मैं मुकेश इस मा की चुदाई कहानी में आपको बतौँगा कैसे मेरी चिकनी सुंदर जवान मा अपने पति, मतलब मेरे पापा से डोर होती चली गयी, और गाओं में मेरे टॉ जी की रांड़ बन गयी. कैसे मेरे गाओं के हरामी टॉ जी ने मेरी मा के मुलायम नाज़ुक जिस्म को रग़ाद-रग़ाद कर दिन रात छोड़ा.
कैसे मा ने पापा से अलग होके टॉ जी के 5 बच्चो को अपने पेट से जानम दिया. किस तरह वो टॉ जी का जोश देख और ताक़त देख कर फिसल गयी, और फिर कैसे टॉ जी ने मुलायम जवान जिस्म को नोच-नोच कर खाया. कैसे मा शहर से गाओं में आ गयी, और हमेशा के लिए टॉ जी की हो गयी.
मेरी मा हेमानी 38 साल की एक-दूं जवान चिकनी सुंदर औरत थी. जिस्म गोरा, चुचे दूध से भरे हुए, और चिकनी कमर. उस वक़्त मैं 18 साल का था. मेरे पैदा होने बाद मा ने और बच्चे पैदा करने से माना कर दिया. उनका मस्त फिगर खराब ना हो शायद इसलिए.
मेरे पापा भी ज़्यादा फोर्स नही करते थे. पर अक्सर मैं मम्मी के मूह से पापा के लिए सुनता था, की तुम मुझे प्यार नही करते. और अक्सर लड़ाई होके बात ख़तम हो जाती थी. ये सब शायद सब कुछ पहले से था, या फिर मुझे ही तब पता लगा, जब उस दिन गाओं से हमारे टॉ जी घर आए.
लंबे-चौड़े टॉ जी 6 फीट के, और 55 साल के थे. पर दिखने में एक-दूं सांड़ जैसे हटते-काटते थे. उनके आने पर सभी खुश थे, और मम्मी भी उनका काफ़ी हस्स कर वेलकम कर रही थी. तब मुझे इतना सब पता नही था. इसलिए जो होता गया बस वही आपको बता रहा हू.
टॉ जी को देखते ही मम्मी ने सारी में अपना पल्लू आधा साइड कर लिया. इससे उनका गोरा मुलायम पेट और नाभि चमकने लगे. पीछे से भी मम्मी की कमर चमक रही थी. वो मुस्कुराती हुई आई और टॉ जी के पेर छ्छू लिए.
मम्मी: बहुत दीनो बाद आए हो आप.
टॉ जी ने पहले मम्मी का सारी में चमकता हुआ गोरा मुलायम पेट देखा, फिर उसकी नाभि, और फिर बोल पड़े-
टॉ जी: हा बहू, वो गाओं में काम रहता है ना, तो टाइम कम मिलता है.
मम्मी ( मुस्कुराते हुए): तो आप तो हुमको भी गाओं नही बुलाते.
टॉ जी: अर्रे नही, तुम्हारा ही घर है, जब मर्ज़ी आ जाओ. ये मनोज (मेरे पापा का नाम, मतलब मम्मी के पति और टॉ जी के भाई) ही नही आता. मैं तो बुलाता हू.
पापा: अर्रे भैया बस तोड़ा काम रहता है.
मम्मी ( मुस्कुराते हुए): नही इस बार कोई बहाना नही. हम ज़रूर चलेंगे .
टॉ जी: और क्या, देख बहू भी बोल रही है.
मम्मी मुस्कुराते हुए वापस जाने लगी, तो पीछे से मम्मी की ब्लाउस में चिकनी नंगी कमर की लाइन देख कर टॉ जी ने कुछ सेकेंड घूरा, और फिर बात करने लगे. मम्मी कुछ ज़्यादा ही खुश थी, और मैं भी. टॉ जी मेरे लिए काफ़ी चीज़ें लेके आए थे, और गाओं का बहुत सारा गीयी भी.
टॉ जी: अर्रे ले बहू, गाओं का बहुत सारा गीयी.
मम्मी: अर्रे इसकी क्या ज़रूरत थी?
पापा टाय्लेट में गये थे, और मैं बैठा था पास में. टॉ जी बैठे थे और मम्मी गीयी लेके अपनी चिकनी कमर से लगा कर दबा पकड़ी हुई थी.
टॉ जी: बहू इस गीयी को खाया कर. तुम सब के लिए अछा रहेगा. मैं भी इस गीयी को खाता हू.
मम्मी (मुस्कुराते हुए): हा, तभी तो आप इतने हटते-काटते लगते हो.
