मुस्लिम घर मे एक साथ तीन चुदाई

muslim chudai kahani ham teen मेरे निकाह को अब कोई एक महिना बीत चूका था. मेरा पति अब्दुल दिन मे तीन तीन बार मेरी चुदाई कर देता था. मेरे अन्दर भी लंड की भूख बहुत बढ़ गयी थी. मेरे हाथ अब अब्दुल के लंड से दूर नहीं रह पाते. हम जब भी अकेले होते तो मैं उसका लंड अपनी मुठी मे ले लेती और उसके सुपारे को दबा दबा कर मज़े लेती. अब्दुल भी मेरे हुस्न का दीवाना बन गया था. वो अक्सर मुझे किचिन में ही पीछे से आ कर दबोच लेता और मेरी चुचिओं को दबा देता. मैं उसके लंड को जोर से पकड़ लेती तो एक बार वो बोला? हमी, साली तू बड़ी छिनाल हो गयी है, तेरा कभी लंड लेने से मन नहीं ऊब जाता, हर वक़्त मेरे लंड की प्यासी रहती है मेरी चुदास बीवी, कभी तो दिल करता है के यहीं रसोई में ही चोद दूं, पैर डर लगता है कही फटी न आ जाये, चल मेरे लंड को चूस डाल जल्दी से.? मैंने उसके लंड को पजामे से निकाल कर अपने होंठ रख दिए और उसकी सांसें तेज़ हो गयी. मैं उसके अंडकोष को सहला रही थी और ५ मिनट्स मे ही वो झड़ने वाला हो गया. तभी फटी के आने की आवाज़ सुनाई दी और मैंने जल्दी से लंड मुहं से निकाल दिया और अब्दुल का लंड वापिस पजामे मे डाल दिया.अब्दुल किचिन से बाहर चला गया.

फातिमा मेरे पास आई और मुझे आलिंगन मे लेने के बाद मेरी चूची दबाते हुए बोली? क्या माजरा है भाभिजान, भाई जान के साथ मज़े किये जा रहें है और वो भी रसोई मे, साली मेरा ख्याल कौन रखे गा, बहनचोद, अपनी पुरानी यार फटी को भूल गयी क्या, चल भाई के जाने के बाद हम अपना खेल खेलते हैं, मेरी तो चूत में खुजली हो रही है, मुझे पहले पता होता तो तेरा निकाह कभी भाईजान से न करवाती, मैंने तो सोचा था की मेरी यार सदा के लिए मेरे घर मे आ जाएगी, मुझे के पता था की भाई तुझे अपने लिए ही पूरी तरह से रख लेगा, साली तू है ही इतनी सेक्सी की हम भाई बहन दोनों का दिल तुझ पर आ गया है.? मैंने कहा, ठीक है. मेरा और फटी का सम्बन्ध मेरे निकाह के बाद कुछ धीमा हो गया था किओंके अब्दुल मुझे छोड़ता ही नहीं था. मैंने फटी से कहा? यार अब तेरी शादी भी कर देनी चाहिए, कोई है तेरी नज़र मे ताकि तू भी लंड के मज़े ले सके, मेरी जान लंड का भी अलग ही मज़ा होता है, मुझे तेरे साथ बहुत मज़ा आता है पर अब्दुल केसाथ भी मज़ा आता है, चल आज मैं थोड़ी देर बाद तेरे कमरे मे आती हूँ और तेरी चूत की गर्मी निक्कालती हूँ,?

अब्दुल के जाने के बाद मैं और फटी ने जम कर अपनी लेस्बियन चुदाई करी और फटी की चूत पानी छोड़ चुकी थी और मेरी उंगलियाँ अभी उसकी चूत के अन्दर ही थी और मेरे होंठ उसके रसीले होंठो पर थे. वो पूरी तरह निढाल हो चुकी थी तो मैंने उससे पूछा,? मेरी जान अब बतायो क्या ख्याल है निकाह के बारे मे, तू कहे तो जल्द ही तेरे लिए लंड का इंतजाम कर दूं.?? वो सीरियस हो गयी और बोली? हां, मैं निकाह नहीं कर सकती, मुझे लंड से बहुत डर लगता है, असल मे जब मैं दस बरस की थी तो मेरे टीचर ने, जो के कोई ३० साल का था, ज़बरदस्ती चुदाई कर डाली थी, मैं रोती रही, लेकिन उसने मेरा रेप करदिया और मुझे बहुत दर्द हुआ, मेरी चूत फट गयी, बहुत खून निकला और मैं बहुत रोई, उस दिन के बाद मुझे लंड के भयानक सपने आते रहे, अब भी आते हैं और अपनी इज्ज़त की खातिर मैंने किस्सी को नहीं बताया. ये है मेरी कहानी, मेरी जान मैं तो सादी ज़िन्दगी तेरे साथ ही बिताना चाहती हूँ? मैं सुन कर परेशान हो गयी और फिर मेरे मन मे फटी के इलाज का एक प्लान बना.

उस रात को जब अब्दुल घर आया तो मैंने उससे फटी की शादी की प्रॉब्लम के बारे बताया. वो भी गंभीर हो गया और बोला ? अब हमें क्या करना चाहिए.?? मैंने सुझाव दिया? सब से पहले हमें फटी के दिल से लंड का डर निकालना होगा, और ये एहसास दिलाना होगा की लंड और चूत एक दूजे को मज़ा देने के लिए बने है, फिर वो अपने आप ही लंड की दीवानी हो जाएगी, किओं कैसा लगा मेरा प्लान?? वो बोला?प्लान तो ठीक है पर ये सब होगा कैसे?? ?वो तुम मुझ पर छोड़ दो मेरी जान, बस जैसे मैं कहती हूँ, करते जाओ? मैं बोली और वो मान गया.

अगले दिन सन्डे था और मैंने अब्दुल के साथ चुदाई का प्रोग्राम दोपहर को बनाया. हमारा कमरा फटी के कमरे की बगल मे था. हम सब ने बाथ लिया, और मैंने सुझाव दिया, ? किओ न एक एक बीअर हो जाये, ? सभी को सुझाव अच्छा लगा और हम अपने अपने ग्लास ले कर कमरे में बैठ गए. हम बीअर पीने की आदत में नहीं थे इस लिए हमें सरुर चढ़ना लगा और अब्दुल गरम होने लगा, और उसका लंड पजामे के अंदर सर उठाने लगा. मैंने जन बुझ कर अपनी चूची को आधे से ज़यादा नंगा कर दिया और फटी के साथ गंदे मजाक करने लगी और एक दो बार तो मैने उसके चुतर पर करारी चपत मारी और वो कराह उठी,? साली ये किओं मारा मुझे?? मैं हंस दी और कहा, ? तू मेरी सहेली भी है और ननद भी, और मेरी गर्लफ्रेंड भी, मैं जो चाहूं करूँ मेरी जान? अब्दुल का हाल बुरा हो रहा था. हमारा सेक्सी खेल उसकी आँख से बचा नहीं था बल्कि उससे उतेजित कर रहा था.

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उसने मुझ को इशारा किया के कमरे मे चलो. मैंने उससे धीरे से कहा तुम अन्दर जाओ मैं फटी को उसके कमरे मे छोड़ कर आती हूँ,? और मैंने उसका लंड जोर से दबा दिया. उसकी आह निकल गयी और वो अपने कमरे मे चला गया.

मैंने फटी की चुचियो को जोर से भींच दिया और किस करने लगी जिस कारन वो बुरी तरह से चुदास हो उठी, ? अब कहाँ चली मेरी जान आग तो भरका दी है तुने, इससे बुझाये गा कौन, साली कुटिया, मेरी चूत ठंडी कर के जाना मेरे भाई के पास उसके लंड
मैने जान बुझ कर उसे गरम किया था मैने उससे कहा ओ मेरी चुदासी ननद मैं तो लंड से मज़े लेने चली, तू देख लेना के लंड कोई भयानक या नुकसान करने वाली चीज़ नहीं बल्कि मज़े करने वाली चीज़ है जो के औरत को स्वर्ग दर्शन करवा देती है, आज अपने भाई के लंड के कमाल देख और मज़े ले, तुझे मज़े दिल वाउन्गि मेरी जान, तू बस इशारा कर देना, मुझे तेरी चूत आग मे जलती महसूस हो रही है, मैं दरवाज़ा खुला छोर कर अन्दर जा रही हूँ, तू हमारा चुदाई का खेल देखना और अगर दिल करे तो हमें ज्वाइन कर लेना, मेरी बात अब्दुल से हो चुकी है?

