नाना जी और मा की चुदाई

हेलो दोस्त. एक बार फिरसे स्वागत है मेरी मा इंदु की छुदाई कथा मे. तो शुरू करते है.

जैसा की आपने देखा. मेरी मा ने दिनेशा मामा का लंड लिया और हम वाहा से निकल गये.

ऊओफ़ इतनी चुड़क्कड़ माल समान मा के साथ जाने के भी अलग ही मज़े थे. गोरी चिकनी कमर और मोटी गांद मतकाते हुए मा आयेज आयेज जेया रही थी और मई पिच्चे पिच्चे. रास्ते मे बुढहा से लेकर जवान तक मा को रोक कर बाते कर रहे थे. कोई कहते “इंदु दीदी क्ब आई” तो कोई कहता “इंदु बेटी क्ब आई”. सवाल अलग अलग ज़रूर थे बुत सब्मे एक बात कामन थी.

सब मम्मी की मोटी चुचि घूर रहे थे. घुरे भी क्यू ना. डीप नेक ब्लाउस मे आधा से ज़्यादा चुचि नंगी ही थी. और इतनी मस्त मोटे बूब्स कों नही देखना चाहेगा.

एक बुद्धा जो खाट पे लेता हुआ था- गहे इनदुआअ. अपपन चाचा से भेट ना कार्ओो. जवंका सब से ही बात करवे.

मा- आ रहे है सोना चाचा.

मा गयी और झुक के पर्णाम की. झुकने से मा की चुचि पूरी लटक गयी. यूयेसेस बुड्ढे के नज़रो के सामने. वो सला मौका जाने भी नही दिया. मा के सर पर हाथ रख के. आशिरबाद देने के बहाने. मा को उसी पोज़िशन मे रखा और मा के मोटे बूब्स को घूरते हुए हालचाल पुच्छने लगा.

उधर पास मे ही बैठा एक बुद्धा बोला- रे सोनबा. अभिए दूध निकल लेगा की’.

बूढ़ा (सोना)- ” इंदु के इतना दिन बाद देखे है. जी भर के देख लेने दे. उसके बाद ना भैंस के चुचि दबा के दूध गार लेंगे. तुम कहा घबराता है”

दूसरा बुद्धा-“ह्यूमो तो लग रहा है नाइकी भैंस के (मा के तरफ आँख कर के) ना दूध निकालने लगना. ” ये सुन कर वाहा 3-4 लफूआ लड़का था वो हासणे लगा. मई भी मान ही मान हेस्ट हुए सोचने लगा. ये गाओ के बुड्ढे भी ना. बहोट बड़े लफूआ है.

खैर यूयेसेस बुड्ढे ने नयकी भैंस (मेरी मा) का दूध तो निकल पाया लेकिन. इमॅजिनेशन मे पता नही मा की च्चियो के साथ क्या किया होगा.

हम दोनो नानी घर आ गये. रात भी हो चुकी थी लगभग. सबने डिन्नर किया. और मेरी मा कुछ ज़्यादा ही खुश लग रही थी. इसलिए मेरी मा नानी घर आना चाहती है. क्यूकी पापा तो उसको घर पे पिंजरे मे बंद करके रखते है. और मई भी मा को गाय (काउ) जैसी भोली भली समझता था.

बुत रिलिटी मे गाय को खुला छ्चोड़ दिया जाय तो सांध सब उसपे चढ़ जाते है. यही हाल मेरी मा का था. 3-3 सांध का लंड तो खा ही चुकी थी मेरी मा आज. ऊओफ़ बिना मलिक के गाय को सांध से कों बचाय. उपर मेरी मा का रणदीपन. जो दूसरे के घर जाकर छुड़वा आई है.

सबलोगो ने डिन्नर किया बुत लोग बहोट थे और कमरे कूम. मई और मा को सोने का जगह ही नही मिल रहा था. आख़िर मे डिसाइड हुआ की मई और मा नाना के रूम मे सोएंगे. क्यूकी नाना जी अकेले सोते थे और बाकी सारे रूम और बेड भर गये थे.

मैने भी कुछ नही बोला क्यूकी शादी वेल घर मे ये सब तो होते रहता है.

मेरे नाना लंबे चौड़े आदमी है आगे 70 के पास होंगे ही बुत बॉडी अभी भी धंशु है. ज़्यादा फूर्तीला तो नही है इश्स आगे मे. बुत उतने वीक भी नही है.

तो मई माना जी और मा तीनो एक ही बेड पर सोने आ गये. मुझे दीवाल तरफ सोना पसंद था तो मई दीवाल के तरफ. मा बीच मे और नाना जी किनारे. मा और नाना जी आपस मे बात कर रहे थे. मुझे बोरिंग लगा और मई सो गया.