तभी टॉ जी ने मम्मी का आधा चमकता हुआ मुलायम पेट देखा, और फिर मम्मी की कमर. मम्मी भी देख रही थी, तो तोड़ा शर्मा कर हल्का सा मुस्कुरा दी.
मम्मी ( मुस्कुराते हुए): आपके लिए छाई ब्ना कर लाती हू.
टॉ जी: हा ठीक है बना लाओ.
मम्मी रसोई में गयी, और गीयी अपने मुलायम पेट और कमर पर मसालने लगी.
मम्मी: हुहह हुहह.
और फिर छाई बनाने लगी बात करते-करते. फिर टॉ जी को आराम भी करना था. लेकिन उस रूम का लॉक लगा हुआ था, और चाबी नही मिल रही त्ीी.
पापा: रूको मैं चाबी वाले को बुला के लाता हू.
टॉ जी: अर्रे रुक जेया छ्होटे, तू भी.
टॉ जी आयेज आए और दोनो हाथ से पकड़ कर लॉक खींच कर तोड़ दिया. हम सब टॉ जी की ताक़त देख कर शॉक भी हो गये और खुश भी. मम्मी टॉ जी को देख कर मुस्कुराने लगी.
टॉ जी: कुछ खाया कर मनोज.
और मम्मी हस्स पड़ी. टॉ जी अंदर बेड पर लेट गये, और कुछ मिनिट बाद मम्मी उनके रूम में गयी.
मम्मी: जी आपके लिए दूध लाई हू गरम.
टॉ जी ने देखा मम्मी दूध का ग्लास लेके खड़ी थी, और उनका पूरा पल्लू साइड हो रखा था. मम्मी ने आज तक अपनी सारी का पल्लू इतना साइड नही करा था. उनका मुलायम पेट पूरा सॉफ चमक रहा था, और उसकी नाभि भी. टॉ जी की नज़र ना चाहते हुए भी मम्मी के सफेद मुलायम पेट पर पद गयी. मम्मी ने देखा तो मुस्कुरा कर दूध का ग्लास रखने लगी.
मम्मी ( मुस्कुराते हुए): आपको कुछ चाहिए हो तो आवाज़ लगा देना.
टॉ जी: हा बिल्कुल बहू. अर्रे बहू तुम लोग गाओं क्यूँ नही आते?
मम्मी ( मुस्कुराते हुए): जी मेरा तो बहुत मॅन है, आपसे मिलने का गाओं में.
ये बोलते ही मम्मी एक-दूं शर्मा कर रुक गयी, की ये क्या निकल गया उनके मूह से.
मम्मी ( शरमाते हुए): जी, वो, मतलब गाओं घूमने का. पर ये चलते ही नही.
टॉ जी: तू चिंता मत कर, इस बार मैं तुम सब को साथ लेके चलूँगा. देखता हू ये कैसे माना करता है.
मम्मी ने देखा टॉ जी उसकी चिकनी कमर की लाइन घूर रहे थे. फिर मम्मी ने नाटक करते हुए अपनी सारी का पल्लू और पीछे कर दिया, और मुस्कुरा कर हा कर दी.
मम्मी: जी आपकी बात तो ताल ही नही सकते.
टॉ जी: हा बहू, मेरी बात कोई नही ताल सकता इस घर में. तू जानती है ना सबसे ताकतवर हू मैं? जो मैं बोलता हू इस खानदान में करना पड़ता है सब को.
टॉ जी ने मम्मी को देखा, और पहली बार मम्मी को अगाल तरह से घूर कर देखा.
मम्मी ( शर्मा कर मुस्कुराते हुए): जी आप तो सबसे बड़े हो. आपकी बात तो माननी पड़ेगी.
टॉ जी: तू भी मानेगी ना बहू?
मम्मी शर्मा गयी और सिर हिला कर हा कर दी. तभी मैं टॉ जी के रूम में आ गया.
मैं: टॉ जी आओ खेलते है.
टॉ जी: अर्रे मेरे मुन्ना, टॉ जी, मुझे बड़े पापा बोला कर. मैं भी तो तेरा पापा ही हू.
टॉ जी ने मम्मी को बोलते हुए घूर कर देखा तो मम्मी शर्मा कर मुस्कुराने लगी.
मम्मी: हा बेटा, ये बड़े पापा है.
मम्मी मुस्कुराती हुई चली गयी, और मैं और टॉ जी खेलने लगे. शाम होते-होते माहौल और भी बन गया. मम्मी नहा कर एक-दूं टाइट बिना बाजू वाला ब्लाउस और सारी पहन कर तैयार हो गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, आपको इसMआ की चुदाई कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा.