वेलकम तो मी ग्रूप सेक्स स्टोरी. मेरी और मेरी कज़िन सिस्टर शालिनी की मेरे दोनो भाइयों ने बहुत रफ चुदाई करी. सुबह 10 बजे मेरी नींद खुली. मैने देखा की वो दोनो मेरे पास में नंगे सोए हुए थे. मैं जैसे-तैसे उठ कर शालिनी को ढूँढने गयी. मेरी चाल बदल गयी थी.
शालिनी मुझे दूसरे बेडरूम में मिली. वो अभी तक सो रही थी, और उसके चेहरे पर उसके आँसू सूखे हुए थे. उस टाइम हम दोनो नंगी थी. मैने देखा तो शालिनी के बूब्स पर निशान बने हुए थे. शालिनी की गांद की और देखा तो वाहा ब्लड और स्पर्म सूखा पड़ा था. और उसके चेहरे पर भी निशान बना हुआ था. छूट भी उसकी सूजी हुई लग रही थी.
मैं समझ गयी की सालों ने बहुत बुरी तरह छोड़ा था. मैने फिर उसको उठाया, और उसको बातरूम की तरफ लेकर जाने लगी. बेचारी से चला भी नही जेया रहा था. हम एक-दूसरे का सपोर्ट लेकर बातरूम तक चली गयी. मैने गरम पानी से बात्ट्च्ब भर दिया. फिर दोनो उसके अंदर चली गयी.
शालिनी: यार शीला, अब कुछ सही लग रहा है. ये विजय और मोहित कल रात मुझे मार ही डालते. ये चुदाई मैं लाइफ टाइम भूल नही पौँगी.
मैं: हा यार. कल मुझे भी बहुत बुरी तरह छोड़ा. दोनो मेरी गांद में डिसचार्ज हुए, तब तक छ्चोढा नही.
शालिनी: तू सो गयी तो वो दोनो मुझे उठा कर ये बेडरूम में लेकर आए. मुझे कुछ 2 घंटे तक छोड़ा होगा. विजय तो तक ही नही रहा था. लगातार मोटे लंड से गांद मारी. मैं तो बेहोश हो गयी. फिर भी नही छ्चोढा. जब उनका निकला, तब वाहा से उठ कर तेरे पास आए होंगे.
मैं: हा और उसके बाद मेरी हालत खराब कर दी. मैं बेहोश होती तो सेयेल मुझे उठा कर फिरसे छोड़ते.
शालिनी: मेरे साथ ऐसा ही किया था. पर सच काहु ऐसी चुदाई हमारे नसीब में है, वो ही बड़ी बात है.
मैं: हा वो तो है. पर ये दोनो हमारे साथ रंडी जैसा बर्ताव कर रहे है. वो ठीक भी नही है. उनको उनकी औकात दिखानी पड़ेगी. उनको लगता है हम उनके लंड के लिए मर्री जेया रही है.
शालिनी: ये बात तुमने सच कही है. ऐसा रूड बिहेवियर मुझे अछा तो नही लगा.
हमने हॉट वॉटर से शवर लिया था, तो तोड़ा अछा लग रहा था. उसके बाद हमने एक-दूसरे की गांद में आंटिबयाटिक क्रीम लगाई. उससे हमे राहत मिल रही थी. मैने और शालिनी ने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहन लिए, और हमने लंच ऑर्डर कर दिया. मैने और शालिनी ने हमारे भाइयों का वेट भी नही किया, और खाने पर बैठ गये. जब हम लंच कर रहे थे, तब मोहित और विजय आए.
मोहित: अर्रे ये क्या? आज तो हमारा वेट भी नही किया, और अकेले-अकेले खाने पर बैठ गये.
विजय: हा यार हमे उठाया भी नही. और अकेले लंच भी ऑर्डर कर दिया.
मैं (गुस्से में): हा, आप दोनो के लिए भी किया है. फ्रेश हो कर खा लेना.
