मेरी मम्मी और मौलाना की सुहागरात

मई मौलाना जी से शादी के बारे मे बात करने गया. उसके आयेज क्या हुआ जानते है.

मे: मौलाना जी, आपका और मम्मी का रिश्ता सही जेया रहा है. बस अब आप शादी की बात करे मम्मी से. ऐसे बिना शादी के मुझे ठीक नही लग रहा, कब तक ऐसे ही चलेगा.

मौलाना: मई तो राज़ी हू शादी के लिए, अब आरती से बात करनी होगी. करता हू इस्पे बात.

फिर मौलाना दूसरे दिन, मुझे मम्मी से की बाते कहने लगे.

मौलाना(मुझसे): बेटा मैने आरती से कहा-

मौलाना(मम्मी से): अब हम शादी कर लेते है.

तो उसने कहा(मम्मी मौलाना से): मई भी आपसे शादी करना चाहती हू, मगर अभी नही. अभी कुछ महीनो बाद, अमित के 12त का एग्ज़ॅम होगा और मई नही चाहती, अभी कुछ प्राब्लम हो. इससे उसकी पढ़ाई मे असर पड़ेगा. तो रुक जाते है एग्ज़ॅम तक. उसके बाद अपने पति से तलाक़ लेके आपसे शादी कर लूँगी.

मे: वाह, मम्मी मेरे लिए इतना सोचती है. ये बात सही है. अभी मुझे पढ़ाई करनी चाहिए. एग्ज़ॅम के बाद मम्मी पापा को एक शॉक देगी. तो सही है, आप लोग एंजाय करो अभी.

फिर मेरे एग्ज़ॅम का समय आया और ख़तम भी हो गये, मे 2019 मे. उसके बाद मम्मी ने घर मे बवाल किया और पापा से बात की तलाक़ की. पापा ने कहा-

पापा: क्यू लेना है तलाक़.

तो मम्मी ने कहा: आप मुझे हरास करते है. मेरी सब खुशी ले ली.

मम्मी ने मुझे भी पापा को झूट मे फसाने को कहा. मुआलना ने मम्मी के लिए एक अछा लॉयर लिया. पहले पापा को मम्मी और मौलाना के रिश्ते का नही पता था. उन्हे समझ नही आ रहा था, की मम्मी तलाक़ क्यू माँग रही थी. फिर कोर्ट केस 5 मंत्स चला और फाइनली मम्मी का लॉयर जीत गया.

लॉयर ने पापा पर हॅरसमेंट का चार्ज किया और मेंटल टॉर्चर मे भी कोर्ट मे झूट कह दिया, की मम्मी को पापा मारते थे. तो पापा मम्मी का लीगली डाइवोर्स हो गया. पापा सदमे मे थे और उन्हे एक और सदमा लगा जब मम्मी और मौलाना को किस करते देखा.

पापा: अछा, तो ये खेल है. इसीलिए डाइवोर्स लिया. वाह रे रंडी औरत. शरम कर, किसी दूसरे मर्द से रंडी-बाज़ी कर रही है और तू मादरचोड़ मौलाना, शरम नही आती? मौलाना बनता है, नमाज़ पढ़ता है और दूसरे की बीवी के साथ रंडी-बाज़ी करता है.

मौलाना: चुप कर मादरचोड़, यही पटक के पेल दूँगा. जानता नही मुझे तू. मिनिस्टर्स और पोलीस से पहचान है मेरी. मादरचोड़ तू अपनी बीवी को खुश नही रखेगा, तो वो दूसरे के पास तो जाएगी ही. लंड मे दूं नही और बीवी छोड़ने चला है.

मौलाना: पहले भी मादरचोड़ तूने अपनी बेटी पूजा पर ज़ुल्म किए और अब मेरी जान आरती पर. चला जा रंडी की औलाद यहा से. तुम लोग औरत पर पाबंदी लगाते हो. औरत अब अपनी मर्ज़ी से जिएगी. इसके साथ रहना है रहेगी. चल निकल यहा से. हमारे प्यार के बीच मत आना, वरना मा छोड़ दूँगा तेरी. जानता नही है मुझे तू अभी.

तभी मौलाना पापा के सामने मम्मी को किस कर देते है. मम्मी भी किस का साथ देती है और एक-दूसरे को जाम के चूस्टे है. किस के बाद, मम्मी मौलाना का हाथ पकड़े, पापा को गुस्से वाली नज़र से देखती है. मानो कह रही हो, की अब मुझे इनसे कोई अलग नही कर सकता.

पापा गुस्से से देखते है और फिर निकल जाते है. उन्हे मालूम था, की मौलाना का वो कुछ नही बिगाड़ सकते. मौलाना तगड़ा बदन का था और पापा को आराम से पेल सकता था. अब मम्मी से उनका डाइवोर्स भी हो गया था, तो क़ानूनन भी कुछ नही कर पाते. पापा इस सदमे से वाहा से कही और चले गये घर बेच कर.

मई अब मम्मी और मौलाना के साथ रहने लगा. मई 18 का था, तो कोर्ट ने मुझसे पूछा, की किसके साथ रहना है. मैने मम्मी का साथ चुना. मम्मी को आज भी नही पता, की मैने ही उनकी सेट्टिंग मौलाना से करती थी. उन्हे लगता है, मई उनकी खुशी के लिए उनका और मौलाना का रिश्ता क़ुबूल कर लिया.

फिर सब कुछ सॉल्व होने के बाद, अब हम मौलाना के फ्लॅट मे रहने लगे. मौलाना ने एक अछा दिन देख कर मम्मी से निकाह की डटे फिक्स की.

मौलाना: आरती, डिसेंबर मे हमारे निकाह की डटे है.

मम्मी: मई भूत खुश हू. मुझे उस दिन का इंतेज़ार रहेगा.

मौलाना: मई भी भूत खुश हू. बस निकाह के लिए तुम्हे इस्लाम क़ुबूल करना होगा.

मम्मी: क्या? मई धरम पर ज़्यादा विश्वास नही करती. मई इस्लाम नही क़ुबूल करूँगी. ऐसे ही शादी करते है.

मौलाना: मेरी जान, कुछ नही करना होगा. बस दिखावे के लिए इस्लाम क़ुबूल करना होगा. क्यूकी हमारे मज़हब मे दूल्हा-दुल्हन दोनो का मुस्लिम होना ज़रूरी है. तभी निकाह होगा. तो क़ाज़ी साहब पूछेंगे, इसलिए बस दिखावे के लिए. तुम्हे कुछ नमाज़ वग़ैरा नही करना होगा. जैसी हो अभी वैसी ही रहना प्लीज़.

मम्मी: चलिए ठीक है, कर लूँगी.

फिर निकाह का दिन आया. मौलाना कुर्ता पाजामा और मम्मी रेड सारी मे पूरा साज-धज के मस्त लग रही थी. मम्मी पूरा पैरो से सिर तक जन्नत की हूर लग रही थी. मम्मी निकाह वाले दिन भूत खुश थी. मई भी खुश था, की अब इनका रिश्ता पवितरा हुआ.

निकाह मौलाना के घर पर हुआ. वाहा क़ाज़ी था, मौलाना के दोस्त थे और मई था. मम्मी एक कोने मे और मौलाना दूसरे कोने मे थे. क़ाज़ी ने निकाह क़ुबूल है पूछा, तो मौलाना ने 3 बार बार कह दिया क़ुबूल है, क़ुबूल है, क़ुबूल है.

फिर मम्मी के पास गये क़ाज़ी, मम्मी ने भी क़ुबूल है, क़ुबूल है, क़ुबूल है 3 बार कह दिया. क़ाज़ी ने दोनो को मुबारक दी. मम्मी ने खुशी से मुझे गले लगा लिया और रोने लग गयी और मौलाना भी मुस्कुरा रहे थे.

मौलाना के तरफ से उनके दोस्तो ने गवाही पर साइन किया और मई मम्मी का गवाह बना. अब निकाह पूरा ख़तम हो गया.

छोटा सा खाना हुआ और बाकी बड़ा रिसेप्षन नेक्स्ट वीक रखा गया. सब ने खाना खाया एर डॅन्स किया. मम्मी और मौलाना भी डॅन्स ने भी डॅन्स किया. सब खुश थे और खाना खा कर, सब घर चले गये और मम्मी अपने कमरे मे मौलाना के साथ सुहाग-रात का इंतेज़ार करने लगी.

मई टेरेस वाली खिड़की पर गया, दोनो की सुहाग-रात देखने के लिए. दोनो खुश दिख रहे थे. मम्मी घूँघट मे बैठी थी और मौलाना धीरे से रूम मे गये और उनका घूँघट उठाया.

हालाकी दोनो पहले से ही चुदाई कर रहे थे. मगर बस रसम थी तो किया. मौलाना ने मूह दिखाई के 5000 दिए.

मौलाना: मशाल्लाह, क्या सूरत है, खुदा ने बनाई. मॅन कर रहा है, बस देखता राहु.

मम्मी(शरमाते हुए): शुक्रिया, आप भी कम खूबसूरत नही है. मई भी खुश-नसीब हू, आपको पाकर.

फिर मौलाना ने मम्मी की धीरे-धीरे सब ज्यूयलरी निकाली और एक किस से स्टार्ट किया. किस हमेशा की तरह दूं-दार थी, पुर लिप्स चूसा-चूसी, एक दूसरे की जीभ चूसना, गले चूसना. फिर मम्मी की सारी निकाली और अब ब्रा पनटी मे थी मम्मी सिर्फ़.

मम्मी ने मौलाना का कुर्ता पाजामा निकाला और उनका सीना चूसने लगी. मम्मी उनका निपल काटने लगी. मौलाना मम्मी की ब्रा के उपर से चूचे चूसने लगे. दोनो आ.. आ.. करते किस करने लगे. मौलाना ने पेट पे किस किया और पूरा बदन पे किस करने लगे.

वो चूचे को आम की तरह चूसने लगे. पूरा चूचा मौलाना की थूक से गीला हो गया था. बड़ी बेरेहमी से चूचे दबा और चूस रहे थे मौलाना. वो निपल पे दांतो से काट रहे थे, जिससे मम्मी को मज़ा और दर्द दोनो हो रहा था.

फिर कुछ देर चूचे का मज़ा लेने के बाद, मौलाना ने मम्मी की छूट पे हमला कर दिया. उनकी पनटी निकाली और हमेशा की तरह चिकनी और गोरी छूट बाहर आ गयी.

मौलाना ने छूट, जो अब पहले से खुल गयी थी महीनो से, मौलाना का धक्का लेने से, उसपे किस किया और हाथो से छूट का द्वार खोला, तो अंदर की गुलाबी छूट नज़र आई.

क्या मस्त छूट थी मम्मी की. बिल्कुल क्लीन, सॉफ, गुलाबी पार्ट्स थे. तो मत पूछो मॅन कर रहा था, बस लंड अंदर पेल डू. मगर मेरी किस्मत कहा थी और मा के बारे मे नही सोच सकता था ऐसा.

मौलाना अंदर के गुलाबी पार्ट्स मे, अपनी जीभ चलाने लगे, जिससे मम्मी को मस्त फील हो रहा था-

मम्मी: आ.. आ.. आ.. और ज़ोर से जानू.

मौलाना मम्मी की छूट का पूरा मज़ा ले रहे थे और खूब जाम के चूस रहे थे. वो जीभ फेरते, हाथो से मसालते, उंगली करते और सब कर रहे थे. इससे मम्मी के अंदर जोश आ रहा था और मौलाना को, और ज़ोर से पूरा खा जाइए छूट मेरी, ऐसे कहते हुए मौलाना का सिर अपनी छूट पर दबा रही थी.

आचे से छूट का मज़ा लेने के बाद, मौलाना ने अपनी चड्डी खोली और हमेशा की तरह फंफनता लंड निकला, जो किसी भी औरत की छूट मे खलबली मचा दे.

मम्मी लपक के लंड पर कूदी और पागलो की तरह चूसने लगी. मुम्मी लंड और गोली दोनो चूस रही थी.

मम्मी मौलाना को लंड पर ब्लोवजोब देने लगी. मौलाना कभी उनके मूह मे लंड पेलते, कभी मम्मी उनकी गोली अपने मूह मे डालती. मम्मी के मूह से थूक आने लगा, जब लंड पूरा मूह मे जाता. मम्मी खूब मस्ती मे लंड चूस रही थी.

मौलाना आ.. आ.. पूरा अंदर लो आरती, पूरा मूह मे लेलो, कह रहे थे. मगर मम्मी पूरा नही ले पा रही थी. जब मौलाना ज़ोर देते, तो मम्मी खाँसते हुए, थूकने लगी. उनके गले की नास्स फूल जाती लंड जब अंदर जाता तो.

कुछ देर मम्मी के मूह की चुदाई के बाद; अब मौलाना ने मम्मी की टांगे फैलाई, छूट जीभ से गीली की और एक कॉंडम का पॅकेट मम्मी को दिया. मम्मी ने पॅकेट फेंक दिया.

मम्मी: अब हम पति-पत्नी है. आज से कॉंडम नही. अब ऐसे ही ठुकाई होगी. इससे मज़ा भी ज़्यादा आता है.

मौलाना ने लंड पर थूक लगाया और मम्मी की छूट पर भी लगाया. फिर लंड छूट पे सेट करके, एक धक्का मारा. मम्मी आ.. ऊच.. करते हुए हिल गयी. फिर ऐसे ही धक्के मारने लगे. अब मम्मी को ज़्यादा दर्द नही हो रहा था, मगर फिर भी मम्मी आ.. आ.. आउच.. आराम से, धीरे करने को कह रही थी.

मौलाना मम्मी के दोनो पैरो को उठा के, हाथो से पकड़ के, छूट मे धक्के लगा रहे थे. मम्मी का पुर अंदर तक लंड जेया रहा था. मम्मी खूब मज़ा ले रही थी.

फिर मौलाना ने मम्मी को अपने उपर लिया और नीचे से लंड छूट मे पेलने लगे और सता-सात धक्का मारने लगे. फिर मम्मी उनके लंड पर उछालने लगी और सात-सात छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी.

मम्मी के उछालने पे, मम्मी भूत ज़ोर से लंड की सवारी कर रही थी. छूट मे ऐसे ही धक्के लगते रहे.

फिर मौलाना ने डॉगी बना दिया और गांद पे थप्पड़ लगाते हुए, छूट की ठुकाई करने लगे. मम्मी पूरा हिल रही थी, मौलाना के धक्के से. मम्मी के बालो को पकड़ के, घोड़ी बना के, मौलाना छूट की सवारी करने लगी.

भूत देर मौलाना ऐसे ही मम्मी को पेलते रहे. फिर तोड़ा आराम किया और मम्मी को किस करने लगे. दोनो मस्त किस कर रहे थे.

फिर मौलाना ने अपना लंड लिया और मम्मी के सीने पे बैठ गये और उनके चूचो पे लंड पेलने लगे. मम्मी अपने दोनो चूचे, मौलाना के लंड पर दबा रही थी और मौलाना चूचो की ठुकाई कर रहे थे. फिर उन्होने लंड मम्मी के मूह मे डाल दिया.

