मुकेश ने मुझे कहीं का नही छोड़ा

हेलो दोस्तों, यह मेरी पहली स्टोरी है, उमीद करती हूँ आपको पसंद अयगी. मेरा नाम स्वाती है. मेरी शादी को 5 साल हो गये हैं. मेरे पति बहुत आचे हैं और मुझे बहुत प्यार करते हैं.

मई 29 यियर्ज़ की हूँ, मेरा रंग गोरा है और मेरा फिगर अछा भरा हुआ है.

पर ना जाने क्यूँ जब से मई जवान हुई हूँ मेरा मॅन एक आदमी से लगता ही नही है. मई बोर हो जाती हूँ और अपनी आग भुझहने के लिए पराए मर्दों से संभोज् करने को ढूँढती हूँ. यह कहानी उसी पर है.

हम फ्लॅट्स मई रहते हैं. तो कपड़े सूखने के लिए छत पर जाना होता है. मई भी हर दिन सुबह सुबह कपड़े डालने छत पर जया करती थी. वहाँ दूसरी छत पर हर दिन एक 55 साल का आदमी योगा कर रहा होता था. मई उसका नाम नही जानती थी. हम दोनो बस एक दूसरे को धेखता और अपने अपने काम मई लग जाते.

यूयेसेस दिन मौसम खराब था और हवा भी तेज़ थी. मैने फिर भी कपड़े डाल दिए और थोड़ी देर वहीं छत पर रुक गयी. सुबह का सेम होता है इसलिए ब्रा भी नही फेणी होती हूँ. और लूस टशहिर्त ओर पाजामे मई थी. बाल खोल कर हवा के मज़े ले रही थी की अचानक बारिश की बूंदे शुरू हो गयी.

मई फटा फट कपड़े उतरने भागी, बारिश बहुत तेज़ आने लगी. जब उस आदमी ने मुझे इश्स तरह जल्द बाज़ी मई कपड़े उतरते धेखा तो वो भी मेरी मदद करने आ गया. हुँने मिलकर कपड़े उतार लिए और पास वेल शेध के नीचे भागे.

मैने उन्हे थॅंक उ बोला और कपड़े वही पास पड़े स्टूल पर रखने लगी. की मैने नोटीस करा की मेरी ब्रा ओर पेंटी जो कपड़े उन्होने उतरे थे उस मई थी.

मई शरम से पानी हो गयी और उनसे मैने कपड़े ले लिए. शायद वो मेरी झीजक साँझ गये थे. वो बोले आपका नाम क्या है.
मई: मेरा नाम स्वाती है. आपका हर दिन यहाँ योगा करते हैं

अंजान आदमी: हन मई हर सुबह आता हू . और तुम्हे भी धेखता हूँ. मेरा नाम मुकेश है.

बारिश इतनी देर मई और तेज़ हो चुकी थी. और हवा भी ठंढी चल रही थी. मेरे कपड़े भीग चुके थे जिस कारण मेरे निपल्स टाइट होकर शर्ट से सॉफ शिख रहे थे. उनकी नज़र इन पर पढ़ चुकी थी . मैने नोटीस करा की उनका लंड टाइट हो चुका था .

मई : मुकेश जी बारिश रुकने नही वाली. ह्यूम बघ कर नीचे चले जाना चाहिए.

मुकेश: स्वाती जी बात तो आप सही बोल रही हो. बुत बीमार पढ़ जाओगी. धेख लो. यहीं रुक जाते हैं कुछ देर और.

इतने मई ज़ोर से बिजली कड़क ती है और मई दर कर मुकेश के पास हो जाती हूँ. वो इश्स चीज़ का फयडा उठा कर मेरे कंधे पर हाथ रख लेते हैं. और मई भी उन्हे हटती नही हूँ.

मुकेश: अरे तुम तो बहुत घबराती हो. आ जाओ इधर आ जाओ. मेरे पास. तुम्हारे पति कहाँ है. उन्हे पता है तुम छत पर फस गयी हो

मई: अर्रे वो तो बुयसनेस्स ट्रिप पर गये हुए हैं. घर पर तो बस बूढ़े सास और ससुर हैं मेरे.

मुकेश : स्वाती तुम्हारे बचे हैं क्या

मई: नही

मुकेश : क्यूँ तुम्हारा पति तुम्हे प्यार मतलब तुम्हे साथ करता नही है क्या.

यह सुनकर मुझे बहुत ज़्यादा अजीब लगता है. यह आदमी फेली बार मई यह क्या बोल रहा है.

बिजली और ज़ोर से कदकट्ी है. और इश्स तो मई दर के उनसे लिपट ही जाती हूँ. तभी वो रीयलाइज़ करते हैं की मेरे कपड़े पूरे भीज् चुके है. वो इश्स बात का पूरा फयडा उठा कर कभी मेरे बूब्स टच कर रहे होते हैं तो कभी मेरी थाइस पास हाथ फेर देते हैं. तभी बारिश हल्की होने लगती है.

मई: मुकेश जी चलिए अब चलते हैं. मेरी मदद कर दीजिए कपड़े उठाने मई.

मुकेश: हन लाओ.

वो मुझे मेरे फ्लोर तक ले आ है और बाइ बोल कर चले जाते हैं. जब मई घर के अंदर आ कर कपड़े फेलने लगती. हूँ तब नोटीस करती हूँ की मेरी ब्रा गायब है. मुझे लगता है शायद उपर ही गिर गयी होगी.

नेक्स्ट दे.

पूरी रात नींद नही आई . मुकेश के यूयेसेस चुने के एहसास को ही महसूस कर्ट रही . रात को अपनी पेंटी उतरी और अपनी छूट मई खीरा डाल कर खुध को ही खुश कर के सो गयी. सुबह जब आलम बजा तो मैने धेखा की मेरी ओएंट्िनपुरी गीली थी. खिध को रोक ना पा रही थी मई. और नहा धोकर उपर चली गयी मई.

आज मुकेश कुछ अलग ही लग रहे थे. मैने उन्हे स्माइल दी और उससी शेड मई जाकर अपनी ब्रा ढूँडने लगी.

तो मैने देखा की वो वही पढ़ी थी. मैने उससे उठाया और नोटीस करा की उस पर कुछ सफेद सफेद सा लगा है. मई तुरंत समझ गयी की यह मुकेश ने ही किया है. बुत कुछ ना बोलते हुए बस उससे उठा कर मुकेश के पास आ कर बायथ जाती हूँ.

मुकेश: अरे तुम्हारी ब्रा यहीं रह गयी थी क्या?

मई: हंजी यह गिर गयी थी और पता नही कैसे इश्स पर कुछ गीला गीला लग गया है.

फिर मई उनके सामने उसे चाट लेती हूँ और बोलती ही – यह तो नमकीन सा है.

मैने जानबूझ कर ऐसा किया था हलकी मुझे पता था की वो क्या है. लेकिन फिर भी मैने मुकेश के सामने ही उसे चाट लिया उसके सामने अंजान बनते हुए. क्यूकी मई देखना चाहती थी की वो क्या करता है और क्या रिक्षन देता है मेरी इश्स हरकत पर.

चाटने के बाद मैने मुकेश की तरफ देखा और देखा की मुकेश मेरी ये हरकत देख कर डांग रह जाते हैं.

अगर आयेज जानना चाहते है की कैसे मुकेश ने मेरी जवानी का फयडा उठाया तो मेरी स्टोरी को सपोर्ट करिए.

मई जल्द ही कहानी का अगला पार्ट लेके ओंगी जिसमे आप जाँएंगे की कैसे मुकेश ने जवानी का मज़ा लिया. मैने भी खूब मज़ा लिया, लेकिन कैसे और क्या क्या कर के. ये सब के लिए आपको अगले पार्ट का वेट करना होगा और मेरी कहानी को सपोर्ट करे तो जल्दी ही ले कर ओंगी अगला पार्ट.

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