मैं जान बुझ कर अपने कुल्हे मटकती हुई अपने कमरे की तरफ बढ़ी. फटी की कामुक नज़रें मेरे हिलते हुए चूतरो का पीछा कर रहीं थी. जैसे ही मैं कमरे मे गयी अब्दुल ने मुझे दबोच लिया. वो पहले ही कपड़े उतार चूका था. हम नशे मे भी थे. मैंने जान बुझ कर करे को लॉक नहीं किया और थोड़ा सा खुला रखा था. मैं चाहती थी की फटी गरम हो जाये, इस्सी लिए मैंने उससे बीअर पिलाई और छेड़ छाड़ कर चुदास कर दिया था, और अब आग को और भी भरकाने के लिए अपनी चुदाई के दर्शन करवाने वाली थी ता की उसकी मे आग इस कदर भरक जाये के वो खुद ही लंड मांगने लगे. मैंने अब्दुल का लंड पकड़ लिया और मुठियाने लगी. अब्दुल मेरे कपड़े उतारने लगा. मैंने चोरी से देखा की फटी हमारे कमरे की तरफ बढ़ रही थी उसके कदम नशे और वासना के कारन डगमगा रहे थे. उसका हाथ उसकी जांघों के बीच उसकी चूत को मसल रहा था.

?अब्दुल मेरे यार, मुझे अपने लंड को चूसने दो मेरे यार, मैं तेरे लंड की प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझा दो, मेरे जिस्म मे एक आग लगी है उससे शांत करदो, मेरे मालिक, मेरी चूची को मसल डालो, चूस डालो, मेरी चूत को ठंडा कर डालो मेरी जान, आज लंड के जलवे दिखा दो सभी को? उस वक्त तक फटी दरवाज़े पर खड़ी थी, उसकी सलवार ज़मीन पर गिरी पड़ी थी और उसकी उंगलियाँ उसकी चूत पैर रेंग रही थी. वो पूरी तरह काम की आग मे जल रही थी. अब्दुल भी हवास की आग में जल रहा था? आजा मेरे पास मैं एक मिनट भी नहीं रुक सकता रानी, जल्दी से मेरा लंड चूस डालो मेरी जान,? मैने कहा? कोई और भी इस लंड के लिए तरस रहा है अब्दुल, और उसे इसकी ज़रूरत मुझ से भी ज़यादा है, और वो है मेरी लेस्बियन पार्टनर और तेरी प्यारी बहिन फटी, जो इस टाइम पर वासना की आग में जल रही है, उसकी प्यास पहले बुझा दो मेरे मालिक, अपनी बहन को सुख देना तेरा पहला फ़र्ज़ है, मेरे मालिक, फटी शर्मो मत, अन्दर आ जाओ और पूरे कपड़े उतार डालो, देखो अपने भाई का लंड, कैसे सर उठा कर तेरी चूत का इंतजार कर रहा है, अब्दुल, तुम भी आराम से चोदना अपनी बहन को ताकि उससे दर्द बिलकुल न हो, वो मज़े से चुदवा सके और लंड से नफरत के बजाये प्यार करने लगे, आयो मेरी फटी आ जाओ? मैंने उससे इनविटे किया और वो शर्माते हुए कपड़े उतारने लगी.

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अब्दुल अपनी बहन को नंगा देख कर दूसरी तरफ मुहं करने लगा, और बोला? हमी, तुम क्या कह रही हो, फटी मेरी बहिन है, हमारे बीच यह सब नहीं हो सकता, मैं अपनी बहन को नहीं चोद सकता, तुम समझती किओं नहीं हो, यह पाप है? मैं कहाँ हार मानने वाली थी? वो बहनचोद टीचर इसे चोद सकता था, इसकी चूत फाड़ सकता था, इसे सारी ज़िन्दगी के लिए मानसिक तौर पर बीमार कर सकता था, लेकिन वो पाप नहीं था, अब अगर तुम अपनी बहन को प्यार से चोद कर इसे आनंद दे कर, चोद कर इसकी आग बुझा दो, इसे लंड को प्यार करना सिखला दो तो क्या यह पाप होगा, मज़ा देना कभी पाप नहीं होता अब्दुल, अपनी बहिन की चूत को अपने लंड के साथ फूल की तरह खिला दो, देखो आज उसकी चूत भी लंड की पुकार कर रही है मेरे राजा, आज तुम इसकी चूत के मालिक बन जाओ मेरे राजा, पेल डालो इसमें अपना लंड, मिटा दो इसकी प्यास? दोनों भाई बहन मुझे हैरत से देखने लगे, और अब्दुल ने लम्बी सांस खीच कर मेरी तरफ देखा, फिर फटी की तरफ और फिर फटी को अपनी तरफ खीच लिया और अपने आलिंगन मे भर लिया, उसका लंड फटी के पेट से टकरा रहा था, फटी कसमसा रही थी, ?भाईजान आपका लंड तो टीचर से भी बड़ा और मोटा है.