विजय (मेरे पास आ कर): क्या हुआ दीदी? आज आप इतना रूड्ली बिहेव क्यूँ कर रहे हो?
मैं: तुम मुझसे बात मत करो. और हा, मुझे और शालिनी को अभी घर के लिए निकलना है. आप दोनो जल्दी से फ्रेश हो जाओ, और लंच करके रेडी रहो. अब हमे यहा नही रुकना.
मोहित (शालिनी के पास जेया कर): क्या हुआ दी? शीला दी ऐसे क्यूँ बोल रही है?
शालिनी: तुम दोनो को पता होना चाहिए शीला ऐसा क्यूँ कह रही है. कल रात आप दोनो ने जो हमारे साथ किया, वो क्या था? आप दोनो में सेन्स है? भूलो मत हम दोनो आपकी बहने है. रंडी नही है जो ऐसा रफ सेक्स करते हो. और रंडी को भी कोई ऐसे नही करता. उनमे भी जान होती है. आप दोनो तो जंगली की तरह टूट पड़ते हो.
मैं: तुम्हे पता है हम दोनो ठीक से चल भी नही पा रहे है. (मैने अपना अशोल दिखाया) देखो ये किया है आपने.
मैने देखा की मोहित और विजय दोनो चुप थे. शायद उनको भी अपनी ग़लती का एहसास हो रहा था. दोनो अपनी नज़रें झुका कर खड़े थे.
मैं: चलो अब जल्दी से रेडी रहो. हमे घर जाना है.
विजय (उदास हो कर): सॉरी दी. हमसे ग़लती हो गयी. कल रात वियाग्रा का डोस तोड़ा हेवी हो गया था. इसीलिए कंट्रोल नही हुआ.
मोहित: हा दीदी. विजय सच कह रहा है. उस टाइम हमारी हवस पर हमारा कंट्रोल नही था. प्लीज़ हम एक और दिन रुक जाते है. हम कल अर्ली मॉर्निंग चेक आउट करके निकल जाएँगे.
मैं: शालिनी, मैं तो नही रुक सकती. जहाँ मेरी इज़्ज़त नही होती, मुझे वहाँ रुकना सही नही लगता.
शालिनी: बात तो सही है. इनको रुकना है तो रुक सकते है. मैं तेरे साथ आती हू.
उसके बाद हम दोनो लड़खड़ा कर चलते हुए हमारा समान पॅक करने लगती है. हमारी हालत देख कर मोहित और विजय को भी उनकी ग़लती पर पछतावा होने लगता है. वो दोनो हमारे आयेज गिड़गिदते है.
मोहित: प्लीज़ आप दोनो आज का दिन रुक जाओ. ऐसी हालत में घर जाओगे तो सब को क्या बताओगे? शालिनी दी, जीजू से आप क्या कहोगे?
शालिनी: वो तुम्हे पहले सोचना था. मैं जानवरों के साथ नही रुक सकती.
मोहित: प्लीज़ दीदी. हमे माफ़ कर दो. आयेज से ऐसा नही करूँगा. सॉफ्ट्ली सेक्स करूँगा.
शालिनी: सेक्स और अब तुमसे, भूल जाओ. हमारे बीच जो भी कुछ था, यही तक था.
विजय (मेरा हाथ पकड़ कर): दीदी देखो ने शालिनी दी कैसी बातें कर रही है. आप इन्हे समझाओ ना.
मैं: मैं उसको क्या समझोउ? तुम भी मुझे भूल जाओ. अब हमारे बीच भी कुछ नही होगा.
विजय की शकल तो रोने जैसी हो गयी. उसको देख कर हस्सी भी आ रही थी, और गुस्सा भी. शालिनी मुझे कोने में ले गयी.
शालिनी: शीला ये दोनो को तो सच में बहुत बुरा लगा है. क्यूँ ना हम इन्हे माफ़ कर दे.
