मम्मी सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट शुरू करते है-
मम्मी ने जब बताया की वो जगदीश अंकल से चूड़ी थी, तो मुझे बहुत गुस्सा आ गया. मैने मम्मी को प्रॉमिस किया था की मैं गुस्सा नही होऊँगा. लेकिन मैं गुस्से पर काबू नही कर सका. मम्मी से बहस हो गयी और उन्होने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मार दिया. मैं वहाँ चुप-छाप खड़ा रहा. लेकिन मेरे अंदर जगदीश अंकल के लिए बहुत गुस्सा था. मम्मी ने रोते हुए अपने कपड़े पहने और मेरी रूम से निकल गयी.
मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा था क्या करू. मैं शवर लेकर बाहर घूमने चला गया. रात को मैं बहुत लाते आया. मम्मी मेरा वेट कर रही थी. मम्मी ने मुझे खाने के लिए पूछा तो मैने कह दिया की मुझे भूख नही थी. मैं बिना खाए सो गया. उसके बाद मैं रेग्युलर रुटीन में मेरा काम करने लगा. मम्मी मेरे से बात करने की कोशिश करती, पर मैं उनके सामने नही जेया रहा था. ऐसे ही 2 दिन निकल गये.
मम्मी उदास रहने लगी. वो घर पर अकेली होती, तो वो बात याद करके रोटी रहती थी. उन्होने एक दिन खाना नही खाया. मुझे पता चला तो मैं उनको बुलाने गया. मैं उनके कमरे में गया, तब वो मेरे से नज़रें भी नही मिला रही थी.
मैं: मम्मी आप ऐसा क्यूँ कर रहे हो? खाना तो खा लो.
मम्मी: तुम जाओ यहाँ से. मुझे तुमसे अब कोई बात नही करनी.
मैं (मम्मी का हाथ पकड़ कर): मैने कहा था ना मैं ज़िद्दी हू. आप मुझे संभाल लेना.
मम्मी ने मुझे हग कर दिया. फिर वो फुट-फुट कर रोने लगी. मैने उनको रोने दिया. रोने से उनके अंदर जो दुख था, वो कम होता. मैने मम्मी की पीठ को सहलाते हुए उनको शांत किया.
मैं: मुझे माफ़ कर देना मम्मी. मैं उस दिन कुछ ज़्यादा बोल गया था.
मम्मी: बेटा उसमे तेरी कोई ग़लती नही है. तुमने सब के साथ का से लिया, पर जगदीश के साथ नही से पाया. मैं जानती हू तुझे वो बिल्कुल पसंद नही है. मुझे माफ़ कर दे बेटा. आज के बाद मैं उनसे बात भी नही करूँगी.
मैं: मम्मी, आपका मॅन करे तो उससे रीलेशन रखो. मुझे कोई प्राब्लम नही है. वो आपकी लाइफ है और आपकी चाय्स है.
मम्मी (मेरे गाल पर हाथ रख कर): अभी तुम ऐसा क्यूँ बोल रहे हो? मुझसे नाराज़ हो? मैने कहा ना, अब उनसे बात भी नही करूँगी.
मैं (मम्मी का हाथ पकड़ कर): मैं आपसे नाराज़ नही हू. मैं सच कह रहा हू. मैने बहुत सोचा, पहले तो मुझे आप दोनो पर बहुत गुस्सा आया. लेकिन आप ग़लत नही हो. मेरी जगदीश अंकल से पर्सनल दुश्मनी है. आप मेरी वजह से अपना रिलेशन्षिप खराब मत करना. मैं आप दोनो के बीच में नही पड़ूँगा.
मम्मी: बेटा लेकिन तुझे वो पसंद नही है, तो मैं उनसे क्यूँ रिश्ता रखू?
मैं: आपको उनके साथ रिश्ता रखना की नही रखना, वो आपकी चाय्स है. मेरी वजह से उनसे रिश्ता तोड़ रहे हो, तो मत तोड़ना. उनकी वजह से आपका और मेरा प्यार कम नही होगा.
मम्मी मेरी आँखों में देख रही थी. उनकी आँखों से आँसू टपका जो मैने पोंछ दिया.
मैं: ई लोवे योउ मुम्मा.
