आपको मेरी स्टोरी का मज़ा लेना है तो आयेज के 2 पार्ट पढ़ लेना. अब मैं ये स्टोरी पिछले पार्ट में जहा कटम की थी, वही से शुरू कर रही हू.
हम एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. अब कमाल मेरे और नज़दीक आ रहा था. मैने अपनी आँखें बंद कर ली. मैने सोच लिया की कमाल बेचारा अकेलापन महसूस कर रहा था. अगर कमाल को वो सब सुख नही मिला तो शायद वो किसी और पर या अपने ही घर में छ्होटे भाई की बीवी पर कोशिश कर सकता था.
तो मैने अपने जिस्म को उसके हवाले करने का सोच लिया. कमाल ने उसके होंठ मेरे होंठो पर रख दिए. मैं उससे डोर होने की झूठ-मूठ की कोशिश कर रही थी. सच तो ये है, की मुझे भी अब ये सब अछा लग रहा था.
जब मैं और शीतल ( कमाल की छ्होटी बेहन) साथ में सो रहे थे, और रात को कोई मेरे जिस्म से खेल रहा था. मुझे उस रात पहली बार किसी गैर मर्द ने च्छुआ था. मुझे वो गैर मर्द का एहसास अछा लगा. उस रात को मेरी छूट गीली हो गयी थी.
मैने तभी सोच लिया था की वो कों था, वो पता करके उसके साथ इस एहसास का पूरा मज़ा लेना था. पर जब पता चला वो कमाल था, तो मैने वो भूलने की बहुत कोशिश की. पर कितनी रात मैं उस पल को याद करके जागी थी.
मैने फिर सोचा की मुझे गैर मर्द भी घर का ही मिला था, तो बदनामी का कोई दर्र नही था. और आज वो दिन आ गया की मुझे वो एहसास मिलने वाला था. मैं वो पल आचे से जीना चाहती थी.
थोड़ी देर में नाटक करती रही, फिर मैं कमाल का साथ देने लगी. कमाल के साथ मुझे बहुत ही अछा लग रहा था. जब कोई औरत पहली बार गैर मर्द से जिस्म मिलती है, वो पल बहुत हसीन होता है. वो फील आज भी याद आता है. मेरे रोंगटे खड़े हो गये थे. अब कमाल ने मुझे खाट पर लिटा दिया, और मेरे उपर चढ़ कर किस करने लगा.
मैने भी उसको कस्स कर पकड़ लिया. कमाल लगातार मेरे होंठ चूस रहा था, और मैं भी उसकी पीठ को सहला रही थी. थोड़ी देर बाद मैने किस को तोड़ा, और मेरी आँखें खोली. कमाल मेरी आँखों में देख रहा था. मैं भी उसकी आँखों में देख रही थी. मैं शर्मा गयी, और कमाल को कस्स कर गले लगा लिया.
कमाल ने फिरसे मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया. अब वो मेरे गाल पर और गले पर किस कर रहा था. मैं सिसकियाँ ले रही थी. मेरा पति जब बच्चे सो जाते तब सारी उपर करके छोड़ कर सो जाता था. कमाल जो मज़ा दे रहा था, वो मुझे बहुत सालों बाद मिल रहा था. मुझे मेरी शादी के बाद की चुदाई याद आ रही थी.
कमाल ने मेरी सारी के उपर से बूब्स पर किस किया, और धीरे से मेरे पेट पर किस करने लगा. मुझे गुदगुदी होने लगी, और मैं बैठ गयी. कमाल ने मुझे पीछे से पकड़ लिया, और मेरे दोनो बूब्स हाथ में पकड़ लिए. मेरी आ निकल गयी. कमाल तो भूखा शेर था. और आज भूखे शेर को उसका शिकार मिला था. कमाल बड़े ज़ोर से बूब्स दबा रहा था.
कमाल: वाह मौसी, आपके क्या चूचे है? कितने सख़्त है. दबा कर मज़ा आ गया.
अब कमाल पीछे से मेरी कमर पर किस कर रहा था, और उसने मेरा पल्लू गिरा दिया. मैं खाट पर से उठ गयी, और कमाल की शर्ट उतार दी. फिर उसको खाट पर धक्का मार कर गिरा दिया. मैने अब उसकी और झुक कर आयेज से मेरे येल्लो ब्लाउस के हुक खोले. मैने अंदर वाइट ब्रा पहनी थी. फिर मैने अपना ब्लाउस निकाल दिया. मेरे 34 एल” साइज़ के टाइट बूब्स वाइट ब्रा में थे और कमर पर येल्लो सारी बँधी हुई थी.
मेरा पेट बहुत स्लिम है. मेरा सेक्सी बदन देख कर कमाल का मूह खुला रह गया. वो मेरे बूब्स को चूसने के लिए बेताब था. मैं अब उसकी गोदी में बैठ गयी, और उसके सर को सहलाने लगी. वो ब्रा के उपर से मेरे बूब्स पर किस कर रहा था, और एक हाथ से बूब्स दबा रहा था, और दूसरे हाथ से मुझे पीछे से पकड़ रखा था. मैने अब कमाल को खाट पर सुला दिया, और सारी उपर करके उसके उपर चढ़ गयी. मैं अब कमाल के जिस्म पर किस कर रही थी. उसकी छाती पर हाथ घुमा रही थी.
कमाल की छाती पर घने बाल थे. मुझे वो बहुत आचे लग रहे थे. मैने कमाल के होंठो को चूसना शुरू कर दिया. मैं भी जंगली बिल्ली बन गयी थी. कमाल तो पागल हो गया था. अब मैने अपनी ब्रा के हुक खोल दिए. कमाल मेरे नंगे बूब्स देख कर सीधा मूह में पकड़ लिया. वो बहुत ज़ोर से मेरे निपल चूस रहा था, और हल्का काट भी रहा था. फिर वो बूब्स दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी छूट में से लगातार पानी निकल रहा था.
अब मैने कमाल की पंत की ज़िप खोली, और उसका लंड बाहर निकाला. उसका लंड देख कर मैं खुश हो गयी. उसका लंड एक-दूं कड़क था. कड़क लंड से चुदाई में मज़ा आता है. मैं उसके लंड को हिलने लगी. कमाल ने अपनी आँखें बंद कर ली.
संगीता: कमाल, आँखें खोलो, और देखो की तुम जिसको याद करके मूठ मारा रहे थे. आज उसके हाथ में तुम्हारा लंड है.
मैं कमाल की आँखों में देख रही थी, और लंड हिला रही थी. कमाल की आँखों में मुझे अब सिर्फ़ हवस दिख रही थी. मैने अब कमाल को खड़ा किया, और उसका पंत और अंडरवेर निकाल दिया. मैने भी सारी उपर की, और पनटी निकाल दी, और खाट पर लेट गयी. कमाल ने मेरी सारी कमर तक उपर कर दी. अब उसके सामने मेरी छूट थी.
मैने अपने हाथ में थूक लिया, और मेरी छूट पर मसल दिया. कमाल ने अब उसका लंड मेरी छूट पर रखा, और धक्का मारा, पर लंड अंदर नही गया. उसने 2-3 बार कोशिश की, पर नही गया. अब मैने अपने हाथ से उसके लंड को मेरी छूट पर अड्जस्ट किया, और उसको धक्का मारने को बोला. जैसे ही उसका लंड छूट में गया, उसको दर्द हुआ. कमाल पहली बार चुदाई कर रहा था. उसको मैने और ज़ोर से धक्का मारने को बोला, और उसने ऐसे धक्का मारा, की पूरा लंड छूट में उतार गया.
कमाल को बहुत दर्द हो रहा था. पहली बार उसके लंड की चाँदी पूरी उतरी थी. मैने अब उसको धीरे-धीरे धक्का मारने को बोला. अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. मैने उसको ज़ोर से धक्का मारने को बोला. मैं मोन कर रही थी, और चरम सुख पर आने से पहले ही 2 मिनिट में कमाल मेरी छूट में ही झाड़ गया. फिर कमाल मेरे उपर निढाल होकर गिर गया.
मुझे बहुत गुस्सा आया, पर क्या करती बेचारा पहली बार कर रहा था, तो ऐसा होना ही था. थोड़ी देर बाद मैने अपनी छूट पानी से सॉफ की, और अपने कपड़े सही किए, और सारी सही से पहन ली. कमाल भी कपड़े पहन कर खाट पर बैठ गया. वो बहुत खुश था.
संगीता: कमाल कैसा लगा पहली बार चुदाई करके?
कमाल: बहुत मज़ा आया मौसी. आप तो बहुत मस्त हो. मैने कभी सोचा नही था की मुझे आप जैसी औरत के साथ ये सब करने को मिलेगा.
संगीता: वाह बेटा, मेरे अंदर आग लगा कर कह रहे हो कभी सोचा नही था.
अब मैने उस रात से लेकर अब तक की सारी बात कमाल के साथ शेर की, और कमाल से प्रॉमिस कराया की ये बात हम दोनो के बीच में ही रहे. और मैने कमाल को अपने जिस्म का गुलाम बना दिया. उस दिन के बाद कमाल मेरी हर एक बात मानता था. मैं अब दोपहर को खेत में जाने का वेट करती.
एक दिन मुझे नयी बहू ने पूच लिया: मौसी आपको खेत में जाने की क्या जल्दी रहती है? और आप आते भी बहुत देर से हो. क्या बात है?
मैने उसको गोल-गोल बात घुमा दी. पर शायद उसको मेरे पे शक हो गया था. क्यूंकी मैं नॉर्मल नही रह रही थी. मैं खेत में साज-धज कर जेया रही थी. जब कोई औरत छुड़वाने जाती है, तो लोगों को उसके हाव-भाव से पता चल जाता है. और जब छुड़वा कर भी आती है तो भी लोगों को पता चल जाता है.
एक दिन मैं और कमाल स्टोररूम में रोमॅन्स कर रहे थे. मेरे बदन पर सारी और ब्लाउस नही था. मैं सिर्फ़ वाइट ब्रा और पेटिकोट में थी. हम दोनो खड़े थे, और एक-दूसरे को किस कर रहे थे. कमाल मेरे लिप्स आचे से चूस रहा था, और साथ में मेरे बूब्स दबा रहा था और पेटिकोट के उपर से मेरी चूत को सहला रहा था.
मैं बहुत गरम हो गयी थी. मेरी छूट पानी छ्चोढ़ रही थी. थोड़ी देर बाद एक ज़ोर से आवाज़ आई, और मेरी और कमाल की साँस अटक गयी. स्टोररूम के दरवाज़े पर एक आदमी खड़ा था. वो कों है? अब आयेज क्या होगा?
तो बे कंटिन्यूड…
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