आधी रात मे मेरी नींद एक अहह वाली सिसकारी सुन कर खुली. मैने आँख खोला तो मेरा बॉडी को 440 वॉल्ट का झटका लगा. सिचुयेशन कुछ यू था. मा का फेस मेरे तरफ था और आँख कस्स के बंद था, मूह खुला हुआ. आवाज़ नही निकालने की पूरी कोशिस कर रही थी.

मा की सारी और पेटीकोत कमर तक चढ़ा हुआ था. ब्लाउस के बटन खुले हुए. जिसमे से बड़े बड़े पपीते जैसा मा की चुचि को नाना जी एक हाथ से दबा रहे थे. मा एक करवट ली हुई थी. फेस मेरे तरफ और गांद नाना जी के तरफ. और नाना जी पिच्चे से मा को हग कर के छोड़ रहे थे.

अब नाना जी का लंड. मम्मी के गांद मे था या छूट मे वो क्लियर्ली नही देख पाया. नाना जी भी धोती निकले हुए थे और सिर्फ़ गांजी मे थे. मुझे मेरी मा का रणदीपन का तो पूरा पता था बुत इश्स लेवेल की रंडी निकली मा. जो नाना जी का लॉडा खाने मे भी नही शरमाई. वाह रे मेरी 2 कौड़ी की चुड़ककर मा इंदु.

खैर मुझे तो मज़ा आ रहा था. नाना जी का शायद लंड बहोट बड़ा था. नाना जी धीरे धीरे ही छोड़ रहे थे बुत मा का आआआहह. इसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शह. उम्म्म्ममममममममम. उफफफफफफफफ्फ़ खूब निकल रही थी.

नानी जी के काले बाहो मे. मा की चिकनी गोरी बदन अभी तक की चुदाई मे सबसे मस्त लग रहे थे. खैर नाना जी अपनी बेटी की चुदाई करने मे लगे हुए थे तो मेरी मा अपने सगे बाप का लंड लेकर सिसकारिया ले रही थी. नाना जी क्व मा की चुचिया दबाते तो क्व होत निचोर्ते तो कभी पेट.

उनकी तारक तो इतनी थी की मा को पिच्चे से तो छोड़ ही रहे थे.

उन्होने मा की नाभि मे इतनी ज़ोर से उंगली घुशाई की मा की चीख निकल गयी- आआआआः बबुउहह जीईईईईई…

सब बड़े आराम से हो रहा था क्यूकी तेज़ बुड्ढे नाना से हो भी नही पता. और शायद सांध जैसे नाना का लंड मा तेज़ तेज़ ले भी नही पाती.

धीरे धीरे नाना जी छोड़ते चूड़ते आखिकार मा के गांद पे अपना आशीर्वाद रूपी माल गिरा ही दिया. मा रिलॅक्स हो कर राहत भादी साँस लेने लगी.

मैने आँख बंद कर लिए क्यूकी मा ने आँख खोल लिए थे. थोड़ी डेरे आँख खोला तो देखता हू. मा ने नाना को हग करके सोई है और उसकी नंगी गांद मेरे तरफ है. सारी अभी भी कमर तक. नंगी गोरी चिकनी गांद देख कर मॅन किया अभी ही डाल डू. बुत मैने साबरा किया की इसको मज़े से छोड़ूँगा. ऐसे च्छूप क नही.

लेकिन मेरा लंड गरम रोड हो चुका था. मा की चिकनी गांद पर नाना जी की गाढ़ा मलाई. मेरे लंड के मलाई को न्योता दे रहा था. मुझसे रहा नही गया और मा के गांद को देखते हुए मूठ मारना स्टार्ट किया. बहोट जल्दी ही गरम गरम पिचकारी मा के गांद पर जेया गीरी.

शायद मा जबरदस्त चुदाई के बाद गहरी नींद मे थी इसलिए उनका कोई रिक्षन नही आया. और शायद इसलिए ही नाना जी तख के नंगे ही सो गये और मा तो इतनी तक गयी की अपना मोटी तरबूज जैसे गांद भी ढकना भूल गये. खैर मा की गांद पे अपने ही बाप और सगे बेटा का माल. मा की गांद पर चार चाँद लगा रहे थे.

तो आज नानी के यहा पहले ही दिन मेरी मा अभी तक 4 से चुड चुकी. अब कितनो से आयेज चूड़ेगी और किससे? ये तो अगले पार्ट मे पता चलेगा. ये एपिसोड छ्होटी रखने के लिए सॉरी. अगली लंबी और मजेदार होगी.

प्लीज़ ढेर सारे कॉमेंट करिए मेरी मा के बारे मे. मा की गाली मेरी लिए फ्युयेल का काम करती है.

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