मम्मी मेरे लिप्स के उपर लिप्स रख कर किस करने लगी. हम दोनो एक-दूसरे को कस्स कर गले लगा कर किस कर रहे थे. वो हमारी किस हमारे दोनो के बीच में अनकंडीशनल प्यार को बयान कर रही थी. मम्मी मुझे किस करते हुए रो रही थी. वो किस नही पर एक-दूसरे के लिए रियल एमोशन्स थे. उस दिन मैने और मम्मी ने एक प्लेट में खाना खाया. हम एक-दूसरे को अपने हाथो से खिला रहे थे.
उसके 3-4 दिन बाद मम्मी का बर्तडे था. मैं मम्मी को सर्प्राइज़ देना चाहता था. उस दिन मम्मी मॉर्निंग से बेचैन थी. मैने उनको बर्तडे विश नही किया था. मम्मी मुझे रिमाइंड करवा रही थी आज कुछ है. पर मैं उनको बर्तडे विश नही कर रहा था. मैने सब को एक रेस्टोरेंट में इन्वाइट कर दिया था, और पापा और भाई ने भी उनके क्लोज़ फ्रेंड बुला लिए थे. कुछ 30-35 लोग मिल कर मम्मी का बर्तडे सेलेब्रेट करने वाले थे.
पापा ने मम्मी को कहा: आज शाम को हम सब को पार्टी में जाना है.
मम्मी शाम को रेडी हो कर आई तो हम सब उनको देखते रह गये. उन्होने ब्लॅक सारी और रेड ब्लाउस पहना था. उनकी सारी सेमी ट्रॅन्स्परेंट थी. क्या ग़ज़ब की मिलफ लग रही थी. आज तो पापा ने भी मम्मी की तारीफ कर डाली. मैने पूरा सेटप करके रखा था. हम जब रेस्टोरेंट में गये, तब सब गेस्ट एक साथ मम्मी को हॅपी बर्तडे बोले. इवेंट वाले ने बहुत आचे से डेकरेट किया था, और फिरे वर्क भी सही से हुए था.
मैने मम्मी को हॅपी बर्तडे कहा, और पापा ने उनको कहा की ये सब कुछ प्लॅनिंग अभी ने किया है. मम्मी तोड़ा एमोशनल हो गयी.
मुझे नही पता था की पापा ने जगदीश अंकल को भी इन्वाइट किया था. मैं आपको बता देता हू की जगदीश अंकल कुछ 6-7 महीनो से ऑस्ट्रेलिया गये थे. जब जगदीश अंकल ने मम्मी को देखा, तो उनके होश उडद गये. क्यूंकी इन 6-7 महीनो में मम्मी में बहुत चेंज आ गया था. मम्मी सेक्सी पटाखा बन गयी थी.
मम्मी जगदीश अंकल को देख कर तोड़ा नर्वस हो गयी, क्यूंकी उनको दर्र था की कहीं मैं फिर से उनसे नाराज़ ना हो जौ. लेकिन मैने आँखों से उनको इशारा कर दिया की मुझे कोई प्राब्लम नही थी. मम्मी ने मुझे आँखों से ही थॅंक्स कहा. लेकिन मैने नोटीस किया की मम्मी जगदीश अंकल को इतना भाव नही दे रही थी. लेकिन जगदीश अंकल उनके पीछे लट्तू बन कर घूम रहे थे. हमने बहुत आचे से पार्टी का मज़ा लिया, और मम्मी भी बहुत खुश नज़र आ रही थी.
नेक्स्ट दे सब के जाने के बाद मैं और मम्मी बातें कर रहे थे. मम्मी उस दिन बहुत खुश लग रही थी. उन्होने ऑरेंज सारी पहनी थी, और वो बेहद खूबसूरत लग रही थी. मम्मी जब से मेरे साथ सेक्स कर रही थी, उसका निखार बढ़ गया था. वो अपनी हर एक चीज़ का ध्यान रखने लगी थी. उनके नाइल से लेकर आक्सेसरीस सब कुछ मॅचिंग रखती थी. मम्मी ने प्लैइन कॉटन ऑरेंज सारी और ब्लाउस पहना था. वो मेरे साथ टीवी देख रखी थी.
मम्मी: थॅंक योउ सो मच बेटा, मेरा बर्तडे इतना स्पेशल बनाने के लिए. बोल तुझे कैसे खुश करू?
मैं: मम्मी मैं आपसे बहुत खुश हू. मुझे किसी चीज़ की ज़रूरत नही है. आपसे जो प्यार मिल रहा है, वो मेरे लिए बहुत है.
