ही, मेरा नाम पूजा है. मेरी आगे 28 यियर्ज़ है. मेरी शादी को 7 साल हो गये है. मेरा एक 4 साल का बेटा है. अभी मेरा फिगर 36-30-36 है. मेरा स्किन टोने फेर है. बाल लंबे, और काले है. जब मैं घर से निकलती हू तो सब लोग मुझे घूरते रहते है, चाहे वो बच्चा हो या बुद्धा.
ये कहानी मेरे और मेरे नंदोई के बीच के अफेर की है. ये रिश्ता मैं नही बनाना चाहती थी, लेकिन कैसे हो गया ये मैं आपको डीटेल में बताती हू.
मैं जब कॉलेज में थी तब मेरी मा की तबीयत बहुत खराब हो गयी थी. और मेरे पिता जी ने मेरी शादी जल्दी करने की सोच ली. घर के हालात इतने ठीक नही थे. उसी टाइम मेरे लिए विकाश का रिश्ता आया, जो मेरे पिता जी के दोस्त का बेटा है.
विकाश के पापा यानी मेरे ससुर ने हमारी उस टाइम काफ़ी हेल्प की हुई थी. शादी को लेकर मेरी बहुत विशस थी. मुझे विकाश इतना पसंद नही था. मेरे पसंद की कोई क्वालिटी विकाश में नही थी. पर घर के हालात देख कर मैने उसके साथ शादी के लिए हा कर दी. शादी के 6 महीने बाद मेरी मा चल बसी.
विकाश की छ्होटी बेहन यानी की मेरी ननद की शादी मेरे सास ससुर राहुल नाम के लड़के से फिक्स कर आए. हमारे यहा दामाद को कुमार बोलते है. तो जब पहली बार मैने कुमार को देखा, मैं देखती रह गयी. क्या पर्सनॅलिटी थी.
कुमार काफ़ी हॅंडसम थे. उनकी हेवी बियर्ड उनकी पर्सनॅलिटी को सूट कर रही थी. वो रेग्युलर जिम जाते थे, तो फिटनेस भी अची थी. उनको देख कर मुझे लगा मेरी सोची हुई सारी क्वालिटीस कुमार में थी.
एक दिन वो मेरी ननद को छ्चोढने हमारे घर आए. उनके रिलेटिव्स में कोई फंक्षन था, तो मेरी ननद को वाहा लेके गये थे. जब वो पहली बार आए तो सब के साथ घुल मिल गये. उनका बात करने का अंदाज़ मुझे अछा लगने लगा. वो फन्नी भी थे. हमने उनको रात को सोने के लिए एक कमरा दिया. वो कमरा हमारे कमरे के ठीक सामने था. जब सुबा हुई तो मेरी ननद ने मुझे कहा-
ननद: आप उनको उठा दीजिए, उनको जल्दी निकलना है.
मैं जब उनके कमरे में गयी, तब कुमार बॉक्सर और त-शर्ट पहन कर सो रहे थे. वो बहुत ही पीस्फुली सो रहे थे. मैने जब चादर हटाई तो उनका हाथ उनके बॉक्सर के अंदर था. मैं तो घबरा गयी की अब क्या करू.
कुमार को रीयलाइज़ हुआ की कोई कमरे में था, तो उन्होने हाथ बॉक्सर में से निकाल दिया. मैं तो वाहा से बाहर निकल गयी. फिर मैने धीरे से कमरे में देखा तो कुमार फिरसे सो गये थे. पर उनका लंड बॉक्सर में तंबू बना दिया था. मेरी धड़कने तेज़ हो गयी. मैं फिर वाहा से निकल गयी. मेरी ननद ने पूछा तो मैने बोल दिया की आप ही जगा लो. वो दिन मैं कभी नही भूल सकती.
फिर 6 महीने बाद मेरी ननद की शादी हो गयी. शादी के कुछ महीने बाद मेरी ननद की किसी दोस्त की शादी थी, तो कुमार और वो हमारे घर आए थे. तब कुमार का 2 दिन का स्टे था. कुमार वैसे तो जब भी आते 2-3 अवर्स में निकल जाते थे.
मुझे कुमार की प्रेज़ेन्स अची लगता थी. जब भी कुमार आने वाले होते थे, मैं आचे से तैयार होती थी. जब वो आए तो अकेले थे. मेरी ननद और फॅमिली को वो मॅरेज में ड्रॉप करके आए थे. उस टाइम हम दोनो 2 अवर के लिए घर पर अकेले रुकने वाले थे. मुझे ये पता था तो मैं ये चान्स मिस नही करना चाहती थी.
