ही, मेरा नाम राहुल है. मैं अभी बंगलोरे में रह रहा हू, और एक फेमस इट फर्म में काम कर रहा हू. आप जानते ही होंगे, ऐसी जॉब जहाँ आप सारा दिन कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हो. खैर, ये जॉब मुझे काफ़ी बिज़ी रखती है, जिस वजह से मैने फैंसला लिया एक नौकरानी रखने का, जो मेरे 2भक अपार्टमेंट को सॉफ-सुथरा रखे.
चलिए आयेज बढ़ते हुए पहले मैं अपने बारे में बताता हू. मेरी हाइट तकरीबन 5’11” है. ना ज़्यादा काला हू, ना ही गोरा, और लंड का साइज़ अछा है. ज़्यादा बड़ा नही, लेकिन इतना है जो देख कर आप एक बार को कहोगे “ये क्या है!”
तो मेरी नयी नौकरानी, चलिए उसको प्रीति बुलाते है, उसकी बॉडी कमाल की थी. उसका फिगर 34द-28-36 था. और अगर मैने द कहा है, तो मेरा मतलब है की उसके बूब्स को आप इग्नोर नही कर सकते. और उसके चूतड़? यार, ऐसे लगते है जैसे किसी डंडे पर 2 तरबूज़ लटक रहे हो. दबाए जाने के लिए बिल्कुल पर्फेक्ट है. उसकी स्किन बहुत स्मूद है, जैसे ताज़ा मक्खन हो. और उसकी आँखें, वो तो चॉक्लेट से भरे पूल की तरह है. आप उसमे डूब जाना चाहोगे, और दोबारा कभी वापस नही आना चाहोगे.
खैर, सबसे पहले प्रीति ने घर में काम करना शुरू कर दिया. मैने उस पर ज़्यादा ध्यान नही दिया, क्यूंकी मैं कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में बिज़ी था. लेकिन सब बदल गया, जब उसने कॉफी का कप गिरा दिया, जो उसने मेरे लिए बनाई थी. वो जब मेरे रूम में आ रही थी, तो कप उसके हाथ से फिसल कर ज़मीन पर गिर गया.
प्रीति को अचानक शॉक सा लगा, और माफी माँगते हुए वो सब समेटने लगी. मैं वहाँ बैठा, और उसको हॉंसला देने लगा. और तभी मेरी नज़र उसकी बड़ी और गहरी क्लीवेज पर गयी. मैं हैरान रह गया. मैने खुद से पूछा, ” कैसे मैने इस तरह के माल को अभी तक नोटीस नही किया?”
मैने खुद को कंट्रोल करने की कोशिश की, और प्रोफेशनल रहा. लेकिन मेरा “छ्होटा चेतन” इसको मुश्किल बना रहा था. अगर ये मेरी जीन्स में नही होता, तो मुझे यकीन था की प्रीति इसको नोटीस कर लेती उसको सलाम करते हुए. वो अपने घुटनो पर थी, और कॉफी को सॉफ करने की कोशिश कर रही थी. उसका ब्लाउस इतना टाइट था, की ऐसा लग रहा था जैसे उसके बड़े बूब्स कभी भी बाहर आ सकते थे. उसकी सारी उसकी गांद को ऐसे चिपकी हुई थी, जैसे उसका कोई पुराना प्रेमी हो.
आख़िरकार प्रीति ने सब सॉफ कर दिया, और मैने उसको कहा की ऐसी कोई बड़ी बात नही थी. लेकिन उस वक़्त से जब भी वो कुछ उठाने के लिए झुकती थी, तो मेरी नज़र उसकी गांद पर जाने से खुद को रोक नही पाती थी. उसके स्वर्ग के दो दरवाज़ों की तरह दिखते थे मुझे, एक दूं सॉफ्ट आंड जुवैसी.
खैर, 6 महीने जल्दी से निकाल देते है. तब से अब तक मैं प्रीति की सेक्सी बॉडी को फॅंटसाइज़ करता था. लेकिन मैने ऐसा कुछ कभी किया नही, क्यूंकी वो मेरी एंप्लायी थी. इसके अलावा मुझे ये भी नही पता था की वो भी मेरे साथ कुछ करेगी ये नही.