मुझे डर लग रहा है, भाई जान,? फटी डरते हुए बोली. मैंने मामला अपने हाथ में लेते हुए कहा? फटी, मेरी जान मैं तुझे कोई दर्द नहीं होने दूँगी, तेरा भाई तुझे बड़े प्यार से चोदेगा, तुझे पता भी नहीं चलेगा की कब तेरे भाई का लंड तेरी चूत में चला जायेगा, मेरी रानी बहन, ला मैं तेरी चूत चाट कर और भी गरम कर डालूं, आ जा मेरी प्यारी बहन? मैंने उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल दी और चूसने लगी, फटी भी गरम हो कर अब्दुल के लंड को हाथ मे ले कर खेलने लगी, चूमने लगी, ? भाई यह तो इतना स्वाद है, मैं तो अंजान बनी रही, देखो कितना बड़ा हो गया है आपका लंड, हाँ भाबी चाटो मेरी चूत को, भाई मेरी चूची को मसल दो मैं बहुत चुदास हो चुकी हूँ, भाई, चोद डालो मुझे अपनी बीवी की तरह, अपनी बीवी के सामने चोद डालो मुझे भाईजान.

अब्दुल, जो के फटी की चूची चूस रहा था बेकाबू हो गया और अपनी बहन को पलंग पर लिटा दिया, और मुझ से बोला? रानी आज मुझे अपनी बहन की चूत मारने के लिए तुम ने ही कहा था कल को मुझे बुरा नहीं कहना, तेरे कहने पर ही मैं बहनचोद बन रहा हूँ, ओह मुझे माफ़ कर देना, हमी इसकी टाँगें चौरी कर दो और चूत पर मेरा लंड रख दो इस्सकी चूत तो आग की तरह दाहक रही है, ले मेरी बहन ले लो मेरा लंड अपनी चूत में? मैंने अब्दुल से कहा? धीरे धीरे प्यार से, इस्सकी चूत पूरी तरह से तैयार है मगर तुम आराम से चोदना अपनी बहन को, होले होले घुसाओ अपना लंड, किओं फटी अन्दर जा रहा है, अब तुम आराम से अपने चुतर उठाओ मेरी बहन, देखो कितने प्यार से चोद रहा है तेरा भाई मज़ा आ रहा है के नहीं मेरी जान? फटी अब आनंद मे डूब रही थी,? हाँ भाबी जान, मैं तो जन्नत मे पहुँच गयी भाबी, बहुत मज़ा आ रहा है, भाई पेल दो पूरा लंड मेरी चूत में, तेरा लंड बहुत ही बड़ा है.

भाई, मुझे घर मे ही सारी खुशियाँ मिल गयी, एस्सा भाई और भाबी इस दुनिया मे किस्सी को नहीं मिल सकते, भाई जान आज से हम तीन सदा ही इकठे रहेंगे, तुम हम और मेरा शौहर बन कर हमेज़िन्दगी भर चोदना और हम तेरी बीबियाँ बन के सारी उम्र तेरी सेवा करेंगी, ये मेरा वादा है, अब चोद डालो मेरे भाई मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा है, तेरा लंड मेरा हो गया है और मेरी चूत तेरी और भाबी की हो गयी मेरे भाई? अब्दुल जोर से धक्के लगा रहा था जैसे की पागल हो गया हो? हाँ मेरी बहन, चुदवा ले अपने भाई से, ले लो मेरा लंड मैं और देर तक नहीं रुक सकूँगा, मैं झड़ने वाला हूँ, मेरा पानी तेरी चूत में गिरने वाला है मेरी प्यारी बहन, मैं झड रहा हूँ? फटी भी झड़ने वाली थी? ओह्ह्ह भाई मैं भी झड रही हूँ, चोद डालो मुझे, जोर से मेरे भाई, मैं गाआअयीई, ? वो दोनों झड गए और मैंने चाट चाट कर अब्दुल का लंड और फटी की चूत साफ़ कर डाली. उस दिन से हम तीनो चुदाई के मज़े ले रहे हैं और मैं और फटी बिविओं की तरह अब्दुल के साथ रह रही हैं.
तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताना



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