मैने उस दिन सारी पहनी थी. और मैने सारी नेवेल के नीचे कर दी. मैने पल्लू तोड़ा सरका दिया, और मेरे 36″ साइज़ के बूब्स ब्लाउस में से थोड़े एक्सपोज़ कर दिए. जब मैं कुमार को पानी देने गयी, तो वो मुझे देखते ही रह गये.
मैं जैसे पानी देने झुकी, तो मैने उनको क्लीवेज दिखा दी. और मैं अपनी गांद मटका के किचन में रिटर्न आ गयी. मुझे उस दिन क्या हुआ की मैने ये शरारत कर दी, और मेरी धड़कने तेज़ हो गयी. मैं सोचने लगी कुमार मेरे बारे में क्या सोचेंगे. बहुत से सवाल मेरे दिमाग़ में घूम रहे थे.
मेरी किचन से बाहर होने की हिम्मत नही हो रही थी. थोड़ी देर बाद मैने बाहर देखा तो कुमार उनके मोबाइल में कुछ देख रहे थे. फिर उन्होने किचन की और देखा और मेरी और स्माइल पास की. (मैं आपको बता डू की कुमार कभी मेरे से बात नही करते थे, वो बहुत शाइ है).
मैने रिटर्न में उनको स्माइल पास की. अब हम एक-दूसरे को चोरी-चोरी देख रहे थे. जब वो मेरी और देखते, तो मैं अपना पल्लू अड्जस्ट करती. वो मेरी और अट्रॅक्ट हो रहे थे. मैने सारी टाइट पहनी थी, तो मेरा फिगर आचे से उनको दिख रहा था. शादी में भी वो मुझे चोरी-चोरी देख रहे थे. उस रात को मैं सो नही पाई. पूरी रात मैं कुमार के बारे में सोचती रही.
शादी के नेक्स्ट दे रात को रिसेप्षन था, तो कुमार दोपहर को सो रहे थे. मेरी सास और ननद मार्केट गये थे, और वो मुझे बोल कर गयी की उन्हे आने में 3-4 अवर निकल जाएँगे. घर पर मैं और कुमार अकेले थे.
मैं अपने कमरे में सो रही थी. मेरा दिल बार-बार मुझे कुमार के पास जाने को बोल रहा था. फिर मैने सोचा क्यूँ ना एक बार उस कमरे में जाके देखु. मैने जैसे कमरे का डोर खोला, कुमार ने मोबाइल साइड पर रख दिया.
मे: कुमार आप सोए नही?
कुमार: जस्ट अभी नींद खुली है. पर मुझे कुछ सही नही लग रहा.
मे: क्या हुआ?
कुमार: अर्रे तोड़ा हेडएक फील हो रहा है.
मे: लाइए मैं आपका सर दबा देती हू. आपको अछा फील होगा. घर में हम दोनो अकेले है. मम्मी और दीदी मार्केट गये है. शाम तक कोई घर नही आने वाला.
कुमार: आपको जैसा ठीक लगे.
अब मैं कुमार के पास जेया कर बैठ गयी, और उनका सर मेरी गोदी में रख दिया. फिर हल्के हाथो से दबाना चालू किया. कुमार ने आँखें बंद कर ली. मैं तो उनको ही देखे जेया रही थी. कुमार को सोने में दिक्कत हो रही थी, तो मैने सारी का पल्लू साइड पर कर दिया.
2-3 मिनिट के बाद मेरी नज़र कुमार के बॉक्सर पर गयी. वाहा तंबू बन गया था. मेरी हार्टबीट फास्ट हो गयी. दिल कह रहा था की लंड को पकड़ लू. दिमाग़ कह रहा था अगर कुमार ने मुझे ग़लत समझ लिया तो. फिर मैं हिम्मत करके कुमार के शोल्डर पर और चेस्ट पर हाथ घूमने लगी, और उसकी बॉडी को दबाने लगी.
उनकी बॉडी बहुत मस्त थी, एक-दूं कड़क. मेरे से कंट्रोल नही हुआ तो मैने कुमार के लिप्स पर अपनी उंगलियाँ घुमा दी. कुमार की आँख खुली तो मैं उनकी आँखों में देखने लगी.
मे: कुमार कैसा लग रहा है अब?
कुमार: बहुत अछा भाभी.