मम्मी: श मेरा बच्चा, कितना अछा है तू. लेकिन बेटा मुझे तेरे लिए कुछ करना है. बोल ना क्या करू?
मैं: मम्मी ऐसा है तो मैं जब उसका टाइम आएगा तब बता दूँगा. और आप भी मुझे प्रॉमिस करो की जो कुछ बोलू उसके लिए आप माना नही करोगे.
मम्मी (मुझे गले लगा कर): प्रॉमिस बेटा, जब तुम मुझसे कुछ मांगोगे, तब मैं तुझे माना नही करूँगी.
मैं: मम्मी चलो ना बर्तडे सेलेब्रेट करते है.
मम्मी: कल इतनी शानदार पार्टी तो अरेंज कर दी. अब कैसा बर्तडे बाकी रहा है?
मैं: मम्मी वो तो सब के लिए था. हमारा प्राइवेट सेलेब्रेशन बाकी है.
मम्मी: श, तो अब तुझे प्राइवेट में सेलेब्रेशन करना है. आजा तुझे रिटर्न गिफ्ट देती हू.
मम्मी मुझे पकड़ कर किस करने लगी. मैं भी उनको पागल की तरह किस कर रहा था. उन्होने मेरे कपड़े उतार दिए, और खुद खड़ी हो कर अपनी सारी और ब्लाउस उतार दिए. मम्मी अब मेरे सामने बहुत ही सेक्सी ऑरेंज ब्रा-पनटी में खड़ी थी.
मैं: क्या बात है मुम्मा, आज-कल आप सब कुछ मॅचिंग कर रहे हो?
मम्मी: शौंक तो पहले से थे, पर कोई ठीक से देखने वाला नही था. अब तुम हो तो सब कर रही हू. और तुम मेरे पीछे इतना खर्चा भी कर रहे हो.
मैं (उनका हाथ पकड़ कर गोदी में बिता देता हू): मुम्मा मैं आपसे बहुत प्यार करता हू. आपको हमेशा खुश देखना चाहता हू. एक बात कहनी है आपसे.
मम्मी (मेरे लिप्स पर किस करके): बोल ना अभी.
मैं: मैं चाहता हू की आपको जिन्होने इतने साल संभाला है, आप उनको धोखा ना दो तो अछा है. आप जगदीश अंकल से रीलेशन भी रख सकती है, और आप चाहो तो आप दोनो सेक्स भी कर सकते हो.
मम्मी (तोड़ा सोच कर): तुम सच कह रहे हो बेटा? या मैं क्या सोच रही हू, वो जानने की कोशिश कर रहे हो?
मैं: मम्मी मैं सच कह रहा हू. मैने बहुत सोचा, उसके बाद ये डिसिशन लिया है. आप भी उनको पसंद कर रहे हो ना.
मम्मी: हा बेटा जगदीश ने मुझे हर चीज़ में मदद की है. मैं बहुत परेशन थी की आप दोनो के झगड़े में मैं फ़ासस चुकी थी. लेकिन तुमने मेरी परेशानी हाल कर दी. काल रात उनका मेसेज आया था. वो मेरी बहुत तारीफ कर रहे थे. पागल बन गये है वो मुझे देख कर.
मैं: तो कब मिल रहे हो उनसे?
मम्मी (शर्मा कर): तुझे थोड़ी बतौँगी.
मैं: हा वो तो है. आप पर मेरा हमेशा ध्यान रहता था. आप कब उनसे मिल लेते थे, और चुदाई भी कहा करते थे?
मम्मी: वो तो हमारे बीच का सीक्रेट है. बेटा तेरी मम्मी ना बहुत होसियार है. ऐसे ही इतने साल मज़ा नही किया. तुम्हे लगता था मैं इतनी बड़ी चालू होंगी?
मैं: नही मुम्मा. आप तो मुझे बहुत धार्मिक और संस्कारी लगते थे. लेकिन पहली बार आपसे सेक्स किया तभी समझ गया था की आपने बहुत के साथ किया है.
मम्मी: तेरी चुदाई देख कर मैं भी समझ गयी थी, की तुम भी पक्के खिलाड़ी हो. बेटा तुम बहुत मस्त सेक्स करते हो.
मैं: आपको अभी तक सबसे ज़्यादा मज़ा किसके साथ आया?
मम्मी: तेरे अमित मौसा से. उनका लंड बहुत बड़ा है. तो वो मुझे हर एक पोज़िशन में छोड़ लेते थे. वो मुझे रात भर छोड़ते थे. उनसे चूड़ने के लिए मैं हमेशा तैयार हो जाती थी.
मैं: तो आपका अब उनसे चूड़ने का मॅन नही करता?
मम्मी (शर्मा कर): करता तो है बेटा. 5-6 साल हो गये, और अब वो दोनो यूयेसे सेट्ल हो गये.
मैं: आपके बारे में जगदीश अंकल को सब कुछ पता होगा ना?
मम्मी: नही बेटा. वो मेरी सकचाई जान गये तो परेशानी होगी. जगदीश तो मेरी हर काम में हेल्प करते थे. इसीलिए उनको छोड़ने देती थी. तेरे पापा ठीक से करते नही थे, और वो मेरी चुदाई ठीक-तक कर लेते थे. मेरा काम होता रहता था.
मैं: आप दोनो का चक्कर कैसे चला?
मम्मी: तुझे पता तो है वो तेरे पापा के आचे दोस्त है. और शादी के बाद भी एक-दूसरे के घर आना-जाना रहता था. हम सब साथ में घूमने भी जाते थे. धीरे-धीरे हम एक-दूसरे को पसंद करने लगे. एक दिन उन्होने मुझे हिम्मत करके पकड़ लिया. मैं भी यही चाहती थी तो मैं थोड़े नखरे करने के बाद मान गयी. अब मुझे पता था की जगदीश के साथ मेरा रीलेशन सेफ रहेगा.
मैं: आप जगदीश अंकल को सब मज़ा दिया होगा ना?
मम्मी (नॉटी स्माइल के साथ): बहुत. उन्हे अपनी बीवी से ज़्यादा मज़ा मेरे साथ आता है. तुझे पता है नीलम (जगदीश अंकल की वाइफ) का चक्कर किसके साथ है?
मैं (शॉकिंग फेस): क्या उनका भी! क्या बात कर रहे हो? किसके साथ?
मम्मी: भास्कर के साथ.
मैं: क्या भास्कर अंकल?
मम्मी: हा.
मैं (शॉकिंग फेस): वो तो कितने मोटे और काले है. और नीलम आंटी कितनी अची दिखती है. (नीलम आंटी भी मम्मी जितनी तो नही, पर वो भी बेहद खूबसूरत औरत है और दूध जैसी गोरी है). मम्मी उन्होने भास्कर अंकल में ऐसा क्या देखा की उनसे छुड़वाने लगी?
मम्मी: नीलम के एक्सट्रा खर्चे कितने है तुझे क्या पता. जगदीश मेरे पीछे लगे रहे, और वहाँ नीलम को भास्कर छोड़ रहा था (ये बात जान कर मुझे इतना मज़ा आया की पूछो मत).
मैं: तो जगदीश अंकल को पता नही चला कभी?
मम्मी: जैसे तुम सब को मेरा नही पता चला, ऐसा उनको नही पता.
मैं: मम्मी लेकिन आपको कैसे पता चला की उन दोनो का चल रहा था?
मम्मी: मुझे सुजाता ने बताया (सुजाता आंटी के पति और भास्कर अंकल बहुत आचे दोस्त है), और मैं किसी का यकीन ना करू पर उससे पहले मुझे नीलम पर सक था. क्यूंकी नीलम और भास्कर अक्सर साथ होते तो बहुत देर तक अकेले में बातें करते रहते थे. नीलम के पीछे वो बहुत खर्चा करते थे.
मम्मी: भास्कर ऑस्ट्रेलिया गये तब उन्होने जगदीश और नीलम को वहाँ बुला लिया. और तुम्हे पता तो है पहले 2 साल नीलम अकेली रही. उसके बाद तो जगदीश का नंबर लगा. और जगदीश को मज़ा आ गया था नीलम के जाने के बाद. उनको मेरे साथ जब मॅन करता तब कर सकता था, और वहाँ भास्कर नीलम के मज़े ले रहे थे.
मैं: मम्मी आपकी बातों से मैं पागल हो रहा हू. मेरा अब आपको छोड़ने का मॅन कर रहा है.
मम्मी मेरे सामने देख कर बहुत ही कातिल नज़र से देख रही थी. दोस्तों आयेज क्या हुआ आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा.