रगड़ने लगा. उसके ऐसा करने से दीदी के शरीर को झटके लग रहे थे.
फिर मनोज ने लंड को छूट के मूह पर रखा, और धक्का मार कर टोपा अंदर घुसा दिया. दीदी की सील टूट गयी, और वो चीखने लगी. वो मनोज को अपने उपर से हटाने लगी, लेकिन मनोज नही हटा. वो धक्के मारता गया, और दीदी को छोड़ता गया. कुछ देर बाद दीदी को मज़ा आने लगा, और वो आ आ करके चूड़ने लगी.
अब दोनो पुर मज़े से चुदाई कर रहे थे. मनोज ने दीदी को अलग-अलग पोज़िशन भी सिखाई. एक रात में उसने दीदी को पूरा तैयार कर दिया. अगले दिन उसने दीदी का एक रात का सौदा 300000 में कर दिया. सुबा जब दीदी वापस आई तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी कुत्ते ने उनको नोच खाया हो. मुझे बहुत अफ़सोस हुआ.
फिर मैने पैसे चुका दिए, और हमारी मुसीबत ताल गयी. लेकिन दीदी को अब चुदाई में मज़ा आने लगा था. अब वो बार-बार पैसे लेके चूड़ने लगी, और मनोज दीदी का पक्का डल्ला बन गया.
थे एंड.