मैं: माफ़ तो करना है, पर अभी सही मौका है इन्हे अपने जिस्म का गुलाम बनाने का. तुम देखो मैं क्या करती हू.
मैं: विजय, मैं तुम्हे माफ़ कर सकती हू. पर एक शर्त पर.
विजय: दीदी मुझे आपकी एक नही 100 शर्ते मंज़ूर है. बस आप हमारे बीच जो चल रहा है, उसको चलने दीजिए.
मैं (स्माइल के साथ): ठीक है. जो बोला है वो करना पड़ेगा. मेरी हर एक बात माननी पड़ेगी.
मोहित: मुझे भी आप दोनो की हर एक बात मंज़ूर रहेगी.
मैं विजय को साइड पर लेकर गयी और अपनी दोनो बाहें फैलाई और विजय को हग किया.
विजय: सॉरी दीदी. आज के बाद ऐसी ग़लती नही होगी.
मैं (उसके कान में धीरे से): मैं मोहित के साथ चुड रही थी, ये देख कर गुस्सा आया था?
विजय: नही. मुझे तो उसके साथ मिल कर छोड़ने में मज़ा आ रहा था. पर अब से मैं प्यार से करूँगा.
मैं: विजय तेरे जाने के बाद मेरी चुदाई कों करेगा?
विजय: मोहित है ना. और रूपाली ने किसी को ढूँढा तो है. उसके साथ.
मैं (शरमाते हुए): पर वो कौन है वो तो मुझे भी नही पता. वो कौन है वो सोच-सोच कर ही मैं पागल हो रही हू. देल्ही जेया कर पता करना पड़ेगा.
विजय: मुझे भी जानना है वो कौन है, जो अब मेरी सेक्सी बेहन को छोड़ेगा.
मैं: यार विजय मैं भी एग्ज़ाइटेड हू. मेरा क्या होगा जब वो मेरे सामने आएगा? और वो कौन होगा? उसके सामने मैं क्या रिक्ट करूँगी.
विजय: मुझे बताना फिर तुम दोनो कैसे सेक्स किया? होप की मेरी बेहन उसके साथ आचे से एंजाय करे.
मैं (शर्मा गयी): क्या तुम भी. कुछ भी बोल रहे हो. मुझे तो सिर्फ़ तुम्हारे लंड से चूड़ने में मज़ा आता है.
विजय: क्यूँ मोहित का लंड अछा नही है? वो तो मेरे से भी लंबा है.
मैं (उसकी त-शर्ट को खींच कर, धीमी आवाज़ में): जो बात तेरे लंड में है वो किसी और के लंड में नही है.
मैने विजय को आँख मारी, और उसके लिप्स पर लिप्स रख कर किस करने लगी. मैं लगातार उसके लिप्स को चूस रही थी. वो भी मुझे टाइट पकड़ कर किस करने लगा. हमारी वो किस में बहुत से एमोशन्स थे. क्यूंकी हम दोनो को पता था की अब बस थोड़े दिन ही बचे थे साथ में रहने को. पता नही इसके बाद हम वापस कब ऐसे मिलते. मैं उसको किस करते हुए रो रही थी. जब हमारी किस टूटी, तब विजय ने मेरे आँसू पोंछे.
विजय (मुझे टाइट हग करके): ई लोवे योउ दी. ई विल मिस योउ आ लॉट.
मैं: तुम यही सेट हो जाओ ना. वाहा जाना ज़रूरी है क्या?
मैं नही चाहती थी की मेरा भाई मुझे छ्चोढ़ कर जाए. सेक्स सब कुछ नही था, पर मेरे और विजय के बीच जो नया रिश्ता बना था, उसके बाद उसके बिना रह पाना बहुत मुश्किल था.
विजय: आपको छ्चोढ़ कर जाने का तो मेरा भी मॅन नही कर रहा. पर क्या करू, अब वाहा इतना सारा सेटप किया है. वो छ्चोढ़ कर यहा रहना सही भी नही है ना. आपको तो पता है मैने वहाँ जेया कर कितने साल स्ट्रगल किया है. 4 साल तक आप सब से डोर रहा हू.
