मुस्लिम अम्मी की बड़े लंड सेक्स चुदाई

हाई दोस्तों मेरा नाम कलीम हे और मैं दिल्ली का रहनेवाला हूँ. मेरी उम्र 18 साल हे और मेरी अम्मी की उम्र 42 साल हे. मेरे अब्बा जब मैं 10 साल का था तभी मर गए थे. तबसे मेरी माँ ने ही मुझे पाल पोश के बड़ा किया. अब्बा की मौत के बाद अम्मी के किसी के साथ भी सबंध नहीं थे और फेमली में सब उसे बड़ी इज्जत से बुलाते थे. वैसे ये कोई कहानी नहीं हे बल्कि मेरी लाइफ का सच्चा सेक्स अनुभव हे.

मैंने अपनी अम्मी को कभी बुरी नजरों से नहीं देखा था. पर एक दिन सब कुछ बदल गया. मेरी अम्मी बहुत ही सेक्सी हे उनका फिगर  36-26-38 हे. उन्के बाल लम्बे हे और काले हे और आँखे भूरी हे. वो हमेशा सलवार स्यूट में ही रहती हे.

एक दिन मैंने अपने घर पर पार्टी रखी और अपने सारे दोस्तों को बुलाया. शाम के 5 बजे और एक एक कर के मेरे दोस्त लोग आने लगे. मेरे टोटल 9 दोस्त उस दिन मेरे घर पर आये. अम्मी ने सब के लिए दरवाजा खोला और मेरे कमरे में भेज दिया सब को. मेरा एक दोस्त अपने साथ ब्रांडी की 2 बोतल ले के आया था. उसने बोतल अपनी कमीज में छिपाई थी. ताकि मेरी अम्मी उसे देख ना ले. हमने ब्रांडी पेप्सी में मिलाई और धीरे धीरे पिने लगे. और साथ में अम्मी के बनाए हुए स्नेक्स खाने लगे. अम्मी अपने कमरे में थी और हम लाउड म्यूजिक लगा के डांस कर रहे थे. थोड़ी देर बाद हम सब को नशा चढ़ गया और हम गन्दी गन्दी बातें करने लगे. फिर मैंने एक ब्ल्यू फिल्म लगा दी और सब उसे ध्यान से देखने लगे.

ब्ल्यू फिल्म देखते देखते हम सब अपने हाथ पेंट पर रख के अपने अपने लंड को छु रहे थे और सहला रहे थे. ब्ल्यू फिल्म ख़त्म होने पर हम फिर गन्दी गन्दी बातें करने लगे. मेरा दोस्त अज्जू बोला, यार अगर आज कोई लड़की को ना चोदा तो मैं मर ही जाऊँगा. असीम नाम का दोस्त बोला यार सच में साला कब तक हम लोग वर्जिन ही रहेंगे अब तो किसी की चूत पेलनी ही चाहिए हम को.

मैंने पूछा, पर कैसे चोदे और किसे चोदे?

तो मेरा रोहित नाम का दोस्त बोला, यार बुरा ना मानियो पर मेरी नजर हमेशा तेरी माँ के ऊपर रहती हे. वो बहुत ही सेक्सी हे यार और कभी कभी तो मैं उसे सोच कर मुठ भी मार लेता हूँ/

ये सुनते ही मैंने कहा, पागल हे क्या ऐसी बातें मत कर वो मेरी माँ हे और मैंने उन्के बारे में कभी ऐसा गन्दा नहीं सोचा हे!

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ये सुनकर वो बोला कम ओन यार बी प्रेक्टिकल घर में हम 9 लड़कों और मेरी अम्मी के सिवा कोई नहीं हे और किसे चोदेंगे इस वक्त. तेरी अम्मी इतनी सेक्सी हे की तू भी उसे ननगा देखेगा तो तेरा भी लंड खड़ा हो जाएगा.

मेरे सभी दोस्त नशे में थे और जिद्द करने लगे. मैंने उन्हें बहुत समझाया की वो मेरी माँ हे और ऐसा करना गलत हे पर उन्होंने 1 भी नहीं सुनी और हार के मैंने उन्हें कहा, ठीक हे पर हम करेंगे क्या? उन्हें सेक्स के लिए रेडी कैसे करेंगे? इसपर मेरा एक दोस्त अरुण बोला मेरे पास एक प्लान हे चलो मेरे साथ.

हम सब अम्मी के कमरे में गए. वो टीवी देख रही थी और हमें देख कर चौंक गई. और उन्होंने बोला की क्या हुआ बेटा पार्टी खत्म हो गई क्या? मेरे दोस्त अरुण ने कहा नहीं आंटी पार्टी तो अभी शरु हुई हे और हम सब आप को भी पार्टी में इन्वोल्व करने के लिए आये हे. ये सुनकर अम्मी ने कहा अरे बेटा मैं क्या करुँगी तुम लोगों की पार्टी में.