फिर कुछ देर बाद, मम्मी ने मौलाना को अपने उपर लिया और जाँघ फैला कर मौलाना को लंड पेलने का निमंत्रण दिया. मौलाना मम्मी के बीच मे आए, लंड छूट पे सेट किया और लगे धक्के मारने.

अब मम्मी ने मौलाना को जाकड़ लिया था और दोनो चिपक कर चुदाई करने लगे. मौलाना की गांद लगातार मम्मी की छूट पर धक्के मार रही थी. मम्मी के चूचे हिल रहे थे, हर धक्के से. मौलाना मम्मी के चूचे, गाल, लिप्स सब चूस रहे थे.

मम्मी मौलाना की गांद को अपने अंदर दबा रही थी. मानो पूरा लंड अंदर तक पेलने को कह रही हो. इसी पोज़िशन मे भूत देर मौलाना लगातार धक्के मार रहे थे. मम्मी का हाथ मौलाना के दोनो चूतड़ को दबा रहा था और अपने पैरो से जाकड़ रहा था मौलाना को, जैसे तकिया दबा के सोते है.

मौलाना धक्का दे रहे थे, किस कर रहे थे. और मम्मी-

मम्मी: अया आ एस और ज़ोर-ज़ोर से, पूरा अंदर तक पेलिए. मज़ा आ रहा है. भूत मज़ा दे रहा है आपका लंड. मेरे बच्चे की कोख तक लंड जेया रहा है. लगातार सता-सात धक्के मम्मी की छूट पर पद रहा था.

और फिर ऐसे ही धक्के के साथ मौलाना आ आ करते मम्मी पर गिरने लगे. मम्मी ने उन्हे पकड़ लिया चिपक के और अपने पैरो से उनकी गांद को छूट मे दबा लिया. जैसे निकालने नही देना चाहती. मम्मी भी मस्ती मे थी और मौलाना ने पूरी मस्ती मे पानी अंदर गिरा दिया.

फिर कुछ देर हम दोनो सोए. मम्मी मौलाना के सिर पर हाथ फेरने लगी. उनकी पीठ पर सहलाने लगी. मानो उन्हे अची मेहनत करने की शाबाशी दे रही हो. फिर मौलाना उठे और मम्मी को किस किया और लंड धीरे-धीरे छूट से निकाला. लंड जैसे ही निकला, मम्मी ने अपनी छूट के छेड़ को हाथो से धक लिया और अपना पैर उठा लिया.

मौलाना: ये क्या कर रही हो, पैर उपर उठा के?

मम्मी: आपने अपना भूत सारा माल मेरे अंदर गिरा दिया. माल गिरने के बाद, ऐसे टाँगो को उठा के रखने से बच्चा पैदा होने के चान्सस बढ़ जाते है.

मौलाना: तो तुम्हे मुझसे बच्चा चाहिए. इसीलिए कॉंडम माना किया?

मम्मी: हा मुझे चाहिए, क्यू आपको नही चाहिए?

मौलाना: चाहिए, मगर सोचा था कुछ सालो बाद. मगर खैर तुम्हारी खुशी मेरी खुशी.

फिर मम्मी उठी और मौलाना को किस किया और दोनो बातरूम मे नहाने गये. दोनो की सुहाग-रात भूत अची रही. खूब मस्त चुदाई हुई. इनको देख कर खुशी भी हो रही थी और दुख भी, की काश मेरे पास भी कोई छूट वाली होती, तो उसको इसी तरह पेलता.

तो दोस्तो ये थी मम्मी-मौलाना का निकाह और फिर एक अची सुहाग-रात वाली चुदाई. जिसने दोनो को खुश किया. अब आयेज मम्मी-मौलाना की शादी का रिसेप्षन है. तो आयेज देखते है, की इनकी ज़िंदगी मे क्या होता है.

थॅंक्स फॉर रीडिंग.

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