मेरी पहली चुदाई मा के साथ

मेरा नाम यश है, और मैं बिहार का रहने वाला हू. मेरी उमर 21 साल है. ये सेक्स कहानी मा-बेटे की चुदाई की कहानी है, की कैसे मैने अपनी पहली चुदाई अपनी मा के साथ की. मैं अपनी मा के बारे में बता डू. मेरी मा का फिगर 36-32-40 है, और आगे 40 है, और वो बहुत खूबसूरत है. बिना वक़्त बर्बाद किया सीधे कहानी पे आते है.

ये कहानी शुरू होती है जब मैं 19 साल का था. नयी जवानी थी मेरे अंदर. मेरा बहुत मान करता था सेक्स करने का, लेकिन मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही थी. तो मुझे अपने हाथ का ही इस्तेमाल करना पड़ता था. मैं बहुत बार मा की पनटी और ब्रा सूंघ के मूठ मारता था, और सोचता था काश मैं अपनी मा को छोड़ पाता.

लेकिन मुझे दर्र भी लगता था, इसलिए मैं हमेशा मा के शरीर को चुपके-चुपके देखता था. जब भी मा किचन में काम कर रही होती थी, तो पसीने से उनका गीला बदन उफफफ्फ़. मेरी मा घर में अक्सर बिना ब्रा के ही रेती थी. जब वो किचन में रोटी बनती, तो उसके हिलते हुए बूब्स देख कर ही मेरा 8 इंच लंबा और 2.5 मोटा लंड खड़ा हो जाता था.

मॅन करता था अभी छोड़ डू. लेकिन मुझे दर्र भी लगता था, की अगर मा ने पापा को बता दिया, तो क्या होगा. बस इस दर्र के कारण मैं कुछ नही कर पाता था. एक बार की बात है, उस वक़्त पापा घर पर नही थे. वो कुछ दीनो के लिए आउट ऑफ टाउन गये हुए थे.

गर्मी में रात का वक़्त था. मा अपने बेडरूम में सो रही थी, और मैं अपने बेडरूम में पॉर्न देख रहा था. लेकिन बार-बार मुझे मा का ही ख़याल आ रहा था, तो मैं अपने बेडरूम से निकल कर उनके बेडरूम के पास पहुँचा. रूम का गाते खुला हुआ था. मा अक्सर गाते खोल कर ही सोया करती थी.

तो मैं मा के कमरे के अंदर गया. अंदर नाइट बल्ब जल रहा था, और जब मैने मा को देखा तो मेरा लंड तंन गया. क्यूंकी मा की निघ्ी पूरी उपर हो चुकी थी, और मुझे उनकी बालों वाली छूट दिख रही थी. मेरी तो जैसे लॉटरी लग गयी हो. मैने धीरे से डरते हुए उनके छूट हो हल्का टच किया.

हाए पहली बात किसी औरत की छूट को हाथ लगाया था. आप में से जिन लोगों ने चुदाई की तड़प के बाद पहली बार छूट को हाथ लगाया होगा, वो इस फीलिंग को बहुत आचे से समझ सकते है.

फिर मैने अपनी एक उंगली हल्के से मा की छूट में डाली. मा गहरी नींद में थी. फिर मैने दूसरी उंगली डाली, और अंदर-बाहर करने लगा. इतने में मा थोड़ी सी हिली, और मैं दर्र गया, और वहाँ से चला गया. फिर बातरूम में जेया कर मा के नाम की मूठ मारी. अब मैं मा को और भी वासना भारी नज़रों से देखता था. मा ने भी शायद ये बात नोटीस की, लेकिन कुछ बोली नही.

फिर कुछ महीने ऐसे ही बीते. मैं मा को देखते रेता, और उनके नाम की मूठ मारता रहता. जब पापा घर पर ना हो तो मा की छूट छ्छूता कभी-कभी, और बूब्स भी दबा देता था. उसके बाद मैं बस इंतेज़ार में था की कब मा को छोड़ूँगा, और वो मौका मुझे मिला मेरे बर्तडे के कुछ दिन बाद.

हुआ ऐसा की मेरे पापा को 2 हफ्ते के लिए बाहर जाना था काम से, और मैने भी मॅन ही मॅन सोच लिया था इन 2 हफ्तों में मा को छोड़ के रहूँगा. जब पापा चले गये उसके बाद मैं और मा घर पर अकेले थे, और थोड़ी ठंड का मौसम आ चुका था. मैं शाम में मेडिकल गया और वहाँ से कॉंडम के पॅकेट्स और वियाग्रा सब लेके घर आया, और चुपके से अपने रूम में रख दिए.

मेरी मा को रात में खाना खाने के बाद दूध पीने की आदत थी. तो मैने बोला-

मैं: मा रूको मैं तुम्हारे लिए दूध लेके आता हू.

मा: बेटा मैं ले लूँगी, तुम टीवी देखो.

मैं: अर्रे मा मैं लेके आता हू.

ये बोल के मैं किचन में गया, दूध गरम करके ग्लास में निकाला, और उसमे वियाग्रा की गोली मिला दी. फिर दूध मा को दिया, और मा ने मुझे थॅंक योउ बोला. मा दूध पी गयी. मैं मॅन में सोच रहा था-

मैं: पी लो मा अभी दूध. आज रात को तो मैं आपका दूध पियुंगा.