फिर उस एक दिन मैं अपने बेडरूम में बैठा था. मैने किचन से कुछ आवाज़े आती हुई सुनी. ये आवाज़े प्रीति की थी, जिसने टाइट सलवार पहनी थी, जो बहुत टाइट थी. वो अपने होंठ इस तरह से हिला रही थी, जैसे वो किसी सीक्रेट धुन पर नाच रही हो.
मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था. मेरी आँखें उससे हॅट नही रही थी. उसकी ब्रेस्ट उसके हर मूव के साथ उपर-नीचे उछाल रही थी, और निपल्स बाहर आते हुए दिख रहे थे. मैं जानता था वो मुझे देख सकती थी, लेकिन मुझे और करीब जाना था. फिर मैं किचन के दरवाज़े के पास गया, और दरार में से देखने लगा. वो बर्तन धो रही थी, लेकिन उसके चेहरे के भाव बता रहे थे, की वो कुछ शीतनी सोच रही थी. और उसके हाथ… वो इस तरह से मूव कर रहे थे, जिससे लग रहा था की बर्तनो के अलावा भी किसी चीज़ से खेल रही थी.
फिर मैं अंदर घुस गया, और उसकी करतूत पकड़ ली. उसका एक हाथ बर्तनो वाले पानी में था, और दूसरा उसके कमीज़ के अंदर था, जिससे वो खुद से खेल रही थी. वो इसमे इतना डूबी हुई थी, की पहले तो उसने मुझे देखा ही नही. उसका चेहरा पूरा लाल था, और सासे भारी थी, जैसे उसने अभी-अभी मॅरतॉन दौड़ी हो. उसकी आँखें आधी बंद थी, और उसके होंठ गीले थे, और उन पर निशान थे, जैसे वो उनको काट रही हो.
चाहे आँखें खोलने पर वो शॉक हो गयी, लेकिन उसने फिंगरिंग नही रोकी. मुझे भी समझ नही आया की मैं कैसे रिक्ट करता. मेरा एक हिस्सा उसको डांटना चाहता था, जब की दूसरा उसको वहीं पकड़ना चाहता था. लेकिन मैने खुद को कंट्रोल किया, और पूछा, “तुम क्या कर रही हो, प्रीति?” उसने उपर देखा, वो हैरान थी, लेकिन वो रुकी नही. उसकी आँखों में वासना भारी थी, और वो खुद के साथ खेलती रही.
फिर प्रीति ने लडकगड़ती आवाज़ में जवाब दिया, “मुझे माफ़ कीजिएगा सिर. मैं बस अकेलापन महसूस कर रही थी.” मुझे बस यहीं सुनना था. मैं उसके करीब गया, और मेरा दिल ड्रम की तरह धड़क रहा था. उसने मुझे दर्र और उत्तेजना भारी नज़रों से देखा. मैं उसकी टाँगों के बीच के गीलेपन्न को देख पा रहा था, और जिस तरह से उसकी छ्चाटी उठ रही थी, उससे ये पता चल रहा था की वो उत्तेजित से कुछ ज़्यादा थी.
“कोई बात नही,” मैने कहा. “मैं समझता हू. कभी-कभी मैं भी ऐसा ही महसूस करता हू.”
प्रीति ने मुझे देखा. उसकी आँखें बड़ी हो गयी. वो दाँत की उमीद कर रही थी, ना की सांत्वना की. फिर उसने अपने कमीज़ से हाथ बाहर निकाल लिया, और नाल बंद कर दिया. पानी रुकने की आवाज़ किचन में गूँज गयी, और बिल्कुल शांति हो गयी. मैं अपने दिल की धड़कन अपने कानो में सुन पा रहा था. और उसकी छ्चाटी को हर साँस के साथ उपर-नीचे होते हुए देख पा रहा था.
“क्या तुमने पहले कभी पॉर्न देखा है?”, मैने पूछा.