अरुण बोला, आंटी एक खेलने की सोच रहे हे और हम चाहते हे की आप भी हमारे साथ में खेले.

कुछ देर तो अम्मी ने मन किया पर फिर वो मान गई. हम सब अम्मी को लेकर अपने कमरे में आ गए. औं सब को गेम के रूल्स समझाने लगा. उसने कहा की हम स्पिन बोतल खेलेंगे और जिसके ऊपर भी बोतल आकर रुकी उसे बाकि सब जो  वो करना होगा.

अम्मी भी तैयार हो गई और उन्हें हमारे इरादों का कोई पता नहीं था. लेकिन ब्रांडी की खाली बोतल देख के वो समझ ही गई थी की हम सब ने पी रखी थी. और उसके लिए अम्मी ने हम सब को डांटा भी.

मेरे दोस्त करन ने कहा की आंटी अब हम सब बड़े हो गए हे और इस उम्र में तो ये सब चलता हे. माँ कुछ कहने ही वाली थी की इस से पहले अरुण ने कहा, चलो यार गेम स्टार्ट करो अब.

हम सब एक सर्कल बन के बैठ गए और बोतल स्पिक की. बोतल अम्मी के ऊपर ही आके रुकी. हमारा यही तो प्लान था. अब अम्मी को वो करना था जो हम सब कहें. मेरा दोस्त रोहित बोला, आंटी अब आप को वो करना होगा जो हम सब आप को कहें.

अम्मी ने कहा, हां ठीक हे बोलो.

रोहित ने कहा, आंटी आप को ब्रांडी के दो ग्लास पिने होंगे.

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मेरी अम्मी ये सुनकर चौंक गई और मना करने लगी और कहने लगी मैं ये सब नहीं पीती हूँ.

अरुण ने कहा कम ओन आंटी गेम्स के रुल हे आप चीटिंग नहीं कर सकती हे. सिर्फ 2 ग्लास पिने हे वो भी छोटे छोटे ग्लास हे.

माँ ने बहुत कहा लेकिन उसकी एक नहीं चली. पहला ग्लास तो उसने बड़े धीरे से पिया और दूसरा ग्लास वो बोटम अप कर गई. अब हमने फिर बोतल स्पिन की और बोतल अतुल के सामने रुकी. सब ने अतुल को नाचने के लिए कहा और सोंग लगाया. अतुल ने एक मिनिट के लिए नाच लिया सब के सामने. फिर बोतल स्पिन की गई और फिर वो अम्मी के सामने ही रुकी. अरुण बोतल की स्पिन को ऐसे कंट्रोल कर रहा था की वो अम्मी के सामने ही रुके.

अम्मी ने कहा ओह हो अब क्या करना होगा मुझे!

मेरे दोस्त अज्जू ने बोला, आंटी आप को जो भी कहा जाए वो करना पड़ेगा आप को आप मना नहीं कर सकती हो.

अम्मी ने कहा, हां मुझे पता हे.

अज्जू ने अम्मी को कहा, आंटी आप अपने सब कपडे खोल के यहाँ बैठो!

अम्मी ये सुनके एकदम से चौंकी और गुस्से से उठ गई अपने कमरे में जाने लगी. हम सब भी उन्के पीछे दौड़े. मेरे दोस्त सोहेब ने पूछा क्या हुआ आंटी? अम्मी बोली, ये सब मजाक हे और मैं ऐसा गेम नहीं खेलूंगी तुम लोगों के साथ.

इसपर अरुण ने कहा, आंटी अब हम बड़े हो गए हे और ऐसे गेम्स अक्सर अपने दोस्तों के साथ खेलते हे.

अम्मी ने मेरी और घूरते हुए देखा और कहा, तू भी इन सब के साथ मिला हुआ हे ना!

मैंने कहा, अम्मी ये तो सिर्फ खेल हे. और खेल में तो सब चलता हे.

हम सब ने अम्मी को बहुत समझाया पर वो मान नहीं रही थी.पर हमने भी हार नहीं मानी. हमें पता था की ब्रांडी के नशे में वो थोड़ी देर एम हाँ जरुर कर देगी. हम सब उन्हें टच करने लगे और मनाने लगे. अरुण ने अम्मी के पैर पकड लिए और मलते हुए कहा आंटी आप के पैर दबाता हूँ प्लीज़ मान जाओ ना! हम सब की जिद्द को देख कर हार कर अम्मी मान गई और उसने कहा, मेरी एक शर्त हे लेकिन. हम सब ने कहा, क्या शर्त हे तो अम्मी ने कहा यहाँ आज जो भी हो वो तुम लोग किसी को भी नहीं बताओगे. हम सब अम्मी का हाथ पकड के उन्हें कमरे में ले गए.

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