मैने कुमार का सर नीचे रखा, और खड़ी हो गयी. कुमार मेरे बूब्स देख रहे थे. मैने सारी का पल्लू ठीक किया, और अपनी उंगली से कुमार को मेरे पीछे आने का इशारा किया. फिर नॉटी स्माइल पास करके मैं किचन में चली गयी. मैं छाई बनाने लगी. कुमार मेरे पास आ कर खड़े हो गये. कुमार ने हाथ मेरी कमर में डाल दिया, और पीछे से मुझे हग कर दिया.
मे: ये क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा तो?
मेरी बात से उनको ग्रीन सिग्नल मिल गया. और उन्होने पीछे से मेरी गर्दन पर किस कर दिया. मैं तो वो पल थम गयी. मेरी बॉडी वाइब्रट हो गयी. एक सुकून था उस किस में. मैं शर्मा रही थी. अब उन्होने मुझे पीछे किया और गॅस बंद कर दिया.
फिर मेरी गांद पर हाथ रख कर उनके करीब खींच लिया, और लिप्स मेरे लिप्स पर रख दिए. मैं उनको किस में सपोर्ट कर रही थी. उनका किस करने का अंदाज़ मुझे अछा लगा. मैने उनके मूह में अपनी ज़ुबान डाल दी. वो मेरी ज़ुबान आचे से चूस रहे थे.
अब वो पीछे आ गये, और सारी के उपर से मेरे बूब्स दबाने लगे. मेरी तो आ निकल गयी. मैने हाथ पीछे किया, और उनके लंड को सहला रही थी. मैने अब सोच लिया की आचे से चूड़ना था आज. मेरी सारी इक्चा मेरा नंदोई पूरी कर सकता था.
अब मैं नीचे बैठ गयी और उनका बॉक्सर नीचे किया, और सीधा लंड मूह में ले लिया. मैं एक रंडी की तरह लंड चूस रही थी, और साथ में उनसे आइ कॉंटॅक्ट बना रही थी.
मे: वाउ क्या लंड है आपका. विकाश का लंड तो आपसे आधा है. आज मेरी लंड चूसने की इक्चा पूरी हुई.
कुमार: विकाश भाई नही चुस्वते?
मे: वो चूतिया मुझे आचे से छोड़ता, तो मैं आपके पास आती क्या? वो ओल्ड फॅशंड है. बस उपर आके धक्के मार के सो जाता है. आप असली मर्द हो. मुझे आप ही ठंडा कर सकते हो.
मेरी बात सुन कर कुमार ने मुझे खड़ा किया, और स्लॅब पर बिता दिया. और मेरी सारी उपर करके पनटी निकाल दी. वो नीचे बैठ गये, और मेरी छूट पर उनका मूह रख दिया. मैने ये सब पॉर्न में देखा था. आज मेरी सारी इक्चा पूरी हो रही थी. कुमार छूट चाटने में एक्सपर्ट थे. मैं फिर डिसचार्ज हो गयी. आज मेरी चूत में से बहुत पानी निकल रहा था. और ये सब कुमार का कमाल था.
अब कुमार ने अपना बॉक्सर उतार दिया, और त-शर्ट को अपने दांतो के बीच दबा कर उनका लंड मेरी छूट पर सेट किया. मैने बोला आराम से प्लीज़. कुमार ने लंड का टोपा अंदर डाल दिया. मेरी तो आ निकल गयी. बस आधा लंड गया की मेरी चीख निकल गयी. कुमार ने मेरे बालों को पकड़ कर किस किया, और पूरी ताक़त से पूरा लंड छूट में डाल दिया.
मेरी तो जान निकल गयी. छूट से खून निकालने लगा. कुमार धीरे-धीरे धक्के मारने लगे. मैं जब रिलॅक्स हुई तो उन्होने मुझे स्पीड में छोड़ना स्टार्ट किया.
मे: और छोड़ो मुझे. आ आ उ. आप असली मर्द हो. आज जाके मुझे असली चरम-सुख मिला है.
कुमार: आपकी छूट भी बहुत मस्त है. आपकी चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा है.
अब उन्होने मुझे गोदी में उठा लिया, और खड़े-खड़े मेरी चुदाई कर दी. उस दिन उन्होने एक और बार मेरी बेडरूम में चुदाई की, और मेरी वर्जिन गांद की सील तोड़ी. उस दिन के बाद हमने कभी सेक्स नही किया. ये राज़ हमारे दोनो के बीच रह गया.