उसके गाल थोड़े लाल हो गये. “जी सिर,” उसने फुसफुसाया अपनी आँखें नीची करते हुए.
“लेकिन क्या तुमने कभी कॅम मॉडेल के साथ वन-ओं-वन सेशन किया है?”
“नही सिर,” प्रीति ने जवाब दिया. उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी. वो वहीं जमी हुई थी, और उसके हाथ अभी भी गीले थे उसके पानी से.
“क्या तुम करना चाहोगी?” मैने उसको ऑफर किया. मैं अपने लंड को पंत में जागते हुए महसूस कर पा रहा था, ये सोच कर की आयेज क्या होगा.
प्रीति ने मेरी तरफ देखा, उसकी आँखों में दिलचस्पी और उत्तेजना थी. उसने शरमाते हुए सिर हिलाया, और मैं समझ गया की वो तैयार थी. “गुड,” मैने कहा, नॉर्मल रहते हुए, जितना पासिबल हो सकता था. “मैं जानता हू ये तोड़ा अजीब लग सकता है. लेकिन भरोसा करो, स्ट्रेस कम करने के लिए बहुत बढ़िया तरीका है.”
फिर मैने उसका गीला हाथ पकड़ा, और उसको अपने होमे ऑफीस में ले गया. उसको मैने एक चेर पर बिताया, और दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर मैने पीसी ओं किया. मैने लोग-इन कोड लगाया, और ब्राउज़र खोला. अगली चीज़ जो मैने की, वो थी पॉपुलर छत वेबसाइट पर जाना. मैने वहाँ अकाउंट बनाया, कुछ क्रेडिट्स खरीदे अपी की मदद से, जो मैं उसे कर सकता था खूबसूरस्त इंडियन गर्ल्स से छत करने के लिए.
“इनमे से कोई एक चुनओ जो तुम्हे पसंद हो,” मैने उसको स्क्रीन की तरफ इशारा करते हुए कहा. वहाँ चुनने के लिए बहुत सारी आध-नंगी लड़कियाँ और औरतें थी. उसकी आँखें उनको देख कर बड़ी हो गयी, और मैं उसके चेहरे पर एग्ज़ाइट्मेंट देख पा रहा था. वो कॅंडी स्टोर में खड़े एक बच्चे जैसी लग रही थी. लेकिन ये कॅंडी बडो के लिए थी. वो प्रोफाइल्स देख रही थी, और उसके गाल लाल होते जेया रहे थे हर क्लिक के साथ.
“लेकिन सिर, मैं लेज़्बीयन नही हू,” उसने हकलाते हुए कहा. उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी.
मैं हस्सा, “ये इस बारे में नही है,” मैने उसको यकीन दिलाया. “इसका मतलब किसी और को करते देखना है. ये बहुत मज़ेदार हो सकता है.”
प्रीति की नज़र मेरी नज़र से मिली, और मैं उसके दिमाग़ को दौड़ता फील कर पा रहा था. वो सोच रही थी, और मैं कमरे में बढ़ रही टेन्षन को महसूस कर पा रहा था, जो कुछ महीने पहले वाली कॉफ़्फईए गिरने की टेन्षन से भी ज़्यादा थी.
फिर मैं उसके साथ बैठ गया, और हम दोनो स्क्रीन देखने लगे. मैने नीचे स्क्रूल किया, और वो मेरे करीब हो गयी. उसके मोटे बूब्स मेरी बाजू में डब गये. मुझे एक मॉडेल दिखी बड़े बूब्स और गोल गांद वाली. उसने लाइनाये सेट पहना था, जो मुश्किल से ही कुछ धक रहा था.
उसका नाम नुसरत था. उसकी उमर 22 थी, और वो लुधियाना से थी. उसका फिगर 36द-24-34 था. उसके बूब्स इतने बड़े थे, की ऐसा लग रहा था कभी भी ब्रा फाड़ कर बाहर आ जाएँगे. उसकी प्रोफाइल पिक में उसने रेड लेसी आउटफिट पहना था, जिसको देख कर मेरे लंड में हरकत होने लगी थी. नुसरत को देख कर प्रीति की आँखें भी बड़ी हो गयी.
“चलो इससे बात करते है,” मैने सुझाव दिया, और वीडियो छत की ऑप्षन पर क्लिक किया. स्क्रीन पोप-उप हुई, और वो रही वो, लिव हमारे सामने. वो बेड पर बैठी अपने बालों के साथ खेल रही थी, और मुस्कुरा रही थी. उसकी भूरी बड़ी आँखों में शैतानी की चमक नज़र आ रही थी.
प्रीति और मैं साइड बाइ साइड बैठ गये, और मैं उससे आ रही गर्मी महसूस कर पा रहा था. माउस पकड़े हुए उसका हाथ काँप रहा था, और वो मुझे तिरछी आँख से देख रही थी. मैं समझ गया था की वो नर्वस थी, लेकिन उत्सुक भी थी. उसने नुसरत की फोटो पर क्लिक किया जिससे हम प्राइवेट रूम में पहुँच गये.
“ही नुसरत,” मैने कहा, शांति भंग करते हुए. “मेरी दोस्त प्रीति कुछ टेन्षन महसूस कर रही है. हमे लगा की तुम उसकी शायद रिलॅक्स कर पावगी.”
नुसरत ने कॅमरा में आँख मारी, और उसके बूब्स उछले. “हा ज़रूर,” उसने कहा. उसकी आवाज़ शहद की तरह मीठी थी. “तुम्हारा नाम क्या है, स्वीटी?”
प्रीति की आवाज़ लड़खड़ा रही थी, लेकिन फिर भी वो बोली, “मेरा नाम प्रीति है.”
“ही प्रीति,” नुसरत ने कहा. उसकी आवाज़ में मिठास थी. “क्या देखना चाहोगी तुम आज?”
प्रीति के हाथ माउस पर थे, उसका अंगूठा पद पर रग़ाद रहा था. वो नर्वस थी, और एग्ज़ाइटेड भी. उसकी चेस्ट उठ रही थी, और निपल्स ऐसे उभरे हुए थे, जैसे एरेसर्स हो. मैं हमारे बीच की टेन्षन को महसूस कर पा रहा था, जैसे रब्बर बंद को खींच दिया गया हो.
“तुम क्या करवाना चाहती हो मुझसे?” नुसरत ने सॉफ्ट आवाज़ में पूछा.
प्रीति ने अपनी बड़ी आँखों से मुझे देखा. “मैं… मैं तुम्हे खुद के साथ खेलता देखना चाहती हू,” उसने धीमी आवाज़ में कहा.
“ठीक है प्रीति,” नुसरत ने कहा. फिर वो बेड पर टेक लगा कर बैठ गयी, और अपनी टाँगें खोली. उसने अपने बूब्स के साथ खेलना शुरू कर दिया, और उनको दबाने लगी. उसके हाथ उसके निपल्स तक पहुँच गये, जिनको वो पिंच करके हार्ड कर रही थी.
मैं देख रहा था प्रीति की साँसे तेज़ होते हुए. नीचे देखा तो उसके हाथ उसके अपने निपल्स पर थे, और उन्हे मसल रहे थे ब्लाउस के उपर से. “उसके जैसे ही करो,” मैने उसके कान में फुसफुसाया, और मेरी साँस उसकी गर्दन पर पड़ी. उसने सिर हिलाया, और उसका हाथ लगातार हिलने लगा.
नुसरत के हाथ उसकी बॉडी पर घूम रहे थे. उसकी उंगलियाँ उसके सपाट पेट से होते हुए उसकी पाती में जेया रही थी. उसकी झाँते ट्रिम की हुई थी, और उसको खुद को टच करते हुए देख कर ऐसा लग रहा था जैसे रियल लाइफ में पॉर्न चल रहा हो. उसने मोन करना शुरू किया, और स्पीकर्स में उसकी गूँजती आवाज़ से मेरा लंड फड़कने लगा.