फिर मा दूध पीने के बाद थोड़ी देर टीवी देखी, और फिर रूम में सोने जाने लगी. अब मुझे किसी भी तरह मा के साथ सोना था आज, तो मैने बोला-

मैं: मा, क्या मैं आज तुम्हारे साथ ही सो जौ?

मा: हा बेटा सो जेया.

ये सुन के तो मेरे मॅन में लड्डू फूटने लगे. लेकिन मैने खुद को कंट्रोल किया और मा के साथ रूम में जाके बेड पे लेट गया. मा थोड़ी देर आँखें बंद करके लेती रही. लेकिन मुझे पता था की वियाग्रा ने अपना असर दिखना शुरू कर दिया होगा, और मा को नींद कहाँ से आएगी.

मैं मा से चिपक के लेट गया, और थोड़ी देर बाद हल्के-हल्के मा के पेट पे हाथ रख कर सहलाने लगा. मा ने कोई विरोध नही किया तो मैं धीरे-धीरे गर्दन से होते हुए बूब्स के पास पहुँचा. फिर मा के चेहरे की तरफ देखा तो मा ने आँखें बंद की हुई थी.

फिर मैने निघट्य के उपर से ही बूब्स को दबाना शुरू किया, और दूसरे हाथ से मा की जाँघ सहला रहा था. उसके बाद धीरे-धीरे निघट्य को उपर किया और मेरा हाथ मा की छूट पे पहुँचा. फिर मैने बिना देरी करते हुए अपनी दो उंगलियाँ मा की छूट में घुसा दी, तो मा ने अपनी आँखें खोली, और मेरी आँखों में देखने लगी.

मैं भी मा की आँखों में देखने लगा, और धीरे-धीरे मैने अपने होंठ मा से मिला दिए, और उन्हे चूमने लगा. मा भी धीरे-धीरे मेरा साथ दे रही थी. मैं एक हाथ से मा के बूब्स दबा रहा था, और दूसरे हाथ से छूट में उंगली कर रहा था. थोड़ी देर मा को रसीले होंठो को चूमने के बाद मैने मा की गर्दन को चूमना शुरू किया, और उनकी गर्दन पर काटने लगा.

मा भी मेरा फुल साथ दे रही थी. फिर मैने मा की निघट्य को मा के जिस्म से अलग किया, और उनके बूब्स पर टूट पड़ा. मैं पागलों की तरह उनके बूब्स को चूस रहा था, काट रहा था, और मा अपनी मधुर आवाज़ में सिसकियाँ ले रही थी, जो सुन के मैं और भी ज़्यादा जोश में आ रहा था.

फिर मैने मा के पेट को चूमा और फिर मा की छूट के पास पहुँचा, और अपनी जीभ मा की छूट में घुसा दी. मा ने हल्की ज़ोर से सिसकी ली. उसके बाद मैं अपनी ज़ुबान से मा की छूट छोड़ने लगा, और मा मज़े से सिसकियाँ ले रही थी. थोड़ी देर चूसने के बाद मा झाड़ गयी.

फिर उन्होने मेरे कपड़े उतारे, और मेरे 8 इंच के लंड को मज़े से चूसने लगी. वो एक रंडी जैसे मेरे लंड को चूस रही थी, जो मुझे बहुत अछा लग रहा था. थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद मैने मा को बेड पे लिटाया, और अपनी कोने में पड़ी पंत की जेब से कॉंडम का पॅकेट निकाला. फिर लंड पे सेट करने लगा तो मा ने मुझे रोका और बोली-

मा: ऐसे ही डाल दे ना.

मैने कॉंडम का पॅकेट साइड में रखा, और मा के उपर चढ़ कर मा की छूट पर अपना लंड सेट किया. फिर धीरे-धीरे छूट के अंदर डालने लगा. मा की छूट थोड़ी टाइट थी. शायद मा बहुत दीनो से चूड़ी नही थी. फिर मैने तोड़ा ज़ोर लगाया और मेरा पूरा लंड एक बार में ही अंदर चला गया.

मा की तो चीख ही निकल गयी. उसके बाद मैं धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा, और मा के निपल्स को मसालने लगा. मा की सिसकियाँ मुझे और भी ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी. मैने फिर अपनी स्पीड बधाई और मा की ठुकाई करने लगा.

मा: अया बेटा अया, बहुत मज़ा एयेए रहा है.

मैं: अयाया मा, मुझे भी मज़ा आ रहा है. तुम्हारी चूत टाइट है मा अयाया.

अगले 10 मिनिट्स चुदाई करने के बाद मेरा निकालने वाला था. तो मैने मा को कहा-

मैं: मा मेरा निकालने वाला है.

मा: मेरे अंदर ही निकाल दे बेटा.

फिर मैने कुछ और शॉर्ट्स मारे, और मा के उपर झाड़ गया. ये मेरी पहली चुदाई थी, इसलिए मेरा जल्दी निकल गया, और मैं मा के उपर ही सो गया. मा मेरे बाल सहला रही थी. जब आधी रात में मेरी नींद खुली, तो मैने देखा की मा मेरा लंड चूस रही थी, और उसे खड़ा कर रही थी.

तो मैने भी मा का साथ दिया, और फिर मा की चुदाई शुरू की. इस बार मैने ज़्यादा देर तक और अलग-अलग पोज़िशन में मा की चुदाई की.

इस तरह मेरी और मा की चुदाई का सिलसिला चलता रहा. ये मेरी पहली चुदाई कहानी है, तो भूल चूक माफ़ कीजिएगा. मिलते है अगली कहानी में.

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