मेरी पहली चुदाई अस्पताल में नर्स से

अब आंटी ने मेरे पूरा हथियार अपने मुँह में लेने की कोशिश की.. लेकिन नहीं ले पाईं.. तो मैंने उनकी विश पूरी करने के लिए उनके सिर को बिस्तर से नीचे लटका कर लिटा दिया और मैंने खड़े हो कर उनके मुँह में अपने हथियार को डाल दिया.. जिससे उनको मज़ा आने लगा।

वो अपने सर को और थोड़ा नीचे करके सरक गईं और मेरे पूरे हथियार को अपने मुँह में लेने लगीं।

ऐसा आंटी ने देर तक किया.. जिससे मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनके मुँह में ही पिचकारी छोड़ दी और उनका मुँह पूरा अपने माल से भर दिया।

फिर वो बाथरूम चली गईं और साफ़ करके वापस आईं.. तब तक मैं पूरे जोश में था। आंटी को पकड़ कर मैंने बिस्तर पर लेटा कर उनके पैरों को चौड़ा करके उनकी चूत को चाटने लगा।
जैसे मेरी ज़ुबान उनकी चूत को छू लेती.. तो वो और चिल्ला कर सिसकारतीं- आअहह.. आहह.. हमम्म्म.. और ज़ोर से चाट।

अब उनकी चूत ने भी पानी छोड़ना चालू कर दिया था और उनसे रहा नहीं जा रहा था।

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वो बोलीं- अब डाल भी दे.. अपना मोटा हथियार और मेरी प्यास बुझा दे।

मैं भी इसी के इंतज़ार में था.. तो मैंने अपना हथियार उनकी चूत पर रख कर धक्का लगाया.. तो वो चिल्लाईं- हाय रे.. फाड़ दी मेरी रे..

जब मैंने झटके लगाना चालू कर दिए.. तो उन्होंने मुझे धक्का देकर बाहर निकाला और अपने कपड़े उतार दिए और मेरे भी उतारने लगीं।

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फिर हम दुबारा उसी पोज़िशन में आ गए और चुदाई एंजाय करने लगे।

देर तक चुदाई करने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके मोटे मम्मों को चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद हम फिर से तैयार थे, अब आंटी ने मुझे नीचे लिटा दिया और वो मेरे ऊपर आ गईं। पहले वे मेरे हथियार को मुँह में लेकर खड़ा करने लगीं और फिर उन्होंने अपनी चूत को मेरे हथियार पर रखकर हिलना चालू किया और गप से लौड़े को चूत में ले लिया और अन्दर-बाहर करने लगीं।

मैं उनके झूलते मम्मों को दोनों हाथों से दबा कर मजा ले रहा था।
वो चुदाई के दरमियान अपनी रफ्तार बढ़ाती ही जा रही थीं और चिल्ला रही थीं- आहह.. अहह.. अवव.. ह्म्म मम.. उईईई माआ.. कम ऑन डियर.. चोदो मुझे.. मजा आ गया।

इस बार कुछ और देर तक चुदाई हुई और वो एकदम से सीत्कारते हुए झड़ गईं।

मैंने उनको अपने नीचे किया और जोरों से धक्के देने लगा.. क्योंकि मैं अभी झड़ा नहीं था.. इसलिए आंटी भी मेरा साथ दे रही थीं।

फिर मैं झड़ गया और आंटी के मम्मों पर ही अपना सर रख कर ढेर हो गया। हमने दूसरी बार में काफी देर तक चुदाई की थी.. तो हम दोनों पसीना-पसीना हो गए थे।

उस रात को मैंने उनको हर पोज़िशन में 4 बार चोदा.. और उस दिन के बाद आज तक हर रोज़ हम दोनों वैसे ही मज़ा करते हैं।

आपको एक आंटी के साथ मेरा पहला एनकाउंटर कैसा लगा। आप लोगों के मेल का इंतज़ार रहेगा।

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