प्रीति की आँखें स्क्रीन पर टिकी हुई थी. उसके हाथ उसकी छूट पर तेज़ी से चल रहे थे. वो अपने होंठ काट रही थी. मैं उसके कमीज़ को गीला होते हुए देख सकता था. और मैं जानता था की वो अपने चरम के पास आ रही थी.
मैं खुद को और रोक नही पाया, और मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मेरा 6.5 इंच का लंड देख कर प्रीति तोड़ा पीछे हो गयी. वो ये बिल्कुल भी एक्सपेक्ट नही कर रही थी. लेकिन मेरे पास उसके लिए एक और सर्प्राइज़ था. अपना लंड हिलने की जगह मैने धीरे से प्रीति का हाथ पकड़ा, जो उसकी छूट सहला रहा था, और उसको अपने आधे खड़े लंड पर रख दिया.
प्रीति के पास शब्द नही थे, और वो हिल भी नही रही थी. उसका हॉंसला बढ़ने के लिए मैं अपना हाथ उसकी छूट पर ले गया, औट सहलाने लगा.
“इट’स ओके,” मैने प्रीति से धीरे से बोला. “सिर्फ़ देखो और सीखो.” मेरी आवाज़ गहरी और सुखदायक थी, जैसे कोई नदी चट्टानो के उपर से बहती हो. उसका हाथ काँप रहा था, लेकिन उसने हाथ लंड से नही हटाया. उसके हाथ की ग्रिप लंड पर टाइट हो गयी थी, और उसने लंड को उपर-नीचे करना शुरू कर दिया. आँखें उसकी अभी भी स्क्रीन पर टिकी थी.
स्क्रीन पर नुसरत इस चीज़ में खो रही थी. उसने पनटी उतार दी थी, और वो अपनी क्लिट को रब कर रही थी एक हाथ से, और दूसरे हाथ से वो अपने चुचो के साथ खेल रही थी. उसके मोन्स मेरे लिए संगीत की तरह थे, और मैं जानता था की प्रीति हर पल गरम हो रही थी. वो तेज़ साँसे ले रही थी.
ये सब मुझे भी बहुत उत्तेजित कर रहा था. फिर मैने एक सेकेंड के कुछ हिस्से में ही उसके चेहरे को पकड़ कर अपनी तरफ मोड़ा, और उसके होंठ चूसने लगा. इससे नुसरत गरम होने लगी.
“ओह वाउ!” नुसरत ने कहा. “तुम लोग साथ में हॉट लग रहे हो.”
प्रीति का हाथ अब ज़्यादा विश्वास के साथ मेरे लंड पर उपर-नीचे हो रहा था, और उसकी आँखें स्क्रीन छ्चोढ़ नही रही थी. उसका दूसरा हाथ उसकी टाँगों के बीच व्यस्त था. मैं उसकी छूट के साथ खेल कर अपने हाथ पर छूट के गीलेपन्न को महसूस कर पा रहा था.
“हा, बिल्कुल ऐसे ही,” मैने कहा. “नुसरत को देखती रहो, और लंड हिलती रहो.”
प्रीति का हाथ मेरे लंड पर और टाइट हो गया, और उसकी आँखें स्क्रीन पर थी. नुसरत भी अछा शो दिखा रही थी. उसकी उंगलियाँ उसकी क्लिट पर तेज़ी से चल रही थी. मैं प्रीति के जिस्म की गर्मी महसूस कर पा रहा था.
“मैं तुम दोनो को चुदाई करते देखना चाहूँगी!” नुसरत ने एग्ज़ाइट्मेंट से कहा. प्रीति के हाथ में मेरे लंड के दृश्या ने उसको उत्तेजित किया होगा.
फिर प्रीति ने मेरी तरफ सवालिया नज़र से देखा, लेकिन मैं कह सकता हू की वो भी शिद्दत से यहीं चाहती थी. “अपने कपड़े उतरो,” मैने उसको बोला. उसने सिर हिलाया, वो खड़ी हुई. उसके हाथ काँप रहे थे. फिर उसने सलवार खोली, और उसको नीचे गिरा दिया.
नीचे उसकी पनटी थी, जो उसकी ट्रिम्म्ड छूट की झलक देती हुई उसके स्किन कलर से मॅच हो रही थी. उसकी छूट पहले से ही गीली थी, और उसके पिंक छूट के लिप्स न्योता दे रहे थे. मैं उसकी छूट देखने से रुक नही पा रहा था, और मेरा लंड और सख़्त हो गया.
“यहाँ आओ,” मैने कहा, उसका हाथ पकड़ कर उसको स्क्रीन के पास करते हुए. “आओ नुसरत को दिखाए, की हम एक-दूसरे को कितना अछा महसूस करा सकते है.”
प्रीति की आँखें पूरी खुल गयी जब उसने नुसरत के नंगे जिस्म को देखा. उसका हाथ मेरे लंड की सेवा लगातार कर रहा था. मुझे अपनी बॉल्स टाइट होती महसूस हुई, और मैं जानता था की मैं ज़्यादा देर नही टिकने वाला.
“देखो उसको,” मैने प्रीति को स्क्रीन की तरफ इशारा करते हुए कहा. “देखो वो कैसे कर रही है.”
प्रीति ने सर हिलाया. उसकी आँखें नुसरत के हाथ पर टिक गयी जो छूट सहला रहा था. वो हैरान हो गयी, और उसका हाथ मेरे लंड पर नुसरत की स्पीड के हिसाब से चलने लगा. पूरा कमरा भारी सांसो, और गीलेपन्न की वजह से छाप-छाप की आवाज़ो से गूँज रहा था.
मैं प्रीति के पीछे खड़ा हुआ, उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर था, और मैने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया. उसने आ भारी, और मैं जानता था उसको मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसके बूब्स पकड़े, और उसके हार्ड निपल्स को अपने अंगूठो से महसूस करने लगा. “देखती रहो,” मैने कहा उसको, “और लंड के साथ खेलती रहो.”
लेकिन मैं जानता था मैं ज़्यादा देर नही तिकुंगा. फिर मैने प्रीति को घुटनो पर बिताया, स्क्रीन को फेस करते हुए.
“अपनी टाँगें खोलो,” मैने बोला उसको. मेरी आवाज़ में एग्ज़ाइट्मेंट और अतॉरिटी थी.
प्रीति ने वैसा ही किया. फिर मैं उसके करीब गया. उसकी छूट वहीं थी, छ्छूने के लिए बेताब थी. फिर मैने अपने हाथ उसके छूतदों पर रखे, और मेरी उंगलियाँ उसके गीलेपन्न तक पहुँच गयी. मैने उसकी छूट को उसी स्पीड से रगड़ना शुरू किया, जिस स्पीड से नुसरत कर रही थी.
“ओह, सिर,” प्रीति ने मोन किया. नुसरत भी पागल हो रही थी, और उसकी आवाज़े गूँज रही थी. “बहुत मज़ा आ रहा है,” उसने कहा अपनी कामुक आवाज़ में.
नुसरत ने हमे देखते हुए एक डिल्डो लिया, और हमारे शो के लिए तैयार हो गयी. “एम्म, मुझे ये चाहिए,” प्रीति ने धीरे से कहा, उसकी आँखें स्क्रीन पर थी.
मैने सिर हिलाया, लंड उसके हाथ में फदाक रहा था. “ओके, चलो तमाशा दिखाते है उसको.” ये कह कर मैने आयेज हो कर प्रीति की गर्दन को किस किया, और उसकी बॅक पर चला गया. उसकी स्किन बिल्कुल ताज़ी रोटी की तरह सॉफ्ट थी. जब मैं उसकी गांद के चियर तक पहुँचा, तो उसके जिस्म में मुझे कंपन महसूस हुआ.
फिर मैने उसके चूतड़ खोले, और उसकी गांद का पिंक च्छेद दिखने लगा. ये एक छ्होटे बटन की तरह था, जो इससे खेलने के लिए कह रहा था. “देखो मुझे प्रीति,” मैने कहा धीमी और डिमॅंडिंग आवाज़ में. उसने सिर घुमाया, और उसकी आँखों में वासना थी.