विजय: इतने साल के बाद तेरी भाभी को एक अची जॉब मिली है. फॅमिली भी वाहा सेट हो गयी. मैं तो यहाँ सेट हो जौंगा, पर अब ये लोग यहाँ के माहौल में अड्जस्ट नही हो सकते.
मैं: बात तो तेरी सही है भाई. पर मैं तुझे बहुत मिस करूँगी.
विजय: मैं भी आपको बहुत मिस करूँगा.
शालिनी (मेरे पास आई, और उसने मुझे हग किया): विजय को तो मैं भी बहुत मिस करूँगी. कब से देख रही हू तुम दोनो भाई बेहन का प्यार. जब हम छ्होटे थे, तब कभी सोचा नही था की एक दिन ऐसा भी आएगा की हम सब इतने क्लोज़ हो जाएँगे.
मैं: हा यार. हम इतना क्लोज़ आ गये की अब हमारा भाई बेहन वाला रिश्ता भी बदल गया है. ये दिन मुझे बहुत याद आएगे (मैं रोने लगी).
शालिनी (मेरी पीठ को सहलाते हुए): बेबी तुम टेन्षन मत लो. मोहित ब्रो है ना.
मोहित: हा दीदी. मैं हू ना आप दोनो का ख़याल रखने के लिए.
मैं (मोहित को हल्का थप्पड़ मार कर): हा गढ़े, तू तो है (उसके लंड को शॉर्ट्स के उपर से सहला कर). तुझे तो देल्ही बुला कर मज़ा करूँगी.
मैने विजय की और एक नॉटी स्माइल की और आँख मारी. विजय समझ गया था की मेरा मोहित को देल्ही बुला कर रूपाली को छुड़वाने का प्लान था.
मैं (उसके गले में मेरी दोनो बाहें डाल कर): तेरे इस बड़े लंड से मेरी प्यास बुझता रहेगा ना?
मोहित: एस बेबी. मैं तो आपका पहले से दीवाना हू.
मैं मोहित के लिप्स के उपर लिप्स रख कर स्मूच करने लगी. शालिनी भी अब विजय को किस कर रही थी. मोहित किस करते हुए एक हाथ से मेरा बूब दबा रहा था, और दूसरे से मेरी गांद को सहला रहा था. मैं और मदहोश हो गयी, और उसका साथ देने लगी. मोहित ने मेरी त-शर्ट और ब्रा निकाल कर उपर से नंगा कर दिया. फिर मेरे बूब्स को बड़े प्यार से चूसने लगा.
मोहित: शीला दीदी मुझे आपके बूब्स बहुत पसंद है. ऐसे पर्फेक्ट बूब्स मैने आज तक किसी के नही देखे.
मैं उसकी और देख कर मुस्कुराइ और उसके बालों को सहलाने लगी. मैने नीचे उसके शॉर्ट्स में हाथ कर उसके लंड के साथ खेलने लगी. उसका लंड तो अब भी पूरा तन्ना हुआ था. सयद वियाग्रा का असर अभी भी तोड़ा था. जब कोई औरत कड़क लंड को छ्छू लेती है वो बिना चुड़े नही रह पाती. और ऐसा मेरे साथ भी हो रहा था. मेरी छूट और गांद में बहुत दर्द था. पर मेरी छूट लंड माँग रही थी.
मैने मोहित का शॉर्ट्स नीचे कर दिया. वो अपना शॉर्ट्स निकाल कर पूरा नंगा हो गया. मैं घुटनो पर बैठ गयी, और उसके लंड को चूसने लगी. विजय भी मोहित के साथ खड़ा हो गया. मैं उसका भी लंड चूसने लगी. शालिनी विजय और मोहित को किस कर रही थी. उसके बाद क्या हुआ मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.