मेरी शादी शुदा दीदी पूजा

हेलो दोस्तो मेरा नाम अनुज है और आज मैं आपको अपनी एक देसी सेक्सी बेहन की चुदाई कहानी बताने जा रहा हूँ जो की कुछ समये पहले हुआ था.

दोस्तो मैं अभी जवान हूँ और मेरे अंदर जवान खून ही दौड़ रहा है जिसके चलते मैं एक बहोत बड़ा चुदक्कड़ बन गया हूँ और तो और मैने अपनी मा, चाची, बहेन सबको चोद रखा है और चोदु भी क्यो ना, आख़िरकार उन्होने ही मुझे इतना बड़ा चुदक्कड़ बनाया है की मुझे रात भर नींद नही आती जब तक चोद ना लू.

दोस्तो, आज की कहानी मेरी बहेन के साथ है जिसकी शादी हो रखी है और उसको भी मैने दीदी के ससुराल मे ही चोदा था. मेरी बहेन का नाम पूजा है और वो मुझसे 3 साल बड़ी है जिसकी वजह से उनकी शादी पहली हुई है.

तो दोस्तो अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलता हूँ.

दोस्तो, मेरी दीदी को मैने उन्ही के ससुराल मे ही चोद रखा है जब मेरा भांजा उनके बूब्स से लग कर दूध पी रहा था और जब मैने अपनी बहेन के बड़े-बड़े बूब्स देखे तो मेरा दिमाग़ ही हिल गया और मैने अपने छोटे से भानजे के सामने ही उसकी मा यानी अपनी बहेन को चोद डाला.

मेरी बहेन का पति यानी की मेरे जीजू दीदी को चोदते तो थे पर वो मेरी दीदी को सॅटिस्फाइड नही कर पाते थे जिसकी वजह से मैं जब भी दीदी के पास जाता था तो वो मुझसे चुदवाति थी और अपनी चूत की प्यास को ठंडा करवाती थी. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

एक दिन की बात है, मैं अपनी दीदी के ससुराल मे गया हुआ था और वाहा पर आए हुए मुझे 4 दिन हो गये थे पर उन 4 दीनो मे मुझे दीदी को चोदने का मौका नही मिल पा रहा था क्योकि जीजू अभी घर पर ही थे इसलिए मैं हर रात दीदी के नाम की मूठ मार दिया करता था.

ऐसे ही 4 दिन बाद जीजू को ऑफीस के काम से 2 दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया था जिसकी वजह से अब दीदी घर पर अकेली थी पर अकेली हो कर भी अकेली नही थी क्योकि उनकी सासू मा भी वही पर ही रहती थी और वो डेली सुबह मंदिर के लिए घर से निकलती थी इसलिए मैं अपनी दीदी को सुबह-सुबह चोदने के लिए आंटी के मंदिर जाने का इंतेज़ार करने लग गया क्योकि जीजू तो पहले ही जा चुके थे और आंटी के जाने के बाद मैं अपनी दीदी के पास जा कर उन्हे चोद सकता हूँ.

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फिर जब आंटी गये तो मैं फटा-फट किचन मे गया क्योकि दीदी वही पर खड़ी हो कर बर्तन सॉफ कर रह थी और मैं उनके पास जा कर उनके बूब्स को उप्पर से ही पकड़ कर दबाने लग गया था.

मैं – मेरी प्यारी दीदी, आपको चोदने के लिए तो मैं कब से इंतेज़ार कर रहा हूँ.

दीदी – छोड़ मुझे, मुन्ना जाग गया तो तंग करेगा इससे पहले मैं घर के काम ख़तम कर लू.

मैं – दीदी आपको तो पता ही है की मैने जब से मा को चोदा है तब से मैं एक रात भी बिना चूत मारे सो नही सकता.

दीदी – नही अभी रहने दे क्योकि मा जी के आने का भी टाइम हो रहा है.

मैं उनकी बात कहा सुनने वाला था इसलिए मैं उप्पर से ही बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लग गया और अपना लंड उनकी गांड मे घुसाने लग गया.

दीदी- तू नही मानेगा ना चल मैं ही हार मान लेती हूँ. चल अब जो करना है जल्दी कर.

मैं दीदी की बात सुन कर बहोत खुश हुआ और मैने दीदी से कहा- दीदी मैं कपड़ो के साथ ही चोद डालता हूँ जिससे मेरी अब ये प्यास भुज जाए.

दीदी – नही, तुझे पता तो है की मुझे उप्पर से चुदवाने मे कोई मज़ा नही आता है.

मैं – ठीक है दीदी जो करूँगा अच्छे से करूँगा.

अब मैं दीदी के होंठो मे अपने होंठ डाले और चूसने लग गया और साथ ही साथ दीदी की साड़ी को पेटीकोट के साथ ही उठा कर उनकी चिकनी चूत मे उंगली उप्पर नीचे करने लग गया जिससे दीदी गरम होने लग गई और फिर दीदी सिसकारिया भरती हुई बोली – चलो अब अपना हथियार डाल भी दो.

अब मैने दीदी की बात सुनते ही अपने 8 इंच मोटे लंड को बाहर निकाला और फिर दीदी की चूत पर रखते ही अंदर ज़ोर दार धक्के से पूरा उतार दिया और ज़ोर ज़ोर से चूत को चोदने लग गया और दीदी भी मज़े मे आअह्ह आहह करने लग गई. मैं दीदी को चोद ही रहा था की मुन्ना रोने लग गया और फिर दीदी ने मुझे मुन्ना को लाने को कहा क्योकि यहा मैं दीदी की चुदाई कर रहा था तो दीदी अपनी चुदाई को बीच मे ना रोकते हुए मुन्ना को यही पर खड़ी करके दूध पिलाने को तैयार थी पर मुझे ये सब पसंद नही था इसलिए थोड़ा घुस्सा भी हो पड़ा था पर मेरी दीदी के आगे कहा चलनी थी.

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अब मैं दीदी के कहने पर मुन्ना को ले आया और दीदी की गोद मे थमा दिया और दीदी उसको अपना दूध पिलाने लग गई. अब मैने फिर से दीदी को चोदने के लिए टाँग उप्पर उठा दी और अपना पूरा लंड दीदी की चूत मे उप्पर नीचे करने लग गया जिससे दीदी को खूब मज़ा आने लग गया और साथ ही साथ मुझे भी खूब मज़ा आने लग गया और हम दोनो ऐसे ही चुदाई मे मदहोश थे की दीदी को कुछ आहत सी हुई तो दीदी ने मुझे रोकते हुए कहा – बाहर कोई है, लगता है मा जी आ गये है.

ये सुन कर मैं फटा-फट दीदी की चूत से लंड निकाला और दीदी ने भी मुझे मुन्ना को थमाते हुए साड़ी को ठीक करने के बाद बर्तन ढोते हुए बोली- मुन्ना को संभाल ये कब से रो रहा है इस चक्कर मे बर्तन भी धोना मुश्किल हो रहा है.

मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दोर देसिकहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

मैं अब बाहर आ कर देखा तो आंटी सच मे आ रखे थे और दीदी के पास आ कर पूछने लगी – तू मुझे बता कौन तंग कर रहा है.

ये बात सुन कर मुझे कुछ अजीब सा फील हुआ की शायद आंटी ने सब कुछ देख लिया है और मेरी ये बात सच भी हुई क्योकि शाम को हम दोनो को आंटी से दाँत भी पड़ी पर आंटी ने मुझे अपने लंड से चोदने को कहा जो की मैने उन्हे चोदा भी पर ये मैं आपको अपनी अगली कहानी मे बताऊंगा क्योकि इस वक़्त तो मेरी मा का फोन आ गया था क्योकि उनकी चूत मे कीड़े चल रहे थे जो की मेरे लंड से ही शांत हो सकते थे.

दोस्तो, यहा तक की देसी सेक्सी बेहन की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी मुझे ज़रूर बताना, बाइ- बाइ और मेरी मैल आइडी है



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