फिर बिना किसी झीजक के मैने अपना लंड उसकी छूट में घुसा दिया. उसी वक़्त नुसरत ने अपनी छूट में डिल्डो घुसा लिया.
“ओह, सिर,” प्रीति ने आ भारी जब मैने लंड घुसाया, और उसकी छूट को भर दिया. उसकी छूट बिल्कुल टाइट थी, जैसे मेरे लंड के लिए ग्लव बना हो. वो गीली और गरम थी, और मैं उसकी दीवारों को लंड को पकड़ते महसूस कर रहा था, अंदर-बाहर करते वक़्त.
स्क्रीन पर नुसरत अपने डिल्डो से चुड रही थी. हर धक्के पर उसके बड़े बूब्स उछाल रहे थे. उसकी आँखें हमे देख रही थी, और उत्तेजना से भारी थी. “तुम बहुत अछा कर रही हो प्रीति,” उसने प्रीति को वासना भारी आवाज़ में हॉंसला देते हुए कहा. “करती रहो.”
मैं डॉगी पोज़िशन में प्रीति की छूट पेलता रहा, और वो चिल्ला रही थी पागलों के जैसे. शूकर है भगवान का दरवाज़ा बंद किया हुआ था मैने. नही तो मेरे पड़ोसियों को पता चल जाता की कुछ चल रहा था.
“ओह, सिर, बहुत ज़्यादा हो गया,” उसने मोन किया. लेकिन उसकी आवाज़ से ये नही लगा की वो मुझे रोकना चाहती थी. बल्कि वो तो खुद पीछे की और धक्का दे कर मेरा साथ दे रही थी. उसके बड़े और गोल बूब्स उछाल रहे थे हर धक्के के साथ. ये सारा नज़ारा ऐसा लग रहा था जैसे सपना हक़ीक़त बन गया हो.
मैं आयेज हुआ, और मेरे हाथ उसके छूतदों पर रखे, उसकी मूव्मेंट गाइड करने के लिए. “कीप वाचिंग नुसरत,” मैने उसके कान में कहा. “चलो उसको भी अपने साथ झाड़ देते है.” प्रीति ने सिर हिलाया. आँखें उसकी स्क्रीन पर थी. वो इसमे डूब चुकी थी, और उसकी गांद तेज़ी से हिल रही थी मेरे लंड पर.
नुसरत की आहें भी उँची हो गयी, और मैं प्रीति के हिप मसल्स को अकड़ते हुए देख पा रहा था जब वो बॅक मार रही थी लंड पर. “मेरा निकालने वाला है,” उसने कहा, उसकी आँखें स्क्रीन नही छ्चोढ़ रही थी. “क्या तुम भी मेरे साथ झड़ने वाले हो?”
“हा,” मैने गुर्राया, मेरा भी प्रेशर बन रहा है. “नुसरत को देखती रहो, उसका भी होने वाला है.”
प्रीति की छूट मेरे लंड पर तेज़ी से चल रही थी, और मैं उसके खून का बहाव महसूस कर पा रहा था. उसकी आँखें नुसरत के हाथ पर टिकी थी, जो अपनी छूट रग़ाद रही थी. “मैं तुम्हारा माल अपने अंदर महसूस करना चाहती हू,” प्रीति ने कहा.
“तुम क्या कहती हो नुसरत? क्या मैं इसके अंदर झाड़ जौ?” मैने पूछा.
नुसरत की आँखों में हमे देखते हुए शरारत आ गयी. “हा बिल्कुल,” उसके कहा. “इसके अंदर गहराई में माल डालो. इसको और माँगने के लिए चिल्लाने दो.”
उसके शब्दों ने प्रीति को एनकरेज किया. अब वो पागलों जैसे चुदाई करने लगी. उसके चूतड़ मेरे लंड पर और तेज़ पड़ने लगे. मैं उसकी छूट को गीली और टाइट होते हुए महसूस कर पा रहा था. उसकी छूट का पानी मेरे लंड को लगातार गीला कर रहा था. “मैं निकल रही हू,” वो चिल्लाई. उसकी आवाज़ कमरे में गूँज गयी.
“मेरे लिए झड़ो, प्रीति,” मैने उसको भारी और कामुक आवाज़ में कहा. “सारा बहा दो आज.”
प्रीति की छूट बिजली की तेज़ी से मेरे लंड पे पद रही थी. उसकी ग्रिप टाइट थी. उसकी गीली छूट मधुर संगीत निकाल रही थी. नुसरत को हम तेज़ी से अपनी छूट रगड़ते देख रहे थे. प्रीति की साँस झटकी, और मैं जान गया वो करीब थी.
और इसके साथ ही हम सब झाड़ गये. प्रीति की छूट ने मेरे लंड को जाकड़ लिया, और मैने उसके पानी की गर्माहट महसूस की. मैं भी रुक ना सका, और मैने भी अपना पूरा माल उसकी छूट में निकाल दिया.
स्क्रीन पर देखा तो नुसरत की छूट घाप-घाप आवाज़ कर रही थी. उसका डिल्डो अभी भी छूट के अंदर ही था. वो हमारे नाम मोन कर रही थी, और उसकी आँखें लिव कॅम फीड पर टिकी थी. प्रीति की छूट अभी भी मेरे लंड को जकड़े हुए थी. उसकी साँस झटके मार रही थी. वो मेरी तरफ हैरानी और सुख दोनो से देख रही थी.
“वाउ,” प्रीति बोली, उसकी आवाज़ अभी भी शेक हो रही थी मज़े की वजह से. वो अभी भी ज़मीन पर थी, और उसकी छूट मेरे लंड के गिर्द. फिर मैने उसकी नेक पर किस किया. उसकी स्किन गरम और पसीने वाली थी. “ये कमाल का था,” उसने कहा. उसकी आवाज़ में मज़ा था.
जब मैने लंड छूट से निकाला, तो वो अभी भी हार्ड था, और पानी से भीगा था. उसने मेरी तरफ मूह किया, और उसकी आँखें इस नये मज़े की वजह से चमक रही थी. “शुक्रिया,” उसने कहा. “शुक्रिया मुझे कुछ बहुत खूबसूरत दिखाने के लिए.”
प्रीति बिल्कुल फ्रेश लग रही थी. उसने अभी जन्नत का सुख भोगा था. उसकी हर मूव्मेंट पर उसके बूब्स उछाल रहे थे. और मैं बस ये सब देख रहा था. “योउ अरे वेलकम,” मैने कहा अपने लिप्स चूस्टे हुए. “लेकिन मुझे लगता है असली थॅंक्स तो नुसरत को कहना चाहिए.”
प्रीति हस्सी और वापस स्क्रीन पर देखा. नुसरत लेती हुई अपनी चढ़ि साँस को कंट्रोल कर रही थी. “हा,” वो मान गयी, और उसकी आवाज़ में भी मज़ा था. “ये कुछ और ही था.”
नुसरत ने स्माइल करते हुए कॅमरा की तरफ देखा. उसकी चेस्ट उठ-बैठ रही थी हर साँस के साथ. “मुझे खुशी है मैं मदद कर पाई,” उसने कहा. “लेकिन भूलना मत अभी तुम्हारा उधार बाकी है मेरी तरफ.”
प्रीति और मैने एक-दूसरे को देखा. उसका हाथ मेरे लंड के उपर ही था. “क्या मतलब तुम्हारा?” मैने कन्फ्यूषन में पूछा.
नुसरत कॅमरा की तरफ आई. उसके बड़े बूब्स ऑलमोस्ट उसकी ब्रा से बाहर आ रहे थे. “मैं चाहती हू तुम मेरे लिए मूठ मारो,” उसने कहा. “मुझे देखना है तुम खुद को प्लेषर कैसे करते हो.”
तो बे कंटिन्यूड…
उमीद है आप लोगों ने पहला पार्ट एंजाय किया. कॉमेंट करके बताए आपको मेरा यहाँ तक का एक्सपीरियेन्स कैसा लगा.